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नरेंद्र दामोदर दास मोदी बेशक समझ में नहीं आ रहा मगर ये दिलों में जरूर सीधे ही घुसता जा रहा

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झालिया ये नरेंद्र भाई दामोदर दास मोदी आज कल कौन सी चक्की का आटा खा रहे हैं|आये दिन उल जलूल बयान देते फिर रहे हैं |स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली के लालकिले की प्राचीर से डॉक्टर्स भाइयों को ही लताड़ते हुए फरमाने लगे कि अपनी तिजौरी भरने के लिए कन्या भ्रूणों की हत्या बंद करो|”हसाड़ा की ते हसानू की” वाला चुटकुला सुना कर भ्र्ष्टाचार के विरुद्ध लड़े जा रहा है | अरे भाई इन जघन्य अपराधों की रोक थाम के लिए हसाड़ी मन मोहणी सरकार ने पहले से ही कड़े कानून बनाये हुए है|अब देख ग्लैमर की नगरी मुंबई में जाकर छात्रों को भड़का रहे हैं कि बिजली नहीं है बिजली पैदा करना महंगा है और बिजली बचाना सस्ता और लाभकारी है| बिजली कम फूंको और १० रुपये बचाओ इस दस रुपयों में दूध आ जायेगा|अरे वोह दिन हवा हुए जब बच्चों के लिए दस रुपयों में दूध आ जाता था| अब तो जन्माष्टमी पर थैले में पैसे लेकरदूध लेने जाओ तो भी लोटा खाली ही आता है |दूध के दर्शन दुर्लभ हो जाते हैं|पता नहीं मोदी किस दुनिया में खोया हुआ है

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाना गल हसाड़ी सुन खोल के दोनों काना |ये नरेंद्र भाई दामोदर दास मोदीआप लोगों की समझ में बेशक नहीं आ रहा मगर लोगों के दिलों में सीधे घुसता जा रहा है