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एस्ट्रोन इंटर नॅशनल पब्लिक स्कूल में मदर्स डे मनाया और आँखों की जांच के लिए निशुल्क कैम्प लगाया

थापर नगर स्थित एस्ट्रोन इंटर नॅशनल पब्लिक स्कूल में मदर्स डे मनाया गया और आँखों की जांच के लिए निशुल्क कैम्प लगाया गया | स्कूल के चेयर मैन पवन बंसल ने बताया कि नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. प्रतेक अग्रवाल द्वारा २२ बच्चों कि जाँच की गई और अधिकाँश को मशीनों पर जाँच के क्लिनिक बुलाया है|
एक बच्चे की आँखों में खुजली कि शिकायत थी जिसके लिए चल रहे इलाज को अपर्याप्त बता कर इलाज बदलने कि सलाह दी गई|
मदर्स डे पर बच्चों से आकर्षक ग्रीटिंग कार्ड्स बनवाये गए और उन्हें [मदर्स[माता ] कोभेंट कराया गया |
चेयर मैन पवन बंसल और प्रधानाचार्य स्वीटी चावला ने बच्चों का उत्साह वर्धन करते हुए माँ कि महत्त्व भूमिका से अवगत कराया |रजनी वर्मा+अनम+ अभिलाषा+शिप्रा+जेनिफर ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग दिया|

अपने मंत्रियों की करतूतों से शासक वस्त्रहीन हैं : सीधे एल के अडवाणी के ब्लॉग से

एन डी ऐ के पी एम् इन वेटिंग और वरिष्ठ पत्रकार लाल कृषण अडवाणी ने अपने ब्लाग के माध्यम से वर्तमान शासक को वस्त्रहीन बताने के लिए एक रोचक कहानी और एक साप्ताहिक के सम्पादकीय का उल्लेख किया है|गौरतलब है कि पूर्व में एल के अडवाणी भारत के पी एम् डाक्टर मन मोहन सिंह को कमजोर +दब्बू और अपनी पार्टी अध्यक्षा के हाथों की कठपुतली बता चुके हैं|प्रस्तुत है सीधे एल के अडवाणी के ब्लाग से :
हंस एंडरसन की रोचक कहानी ‘दि एम्परर्स् न्यू क्लोज़ (सम्राट के नए वस्त्र)[Emperor’s New Clothes ]मैंने पहली बार स्कूल के दिनों में पढ़ी थी।
एंडरसन की कहानी दो बुनकरों के बारे थी जिन्होंने सम्राट को एक नए वस्त्र की पोशाक देने का वायदा किया था जो सर्वथा सुंदर होने के साथ ही उसकी उल्लेखनीय विशेषता होगी कि वह अदृश्य रहेगी जिसे अक्षम्य रूप से कोई मूर्ख नहीं देख सकेगा और अयोग्य अपने पद पर नहीं रह पाएगा।
इन दोनों बुनकरों जो वास्तव में ठग थे, को सुनकर सम्राट जो हमेशा अच्छे और मंहगे वस्त्रों का शौकीन था ने सोचा ”यदि मैं इस कपड़े की बनाई गई पोशाक पहनूंगा तो मैं पता लगा संकूगा कि मेरे राज में कौन व्यक्ति अपने पद के योग्य है और मैं चतुरों और मूर्खों में भेद कर सकूंगा।”
कहानी का चरमोत्कर्ष तब आया जब सम्राट अपनी ‘नई पोशाक‘ को धारण कर अपनी प्रजा के सामने निकला, इनमें से अनेकों ने उसकी इस कथित असाधारण पोशाक की भूरि-भूरि प्रशंसा की परन्तु तभी एक बच्चा चिल्लाया कि ”लेकिन उन्होंने (सम्राट) तो कोई वस्त्र पहना ही नहीं है!”
* * *सीबीआई द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में यह स्वीकार किए जाने कि उन्होंने इन दोनों घोटालों सम्बन्धी जांच रिपोर्ट को विधि मंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ साझा किया, पर सर्वोच्च न्यायालय ने उनके इस कृत्य के लिए उसे काफी लताड़ा है।
सीबीआई को ‘एक पिंजरे में बंद तोते‘ की तरह बताते हुए सर्वोच्च न्यायलय ने 8 मई के अपने निर्देश में सीबीआई को सभी ”दवाबों और खींचतान के विरुध्द डट कर खड़े होने को कहा। न्यायमूर्ति लोढा की अध्यक्षता वाली पीठ ने सीबीआई के इस निवेदन पर सवाल उठाए कि भले ही विधि मंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय के ईशारे पर कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए है, परन्तु रिपोर्ट का मुख्य अंश नहीं बदला गया है। सर्वोच्च न्यायलय ने अपने आदेश में कहा है कि ”सरकारी अधिकारियों के सुझाव पर रिपोर्ट का मुख्य तत्व (दिल) बदला गया।”
सरकार के कार्यकलापों के विरुध्द विपक्ष के आक्रोश को व्यापक स्तर पर मीडिया ने भी प्रकट किया। संसद के सदनों को सामान्य रुप से चलाने हेतु विपक्ष की कम से कम मांग यह थी कि विधि मंत्री को त्याग पत्र देना चाहिए और रेलवे मंत्री को बर्खास्त किया जाए।
संसद में इस वर्ष का बजट सत्र अपने अंतिम सप्ताह में पहुंच चुका था। कई दिनों से संसद में कामकाज नहीं हो सका था क्योंकि लगभग समूचा विपक्ष ‘कोयलागेट‘ और ‘रेलगेट‘ जैसे महाघोटालों के लिए सरकार से जवाबदेही की मांग कर रहा था, विशेष तौर पर प्रधानमंत्री (जब यह कोयला खदानों का आवंटन किया गया तब वह कोयला मंत्री थे), विधि मंत्री और रेलवे मंत्री के इस्तीफे की मांग।
बेशर्मी से अपने दोनों मत्रियों का बचाव करते हुए, विशेष रुप से विधि मंत्री का, जिन्हें सरकार से हटाने से प्रधानमंत्री का पद पर बने रहना असम्भव हो जाता, सरकार ने संसद की कार्यवाही 10 मई के बजाय दो दिन पूर्व यानी 8 मई को ही अनिश्चितकाल के लिए ही स्थगित कर दी।
समाचारपत्रों और टीवी चैनलों द्वारा की गई निंदात्मक टिप्पणियों में, मैं मेल टुडे में आर. प्रसाद के कार्टून से विशेष रुप से प्रभावित हुआ जोकि उपरोक्त वर्णित हंस एंडरसन की रोचक कहानी पर आधारित है। मुझे पता नहीं कि प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्षा ने इसे देखा है या नहीं।
इस कार्टून ने मुझे 1975-1977 के आपातकाल के दौरान अबू द्वारा बनाए गए कार्टून का स्मरण करा दिया जिसमें राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद को एक बाथ टब में लेटे दिखाया गया और वह उनको हस्ताक्षर के लिए दस्तावेज दे रहे अपने सहायक को कह रहे हैं ”यदि और अधिक अध्यादेश हैं तो उन्हें थोड़ा इंतजार करने के लिए कहिए!” सरकार या आपातकाल के आलोचक अनेक समाचारपत्रों और पत्रिकाओं को या तो प्रतिबंधित कर दिया गया या जबरदस्ती बंद करा दिया गया। परन्तु उन दिनों प्रकाशित होने वाली एक मात्र कार्टून पत्रिका ‘शकरर्स वीकली‘ ने स्वयं ही प्रकाशन बंद करने का निर्णय लिया। 31 अगस्त, 1975 को अपने अंतिम सम्पादकीय ‘फेयरवेल‘ (विदाई) शीर्षक से सम्पादक ने निम्नलिखित शानदार लेख लिखा :
सम्पादकीय में आपातस्थिति का नाम तक नहीं लिया गया, लेकिन उस समय के तानाशाही शासन की इससे ज्यादा कटु निंदा और नहीं हो सकती थी। सम्पादकीय निम्न है:-

“हमारे पहले सम्पादकीय में हमने रेखांकित किया था कि हमारा काम हमारे पाठकों को हंसाना होगा – दुनिया पर, आडम्बरपूर्ण नेताओं, कपटपूर्ण आचरण, कमजोरियों और अपने पर। पर ऐसे हास्य को समझने वाले और विनोदी स्वभाव रखने वाले लोग कैसे होते है? ये ऐसे लोग हैं जो व्यवहार में निश्चित सभ्यता व लोकाचार रखते हैं तथा जहां सहिष्णुता और दयालुपन का भाव होता है। अधिनायकवाद हंसी को नहीं बर्दाश्त करता क्योंकि लोग तानाशाह पर हसेंगे और वह नहीं चलेगा। हिटलर के सभी वर्षों में, कभी प्रहसन नहीं बना, कोई अच्छा कार्टून नहीं था, न ही पैरोडी थी या मजाकिया नकल भी नहीं थी।
इस दृष्टि से, दुनिया और दु:खद रुप से भारत असंवेदनशील, गंभीर और असहनशील होता जा रहा है। हास्य जब भी हो तो संपुटित होता है भाषा अपने आप में काम करने लगती है। प्रत्येक व्यवसाय अपनी शब्दावली विकसित कर रहा है। अर्थशास्त्री बंधुओं के समाज से बाहर एक अर्थशास्त्री अजनबी है, अनजाने क्षेत्र में हिचकिचाकर बोल रहा है, अपने बारे में अनिश्चित, गैर-आर्थिक भाषा से भयभीत है। यही वकीलों, डाक्टरों, अध्यापकों, पत्रकारों और उनके जैसों का हाल है।
इससे ज्यादा खराब यह है कि मानवीय कल्पना वीभत्स और विकृत में परिवर्तित होती प्रतीत होती है। पुस्तकें और फिल्में या तो हिंसा या सेक्स के भटकाव पर हैं। अनचाही घटनाओं और कृत्यों से लगने वाले झटके के बिना लोग जागरूक होते नहीं दिखते। लिखित शब्दों और समाज पर सिनेमा का अर्न्तसंवाद हो या न हो, समाज इन प्रवृत्तियों को अभिव्यक्त करता है। लूट-मार, अपहरण आदि अपराध नित्य हो रहे हैं और राजनीतिक कलेवर चढ़ा कर इन्हें सामाजिक स्वीकार्यता भी दी जा रही है।
परन्तु ”शंकरर्स वीकली” एक पक्की आशावादी है। हम निश्चिंत हैं कि वर्तमान परिस्थितियों के बावजूद, दुनिया खुशहाल और अधिक तनाव रहित स्थान बनेगी। मनुष्य की आत्मा अंतत: सभी मौत की शक्तियों पर हावी होगी और जीवन इतना पल्लवित होगा जहां मानवता अपना उच्चतम उद्देश्य हासिल करेगी। कुछ इसे भगवान पुकारते हैं। हमें इसे मानव नियति कहना पसंद करते हैं। और इसी विचार के साथ हम आप से विदा ले रहे हैं और आपके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।”

संजय दत्त की पुनर्विचार याचिका ख़ारिज :सुधारात्मक याचिका का एक अंतिम विकल्प अभी भी शेष है

सुप्रीम कोर्ट द्वारा गैरकानूनी तरीके से हथियार रखने के अपराध में जेल की सजा के खिलाफ बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त की पुनर्विचार याचिका आज खारिज कर दी गई है । अब संजय दत्त को १६ मई तक सरेंडर करना होगा|न्यायमूर्ति पी. एस शिवम् और बी.एस.चौहान की खंडपीठ ने संजय गाँधी की याचिका को खारिज करते हुए निपटारा करते हुए अपने संक्षिप्त आदेश में कहा कि न्यायालय के फैसले की समीक्षा का कोई कारण नहीं दिखता है।
संजय दत्त के वकीलों ने याचिका खारिज किये जाने की जानकारी मीडिया को दी। गौरतलब है कि संजय को ५ साल कि सजा सुनी गई है जिसमे से वोह डेड़ साल की सजा काट चुके हैं| अब उन्हें करीब साढ़े तीन साल जेल में बिताना होगा।
संजय दत्त ने सुप्रीम कोर्ट के 21 मार्च के उस फैसले की समीक्षा का शीर्ष अदालत से अनुरोध किया था, जिसमें उन्हें 1993 के मुंबई बमकांड के सिलसिले में गैरकानूनी तरीके से हथियार रखने का दोषी करार देते हुए पांच साल की सजा सुनाई गई थी। युसुफ मोहसिन नलवाला+खलीफ अहमद सैयद+अली नाजिर,+मोहम्मद दाऊद+ यूसुफ खान+ शेख आसिफ यूसुफ+ मुजम्मिल उमर कादरी एवं मोहम्मद अहमद शेख की समान याचिका भी खारिज कर दी गई है|
पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद 53 वर्षीय संजय के पास न्यायालय के माध्यम से राहत पाने के लिये अभी भी सुधारात्मक याचिका का एक अंतिम विकल्प बचा है| अभी भी राज्यपाल के समक्ष क्षमा याचना पेंडिंग है|

विश्व प्रसिद्द ओघडनाथ मंदिर परिसर में आज सुबह शहीदों को श्रधान्जली और परिजनों को सम्मानित किया गया

[मेरठ]विश्व प्रसिद्द ओघडनाथ [काली पलटन]मंदिर परिसर में आज सुबह शहीदों को श्रधान्जली दी गई और शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया गया| शहीद दिवस पर आज जिला स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिषद् द्वारा आयोजित एक गरिमामय समारोह में जिले के प्रतिष्ठित लोगों ने शहीद स्मारक पर अपनी श्रधा के पुष्प चड़ाए |
सांसद राजेंद्र अग्रवाल+ जिलाधिकारी नवदीप रिनवा+महापौर हरिकांत अहलुवालिया+ छावनी विधायक सत्य प्रकाश अग्रवाल +ऐ डीएम् सिटी सतीश दुबे+ मंजीत सिंह कोछड़ +राजेंद्र शर्मा[कांग्रेस]+दीपक शर्मा आदि ने शहीद स्मारक पर श्रधा सुमन अर्पित किये|

विश्व प्रसिद्ध नौचंदी मेले में विज्ञान प्रदर्शनी का आज विधिवत समापन हुआ

विश्व प्रसिद्ध नौचंदी मेले में 21 अप्रैल से लगाई गई विज्ञान प्रदर्शनी का आज विधिवत समापन हो गया|इस अवसर पर प्रतिभागियों को पुरूस्कार भी दिए गए| ऐ एम् ऐ नूतन शर्मा और जिला पंचायत अध्यक्ष ने स्मृति चिन्ह वितरित किये| विज्ञान क्लब के सचिव दीपक शर्मा ने बताया कि मेला परिसर में एक विज्ञानं का स्थाई म्यूजियम बनाए जाने पर विचार किया जा रहा है|इस अवसर पर गीता सचदेवा+कुलदीप गर्ग आदि भी उपस्थित थे|

श्री रामशरणम् आश्रम, गुरुकुल डोरली, का वार्षिकोत्सव धूम धाम से मनाया गया

श्री रामशरणम् आश्रम, गुरुकुल डोरली, का वार्षिकोत्सव धूम धाम से मनाया गया

श्री रामशरणम् आश्रम, गुरुकुल डोरली, का वार्षिकोत्सव धूम धाम से मनाया गया

श्री रामशरणम् आश्रम, गुरुकुल डोरली, मेरठ का वार्षिक उत्सव धूम धाम से मनाया गया| इस शुभ अवसर पर एक मई के सायंकालीन सत्संग में पूज्य श्री भगत नीरज मणि ऋषि जी ने प्रेरणा दाई प्रवचनों की वर्षा की और श्रधालुओं को परमानन्द परमात्मा का आश्रय लेने के लिए प्रेरित किया||पूज्य भगत जी ने कहा कि -हम अपने जीवन में उनका आश्रय लेते हैं जो स्वयं किसी दूसरे पर आश्रित हैं । हम उस परिपूर्ण , नहीं लेते , प्रभु का सहारा भी संतों की कृपा से ही मिलता है । हम संतों की शरण में जाते हैं और ग्रंथों का स्वाध्याय भी करते है परन्तु संतों के वचनों को सुनकर हम उन वचनों को अपने जीवन में नहीं उतारते । हम संतों को तो मानते हैं परन्तु संतों के वचनों का अनुकरण , अनुशरण नहीं करते । प्रभु समय-समय पर महापुरुषों को अपनी आलौकिक शक्तियां देकर धरा धाम पर भेजते हैं । संत धरा धाम पर आकर मनुष्यों के पाप-ताप से तपे हुए मन और तन को सत्संग के जल से शीतल करते हैं । संत हमारे परम हितैषी है ।
जब हमारे जीवन में कोई पुण्य कर्म जागते हैं तो प्रभु की कृपा से हमारे जीवन में संत आते हैं और संत हमें नाम , शबद से सुसज्जित करते हैं और हम नाम , सहज योग की सीढ़ी पर चढ़कर प्रभु दर्शन , प्रभु प्राप्ति के मार्ग पर अग्रसर होते हैं ।

जम्पिंग जैक हीरो जीतेन्द्र के परिवार पर आयकर विभाग का बड़ा छापा :बाला जी टेली फिल्म्स के शेयर गिरे

अपने ज़माने के फ़िल्मी जम्पिंग जैक हीरो जीतेन्द्र के कृष्णा निवास और वर्तमान में टेली क्वीन उनकी पुत्री एकता कपूर की कंपनी बाला जी टेली फिल्म्स के ८ स्थानों पर आय कर विभाग के लगभग १०० अधिकारियों की टीम द्वारा छापा डाला गया | टेलीविजन धारावाहिक और फिल्में बनाने के लिए मशहूर बालाजी टेलीफिल्म्स के दफ्तरों पर इनकम टैक्स के छापे मारे जा रहे हैं। इस कंपनी के चेयर मैन जीतेन्द्र हैं| जीतेन्द्र के पुत्र तुषार कपूर के घर और दफ्तर भी शामिल हैं।सुबह साढ़े सात बजे से लगभग आठ जगहों पर छापेमारी जारी है। कहा जा रहा है कि आय एवं लाभ को कथित रूप से छुपाने एवं इसकी गलत जानकारी देने के संबंध में यह कार्यवाही की गई है। एकता के परिवार में जितने भी सदस्य हैं, सबके यहां छापे पड़ रहे हैं। इसे आईटी की बड़ी रेड बताया जा रहा है। अभी तक आयकर विभाग द्वारा किसी भी जानकारी को प्रकाशित नही किया गया है लेकिन इससे एनएसई पर बालाजी टेलिफिल्म्स के शेयर 5 फीसदी तक टूटकर 43.20 रुपये तक जरुर आ गए
एकता कपूर का सितारा लंबे समय से बुलंदी पर है। उनके बनाए धारावाहिक तो हिट हुए ही हैं, फिल्मों में भी उन्हें जबरदस्त सफलता मिली है। इन दिनों उनकी प्रोड्यूस की गई फिल्म शूटआउट एट वडाला की खासी चर्चा है।
गौरतलब है कि बालाजी ने साल 2002 में फिल्म व्यवसाय में कदम रखा था। इस प्रोडक्शन हाउस ने भूल भुलैया, सरकार राज, वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई, शूट आउट एट लोखंडवाला और क्या कूल है हम जैसी हिट फिल्मों का निर्माण किया है।
गौरतलब है कि एकता कपूर इन दिनों सफलता के शीर्ष पर हैं। उनके बनाए धारावाहिक तो हिट हो ही रहे हैं साथ ही उनकी फिल्में भी बॉक्स ऑफिस पर खूब कमाई कर रही हैं। सौर्सेस से प्राप्त जानकारी पर यदि विश्वास किया जाये तो जीतेन्द्र की नजदीकियां योग गुरु बाबा राम देव से हैं जिसका खामियाजा भुगतना पडा है|

सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने कैंट छेत्र के लाल कुर्ती में इंटर लाकिंग सड़क का लोकार्पण किया

[मेरठ] मेरठ +हापुड़ लोक सभा छेत्र के सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने कैंट छेत्र के लाल कुर्ती [मैदा मोहल्ला]में इंटर लाकिंग सड़क का लोकार्पण किया| इस अवसर पर भाजपा सांसद ने कैंट विधान सभा छेत्र को भाजपा के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए छेत्र के समुचित विकास के लिए सभी संभव प्रयास किये जाने का आह्वाहन किया |गौरतलब है कि छावनी विधायकी छेत्र को भाजपा की छपरौली कहा जाता है| यहाँ छावनी परिषद् द्वारा पर्याप्त विकास के कार्य नहीं करवाए जा रहे हैं |संभवत इसीलिए सांसद ने यह आह्वाहन किया है| इस अवसर पर भाजपा मंडल अध्यक्ष गोबिंद सोनकर+आलोक गोयल+डा. [होमियोपैथी]सतीश शर्मा+डा. प्रफुल्ल+अमन गुप्ता+मन्नू+ एस महाजन+अनूप सेठी+स्वीटी+पवन+महेंद्र पाल+ हर्ष गोयल आदि उपस्थित थे|

सलमान खुर्शीद के इशारे पर बोस्टन में बदसुलूकी की गई :आज़म खान

उत्तर प्रदेश के काबिना मंत्री आजम खान ने केंद्र सरकार के सर पर ठीकरा फोड़ते हुए कहा है कि अमेरिका के बोस्टन [लोगान]एयरपोर्ट पर उनके साथ की गई बदसलूकी भारतीय विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के इशारे पर की गईहै ।
श्री आजम ने कहा कि सलमान खुर्शीद के पास ताकत नहीं है कि वे भारत में मेरा विरोध कर सकें, इसलिए साजिश कर विदेश में बदसलूकी करवाई गई|
शहरी विकास मंत्री आज़म खान ने अमेरिका में स्थित भारतीय दूतावास को भी निशाने पर लेते हुए कहा के वहां दूतावास के किसी भी कर्मचारी ने उनकी मदद नहीं की उलटे जरुरत पड़ने पर सभी दूर दूर रहे|इससे पूर्व समाजवादी के सांसद नरेश अग्रवाल[हरदोई] भी सलमान खुर्शीद पर यही आरोप लगा चुके हैं|आजम खां रविवार देर रात भारत लौट आए।
गौरतलब है कि सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ अमेरिका के होवार्ड यूनिवर्सिटी में कुम्भ मेले पर व्याख्यान देने आये थे उन्हें बुधवार को बोस्टन [लोगान]हवाई अड्डे पर विमान से उतरने के बाद पूछताछ के लिए 10 मिनट तक रोककर रखा गया था।बोसोत्न में हुए बम्ब धमाकों के पश्चात वहां सुरक्षा कड़ी कर दी गई है|इससे आग बबूला हो कर आज़म खान और अखिलेश यादव नेअपना कार्यक्रम निरस्त करने के घोषणा कर दी थी| यधपि अभी तक पार्टी लाइन जारी नहीं की गई है फिर भी मेरठ में अमेरिका के पुतले फूंके जाने लगे हैं

सोफिया ग‌र्ल्स [कान्वेंट]स्कूल ने डांस प्रतियोगिता जीती

[मेरठ ]सेंट मेरीज एकेडमी में हुए इंटर स्कूल डांस प्रतियोगिता में सोफिया ग‌र्ल्स स्कूल की प्रतिभा शाली छात्राएं प्रथम रहीं| मेजबान टीम को सेकण्ड और दीवान पब्लिक स्कूल को थर्ड घोषित किया गया|
छावनी स्थित ६ दशक पुराने इस एकेडमी में आयोजित प्रतियोगिता में ८ स्कूलों ने भाग लिया |प्रिंसिपल ब्रदर वर्गीज ने प्रतितोगिता का शुभारम्भ किया| इंडियन-वेस्टर्न डांस से सजी प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने इंडिया+रशिया +जापानी+ स्पेन+यूके आदि कई देशों के मन मोहक नृत्य उनके आकर्षक परिधानों में पेश किये । वेस्टर्न डास करने वाले प्रतिभागियों ने अपने नृत्य और हाव-भाव विदेशी नृत्य को मंच पर जीवंत कर दिया, वहीं इंडियन डांस में उन्होंने देश की संस्कृति विरासत को सामने रखा। सोफिया ग‌र्ल्स [कान्वेंट]स्कूल की प्रिंसिपल सिस्टर मैरी भी सभागार में उपस्थित रहीं।