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Category: Economy

ड्रीम लाईनर केसपनों में डूबे भारतीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय को मुंगेरी ड्रीम्स से जागना होगा:Dream Liner a Trouble Shooter?

Dream Liner Problem Shooter ?

अत्याधुनिक विमान ड्रीम लाईनर ७८७ की उडान के सुनहरे सपनों में डूबी भारतीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय की एयर इंडिया को अब अपने मुंगेरी सपनों से जाग जाने का समय आ पहुंचा है|इस विश्व विख्यात यान में एक के बाद एक कमियां आ रही है यदि समय रहते इन्हें दुरूस्त नहीं किया गया तो यह आने वाले समय में एक और नए घोटाले की शक्ल के रूप में सामने आ सकता है| इसके स्टार्टिंग से लेकर बेटरी,तेल रिसाव,काकपिट शीशा, आदि ड्रीम लाईनर से जुड़ी कुछ शिकायतें इस प्रकार हैं
[१] अमेरिकन एयर लाइन्स आल निप्पोन [ All Nippon airways]ने सबसे पहले इस महंगे ड्रीम लाइनर को अपने बड़े में शामिल किया बीते माह के पहले सप्ताह में ही ग्यारह में से पांच जहाज़ जमीन पर खड़े कर दिए|इसमें कंप्यूटर दोष सामने आया |
[२]उसी माह के दूसरे सप्ताह में भारत में तेल रिसाव सम्बन्धी समस्या दिखाई दी
[३]नए वर्ष में जापान एयर लाइन्स द्वारा प्रयोग किये जा रहे ड्रीम लाईनर में बेटरी के गर्म होने और उसमे आग लगने और तेल रिसाव की शिकायतें दर्ज़ की गई|
[४]९ जनवरी को अमेरिकन बेड़े में बेटरी के गर्म होने की शिकायत मिली
[५]ग्यारह जनवरी को कोक पिट की विंडो में क्रेक आ गए तो तेरह जनवरी में नारोटा एयर पोर्ट पर तेल रिसाव हुआ|
भारत ने चूंकि इस कम्पनी के २७ जहाज़ खरीदने के लिए आर्डर दिया हुआ है |यह आर्डर २००६ में दिया गया था लेकिन अभी तक उस आर्डर को कम्प्लीट नहीं किया जा सका है|आज इसकी प्राईज़ बढ कर २४३ मिलियन डॉलर्स हो गई है|
अब सवाल यह उठता है कि जिस उत्पाद में एक के बाद एक कमियां नज़र आ रही हैं और इस पर भी समय रहते सप्लाई पूर्ण नहीं की जा सकी है| विलंबित सप्लाई के लिए हर्जाने का भी कोई हिसाब किताब नहीं हुआ है ऐसे में कंपनी के साथ चिपके रहना कई सवाल खड़े कर सकता है|भारत में ही सबसे पहले स्टार्टिंग ट्रबल आई दरवाजे खोलने में कठिनाई हुई|कूलिंग सिस्टम ने तंग किया |इसीलिए शेष तैईस जहाज़ की डिलीवरी लेने से पूर्व सारे इफ एंड बट्स क्लीयर किये जाने जरुरी हो गए हैं वरना इसमें भी कोई न कोई घपला ढून्ढ ही लिया जाएगा |

डी.जी.सी.ऐ को इंडिगो और स्पाईस जेट जैसी अग्रणी निजी एयर लाइन्स ठेंगा दिखाने लग गई है

डी.जी.सी.ऐ को इंडिगो और स्पाईस जेट जैसी अग्रणी निजी एयर लाइन्स ठेंगा दिखाने लग गई है

नागरिक उड्डयन के शक्तिशाली महा निदेशक [डी.जी.सी.ऐ.]को इंडिगो और स्पाईस जेट जैसी लाभ कमाने वाली अग्रणी निजी एयर लाइन्स अंगूठा या ठेंगा दिखाने लग गई है|
पिछले दिनों देखने में आया है कि अधिकाँश एयर लाईन्स द्वारा सामान दूरी के लिए समान एयर क्राफ्ट्स की फ्लाईट्स में असमान समय लगाया जा रहा है| कुछ फ्लाईट्स में तो आधे घंटे से भी अधिक का समय लिया जा रहा है|यह जरुरत से तीन गुना अधिक बताया जा रहा है| निजी एयर लाइन्स से इसका कारण पूछा तो सभी ने लगभग अंगूठा दिखा दिया| यहाँ तक कि इंडियन एक्सप्रेस अख़बार की इन्क्वायरी में नंबर वन कही जाने वाली इंडिगो ने तो नो कमेंट्स कह कर पल्ला झाड लिया जबकि शेष ने कोई जवाब नही दिया है|
इसे महज छोटी मोटी तांक झांक मानने के बजाय एयर सेफ्टी रेगुलेटर ने जाँच बैठा दी है| बताया जा रहा है कि इस प्रकार से अधिक समय लेने से तमाम तरह की प्रबंध संबंधी समस्याएं आती हैं|

एल के आडवानी के ब्लाग से : नेहरू का सेकुलरिज्म भी हिन्दू मूल सिध्दांतों पर ही आधारित है:‘इण्डिया:ए सेक्रिड जियोग्राफी‘

एन डी ऐ और भाजपा के सर्वोच्च सक्रीय नेता और वरिष्ठ पत्रकार लाल कृषण अडवानी ने अपने ब्लाग पर एक पुस्तक के माध्यम से यह बताने का प्रयास किया है कि देश के पहले प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू का सेकुलरिज्म भी हिन्दू मूल सिध्दांतों पर ही आधारित है| वर्तमान में नेहरू की कांग्रेस सत्ता में है और कुछ सत्ता रूड नेता और मंत्री सेकुलरिज्म का नारा लगाते हुए हिन्दू मूल सिद्धांतों को निशाना बनाने में जुटे हैं |ऐसे में भुगौलिक इतिहास के पन्ने पलटते हुए इस पुस्तक और ब्लॉग का महत्त्व बढ जाता है |प्रस्तुत है एल के अडवानी का यह ब्लाग
इन दिनों मुझे

एल के आडवानी के ब्लाग से ‘इण्डिया:ए सेक्रिड जियोग्राफी‘


कुछ इतिहासकार कहते हैं कि भारतीयों में इतिहास बोध की कमी है। पुस्तक के अध्याय 2 में ”व्हाट इज इण्डिया?” शीर्षक वाले अध्याय में लेखक, अनेकानेक शोधों पर आधारित पुस्तक में इस टिप्पणी का संदर्भ देते हैं लेकिन यह भी स्वीकारोक्ति करते हैं कि यद्यपि ”यह पाकर अनूठा लगा कि उनके (भारतीयों) पास भूगोल का विस्तृत ज्ञान है।” डायना आगे लिखती हैं:
”उस समय जब इस भूमि की लम्बाई और चौड़ाई में घूमना अवश्य रुप से बहुत कठिन रहा होगा,, तब भी भौगोलिक ज्ञान की परम्पराएं दर्शाती हैं कि ऐसी यात्रा वस्तुत की जाती थीं। और यह भी उल्लेखनीय है कि उस समय जब इस उपमहाद्वीप में कोई राजनीतिक एकता नहीं थी तब भी जो इस क्षेत्र को सिकन्दर के साथ जोड़ते थे और इसे एक एकल भूमि….निरुपित करते थे…. वे भी सत्यापित करते हैं कि पश्चिमी सीमा पर सिंधु नदी, हिमाचल और उत्तर तक फैला हिन्दूकुश, और अन्य दोनों दिशाओं में विस्तारित समुद्र के साथ भारत आकार में चर्तुर्भुजीय था। यहां तक कि उन्होंने इस माप को भी उदृत किया है: सिंधु नदी की लम्बाई; सिंधु से पाटलिपुत्र की दूरी और वहां से गंगा मुख; पूर्वी और पश्चिमी तटों से इसकी दूरी के साथ।
ब्रिटिश शासन के दौरान भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के निदेशक बने एलेक्झेडर कन्नींघम ने 1871 में लिखा:
”इन आयामों का सुगठित प्रबन्धन जोकि सिकन्दर के गुप्तचरों ने दिया था, विशेषकर देश के वास्तविक आकार के साथ अपने आप में उल्लेखनीय है, यहां तक कि उनके इतिहास के प्रारम्भिक काल में उन्हें अपनी मातृभूमि के रुपों और विस्तार का सही-सही ज्ञान था।”
जब देश पर अंग्रेजों का शासन था तब तथाकथित विद्वानों का एक वर्ग इसे प्रोत्साहित करने का इच्छुक था कि ब्रिटिश शासन इस विचार के प्रति घृणा करता है कि भारत एक देश था और भारतीय एक जन थे।
इस वर्ग का एक प्रमुख प्रतिनिधि था ब्रिटिश सिविल अधिकारी, सर जॉन स्ट्राचे। सन् 1888 में कैंम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में बोलते हुए सर स्ट्राचे ने कहा ”भारत नाम का क्या महत्व है? अनेक बार यह उत्तर दिया जाता रहा जोकि असत्य सा है,” मगर यह भी सत्य है, उन्होंने कहा ”ऐसा कोई देश नहीं है, और यह भारत के बारे में पहला तथा सर्वाधिक जरुरी तथ्य समझ लेना चाहिए। भारत एक नाम है जिसे हम ने अनेक विभिन्न देशों सहित एक बड़े क्षेत्र का नाम दिया है।”
सर जॉन स्ट्राचे तर्क देते थे कि भारत की तुलना में यूरोप में ज्यादा समान संस्कृति है। ”स्कॉटलैण्ड स्पेन की तरह ज्यादा है बनिस्पत बंगाल के पंजाब की तरह की तुलना में…. सभ्य यूरोप में ऐसा कोई देश नहीं है जहां लोग भिन्न हों जैसे कि बंगाली सिखों से भिन्न है, और बंगाल की भाषा लाहौर में उतनी ही अबोधगम्य है जितनी कि यह लंदन में होगी।”
इस पुस्तक की लेखक डायना एक्क हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में कम्पैरेटिव रिलीजन एण्ड इण्डियन स्टडीज की प्रोफेसर हैं। उनकी पुस्तक ‘बनारस, सिटी ऑफ लाइट‘ अपने विषय की उत्कृष्ट पुस्तक मानी जाती है, तो 559 पृष्ठों की कड़ी मेहनत से तैयार यह ग्रंथ बताता है कि कैसे हिन्दू पौराणिकता भारत के भूगोल से गुथी है और इस ब्रिटिश शासन के सिध्दांत कि भारत एक देश नहीं है और भारतीय एकजन नहीं हैं, को सशक्त और समाधानपूर्वक ठुकराती है।
पुस्तक में अहमदनगर किले का स्मरण किया गया है जहां पण्डित नेहरु ने अपने कारावास के दौरान अपनी पुस्तक ‘डिस्कवरी ऑफ इण्डिया‘ लिखी थी। अपनी इस पुस्तक में वह लिखते हैं कि स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान देश भर की उनकी यात्रा ने उन्हें देश की एकता के बारे में धारणा को पुष्ट किया। नेहरु लिखते हैं:
यद्यपि बाह्य रुप से हमारे लोगों के बीच विभिन्नता और बेहद विविधता थी, तब भी सर्वत्र ‘एकात्मता‘ का प्रबल भाव था जिसने भले ही हमारा राजनीतिक भाग्य हो या दुर्भाग्य रहा हो, युगों से हम सब को बांधे रखा है, भारत की एकता मेरे लिए मात्र एक बौध्दिक धारणा नहीं रही: यह एक भावनात्मक अनुभव था जिसने मुझे पूर्णतया हावी हुआ।”
डायना लिखती हैं: ”नेहरु के भारत के विज़न में निश्चित रुप से सभी जातियों और क्षेत्रीय समुदायों सहित इसकी मजहबी विविधता समाहित थी। सन् 1930 के दशक में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में अपने नेतृत्व के उदय से लेकर अपनी मृत्यु तक भारत के पहले प्रधानमंत्री के रुप में उन्होंने एक कट्टर सेकुलरिज्म का पक्ष लिया, यह सेकुलरिज्म गहरे, हिन्दूआधारों पर निर्मित था, जिनका वर्णन हम कर रहे हैं।” भाजपा और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ भारतीय राष्ट्रवाद का आधार हमारी संस्कृति को ही मानते हैं। अक्टूबर 1961 में जब मदुरै में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का सम्मेलन हुआ तब पण्डित नेहरु ने टिप्पणी की थी कि भारत ”युगों-युगों से तीर्थ-यात्राओं, तीर्थ स्थानों का देश रहा है। ”उन्होंने आगे लिखा ”समूचे देश में आपको प्राचीन स्थान मिलेंगे। हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों पर बदरीनाथ, केदारनाथ तथा अमरनाथ से दक्षिण में कन्याकुमारी तक आपको तीर्थस्थल मिल जाएंगे। दक्षिण से उत्तर तक तथा उत्तर से दक्षिण तक कौन सी प्रेरणा-शक्ति लोगों को इन महान तीर्थस्थलों की ओर आकर्षित करती आ रही है? यह एक राष्ट्र की भावना तथा एक संस्कृति की भावना है और इस भावना से हम परस्पर बंधे हुए हैं। हमारे प्राचीन ग्रंथों में कहा गया है कि भारत भूमि उत्तर में हिमालय से लेकर दक्षिण में समुद्र तक फैली है। सदियों से भारत की यह संकल्पना चली आ रही है तथा इसने हमें परस्पर बांध रखा है। इस महान धारणा से प्रभावित होकर लोगों ने इसे ‘पुण्यभूमि‘ माना है। जबकि हमारे यहां अनेक सम्राज्य हुए हैं तथा यहां हमारी विभिन्न भाषाएं प्रचलित रही हैं। यह कोमल बंधन ही हमें अनेक तरीकों से बांधे रखता है।
पण्डित नेहरु का मदुरै भाषण भारत की प्राचीनता परन्तु सतत् स्वउर्जित संस्कृति को उस ‘कोमल बंधन‘ वर्णित करता है जो हमारी विविधताओं को ‘एक देश‘ के रुप में जोड़ता है।
****उमाश्री भारती की उनके ‘गंगा समग्र अभियान‘ के पहले चरण के सफलतापूर्वक सम्पन्न होने पर हार्दिक अभिनन्दन, जिसके तत्वाधान में गत् 7 जनवरी, 2013 को कांस्टीटयूशन क्लब में एक औपचारिक कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
इस अभियान के दो हिस्से थे: एक, 20 सितम्बर, 2012 से 28 अक्टूबर, 2012 तक गंगासागर से गंगोत्री तक की पांच सप्ताह की यात्रा और दूसरा, 2 दिसम्बर, 2012 को गंगा के सभी किनारों पर एक मानव श्रृंखला बनाना।
साध्वी उमा भारती के अभियान के दो उद्देश्य थे। (1) शुध्द गंगा, (2) अविरल गंगा। श्रोताओं से खचाखच भरे इस कार्यक्रम में भारतीजी ने इस अभियान में समाज के सभी समुदायों और वर्गों के उत्साह भरे समर्थन का प्रभावी ब्यौरा प्रस्तुत किया।
विट्ठलभाई पटेल हाउस में सम्पन्न इस कार्यक्रम में, मेरी सुपुत्री प्रतिभा द्वारा तैयार की गई तीस मिनट की अत्यन्त दिलचस्प और शिाक्षाप्रद फिल्म ‘गंगा‘ दिखाई गई।
****सेक्रिड जियोग्राफी पुस्तक में ”दि गंगा एण्ड दि रिवर्स ऑफ इण्डिया‘ शीर्षक से एक अलग अध्याय है।
इस अध्याय में डायना कहती हैं: हिन्दू भारत अपनी विविधताओं के बावजूद कुछ चीजों पर एक स्वर से बोलता है जैसाकि गंगा माता के बारे में। यह नदी हिन्दुओं, चाहे वे उपमहाद्वीप के किसी भी भाग को अपना घर कहते हों, या चाहे उनका अपना कोई सम्प्रदाय हो, के लिए विशाल सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व रखती है। जैसाकि एक हिन्दी लेखक ने लिखा है, ”यहां तक कि कट्टर नास्तिक हिन्दू भी जब गंगा के तट पर पहली बार पहुंचेगें तो उसके मन में ऐसे भाव उमड़ेगे जो पहले कभी नहीं उमड़े थे; ”या, हम इसमें जोड़ सकते हैं, ‘जब गंगा उनके पास पहुंची।‘ विभिन्न क्षेत्रों और बहुविध हिन्दू परम्पराओं के लोगों में एकता भाव लाने के लिए गंगाजल का उपयोग पूर्णतया अनुकुल होना चाहिए। आखिरकार, यह प्रतीक है सिर्फ उपकार, सिर्फ भरे हुए जल कलश और कमल का।
उमाश्री के अभियान के स्वयंसेवक गंगाजल के कलशों को लेकर सभी सांसदों, विधायकों और हजारों जनप्रतिनिधियों को देने गए थे, स्वयं उमाजी राष्ट्रपति, सम्मानीय लोकसभाध्यक्ष और अनेक अन्य गणमान्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों को गंगाजल देने गई।
इस गंगाजल भेंट कार्यक्रम में हिस्सा ले चुके सभी इस पर एकमत थे कि जिस श्रध्दा से यह कलश ग्रहण किए गए वह न केवल हिन्दुओं तक सीमित भी अपितु हिन्दुओं, मुस्लिमों, ईसाइयों, सिखों में भी देखने को मिली।

लोहड़ी के साथ साथ मकर सक्रांति की सब को वधाईयां

लोहड़ी के साथ साथ मकर सक्रांति की सब को वधाईयां

सूर्य देवाय नमः
भास्कराय नमः
रवि देवाय नमः
ऊर्जा देवाय नमः जय सूर्य देव जय गंगा मईया ।Donate Khichadi To The Needy
लोहड़ी के साथ साथ मकर सक्रांति की सब नू वधाईयां ।रब्ब करे मकर सक्रांति की पूजा से सूर्य देव प्रसन्न हो जाएँ +अच्छी धूप सेंकने को मिले और ठण्ड का प्रकोप कम हो।
इस पर्व पर सूर्य देव और गंगा मईया की पूजा का प्रावधान है इस के साथ अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए चावल और उड़द की खिचडी को दान करने को भी शुभ माना जाता है |एक अनुमान के अनुसार अलाहाबाद के संगम पर आयोजित कुम्भ में लग भग साडे छह से सात करोड़ श्र्धालू और मेला प्रेमी जुड़ सकते हैं |इतनी बड़ी भीड़ के लिए व्यवस्था तो क्या हो पायेगी उलटे गंगा मईया भी श्रधालुओं के पाप धोते धोते अपनी सफाई के लिए आंसू बहाने लगी है|ठण्ड के इस रिकार्ड तोड़ प्रकोप के मध्य नज़र कहा जा सकता है कि मन चंगा तो कठौती में गंगा अर्थार्त घर में ही गंगा स्नान करना श्रेष्ठ है|जहाँ तक दान की बात है तो झल्लेविचारानुसार खिचडी के दान की परम्परा का निर्वाह किया जाना जरुरी है लेकिन यह अन्न दान केवल जरुरत मंद को ही देना उचित होगा|इसमें परेशां होने की जरुरत नहीं है अपने आस पास ही गौर से देखने पर ऐसे जरुरत मंद अनेकों मिल जायेंगे |

नरेन्द्र मोदी ने वाईब्रेंट गुजरात में पाकिस्तान के आर्थिक और महाराष्ट्र में शिव सेना ने हाकी प्रतिनिधिओं का विरोध किया

पूँछ सेक्टर में पाकिस्तान द्वारा लगातार किये जा रहे युद्ध विराम के उल्लघंन से भारत में आये आक्रोश से अब एक सूरत बनने लग गई है| इस दिशा में सबसे पहले गुजरात के मुख्य मंत्री नरेन्द्र मोदी और महाराष्ट्र में शिव सेना ने पाकिस्तान के क्रमश व्यापारिक और खेल प्रतिनिधिओं का विरोध शुरू कर दिया है|मोदी ने तो गुजरात में मनाये जा रहे वाईब्रेंट गुजरात में आये पकिस्तान के २२ सदस्यों को ना केवल सम्मलेन में भाग लेने से रोक दिया वरन उन्हें होटल में ही रहने को कह दिया गया है|
उधर प्रस्तावित हॉकी इंडिया लीग में हिस्सा लेने पहुंचे पाकिस्तानी हॉकी खिलाड़ियों के विरोध में शिवसेना ने आज मुंबई में जमकर विरोध किया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शिवसैनिकों ने हॉकी खिलाड़ियों के भारत आने का विरोध किया और हॉकी इंडिया के दफ्तर पर जाकर जमकर नारेबाजी और बवाल करते हुए सभी पाकिस्तानी खिलाड़ियों को वापस भेजने की मांग की। खबरों के मुताबिक शिवसैनिकों के हंगामे के कारण हॉकी खिलाड़ी मैदान पहुंचकर अभ्यास तक नहीं कर सके। इस लीग के लिए नौ पाकिस्तानी हॉकी खिलाड़ी भारत पहुंचे हैं।
गौरतलब है कि पाकिस्तानी सेना द्वारा दो भारतीय सैनिकों की अमानवीय यातनाएं देने के बाद की गई हत्या से देश व्यथित है |एक शहीद का परिवारमथुरा में अन्न पानी छोड़ कर पाकिस्तान के खिलाफ स्ट्रोंग एक्शन की मांग कर रहा है|एयर चीफ मार्शल ब्राओनी ने पकिस्तान के खिलाफ कड़े शब्द प्रयोग करके सेना की भावनाओं को व्यक्त कर दिया है लेकिन केंद्र सरकार ने पाकिस्तान को दी जा चुकी व्यापारिक सहूलियतें भी वापिस लेने में असमर्थता दर्शा दी है| शिवसेना ने रक्षामंत्री एके एंटनी के इस्तीफे की मांग करते हुए भारत को पाकिस्तान पर हमला करने को कहाहै

मधु गैस एजेंसी के मालिक को गोली मारने वाले दो अभियुक्त गिरफ्तार

गैस एजेंसी के मालिक को गोली मारने के आरोप में दो आभियुक्तों को गिरफ्तार करके मीडिया के समक्ष प्रस्तुत किया गया|
पोलिस की प्रेस कांफ्रेंस में बताया गया कि सोहन वीर सिंह पुत्र श्री चेत राम निवासी पोहल्ली थाना सरधना को खिर्वा चौराहा से और कुलदीप पंडित पुत्र बाल किशन निवासी नटेश पुरम थाना कंकर खेडा को राना अस्पताल से गिरफ्तार किया गया है| इन दोनों ने अपने जुर्म को कबूल कर लिया है जबकि कालू प्रधान पुत्र जगपाल सिंह निवासी श्रधापुरी अभी भी फरार है| इन अभियुक्तों से एक देशी रिवाल्वर और .३२ के चार कारतूस की बरामदगी दर्शाई गई है|
गौरतलब है कि कंकर खेडा स्थित मधु गैस एजेंसी के मालिक अमित मोहन भारद्वाज को गोली मारी गई थी इस अपराध के दोषियों की गिरफ्तारी को लेकर मेरठ में गैस की एजेंसियां ३ दिनों तक बंद रखी गई थी
जिसके पश्चात डी आई जी/एस एस पी के. सत्यानारायण ने थाना कंकरखेडा और एस ओ जी की संयुक्त टीम का गठन किया था|जिसके फलस्वरूप परवेज खान और संजीव यादव द्वारा इन दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार किया|

सीमा से ट्रक वापिस मंगवा लो, देश में एक्सपोर्ट क्वालिटी की सब्जी तो मिल जायेगी


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक कड़का व्यापारी

ओये झाल्लेया ये तो अपना दीवाला ही पिट गया |ओये पाकिस्तान के साथ ये नया पंगा शुरू हो गया तो सालों ने बार्डर ही बंद करा दिया| पुंछ के चक्का दा बाग से पाकिस्तान जा रहे हसाड़े टमाटरों से लदे २५ ट्रक और शेष सामान के साथ ४० ट्रक वहीं फंसे हैं|ओये ऐसे तो हसाडा हो जाना है धरणतख्ता |

सीमा से ट्रक वापिस मंगवा लो, देश में एक्सपोर्ट क्वालिटी की सब्जी तो मिल जायेगी

झल्ला

ओ सेठ जी खातिर जमीत रखो मेरा मतलब हौंसला रखो ट्रकों को वापिस इंडिया बुलवा लो यहाँ हर शहर में बची खुची सब्जियों कीकीमतों में भी आग लगी हुई हैआपकी सब्जी आने से कम से कम यहाँ एक्सपोर्ट क्वालिटी की सब्जी तो मिल जायेगी

व्हिसल ब्लोअर खेमका ने राबर्ट वढेरा के खिलाफ फिर सीटी[व्हिसल]बजाई : अब राबर्ट के चेकों की वैधता पर प्रश्न

हरियाणा के चर्चित व्हिसल ब्लोअर आईएएस अफसर अशोक खेमका ने एक बार फिर राबर्ट वढेरा के खिलाफ सीटी[व्हिसल]बजा दी है|इस बार खेमका ने राबर्ट द्वारा जारी चेकों की वैधता पर प्रश्न उठाया है और रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 की धारा 82 के तहत ऐक्शन की मांग की है| यूं पी ऐ की चेयरपर्सन श्री मति सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वढेरा के गुड़गांव जमीन घोटाले को लेकर अब नया मामला सामने लाया गया है | इस ज़मीन को वाड्रा ने डीएलएफ को 58 करोड़ में बेची थी. ज़मीन घोटाले की जांच के लिये चर्चित हुए आईएएस अशोक खेमका ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिख कर इन चेकों की स्थिति को लेकर पत्र लिखा है. आईएएस अफसर अशोक खेमका ने गुड़गांव के शिकोहपुर गांव में रॉबर्ट द्वारा खरीदी गई 3.53 एकड़ जमीन के लिए दिए गए चेक की वैधता को लेकर राज्य सरकार से सवाल किये हैं| खेमका ने पूछा है कि उस जमीन की खरीद के लिए रॉबर्ट की तरफ से दिया गया 7.5

Robert Wadhera V/S Ashok Khemka

करोड़ का चेक क्या डमी था?
रॉबर्ट ने यह जमीन साल 2008 में खरीदी थी। खेमका ने सवाल उठाया है कि स्काईलाइट हॉस्पिटेलिटी की तरफ से जमीन बेचने वाले को साढ़े 7 करोड़ की पेमेंट कब हुई थी, जैसा की रजिस्टर्ड सेल डीड में पेमेंट किए जाने की बात 12 फरवरी 2008 बताई गई है।
इसी जमीन को बाद में रीयल एस्टेट की नामचीन कंपनी डीएलएफ को 58 करोड़ रुपए में बेच दिया गया था। हालांकि पिछले साल अक्टूबर में लैंड कंसोलिडेशन डिपार्टमेंट के डायरेक्टर जनरल पद पर रहते हुए राबर्ट और डीएलएफ के बीच हुई डील पर असिस्टेंट कंसोलिडेशन ऑफिसर की ओर से किए गए इंतकाल को अधूरा मानते हुए खारिज कर दिया गया था।खेमका ने मामले की जांच के लिए बैठी कमिटी के तथ्यों पर लिखे अपने ताजा पत्र में सरकार से कई और सवाल पूछे हैं। खेमका ने राबर्ट की कंपनी को जमीन का कॉमर्शियल लाइसेंस दिए जाने के लिए हरियाणा टाऊन ऐंड कंट्री प्लैनिंग डिपार्टमेंट को दी गई ऐप्लिकेशन की कॉपी और डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड के बीच सेल एग्रीमेंट संबंधी डिपार्टमेंट को दिए गए पेपर्स की कॉपी भी मांगी है।
गौरतलब है कि ज़मीन घोटाले की जांच का आदेश देने वाले आईएएस अशोक खेमका का अक्टूबर 2012 में तबादला कर दिया गया था. वे उस समय आईजी रजिस्ट्रेशन के पद पर कार्यरत थे. खेमका ने कहा था कि उनका तबादला बिल्डरों और सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के कारण किया गया है. इसको लेकर उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखा था.इसके अलावा खेमका के राबर्ट की जमीन की डील सम्बन्धी निर्णय को भी कटघरे में खड़ा करने के प्रयास किये गए |
आरोपों के अनुसार रॉबर्ट और उनकी मां ने पांच कंपनियों का गठन 1 नवंबर 2007 के बाद किया. उन कंपनियों के बही-खातों और ऑडिट रिपोर्ट से पता चलता है कि इन कंपनियों की कुल शेयर पूंजी मात्र 50 लाख रुपए थी. इन कंपनियों के पास आय का एकमात्र वैध स्रोत था डीएलएफ द्वारा मिला ब्याज मुक्त कर्ज. इसके अलावा इन कंपनियों की आय का कोई वैध स्रोत नहीं है.फिर भी 2007 से 2010 के दौरान इन कंपनियों ने 300 करोड़ से अधिक की संपत्ति अर्जित की जिसकी कीमत आज 500 करोड़ से ऊपर पहुंच चुकी है.

इंडिगो एयर लाइन्स के नंबर वन + समयबद्ध+सस्ती और सुरक्षित सेवा के दावों पर प्रश्न चिन्ह लगने शुरू

आज नेट पर सर्फिंग करते समय एक रोचक शिकायत दिखाई दी सो सोचा की अपने पाठकों के साथ उसे शेयर किया जाये|यह शिकायत उस निजी

इंडिगो एयर लाइन्स के नंबर वन पर प्रश्न चिन्ह

के विषय में है जिसके विषय में समयबद्ध+सस्ती और सुरक्षित सेवा का दावा किया जाता है|माउथ शट डाट काम पर आई एक शिकायत है किदिसंबर के अंतिम सप्ताह में दुबई लैंड किये इंडिगो के एक यात्री का ट्रेवल बेग ना केवल क्षक्त विक्ष्क्त[torned ]मिला बल्कि इसकी शिकायत करने के लिए वहां कपानी का कोई प्रतिनिधि नहीं मिला वापिसी पर पुनः शिकायत की गई तो सम्बंधित इंडिगो स्टाफ द्वारा दुर्व्यवहार भी किया गया|शिकायत कर्ता यात्री ने इंडिगो की स्माईल को प्लास्टिक की स्माईल बता कर कम्पनी के वास्तविकता को उजागर करने का प्रयास कियॆ है| इससे पूर्व नज़र डालने पर ऐसा ही एक और केस याद आता हैजब उत्तर प्रदेश के गवर्नर का बेग गायब हो गया और समय पर यात्री के साथ पहुँचाया नहीं जा सका|
अब जब नंबर वन का दावा करने वाली इस सेवा की बात हो रही है तब यह बताना भी जरुरी है कि इस कम्पनी फ्लाईट्स की सेटिंग एरेंज्मेंट्स इतने संकरे हैं कि एक पेसेंजर आसानी से बैठ भी नही पाता है और कई बार तो आगे पीछे बैठे यात्रियों में नौंक झौंक भी हो जाती है |एक शैख़ द्वारा आपत्ती करने पर उसे कम्पनी के क्रियु ने आतंकवादी तक करार दे दिया था|

विजय माल्या ने अदालत जाने को आतुर किंग फ़िशर एयर लाइन्स के कर्मचारियों के साथ संवाद बनाया

किंग फ़िशर एयर लाइन्स के विजय माल्या

किंगफिशर एयरलाइंस के कर्मचारियों द्वारा अदालत में जाने की धमकी के बाद क़र्ज़ में डूबी एयर लाइन्स के चेयरमेन विजय माल्या ने उड़ान को फिर से चालू करने का आश्वासन देते हुए कंपनी के रिवाइवल प्लान के बारे में स्टाफ को जानकारी दी है। श्री माल्या के मुताबिक 2013 के मध्य तक दोबारा ऑपरेशंस शुरू किया जा सकता है|। इसके लिए उन्होंने यूनाइटेड ब्रेवरेज से 650 करोड़ रुपये की सहायता का भरोसा भी दिलाया| ८ महीनों से वेतन न मिलने के कारण उद्वेलित किंगफिशर कर्मियों ने एयरलाइन को बंद कराने के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की धमकी दी है.
गौरतलब है कि कंपनी का उड़ान सम्बन्धी लायसेंस खत्म हो चुका है लेकिन नियमानुसार अभी भी दो साल के अंदर उड़ान लायसेंस रिन्यू हो सकता है। माल्या ने कर्मचारियों को बताया कि जल्द ही डीजीसीए को अतिरिक्त जानकारी और बकायेदारों की एनओसी दी जाएगी। उन्होंने दावा किया कि बैंकों का पूरा सहयोग मिल रहा है और लोन वसूली की खबर गलत है। कई निवेशकों से बातचीत जारी है और निवेश पाने का पूरा भरोसा है।
माल्या ने कर्मचारियों से मीडिया के साथ बातचीत में सतर्क रहने को कहा है. उन्होंने मीडिया पर कंपनी के खिलाफ ‘अनर्गल खबरें देने’ का आरोप लगाया है. किंगफिशर एयरलाइंस के
माल्या ने कर्मचारियों से कहा है, ‘हमने डीजीसीए को कंपनी फिर से शुरू करने के बारे में विस्तृत योजना दी है जो दो भागों में है. पहले हिस्से में सीमित संख्या में सात विमानों को परिचालन शुरू करने की योजना का जिक्र है जिसे चार महीने में बढ़ाकर 21 तक किया जाएगा. दूसरे भाग में विमानन कंपनी को पूरी तरह से परिचालन में लाने की योजना है. इसके तहत विमानों के परिचालन की संख्या बढ़ाकर 57 किया जाएगा.| किसी विदेशी निवेश की और कर्मचारियों का बकाया वेतन देने के बारे में कोई जिक्र नहीं हैं|.आसमान में ऊंची उड़ान के खिलाड़ी विजय माल्या के लिए मुश्किलें लगातार बढती जा रही है|पहले घाटा,फिर कर्मियों की हड़ताल उसके बाद ताला बंदी और उड़ान लायसेंस के निरस्तीकरण के बाद मुम्बई एयर पोर्ट से पार्किंग स्लाट तक छीन लिए गए |केंद्र सरकार की विदेशी निवेश की[ऍफ़ डी आई] नीति का भी कोई लाभ नहीं मिला और अब कर्मचारियों ने अथ माह के वेतन के लिए अदालत जाने की धमकी दी है|