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मोदी ने आकाश टेबलेट की घूस मानव संसाधन विकास मंत्रालय को लौटाई

आकाश को लेकर

मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल और गुजरात के मुख्य मंत्री नरेन्द्र मोदी के जबानी जंग जारी है जिसे देखकर तो यही लगता है कि दिल्ली के आकाश से आकाश २ को गुजरात[पाताल] की जमीन पर उतरने में अभी वक्त लग सकता

बताते चलें कि राईट टू एजुकेशन के बाद टेबलेट वितरण कपिल सिब्बल का ड्रीम प्रोजेक्ट है संभवत इसीलिए मोदी ने गाँधी परिवार के नज़दीक कपिल के ड्रीम पर एटैक किया है|
गांधी परिवार पर लगातार हमले करने वाले गुजरात के मुख्य मंत्री नरेन्द्र मोदी ने अब केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल पर आरोप मंडा है कि सिब्बल उन्हें रिश्वत दे रहे हैं और इस रिश्वतखोरी के खिलाफ वे चुप नहीं बैठेंगे| गौरतलब है कि श्री मोदी ने शिक्षक दिवस के अवसर पर कहा था कि आकाश टैबलेट को लेकर कुछ ज्यादा ही चर्चा चल रही है जबकि यह अभी तक जमीन पर नहीं आ सका है. 11 महीने बीत चुके हैं और मुझे अब पता चला कि आखिर इसका नाम ‘आकाश’ क्यों है?उनके इस बयान के बाद कपिल सिब्बल ने नरेंद्र मोदी को ‘आकाश-2’ के दो उन्नत सैट भेजे थे| पता चला है कि नरेंद्र मोदी ने सिब्बल के इस आकाश को लेने से इंकार कर दिया है|अब नरेंद्र मोदी ने कपिल सिब्बल के इसी ट्रांजेक्शन को लेकर टिप्पणी की है कि कपिल सिब्बल उन्हें रिश्वत दे रहे हैं| मोदी ने कहा कि कपिल सिब्बल जनता के पैसों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. वह उन्हें टेबलेट के तौर पर घूस देना चाहते हैं | छात्र-छात्राओं को आकाश टेबलेट देने का किया गया वायदा अभी तक पूरा नहीं किया गया है| यह छात्रों के साथ धोखा है|

नरेन्द्र विरोधी

आकाश की वापसी के बाद श्री सिब्बल ने श्री मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि इससे मोदी की शिक्षा विरोधी मानसिकता का पता चलता है और मोदी को अपना नाम बदलकर नरेंद्र विरोधी कर लेना चाहिए। ।
टैबलेट के वापस आने पर सिब्बल ने कहा था कि नरेंद्र मोदी को अपना नाम बदलकर नरेंद्र विरोधी रख लेना चाहिए। इससे पता चलता है कि गुजरात के मुख्यमंत्री की मानसिकता कैसी है। आकाश का मतलब है शिक्षा

टेबलेट में खामियां

खबर यह भी आ रही है कि मोदी के गुजरात में न होने के कारण वह इस पार्सल को नहीं ले पाए। गौरतलब है कि आकाश के पहले संस्करण में कई खामियों के कारण उस पर रोक लगा दी गई थी। जिसके कारण बुकिंग होने के बावजूद आकाश बहुत से लोगों को नहीं मिला पाया था। अब उसके दूसरे संस्करण को उन्नत बताया जा रहा है। लेकिन वह भी अभी तक छात्रों के हाथ नहीं आया है।
मानव संसाधन कपिल सिब्बल आकाश को हमेशा से ही अपनी एक कामयाबी के रूप में देखते रहे हैं। कपिल सिब्बल ने मोदी को आकाश गिफ्ट कर यह दिखाने की कोशिश की थी कि आकाश कहीं नहीं गया है वह तैयार है बस बांटने की देरी है। लेकिन मोदी ने इसे घूस करार देकर नई राजनीतिक बहस की शुरूआत कर दी है। वैसे भी गुजरात चुनाव की तारीख की घोषणा हो चुकी है| इसीलिए मोदी केंद्र पर निशाना साधने का कोई भी मौका चूकना नहीं चाहते।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अपने महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट आकाश-2 टैबलेट पर देश के तमाम महत्वपूर्ण नेताओं की फीडबैक लेने की योजना बनाई है। इसके तहत उसने एक ओर जहां सभी कैबिनेट मंत्रियों को आकाश-2 टैबलेट भेजे हैं वहीं अब सभी मुख्यमंत्रियों को टैबलेट भेजने की तैयारी है।आकाश टैबलेट एक छोटा कंप्यूटर है जिसे देश भर में सस्ती दर पर छात्रों को मुहैया कराने की योजना है. मंत्रालय से जुड़े एक अहम सूत्र के मुताबिक, देश के सभी मुख्यमंत्रियों के नाम लेटर तैयार हो चुके हैं। अगले एक-दो दिनों के भीतर मुख्यमंत्रियों के पास आकाश-2 भेजने का काम शुरू हो जाएगा। मंत्रालय कैबिनेट मंत्रियों की ओर से मिले पॉजिटिव फीडबैक से काफी उत्साहित है। उसे उम्मीद है कि अगर मुख्यमंत्रियों के पास यह टैबलेट भेजा जाता है तो कई राज्य अपने यहां इसे बांटने का फैसला कर सकते हैं।गुजरात की नरेंद्र मोदी सरकार ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के भेजे हुए आकाश टैबलेट पीसी लेने से इनकार कर दिया. मंत्रालय अब इसे कूरियर से मोदी के पास भेजने की योजना बना रहा है.
आकाश टैबलेट को नरेंद्र मोदी ने लेने से इंकार कर दिया है. इस टैबलेट पीसी को मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल ने फीडबैक के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा था, लेकिन मोदी के लौटा देने के बाद मानव संसाधन मंत्रालय इसे कूरियर से उन्हें भेजेगा.
मोदी के इस बयान से भन्नाए सिब्बल ने मोदी को दो टैबलेट पीसी भिजवाए थे. टैबलेट के साथ ही भेजे गए पत्र में सिब्बल ने मोदी से कहा, आपके बयान ने मुझे निराश किया है, शिक्षा को राजनीति से दूर रखने की जरूरत है, देश के हित में हमें एक साथ मिलकर काम करने की जरूरत है.
सिब्बल की इस नसीहत पर मोदी ने ट्वीट किया कि सस्ते हथकंडों के बजाए सिब्बल देश के छात्रों को वर्ष 2011 में आकाश टैबलेट मुहैया कराने के अपने वादे के बारे में बताएं.

मोदी तो पाताल में रहते हैं

श्री सिब्बल का कहना है कि उन्होंने इस तरह का कोई वादा नहीं किया.अब सिब्बल के भिजवाए हुए टैबलेट को मोदी ने लेने से इंकार कर दिया है तो सिब्बल का कहना है कि मोदी तो पाताल में रहते हैं.
आकाश को लेकर सिब्बल और मोदी के बीच जारी इस जंग को देखकर तो यही लगता है कि आकाश को गुजरात की जमीन पर उतरने में अभी वक्त लग सकता है.

एल के अडवाणी के ब्लॉग से :बुढापे की सीमा नहीं होती

यूं पी ऐ के सर्वोच्च नेता लाल कृष्ण अडवानी ने अपने ब्लॉग में आयु संबंधी एक पुराना संस्मरण लिख कर खुद को पी एम् की रेस में एक्टिव साबित किया|

प्रस्तुत है उनके ब्लॉग से उद्दत उनका एक लेख
सन् 1927 में कराची (सिंध) में जन्म लेने के कारण जीवन के आरम्भिक बीस वर्ष ब्रिटिश शासन में गुजरे। अनेकों को यह जानकर आश्चर्य होगा कि मैंने हिन्दी पढ़ना और लिखना 1947 में तब सीखा जब भारत स्वतंत्र हुआ और साथ-साथ विभाजन की त्रासदी झेलनी पड़ी।
उस वर्ष तक मैं सिर्फ दो भाषाओं को जानता था – मेरी मातृभाषा सिंधी और अंग्रेजी, जिसके माध्यम से मेरी शिक्षा हुई।
मैंने रामायण और महाभारत सबसे पहले सिंधी में पढ़ी, और बाद में सी. राजगोपालाचारी द्वारा लिखित अंग्रेजी संस्करण तथा उसके बाद में गीता प्रेस, गोरखपुर द्वारा अंग्रेजी में प्रकाशित विस्तृत संस्करण। विभाजन के पश्चात् मैं कराची से राजस्थान पहुंचा, जहां मैंने देवनागरी पढ़ना और लिखना सीखा। आयु के बीसवें वर्ष की शुरूआत में जिन दो लेखकों की हिन्दी पुस्तकें मैंने पढ़ी उनमें डा0 कन्हैयालाल मुंशी (गुजराती से अनुदित) और महात्मा गांधी के निकट सहयोगी आचार्य विनोबा भावे की थीं।
गत् सप्ताह मुझे बंगलौर में एक महान साहित्यिक विभूति डा0 जी. वेंकटसुब्बैया, जो इस वर्ष शतायु हुए हैं के अभिनन्दन समारोह में भाग लेने का अवसर मिला। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री जगदीश शेट्टर ने की। इस कार्यक्रम में मुझे विनोबा भावे द्वारा लिखित निबन्ध को स्मरण करने का मौका मिला जिसका शीर्षक था ”किस आयु में व्यक्ति बूढ़ा होता है?”।
विनोबाजी ने अपने निबन्ध की शुरूआत इस संस्मरण से की कि उन्होंने कुरान, मराठी और अंग्रेजी में पढ़ी है, परन्तु वह मूल पाठ को अरबी भाषा में पढ़ने को उत्सुक हैं। इसलिए उन्होंने अरबी सीखनी शुरू की। एक मिलनेवाले ने टिप्पणी की कि ”अरबी सीख रहे हो? और वो भी इस उम्र में?” विनोबाजी ने जवाब दिया: ”मेरी उम्र से क्या दिक्कत है? मैं सिर्फ 65 का हूं।”
वह अपना निबन्ध पूरा करने गए जिसकी मुख्य कथा यह थी कि एक व्यक्ति तब बूढ़ा हाने लगता है जब वह मान ले कि जीवन के इस मुकाम पर वह कुछ भी नया सीख नहीं सकता।
अभिनन्दन समारोह में मैंने टिप्पणी की कि ”जी.वी. जिस नाम से उनके असंख्य प्रशंसक जानते हैं, ने न केवल शानदार शतक लगाया अपितु इसमें छक्के और चौके भी शामिल हैं। उनको सम्बोधित ‘शब्द ब्रह्मा‘ विभूषण के वे पूर्णतया पात्र हैं। और आचार्य विनोबा द्वारा बताई गई कसौटी पर, मैं यह कहना चाहूंगा कि जो नब्बे के अंत तक पुस्तकें लिखते रहे हैं, को सदाबहार युवा मानना चाहिए। जीवी कभी भी वृध्द नहीं होंगे!

एल के आडवाणी के ब्लॉग से:न्यायपालिका की स्वतन्त्रता पर सात खतरे

एन डी ऐ के सर्वोच्च नेता एल के अडवाणी ने अपने ब्लॉग में न्यायपालिका और उसकी स्वतन्त्रता पर मंडरा रहे सात खतरों के प्रति आगाह किया है|
प्रस्तुत है उनके ब्लॉग के एक लेख के अंत में दिया गया टेलपीस (पश्च्यलेख)
सर्वोच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रूमा पाल ने नवम्बर, 2011 में पांचवें वी.एम. ताराकुण्डे स्मृति व्याख्यान में ‘एक स्वतंत्र न्यायपालिका‘ विषय पर बोलते हुए कहा था कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता और न्यायिक व्यवस्था अंतत: न्यायाधीशों की निजी ईमानदारी पर निर्भर करती है। उन्होंने न्यायपालिका और इसकी स्वतंत्रता पर खतरे के ‘सात पाप‘ गिनाए।
”पहला पाप, एक सहयोगी के अविवेकपूर्ण आचरण के प्रति ‘आखें मूंद लेना‘ और मामले को दबाना। उन्होंने कहा विरोधाभास है कि ये (लोग) न्यायपालिका की स्वतंत्रता को आलोचकों के विरूध्द अवमानना की कार्रवाई करने में उग्र रहते हैं जबकि इसी को अपनी ढाल के रूप में उपयोग करते हैं, वह भी अनेकविध पापों को, जिनमें से कुछ धन के लाभ से जुड़े होते हैं और कुछ इतने ज्यादा नहीं।
दूसरा पाप है पाखण्ड। तीसरा है गुप्तता। उदाहरण के लिए, जिस प्रक्रिया से उच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त किए जाते हैं या सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत किए जाते हैं – ‘को देश में सर्वाधिक गुप्त रखा जाता है।‘
चौथा पाप है दूसरे के शब्दों की चोरी और उबाऊ शब्द बहुलता।अहंकार पांचवां पाप है। न्यायाधीश अक्सर स्वतंत्रता को न्यायिक और प्रशासनिक अनुशासनहीनता के रूप में परिभाषित कर लेते हैंबौध्दिक बेईमानी छठा पाप है।सातवां और अंतिम पाप भाई-भतीजावाद है।

एल के आडवाणी के ब्लॉग से:न्यायपालिका की स्वतन्त्रता पर सात खतरे

गुरु कृपा से परमात्मा भी सच्चा मित्र बन जाता है

विधान खूही मुंध इकेली|
ना को साथी ना को बेली |
करि किरपा प्रभि साध संग मेली |
जा फिरि देखा तो मेरा अलहु बेली ||
बाबा शैख़ फरीद
भाव : यहाँ बाबा फरीद समझा रहे हैं कि इस संसार में हमारी हालत कुँए में गिरी
हुई स्त्री के समान है जो वहां एकदम अकेली है , उसका कोई मित्र नहीं , कोई
सहायक नहीं | इसी प्रकार इस माया की दुनिया में प्रभु के सिवाय हमारा कोई
सहायक या मित्र नहीं है | परन्तु जब हम पर प्रभु की कृपा हो जाती है , हम
किसी गुरु की शरण में पहुँच जाते हैं और वह हमें अपना लेता है तो वह शुरू
से ही हमें यह अनुभव करा देता है कि अल्लाह या परमात्मा ही हमारा सच्चा
मित्र है |
प्रस्तुति राकेश खुराना

गुरु कृपा से परमात्मा भी सच्चा मित्र बन जाता है

ये इश्क इश्क है इश्क

नज़रें मिली तो नज़र से गया,दिल मिला तो दिल से गया,
झल्ले ये क्या झल्ल्यत है खुद से मिला और खुदी से गया
हमने कब कहा था हम खुदाई के तलबगार हैं ,सामने आ गए तो निहारने में बुरी क्या है|
खुदाई हुस्न हर किसी को नसीब नहीं होता ,आँख में भर लेने में फिर जग हसाई क्यूं है
खूबसूरत तिलस्म को तोड़ना जरुरी है जमोस इसीलिए नज़रें मिलाते रेहना बेहद जरुरी है

खुद से मिला और खुदी से गया

किंगफिशर एयरलाईन्स कर्मी की पत्नी ने आत्म हत्या की:कंपनी सचिव ने इस्तीफा दिया

किंगफिशर एयरलाइंस के एक कर्मचारी की पत्‍‌नी ने आज गुरुवार को आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट के अनुसार पिछले पांच महीने से पति को वेतन न मिलने से वह डिप्रेशन में थी। यह घटना दिल्ली के पालम गांव की है।किंगफिशर एयरलाइंस में ग्राउंड स्टाफर मानस चक्रवर्ती की पत्नी श्रीमति सुष्मिता चक्रवर्ती ने दिल्ली में आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि सुष्मिता चक्रवर्ती ने बँगला भाषा में सूइसाइट नोट में लिखा है कि आर्थिक तंगी की वजह से वह खुदकुशी का रास्ता चुन रही हैं। उनके पति मानस को पिछले पांच महीने से सैलरी नहीं मिली है | उसे हमेशा इस बात का डर सताता रहता था कि कहीं कंपनी खराब हालत के कारण बंद न हो जाए| इस आत्म हत्या के बाद अब लगने लगा है कि विजय माल्‍या की कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़ा संकट धीरे-धीरे और ज्‍यादा भयावह रूप लेता जा रहा है|
आत्‍महत्‍या की यह दुखद घटना राजधानी दिल्‍ली के द्वारका में हुई.
गौरतलब है कि कंपनी के ज्‍यादातर कर्मचारी पिछले सात माह से वेतन न मिलने की शिकायत कर रहे हैं| कर्मचारियों का एक समूह बकाया वेतन के भुगतान के मसले को लेकर इन दिनों हड़ताल पर भी है| हड़ताल के कारण किंगफिशर एयरलाइंस में आंशिक ताला बंदी चल रही है| प्रबंधन व हड़ताली कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच बातचीत बेनतीजा रहने की वजह से ऐसा करना पड़ा है। इन बातों को देखते हुए हड़ताल के और लंबा खिंचने के आसार हैं।
डीजीसीए और केंद्र सरकार ने सुरक्षा के पहलू को नजरअंदाज किए जाने पर किंगफिशर एयरलाइंस प्रबंधन को चेतावनी दी है. एयरलाइंस को कर्मचारियों को वेतन का भुगतान करने के भी निर्देश गए हैं. इतना होने के बावजूद कंपनी वेतन देने की बजाए कर्मचारियों को सिर्फ आश्‍वासन ही देती रही है|आज भी सात माह के वेतन के स्थान पर केवल एक माह का वेतन ही आफर किया गया | बहरहाल, आत्म हत्या की ताजा घटना कंपनी के लिए एक और गंभीर चेतावनी की तरह है|कंपनी का प्रबंधन आज भी ऍफ़ डी आई और बैंकों के भरोसे बैठा है|बैंकों का भरोसा कम्पनी खो चुकी है और विदेशी निवेशकों के लिए यह स्थिति कोई उत्साह जनक नहीं होगी|

किंगफिशर एयरलाईन्स कर्मी की पत्नी ने आत्म हत्या की:कंपनी सचिव ने इस्तीफा दिया


इस घटना के बाद किंगफिशर एयरलाइंस के सचिव भरत राघवन ने इस्तीफा दे दिया है।
एक तरफ तो सरकार उड्डयन छेत्र में ऍफ़ डी आई के जरिये विदेशी धन लाने को प्रयास रत है वहीं डी जी सी ऐ और कम्पनी प्रबंधन के निराशाजनक प्रदर्शन से अब इस छेत्र में भी आत्म हत्याएं होने लगी हैं|यह चिंता का विषय होना चाहिए

ऍफ़ डी आई के लिए पेंशन ,बीमा और कम्पनी बिलों को केबिनेट की हरी झंडी:ममता संसद में विरोध करेंगी

केबिनेट ने आज गुरूवार को दूसरे दौर के आर्थिक सुधारों को मंजूरी दे दी | आलोचनाओं+ विरोध और विद्रोहों से बेपरवाह प्रधान मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की अगुवाई में यूपीए सरकार की आर्थिक सुधार की रेल बेधड़क दौड़ रही है। गुरुवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में खुदरा कारोबार में विदेश निवेश को मंजूरी और डीजल के दाम बढ़ाने और एलपीजी पर दी जा रही सब्सिडी को सीमित करने के करीब 20 दिनों बाद दूसरे दौर के आर्थिक सुधारों को मंजूरी दे दी गई। आज पेंशन में एफडीआई को हरी झंडी दिखा दी गई और बीमा क्षेत्र में एफडीआई के दायरे को बढ़ाने जैसे अहम फैसले ले लिए गए हैं अब इंश्योरेंस, पेंशन और कंपनी बिल को संसद से मंजूरी दिलानी होगी।
प्रधानमंत्री डाक्टर मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में पेंशन कोष नियमन व विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) बिल पर विचार करते हुए पेंशन क्षेत्र में 26 % के बजाय ४९% एफडीआई की अनुमति दे दी गई। इसी तरह बीमा कानून संशोधन विधेयक में बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा को बढ़ाकर 49 % करने का निर्णय लिया गया। इससे पहले यूपीए सरकार ने 14 सितंबर को मल्टी ब्रांड रिटेल में 51 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी दी थी। साथी ही नागरिक उड्डयन क्षेत्र में एफडीआई नियमों में और ढील देने का फैसला किया था। प्रसारण क्षेत्र में भी एफडीआई को उदार बनाया जा चुका है| दूसरे दौर के फैसले से पहले ही मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी+ तृणमूल कांग्रेस+ समाजवादी पार्टी+बहुजन समाज पार्टी+ बीजू जनता दल +डी एम् के और लेफ्ट बीमा और पेंशन में एफडीआई को मंजूरी का विरोध कर रहे हैं इसके उपरान्त भी पेंशन और बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी दे दी गई है । आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति की बैठक आज देर शाम हुई, जिसके बाद इन फैसलों की घोषणा की गई।
इन फैसलों के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हम संसद में इन फैसलों का विरोध करेंगे।

ऍफ़ डी आई के लिए पेंशन ,बीमा और कम्पनी बिलों को केबिनेट की हरी झंडी:ममता संसद में विरोध करेंगी

टेबलेट +लेप टाप+ मोबाईल और टी वी के इस दौर में आयोजित बुक फेयर में छात्राओं ने अनेक पुस्तकों में रूचि दिखाई

एनी बेसंट स्कूल में अज पुस्तक मेला लगाया गया | टेबलेट +लेप टाप+ मोबाईल और टी वी के इस दौर

टेबलेट +लेप टाप+ मोबाईल और टी वी के इस दौर में आयोजित बुक फेयर में छात्राओं ने अनेक पुस्तकों में रूचि दिखाई

में आयोजित बुक फेयर में छात्राओं ने अनेक पुस्तकों में रूचि दिखाई

रिटायर्ड प्रिंसिपल के मकान से भी चोरी

शास्त्री नगर के डी ब्लाक में सेवानिवृत प्रधानाचार्य डी पी एस सिरोही के बंद पड़े मकान से लाखों रुपयों के जेवर+कैश+समान चोरी कर लिया गया|परिवार कुछ समय के लिए अपनी रिश्तेदारी में मेरठ से बाहर गया था |लौटने पर मकान की स्थिति का पता चला |श्री सिरोही लखनऊ पालीटेक्निक से रिटायर हुए हैं|

मेरठ के वकीलों ने कचहरी परिसर बंद कराया|

मेरठ के वकीलों ने कचहरी परिसर बंद कराया|

जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव त्यागी,के अनुसार बागपत और नोयडा में कोर्ट का समय संशोधित कर दिया गया है \ मेरठ में भी दस बजे से सात बजे तक का समय में संशोधन किया जाना चाहिए | गौरतलब है की कोर्ट के समय को बड़ा कर सुबह दस बजे से शाम सात बजे कर दिया गया है|