Ad

Category: Social Cause

मुलायम सिंह यादव ने भी बिना बहस कराये खाद्य सुरक्षा अध्यादेश लाये जाने के विरोध में ताल ठोंकी : सरकार से समर्थन वापिसी की धमकी

केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी खाद्य सुरक्षा अध्यादेश के विरोध में अब सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने भी ताल ठोंक दी है|एन सी पी के अध्यक्ष और कृषि मंत्री शरद पवार के बाद अब मुलायम सिंह का विरोध सरकर के लिए जोखिम पैदा कर सकता है|
मुलायम सिंह ने एलानिया कह दिया है कि सरकार इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर बेक डोर से अध्यादेश लाने का प्रयास नहीं करें वरना सपा किसी भी सीमा तक जा सकती है| गौरतलब है कि सपा ने सरकार को बाहर से समर्थन दिया हुआ है| और सपा के विड्रावल से सरकर खतरे में आ सकती है |उत्तर प्रदेश के मंत्री और सपा के प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने अपनी पार्टी का रुख साफ़ करते हुए बताया कि यह महत्वपूर्ण मुद्दा है और १०० करोड़ लोगों से जुडा हुआ है| इसीलिए इसे हडबडी में लाने के बजाये इस पर व्यापक बहस होनी चाहिए मानसून सत्र में इसके व्यवहारिक पक्ष को सामने लाना चाहिए| सपा पार्टी का मानना है कि चुनावों में राजनीतिक लाभ पाने के लिए ही हडबडी में बिल को लाया जा रहा है जिसका भरपूर विरोध किया जाएगा|
इससे पूर्व सी पी आई+एन सी पी +भाजपा+जे डी यू बहस की मांग करती आ रही हैं लेकिन केंद्र सरकार खाद्य सुरक्षा यौजना को गेम चेंजर के रूप में देख रही है और बकौल संसदीय कार्य मंत्री कमल नाथ सरकार भी किसी हद तक जा सकती है|

सुशीला जसवंत राय स्पेशियलिटी अस्पताल में अग्नि शमन के इन्तेजाम नही : भीषण आग लगी

[मेरठ] अस्पतालों में मरीजों के जीवन के साथ किस कदर खिलवाड़ किया जा रहा है वोह आज सुशीला जसवंत राय स्पेशियलिटी अस्पताल में लगी आग से उजागर हो गया|| इस अस्पताल में पहले अनेकों बार स्टाफ +मेनेजमेंट का आपस में फिर मरीजों के साथ झगड़ा तो आम बात है अब सुरक्षा के नाम पर भी केवल खाना पूरी ही की गई है जिसके चलते मरीजों से भरे अस्पताल में आग लग गई| तीसरी मंजिल पर सीओटी [ COT ] में भीषण लगी आग पर फायर कर्मियों ने खिड़कियों के शीशे तोड़कर कड़ी मशक्कत के बाद काबू पाया। अस्पताल कर्मी मरीजों को छोड़कर अपनी ही जान बचाते नजर आए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अस्पताल के इस थियेटर के एसी में शार्ट सर्किट के चलते [बुधवार] सुबह साड़े दस बजे आग लग गई। लपटें देखकर मरीज+ तीमारदार + अस्पताल कर्मियों में अफरातफरी मच गई। लगभग ग्यारह बजे सूचना पाकर दमकल विभाग की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं।
फायर कर्मियों ने आकर स्वयम भर्ती हार्ट सर्जरी के मरीजों को दूसरे कमरों में शिफ्ट कराया। बताया गया है की उस समय अस्पताल में १० से अधिक मरीज भर्ती थे| अग्निशमन सेवा विभाग के अनुसार शहर के इस नामी नर्सिंग होम में भी कोई इंतजाम नहीं है। बनावट भी ऐसी है कि आग लगने पर धुआं बाहर नहीं निकल सकता, जिससे मरीजों का दम घुट सकता है इसीलिए फायर कर्मियों को कमरे का शीशा तोड़ना पड़ा।

अप्रवासन नीति पर सहमती हासिल करने के लिए बराक ओबामा दबाब काम आ रहा है: सीनेट बहस के लिए सहमत

अमेरिका में अप्रवासन नीति पर राष्ट्रपति बराक ओबामा की मेहनत रंग लाने लगी है सीनेट ने इस पर बहस के लिए सहमती प्रदान कर दी है यदि ओबामा की रणनीति से दबाब लगातार बनता रहा तो ११ मिलियन अवैद्ध आप्रवासियों के फायदे वाले इस प्रस्ताव से रिपब्लिकन्स को ४ जुलाई तक बचने का कोई रास्ता नही बचेगा|ओबामा का कहना है कि यदि अब इस बिल को मंजूरी नही दी गई तो समझा जाएगा कि विरोधी देश के टूटे[BROKEN ] अप्रवासन कानून के साथ ही जीना चाहते हैं|
राष्ट्रपति ने आज एक कदम आगे जा कर कहा कि अमेरिका स्वयम में अप्रवासियों का राष्ट्र है| अन्य विभागों या संस्थानों के समान व्हाईट हाउस में भी विश्व भर से आया ऐसा ही स्टाफ है | प्रत्येक स्टाफर की प्रग्रती की कहानी है जो प्रेरणा दायक है| अब इनके द्वारा अपने अप्रवासन काल में की गई प्रग्रती कहानी प्रकाशित कराई जा रही है | इटली+भारत+पाकिस्तान+पोलैंड +अर्जेंटीना+मेक्सिको आदि के मूल निवासी अमेरिका में मात्र १०-२० डालर्स लेकर अमेरिका में आये और यहाँ उन्होंने राष्ट्र की प्रग्रती में महत्वपूर्ण योगदान दिया और अपनी पीढ़ियों के लिए सुनहरा भविष्य बनाया|आज ये सभी सच्चे अमेरिकी हैं| यही कारण है कि टूटी अप्रवासन नीति को फिर से आर्किटेक्ट किया जाना जरुरी है|
अप्रवासन कानून में खामियों के मध्य नजर गैर कानूनीअप्रवासियों की मौजूदगी से देश की अर्थ व्यवस्था के साथ सुरक्षा व्यवस्था पर भी प्रश्न चिन्ह बताया जा रहा हैं| इस सबसे बचाव के लिए सामान्य ज्ञान वाला व्यवहारिक कानून बनाना मौजूदा समय की उचित मांग है| इसी परिपेक्ष्य में ओबामा ने देश के नेताओं और लेबर ग्रुपों को एड्रेस करते हुए ४ जुलाई तक व्यवहारिक अप्रवासन कानून बनाने के लिए आगे आने का अहवाह्न किया है|
बेशक रिपब्लिकन्स ने फिलहाल इस पर बहस के लिए हामी भर दी है लेकिन इसे कानून का दर्जा देने की राह इतनी आसान नही है| अनेको रिप्लिकंस इसे लॉन्ग टर्म के लिए क्रिटिकल मान रहे हैं और इसमें अनेकों संशोधन की मांग कर रहे हैं|

I T U has encouraged journalists to accredit to attend annual global Symposium in Warsaw on 3rd july

It has been Informed by the I .T .U form Geneva . that world’s pre-eminent global ICT regulatory and policy-making community.will gather at the Warsaw Hilton . The opening debate will be on Wednesday 3 July.journalists are encouraged to accredit now to attend this historic Symposium
,Accreditation closes on Friday 28 June.
The copy Of Original Letter Is Produced Below
European Commission VP Neelie Kroes, top speakers from government and industry to open ITU’s Global Symposium for Regulators in Warsaw
ACCREDIT NOW
Geneva, 12 June, 2013 – With only one month to go, journalists are encouraged accredit now to attend ITU’s annual Global Symposium for Regulators (GSR-13), the world’s pre-eminent gathering of the global ICT regulatory and policy-making community.
To be held at the Warsaw Hilton at the invitation of Poland’s Office of Electronic Communications (UKE), the opening debate on Wednesday 3 July, Building the Future Digital Society, features top-name speakers including Poland’s Minister of Administration and Digitization, Michal Boni; European Commission Vice-President, Neelie Kroes; Acting Chairwoman of the FCC, Mignon Clyburn; Director-General of the GSMA, Anne Bouverot; Deputy CEO of Orange, Pierre Louette; and other key industry and government leaders.
The debate will be preceded by a message from Polish President Bronislaw Komorowski and keynote speeches from ITU Secretary-General, Dr Hamadoun Touré, and UKE President and GSR-13 Chair, Magdalena Gaj.
This important international event is open to the media on Wednesday, 3 July from 09:00 – 12 noon, followed by a press conference with leading participants at 12:45. The remainder of the event is open to registered delegates only.
With only three weeks to go until the close of accreditation, journalists are urged to confirm their attendance online as soon as possible. Formal accreditation prior to the event is essential to gain access to the venue. Please note that accreditation will close on

Accreditation is essential for media

and industry analysts to participate onsite. Accreditation closes on Friday 28 June. Accredit here.

गुरुद्वारा रकाब गंज साहब परिसर में १९८४ सिख कत्लेआम यादगार की नीव का पत्थर लगा ही दिया

तमाम रुकावटों को धत्ता बताते हुए आज सुबह पांच सिंह साहबान की सरपरस्ती में एतिहासिक गुरुद्वारा रकाब गंज साहब परिसर में १९८४ सिख कत्लेआम यादगार की नीव का पत्थर लगा दिया गया| राजनीतिक+सामाजिक+ धार्मिक नेताओं ने बड़ी संख्या में सिख इतिहास के इस नए अध्याय की रचना के गवाह बनने का गौरव प्राप्त किया| दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के सौजन्य से आज एतिहासिक गुरुद्वारा रकाब गंज साहब परिसर में १९८४ में हुए जनसंहार के शहीदों की याद में स्मारक की नीव का पत्थर रखा गया |सिख कत्ले आम यादगार का नीव पत्थर ज्ञानी त्रिलोचन सिंह [जत्थे दार तख्त केशगड़साहब]द्वारा अरदास के उपरांत रखा गया|पत्थर का अनावरण ज्ञानी गुरबचन सिंह[जत्थे दार अकाल तख्त साहब]ने किया |इस अवसर पर प्रमुख धार्मिक विद्वान् ज्ञानी बलवंत सिंह [जत्थेदार तख्त श्री दमदमा साहब]+ज्ञानी मल सिंह[ मुख्य ग्रंथी श्री दरबार साहब]ज्ञानी गुरमुख सिंह[श्री अकाल तख्त साहब]बाबा बचन सिंह[कारसेवा वाले]बाबा लखा सिंह [नानक सर वाले]महंत अमृतपाल सिंह[गुरुद्वार टिकाना साहब]+ आदि उपस्थित थे |इस अवसर पर एस ऐ डी [अकाली दल]के अध्यक्ष और पंजाब के उप मुख्य मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि केंद्र और दिल्ली राज्य की सरकारों ने लगातार सिखों को न्याय देने से इंकार किया है|इसीलिए दोषी सज्जन कुमार +जगदीश टायटलर को खुला छोड़ा हुआ है|जब न्याय नही मिला तो पंथ के पास केवल इस मेमोरियल के निर्माण का ही विकल्प बचा है|उन्होंने बताया कि १९८४ के जनसंहार में ४००० निर्दोष सिखों का कत्ल हुआ था| ४००० लोगों की आत्माओं को शांति प्रदान करने और काले अध्याय को जिन्दा रखने के लिए जब इस मेमोरियल को बनाने का निर्णय लिया गया तब दिल्ली सरकर इसगैर कानूनी बता रही है|गुरुद्वारा अध्यक्ष मंजीत सिंह ने कहा कि कौमे वोही जिन्दा रहती हैं जो अपने इतिहास को याद रखती हैं इसीलिए यह मेमोरियल हमें हमारे विरुद्ध अन्याय का याद दिला कर हमें ज़िंदा रखेगा|महा सचिव मनजिंदर सिंह सिरसा ने सपोर्ट के लिए सबको धन्यवाद दिया|

 गुरुद्वारा रकाब गंज साहब परिसर में १९८४ सिख कत्लेआम यादगार की नीव का पत्थर लगा ही दिया

गुरुद्वारा रकाब गंज साहब परिसर में १९८४ सिख कत्लेआम यादगार की नीव का पत्थर लगा ही दिया


इनके अलावा पंजाब के उप मुख्य मंत्री सुखबीर सिंह बादल+अवतार सिंह+ सांसद सुख देव सिंह ढींडसा + हर सिमरन कौर बादल +मंजीत सिंह[दिल्ली कमेटी अध्यक्ष]+मनजिंदर सिंह सिरसा[महासचिव]रविंदर सिंह खुराना+तन्वन्त सिंह+हरमीत सिंह कालका+भाजपा के अध्यक्ष राज नाथ सिंह+ श्री मति सुषमा स्वराज+ सांसद नरेश गुजराल+विजय गोयल+अवतार सिंह हित+ओंकार सिंह थापर+कुलदीप सिंह भोगल+भूपिंदर सिंह आनंद+गुरमिंदर सिंह+जतिंदर सिंह शंठी +जसबीर सिंह जस्सी+कप्तान इन्द्रप्रीत सिंह+अमरजीत सिंह पप्पू+समर दीप सिंह+चमन सिंह+गुरलाड सिंह+ एम् पी एस चड्डा+परम जित सिंह चंडोक+मोंटी+ बलवंत सिंह रामूवालिया+त्रिलोचन सिंह आदि ने भी इस एतिहासिक घटना में हाजरी भरी|
इस अवसर पर गुरुद्वारा परिसर में भाई लखी शाह वंजारा हाल में गुरु अर्जुन देव के शहीदी दिवस पर कीर्तन समागम भी हुआ|इसमें कीर्तनी +ढाडी जत्थों +कवियों ने गुरुवाणी के अमृत की वर्षा करके सबको निहाल किया| अवतार सिंह प्रधान ने कहा कि कौमे वोही ज़िंदा रहती हैं जो अपने इतिहास को याद रखती है|नवम्बर १९८४ में सिखों ने तो अन्याय का संताप झेला है उसकी यादगार का पत्थर रखने पर दिल्ली कमेटी बधाई का पात्र है| ज्ञानी गुर बचन सिंह ने कहा कि १९८४ में जो सिखों कि बर्बादी हुई है उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता|सुख देव सिंह ढींढसा ने सिख कौम के योगदान का वर्णन करते हुए बताया कि सिख कौम कि आबादी केवल २% है लेकिन अन्न भण्डार में ७०% का यौग दान है |सभी युद्धों में आगे बढ कर लहू बहाया है|इसके बाव्जोद पवित्र धार्मिक स्थलों को १९८४ में ढहाया गया है|

नरेन्द्र मोदी ने २०१४ में कांग्रेस से लोहा लेने के लिए लोह पुरुष पटेल के स्टेचू के लिए देश के ५ लाख गावों से लोहा माँगा

भाजपा की प्रचार समिति का सुप्रीमो बनते ही नरेंद्र भाई मोदी ने यूं पी ऐ सरकार से २०१४ के चुनावों में लोहा लेने के लिए देश के ग्रामीणों से लोहा देने का आह्वाहन किया है| यह आह्वाहन देश को भावनात्मक रूप से एकजुट करने के अभियान की ओर एक कदम बताया जा रहा है।
नरेन्द्र मोदी ने

भारत के एकीकरण के भारतीय बिस्मार्क लोह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल

की [सबसे ऊंची] 182 मीटर की प्रतिमा स्थापित कराने का ऐलान किया है। यह अमेरिका की स्टेचू आफ लिबर्टी से भी दोगुनी ऊंची होगी|
सरदार सरोवर बांध की धारा के मध्य स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के नाम से बनने वाली दुनिया की इस सबसे ऊंची प्रतिमा के निर्माण के लिए मोदी ने देश के पांच लाख गांवों के किसानों से खेती में ओजार के रूप में उपयोग किया गया लोहे का एक टुकड़ा भेजने की मार्मिक अपील की है।
आज की यह भावनात्मक अपील अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए शिलाएं एकत्रित करने के अभियान जैसी ही मानी जा रही है | मंदिर निर्माण के लिए भाजपा, संघ व विहिप ने देश भर से ईट मंगाई थी।
गांधी नगर में [मंगलवार को] वन्यजीव व डेयरी विकास पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए गुजरात के मुख्य मंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, कि लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल केवल गुजरात का गौरव नहीं बल्कि देश की एकता के ऐसे स्तंभ थे जिनके प्रयास से देश के पांच सौ से अधिक रजवाड़ों को एक देश के रूप में परिवर्तित किया गया। ऐसे महान नेता की याद में नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध की धारा के बीच 182 मीटर ऊंची प्रतिमा बनाई जा रही है| इस सरकारी सम्मेलन में 20 राज्यों की 200 से अधिक तहसीलों के प्रतिनिधियों के साथ ही भारत में डेनमार्क के राजदूत फ्रेडी स्वेन ने भी शिरकत की।स्थान
,भाजपा को एक बार फिर देश की सत्ता में लाने के लिए मोदी का यह दांव कितना सफल होगा यह कहना मुश्किल है, लेकिन इस अभियान से भाजपा व उसके कार्यकर्ता एकजुट होंगे। साथ ही प्रतिमा निर्माण के लिए लोहा दान कर किसान भी इस एतिहासिक प्रतिमा का हिस्सा बन गौरव महसूस कर सकेंगे।‘

स्टेचू आफ लिबर्टी से दोगुनी ऊंची होगी

स्टैचू ऑफ युनिटी’

लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची यह प्रतिमा नर्मदा नदी के बीचों-बीच स्थापित की जाने वाली यह मूर्ति विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति होने का गौरव हासिल करेगी। इस पर लगभग दो हज़ार करोड़ रुपए का खर्चा आने का अनुमान है।
नदी के बीचों-बीच स्थित इस मूर्ति के पास जाने के लिए जलमार्ग के लिए भी प्रावधान किया जाना है |
उल्लेखनीय है कि 7 अक्टूबर 2010 को सरकार के दस वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति ‘स्टैचू ऑफ युनिटी’ के निर्माण की घोषणा की थीअब सरदार पटेल की जयंती पर 31 अक्तूबर, 2013 को देशव्यापी आंदोलन शुरू किया जाना है जिसमें पूरे देश के पांच लाख से अधिक गांवों से किसानों के किसी भी उपकरण के छोटे लोहे के टुकड़े इकट्ठे किए जाएंगे जिसका इस्तेमाल प्रतिमा बनाने में किया जाएगा।प्रत्येक गावं से लोहे का केवल एक औजार माँगा गया है| लोहा एकत्रित करने के बाद इसे पिघलाया जाएगा और जरूरत के हिसाब से प्रतिमा के निर्माण में इस्तेमाल किया जाएगा
गौरतलब है कि दक्षिण में कन्या कुमारी में समुद्र में स्थित एक चट्टान पर विवेकान्द रॉक मेमोरियल और फिर अयोध्या में राम मदिर निर्माण के लिए ईंटे इकट्ठा की गई थी तब भी राष्ट्र ने भावनात्मक सहयोग दिया था अब नेहरू और गांधी के मुकाबिले लोह पुरुष सरदार पटेल के मेमोरियल के नाम पर मोदी का यह \कदम कहाँ तक देश के किसानों को भाजपा के साथ जोड़ पायेगा वोह तो लोक सभा में चुनावों में ही उजागर हो पायेगा|

उ प्र.में बिजली संकट के लिए सपा ने बसपा के सर ठीकरा फौड़ा

उत्तर प्रदेश में बिजली के दामो को लेकर आये राजनीतिक उबाल के लिए सत्ता रुड समाज वादी पार्टी ने ठीकरा पूर्वर्ती सरकार बहुजन समाज वादी के सर पर फोड़ दिया है और पार्टी प्रवक्ता और राज्य में मंत्री राजेंद्र चौधरी ने २०१४ तक बिजली समस्या के स्थाई समाधान खोज निकालने का आश्वासन भी दिया है|
चौधरी राजेंद्र सिंह का कहना है कि पहली बी एस पी की सरकार ने महंगी दरों पर बिजली खरीदी और भुगतान नही किया जिसके फलस्वरूप २५००० करोड़ का कर्जा विरासत में मिला है|जिसका भुगतान इस सरकार करना पड़ रहा है| इसके अलावा कहीं से भी उत्पादन नही है | अब मजबूरन बिजली खरीदनी पड़ रही है लेकिन पुराना उधर चुकताये बगैर नया उधार नहीं मिलता |
बिजली की समस्या से निबटने के लिए राज्य सरकार ने २०१४ का लक्ष्य तय किया है|जिसके अंतर्गत बिजली खरीद बडाई जायेगी और उत्पादन के लिए नए कारखाने लगाए जायेंगे| उल्लेखनीय है कि उ. प्रदेश में 43% लीकेज को रोक पाने में असमर्थ प्रदेश सरकार ने ४५ % दरें बड़ा दिए हैं जिसे मुद्दा बना कर राजनीतिक दलों ने आन्दोलन छेड़ रखे हैं|भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ लक्ष्मी कान्त वाजपई ने बिजली के बिलों का भुगतान नहीं करने की चेतावनी दी है तो आम आदमी पार्टी[आप] ने २२ जून तक मुख्य मंत्री के निवास की बिजली काटने की धमकी दी है| इसके अलावा रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान के न्रेतत्व में जिलों में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है|

रेड लाईट एरिया में छापे की खबर लीक होने से पुलिस कार्यवाही से पहले ही ताले लटक गए

[मेरठ] पुराने शहर के बदनाम बस्ती जिसे नई भाषा में रेड लाईट एरिया भी कहा जाता है यह अगर समाज की एक पौराणिक बीमारी है तो आधुनिक व्यवस्थापकों के लिए सोने का अंडा देने वाली मुर्गी समान कमाई का जरिया बना हुआ है|यह सत्य आज फिर चरित्रार्थ हुआ|
कबाड़ी बाज़ार में रेड लाईट एरिया में जब पुलिस ने छापा मारने की तैय्यारी की तो उनमे से ही ब्लैक शीपों ने खबर लीक कर दी जिसके फलस्वरूप कोठा संचालिकाएं और सहेलियां गायब हो गई | खुली खिड़कियाँ बंद हो गई |दरवाजों पर ताले लटक गए| गौर तलब है कि इस मार्केट्स में दूसरे प्रदेश और देशों से भी
नाबालिग लड़कियां लाकर उनसे बदनाम पेशा कराने की खबरें आती रहती है|बीते दिनों भी एक ऐसी ही लड़की को जिला अस्पताल में फरयाद करते देखा गया था इसीलिए आज छापे की यौजना थी | जाहिर है ऐसी किसी भी कार्यवाही से पहले पुलिस को अपने ब्लैक शीप पकड़ने के लिए अपने यहाँ ही छापे मारने की जरुरत है|

१०० करोड़ का लक्ष्य प्राप्त करने के पश्चात फिल्म ये जवानी है दीवानी पर मुकदमे बाजी समझ से परे हैं

प्रेम कहानी के प्रसार +प्रचार के बल पर मात्र एक सप्ताह में ही १०० करोड़ रुपयों का कारोबार कर चुकी हिंदी फिल्म

ये जवानीहैदीवानी

में यूं तो कई विवादस्पद डायलाग+सीन+घटनाएँ हैं मगर व्यवसाईक हानि के मध्य नज़र शरबत निर्माता कम्पनी ने दिल्ली उच्च न्यायालय में वाद दायर करके फिल्म के टी वी प्रसारण पर रोक लगवा दी है|
यूनानी फार्मूले पर आधारित शरबत रूह-आफजा कम्पनी द्वारा दाखिल एक वाद पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने कुछ आपत्तिजनक संवादों के कारण इस ‘ फिल्म को टीवी पर रिलीज करने से प्रतिबंधित कर दिया।
माननीय न्यायाधीश मनमोहन सिंह ने सोमवार को आदेश में कहा कि राज कपूर के पौत्र रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण अभिनीत फिल्म के प्रसारण पर यह प्रतिबंध सिनेमाघरों पर लागू नहीं होगा।
फिल्म में हीरो रणबीर का पिता और माता रूह आफजा के शौकीन हैं मगर नई पीडी का हीरो अपनी मां से ये कहता है कि आपका रूह-आफजा अच्छा नहीं है. इस संवाद पर कंपनी ने ऐतराज जताया है| .
न्यायालय ने फिल्म के निर्देशक, निर्माता एवं संवाद लेखक को नोटिस भी जारी किया है और मामले की सुनवाई 16 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी है ।
शरबत निर्माता कंपनी ने दावा किया कि शरबत के उत्पाद नाम को भारत और भारत से बाहर घर-घर में जाना जाता है और फिल्म में यूनानी पद्धति पर बने इस उत्पाद के संबंध में कुछ आपत्तिजनक संवाद हैं।
गौरतलब है कि नई पीडी को एड्रेस करती इस फिल्म में युवाओं कि पसंद साफ्ट के साथ हार्ड ड्रिंक पसंद है लेकिन अपने पिता की मृत्यु के पश्चात जब हीरो अपनी विधवा सौतेली माँ का दिया हुआ रूह आफजा पीता है तो घूँट पी कर हँसते हुए कहता है कि तुम्हारा रूह आफजा अच्छा नही है|यह कहने के बावजूद वह शरबत पी जाता है|इस से रूह आफजा की लोक प्रियता और टेस्ट प्रमाणित होती है| इसके उपरान्त भी कम्पनी का विरोध समझ से परे हैं|
[१] इसके अलावा युवा कलाकार मनाली जाते समय कई बार कहते हैं कि पहाडनों [ GirlsOfHills ] को नही छोड़ेंगे [२]सह्नायक खुले आम क्रिकेट बेटिंग करता है [३]एक वर्ग और छेत्र विशेष कि महिलायें दारू पीती दिखाई गई हैं|[४]पत्रकार को भी जुआ खेलते औरतों से सम्बन्ध स्थापित करते दिखाया गया है|
इसके अलावा भी कई संवाद हैं मगर किसी पर भी आपत्ति नही की गई है|अब

१०० करोड़ का लक्ष्य प्राप्त करने के पश्चात यह मुकदमे बाजी समझ से परे हैं

|

प्रत्येक अमेरिकन को विकास के लिए समान अवसर प्रदान करने होंगे ;बराक ओबामा

राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आज समान वेतन एक्ट [ Equal Pay Act], की एनिवर्सरी पर समान कार्य के लिए समान वेतन भुगतान के प्रति अपनी प्रतिबद्धतता जताई| व्हाइट हाउस से जारी विज्ञप्ति के अनुसार १९६३ में तत्कालीन राष्ट्रपति कैनेडी ने जब समान वेतन के लिए बिल पर हस्ताक्षर किये थे उस समय महिलाओं को पुरुषों से ४१% कम मेहनतनामा मिलता था| इस बिल के ५० साल पूरे होने पर वर्तमान में यह अंतर २३% रह गया है लेकिन इसके बावजूद भी इस दिशा में अभी बहुत कुछ किया जाना है|आज अगर पुरुष की एक डॉलर मिलता है तो महिला को केवल ७७ सेंट्स ही मिलते हैं| अफ्रीकन अमेरिकन या लैटिन लोगों के लिए यह अंतर और ज्यादा है|
ओबामा ने राष्ट्रपति का चार्ज लेते ही सबसे पहले प्राथमिकता के आधार पर लिल्ली लेडबेटर फेयर पे एक्ट [ Lilly Ledbetter Fair Pay Act ] पर हस्ताक्षर किये थे|इसके अलावा व्हाईट हाउस कौंसिल आफ गर्ल्स एंड वीमेन बनाया था | वेतन में भेद भाव करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही के लिए राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल एक़ुएल पे टास्क फ़ोर्स [ National Equal Pay Task Force ]बनाया|इस वर्ष के प्रारम्भ में ओबामा ने कर्मियों में लिंग भेद [ gender gap ]समाप्त किये जाने के लिए प्रेसिडेंशियल मेमोरेंडम भी साईन किया| ओबामा ने आज स्वीकार किया की इस दिशा में अभी भी बहुत कुछ किया जाना शेष है| [१]पे चेक फेयरनेस एक्ट Paycheck Fairness Act, +[२]विज्ञान +गणित+ तकनीकी छेत्र में महिलाओं की भागेदारी बढाने के लिए ट्रेनिग कार्यक्रम बनाने के अलावा प्रत्येक अमेरिकन को प्रग्रती के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए सभी अवसर प्रदान करने के लिए अभी बहुत कुछ किया जाना है|
.,