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Category: Social Cause

पंथ विरोधी कार्यवाही के लिए परमजीत सिंह सरना के विरुद्ध श्री अकाल तख़्त में भी फरयाद

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी[ DSGMC ] के पूर्व अध्यक्ष अवतार सिंह हित और वरिष्ठ अकाली नेता कुलदीप सिंह भोगल[अखिल भारतीय १९८४ दंगा पीड़ित राहत कमिटी] ने सिखों की सर्वोच्च न्यायलय श्री अकाल तख्त साहब के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह से मुलाकात की और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के पूर्व अध्यक्ष परम जीत सिंह सरना के विरुद्ध पंथक नियमों के अंतर्गत कार्यवाही की मांग की है| ज्ञानी जी ने उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया है| ज्ञानी गुरबचन सिंह से मुलाक़ात के पश्चात अमृतसर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए इन्होने बताया के सरना पलायन वादी मानसिकता के अंतर्गत पंथ विरोधी कार्य कर रहे हैं| यहाँ तक की अकाल तख़्त के तलब किये जाने पर भी सरना यहाँ हाजरी भरने नही आये|
सरना ने ही बाला साहब और गुरुद्वारा बँगला साहब [नवम्बर २००९+२०१०+२०११] में १९८४ में मारे गए सिखों की आत्मा की शांति के लिए बुकिंग के पश्चात भी अखंड पाठ नही रखने दिया | मार्च २०१२ में बी एल कपूर को कब्जा देने के समय गोली और आंसू गेस तक चलवाए गए और अखंड पथ को खंडित किया गया|इन सभी आरोपों को संज्ञान में लेकर सरना के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की गई है|इन्होने बताया के श्री अकाल तख़्त के जत्थेदार ने उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया है|

१९८४ के सिख कत्लेआम के पीड़ित परिवारों ने आज परमजीत सिंह सरना के निवास के बाहर प्रदर्शन किया और पुतला फूँका

जस्टिस फार विक्टिम्स की प्रमुख बीबी निरप्रीत कौर ने आज १९८४ के सिख कत्लेआम के पीड़ित परिवारों के साथ दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना के निवास के बाहर धरना +प्रदर्शन किया और सरना का पुतला फूँका|

 १९८४ के सिख कत्लेआम के पीड़ित परिवारों ने आज परमजीत सिंह सरना के निवास के बाहर प्रदर्शन किया और पुतला फूँका

१९८४ के सिख कत्लेआम के पीड़ित परिवारों ने आज परमजीत सिंह सरना के निवास के बाहर प्रदर्शन किया और पुतला फूँका

पंजाबी बाग़ रिंग रोड पर सरना का पुतला फूंकते समय ट्रेफिक जाम की स्थिति रही|इस अवसर पर बीबी निरप्रीत कौर ने कहा कि १९८४ में सिखों ने संताप झेला है इसका न्याय नहीं मिला है २९ साल बाद इसके जख्म आज भी ज़िंदा हैं| उन्होंने बताया कि न्याय तो दूर रहा पीड़ितों की यादगार बनाने के लिए दिल्ली कि सरकार ने जमीन तक देने से इनकार का दिया|इस कारण अब गुरुद्वारा रकाब गंज परिसर में मेमोरियल बनाने का निर्णय लिया गया है तो पूर्व अध्यक्ष सरना अपने राजनीतिक फायदे के लिए ना केवल इसका विरोध कर रहे हैं वरन कांग्रेस सरकार के इशारों पर उच्च नयायालय में गलत हलफ नाम तक डाल रहे हैं| सरना ने कहा है कि १९८४ के दंगों को सिख भूल चुके हैं और सिखों को शहीद का दर्जा नही दिया गया है|
इस पर प्रति प्रश्न उठाते हुए कौर ने पूछा है कि अगर १९८४ के कत्लेआम में मारे गए सिख शहीद नही थे तो क्या सरना के दामाद[पोंटी चड्डा] शहीद हैं जो सारी उम्र शराब का व्यवसाय करते रहे और पारिवारिक संपत्ति के विवाद में मारे गए|

रूहानियत के लिए अहिंसा आवश्यक है

रूहानियत के लिए अहिंसा की आवश्यकता
जो लोग रूहानी रास्ते पर चलते हैं , उन्हें कई कारणों से अहिंसा अपनाने की जरुरत होती है । एक कारण है – कर्मों का विधान । इस विधान के अनुसार हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है । जो भी हम करते हैं , वह हमारे कर्मों के खाते में लिख दिया जाता है । यदि हम किसी को चोट पहुंचाते हैं , तो हमें अवश्य ही उसका भुगतान करना होता है , चाहे ऐसा मौजूदा जिंदगी में हो या फिर अगली में । दूसरे किस्म के जीवों के प्रति हिंसा करना भी प्रभु की सृष्टि में दखल अंदाजी करना है । हम कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि प्रभु हमें रूहानी मंडलों में जाने की अनुमति दे देगा , अगर हम उसकी संतानों से दुर्व्यवहार करेंगे । हम निम्नतर जीवों के प्रति हिंसा करेंगे , उन्हें बेकार का जीव समझेंगे ,प्रभु ने हर जीव को बनाया है । उसके लिए सभी उसके बच्चे हैं । अगर हम अपने बच्चों के लिए प्रेम महसूस करते हैं तो प्रभु कितना अधिक महसूस करता होगा जिसने उन्हें बनाया है । इसलिए हमारे लिए यह आवश्यक है कि हम उन उच्च आदर्शों का पालन करें जिसके लिए प्रभु ने हमें बनाया है ।
प्रस्तुती राकेश खुराना

आई जी आई एयर पोर्ट पर जलभराव ने सर्वश्रेष्ठता के खिताब और एविएशन मंत्री के दावों की पोल खोली

इंदिरा गाँधी अन्तराष्ट्रीय एयर पोर्ट [IGI AIRPORT ] पर रविवार को हुए जलभराव और उससे यात्रियों की परेशानी ने सुव्यवस्था के तमाम दावों को झुठला दिया है| इस एअरपोर्ट को विश्व के दूसरे नंबर के एयर पोर्ट के खिताब से नवाजा गया है इसके अलावा केन्द्रीय सिविल एविएशन मंत्री चौधरी अजित सिंह ड्रीमलाइनर ७८७ को भर कर लन्दन में ले जाकर २०% प्रॉफिट का दावा कर रहे हैं मगर रविवार की वर्षा से हुए भराव ने सभी खिताब और दावों पर प्रश्न चिन्ह लगा दिए हैं|
देश की राजधानी दिल्ली में शेड्यूल से पहले आये झमाझम मानसून ने दिल्ली राज्य में तो रास्ते जाम किये ही मगर अतिआधुनिक इंदिरा गांधी इंटरनॅशनल एयर पोर्ट की दिनों दिन महंगी होती जा रही व्यवस्था की भी पोल खोल दी है| बेशक दिल्ली में ११८ एम् एम् वर्षा का रिकार्ड रहा तो एयर पोर्ट पर दोपहर एक बजे से साड़े पांच बजे तक रिकार्ड की गई वर्षा ५५ एम् एम् से ६३ एम् एम् तक ही रही| इसके फलस्वरूप छेत्र में घुटनों तक जल भराव हो गया| डोमेस्टिक आगमन पर भी लगी बैगेज बेल्ट को बंद कर दिया गया|यात्रियों को[ट३] अपने सामान को निकालने के लिए भी जद्दोजहद करते देखा गया| देर शाम तक यही स्थिति रही|
एयर पोर्ट की व्यवस्था डायल [ DIAL ]नामक कंपनी को दी गई है| २५ से ४० मिलियन यात्रियों की केटेगरी में आई जी आई एयर पोर्ट को साउथ कोरिया के सीओल इञ्चेओन [ SeoulIncheon ] के बाद दूसरा स्थान दिया गया है| इसके साथ ही सभी केटेगरी के १९९ एयर पोर्ट्स में चौथा स्थान दिया गया है|यह ख़िताब एयर पोर्ट कौंसिल इंटरनेशनल [ AirPortCouncilsInternational ]ने दिया है| इसके अलावा पिछले सप्ताह केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री चौधरी अजित सिंह भारी भरकम ड्रीम लाइनर को [फ्री में]भर कर लन्दन में गए और वहां जा कर उन्होंने एनाउंस किया के नेशनल कैरियर २०% लाभ कमाएगी लेकिन ग्राउंड पर हकीकत यह दिखाई दे रही है के यात्रियों को आवश्यक रूप से दी जाने वाली सुविधाओं के प्रति उदासीनता बरती जा रही है|
ऐसा नही है के यह यकायक हो गया मौसम विभाग ने पूर्व में ही मौसम में बदलाव की सूचना जारी कर दी थी|और इससे पूर्व सितम्बर २०११ में भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति का सामना कराना पडा था| ऐसे में छेत्र के लेवल को उठाने या बाहरी निकासी को क्लियर करने के कोई उपाय नहीं ही किये गए|

कहत कबीर सुनो भाई साधो , होनी होके रही

कर्मों के विधान से कोई भी नहीं बच नहीं सका। एक पौराणिक आख्यान के माध्यम से कबीर दास जी हमें समझाते हैं :-
राहु केतु औ भानु चंद्रमा , विधि संयोग परी ।
कहत कबीर सुनो भाई साधो , होनी होके रही ।
कबीर दास जी फरमाते हैं कि जो राहु और केतु हैं उनका ग्रहण भानु और चंद्रमा को लगता है । उसकी कहानी इस प्रकार है – समुद्र मंथन हो रहा था । उसमें से अमृत , शराब और जहर तीनों ही निकले । जो देवता थे उन्होंने सोचा कि हम अमृत पीयें और शराब राक्षसों को पिलायें , विष तो महादेव जी ने पी लिया था । देवताओं ने अमृत पीना शुरू कर दिया तो एक राक्षस जिसका नाम राहु था, उसको मालुम हो गया । उसने अपना भेष बदला और देवताओं की पंक्ति मेंजाकर बैठ गया । उसने अमृत पीया , अमृत अभी मुंह में ही था , गले के नीचे भी नहीं उतरा था कि भगवान विष्णु को पता चल गया , भगवान विष्णु ने तुरंत उसका सिर काट दिया । अब जो सिर कटा हुआ है उसको केतु बोलते हैं और जो नीचे का धड़ है , उसको राहु बोलते है। चंद्रमा और सूर्य ने यह बात भगवान विष्णु को बताई थी । चंद्रमा और सूर्य को कुछ – कुछ समय बाद जो ग्रहण लगता है , राहु और केतु ही उसका निमित्त होते हैं । इस दोहे का कोई सम्बन्ध जे दी यूं और भाजपा के गठबंधन से नही है|
संत कबीर दास जी,
प्रस्तुति राकेश खुराना

परमजीत सिंह सरना को १९८४ सिख कत्लेआम यादगार का विरोध महंगा पड़ने लगा: पीड़ित सरना निवास के बाहर धरना देंगें

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी[DSGMC ] के पूर्व चेयरमैन सरदार परमजीत सिंह सरना को गुरुद्वारा रकाब गंज में बनने वाले १९८४ सिख कत्लेआम यादगार के निर्माण का विरोध महंगा पड़ने लगा है| सिखों की सर्वोच्च न्यायलय श्री अकाल तख्त साहब ने दोष पत्र जारी करके सरना को तलब कर लिया है|इसके अलावा अब सुना जा रहा है कि १९८४ के दंगा पीड़ित सरना के घर का घेराव करने जा रहे हैं|
परमजीत सिंह सरना आज कल गुरुद्वारा श्री रकाब गंज साहब में बनने वाले १९८४ सिख कत्लेआम यादगार के निर्माण का विरोध कर रहे हैं उनके अनुसार गुरुद्वारापरिसरयह निर्माण नहीं होना चाहिए|इसके अलावा उन्होंने कोर्ट में भी हलफनामा देकर इस इन निर्माण को रुकवाने का प्रयास किया है|बताया जा रहा है कि हलफनामे में दी गई दलीलों से दंगा पीड़ितों कि भावनाओं को ठेस पहुंची है| प्राप्त जानकारी के अनुसार इसी का विरोध जताने के लिए सोमवार को दंगा पीड़ितों द्वारा सरना के निवास के बाहर धरना दिया जाएगा| | इससे पूर्व श्री अकाल तख्त साहब ने भी सरना को स्पष्टीकरण के लिए समन किया किया है|
जाहिर है धर्म में इस सियासत से परमजीत सिंह सरना के लिए मुश्किलें बढनी शुरू हो गई हैं|

बराक ओबामा ने अपने साप्ताहिक संबोधन में फादर्स डे की शुभ कामनाएं देते हुए पिता के कर्तव्यों को सर्वश्रेष्ठ बताया

राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने व्हाईट हाउस से साप्ताहिक संबोधन में आज फादर्स डे की शुभ कामनाएं दी और पिता बनने के सुख तथा पिता के कर्तव्यों को सर्वश्रेष्ठ बताते हुए परिवार के मूल्यों को महत्व दिए जाने पर बल दिया|
राष्ट्रपति ने कहा कि आज बेशक हमने तकनीकी छेत्रमें बेशुमार तरक्की कर ली है मगर परिवार सबसे अधिक महत्व पूर्ण है| राष्ट्रपति रहते हुए दो बेटियों के पिता कि जिम्मेदारी निभाने में बेहद आनंद आता है|| प्रेजिडेंट ने अपने अभावों का उल्लेख करते हुए बताया कि उनका स्वयम का बचपन पिता के बगैर ही बीता है उनकी माँ और घर की दो बुजुर्गों ने उनका लालन पालन किया है|इसीलिए उनका प्रयास रहता है कि अपनी दोनों बेटियों को पिता का भरपूर सानिध्य मिले|राष्ट्रपति ने १६ जून [रविवार]को फादर्स डे मनाने की घोषणा की है और अपने परिवार की अनेकों प्रेरणादायक फोटो भी जारी की हैं|

इलाहाबाद बैंक ने २० करोड़ के ऋण वितरित किये

[मेरठ] पचिमी उ.प्र के प्राचीनतम बैंकों में शामिल इलाहाबाद बैंक ने आज मेगा कृषि +एस एम् ई ऋण संवितरण शिविर लगाया |इसमें २० करोड़ के ऋण वितरित किये गए |
मॉल रोड स्थित शाखा में मुख्य अथिति ऐ डी एम् [सिटी] एस सी दूबे+ और अध्यक्षता उप महाप्रबंधक दिनेश कुमार द्वारा की गई|मेरठ और गाजिआबाद के जिलों की २६ शाखाओं से सम्बद्ध ४६७ किसान+स्माल माईक्रो उधमियों को २०.०३ करोड़ के ऋण दिए गए|७.४५ करोड़ कृषि और १०.२९ करोड़ के एस एम् ई छेत्र के साथ २.२९ करोड़ प्राथमिकता छेत्र के अंतर्गत प्रदान किये गए|

गुरु प्रीतम मेरे साथ है कष्टों में , वह स्वयम मुझे छुड़ा लेता है

गुरु प्यारे मेरे नाल है , जित्थे किथे मैनूं लए छुड़ाई ।
अर्थात गुरु प्रीतम मेरे साथ है , जहाँ कहीं भीड़ पड़ती है , वह मुझे छुड़ा लेता है ।
गुरु और शिष्य का रिश्ता बहुत गाढ़ा है जिसकी मिसाल नहीं दी जा सकती , फिर भी महात्माओं ने समझाने का यत्न किया है । माता और बच्चे के प्रेम के उदाहरण से इस रिश्ते को समझने में मदद मिल सकती है । बच्चे को जन्म देकर माता उसकी कितनी संभाल करती है ,बच्चा दुखी हो तो माता को चैन नहीं , उसका दुःख दूर करना का यत्न करती है । सारी – सारी रात जागती है , बच्चा खुश हो तो माता का ह्रदय खिल उठता है । बच्चा मल-मूत्र में सन जाता है , माता को घिन नहीं आती , उसको साफ़ करके ह्रदय से लगा लेती है । बच्चे के लालन-पालन के साथ -साथ वह उसके बौद्धिक विकास में सहायता देती है , बुरे भले का ज्ञान उसे देती है । इसी प्रकार शिष्य जब सतगुरु के घर जन्म लेता है अर्थात दीक्षा या नाम लेता है तो वह परमार्थ में अबोध होता है , गुरु मन और इन्द्रियों को स्थिर करने का साधन शिष्य को देता है अपनी दया – मिहर की दृष्टि से अंतर्मुख नाद या ध्वनि का परिचय और अनुभव उसे देता है । गुरु को हर वक्त शिष्य की भलाई का ध्यान रहता है , वह यत्न करता है कि शिष्य विकार रहित हो , उसके सारे अवगुण धुल जाएं ।
ज्यों जननी सुत जन पालती रखती नदर मंझार ।
त्यों सतगुरु सिख को रखता हरि प्रीत प्यार ।
गुरुवाणी ,
प्रस्तुति राकेश खुराना

फ़ूड सिक्यूरिटी बिल के लिए भाजपा ने संसद के मानसून सत्र को जल्द बुला कर व्यापक बहस की मांग को दोहराया

भाजपा ने आज खाद्य सुरक्षा यौजना पर अपना रुख साफ़ करते हुए इस महत्वपूर्ण बिल पर बहस के लिए संसद के मानसून सत्र को शीघ्र बुलाये जाने की मांग की है| पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमति निर्मला सीतारमण ने प्रेस स्टेटमेंट जारी की है जिसमे फ़ूड सिक्यूरिटी बिल पर बहस और अन्य राजनितिक दलों की राय जानने को आवश्यक बताया गया है|. भाजपा ने समान्य ऑर्डिनेंस की भांति इसे भी पास किये जाने पर आपत्ति दर्ज़ कराई है| इसी बीच वित्त मंत्री ने फ़ूड सिक्यूरिटी बिल को स्तगित किये जाने की सूचना दी है और संसद में बहस के लिए हामी भर दी है| यही लोक तंत्र का तकाजा भी है|