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राम जेठमलानी की चुनौती के उत्तर में भाजपा ने उन्हें पार्टी से सस्पेंड करके दो और बागियों पर दबाब बनाया

भारतीय जनता पार्टी ने अपने सांसद और वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी को पार्टी से सस्पेंड कर दिया है।जेठमलानी पर कांग्रेस को फायदा पहुंचाने वाले ब्यान जारी करने के आरोप हैं| राम जेठमलानी ने पहले पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी पर लगे करप्शन के आरोपों के चलते उनसे इस्तीफा मांगा तो बाद में सीबीआई चीफ रंजीत सिन्हा की नियुक्ति को लेकर सुषमा स्वराज और अरुण जेटली के पीएम को लिखे पत्र को गलत ठहराया।

राम जेठमलानी की चुनौती के उत्तर में भाजपा ने उन्हें पार्टी से सस्पेंड करके दो और बागियों पर दबाब बनाया


आज सुबह ही राम जेठमलानी ने कहा था कि मैं पार्टी के लिए नहीं बोल सकता। मैं बहुत छोटा आदमी हूं। लेकिन मुझे लगता है कि मेरे साथ कई और लोग हैं पर वो बोल नहीं पा रहे हैं। अगर मेरे ऊपर कोई कार्रवाई करता है तो मैं उसके लिए तैयार हूं। लेकिन ऐसा कोई नहीं है जो मुझपर कार्रवाई कर सके। पार्टी ने जेठमलानी की इसी चुनौती को स्वीकार करते हुए शाम को उनपर कार्रवाई का ऐलान कर दिया।पार्टी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन के अनुसार जेठमलानी ने पार्टी के दोनों नेताओं ( श्रीमती सुषमा स्वराज और अरुण जेटली) का विरोध किया था और कांग्रेस को मदद पहुंचाई थी। पार्टी इसे अनुशासनहीनता की तरह देखती है। ये दोनों संसद के दोनों सदनों में एन डी ऐ का न्रेतत्व करते हैं||
श्री हुसैन ने कहा कि आज फिर प्रेस के माध्यम से जेठमलानी ने चुनौती दी कि उनपर कोई कार्रवाई नहीं हो सकती। पार्टी संविधान से चलती है। जेठमलानी ने अपने बयानों से पार्टी का अहित किया है। पार्टी अध्यक्ष ने बयान और चुनौती को सख्ती से संज्ञान लिया है और राम जेठमलानी को पार्टी से निलंबित कर दिया गया है।
हुसैन ने कहा कि जेठमलानी का मामला आगे संसदीय बोर्ड को रेफर किया गया है। सोमवार की शाम 4.30 बजे बोर्ड की बैठक होगी और आगे की प्रक्रिया की जाएगी। बीजेपी के इस रुख से साफ है कि पार्टी राम जेठमलानी को और बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है और कल शाम को उन्हें पूरी तरह से पार्टी से बाहर किया जा सकता है।
राम जेठमलानी के सस्पेंशन से उनके सहयोगी शत्रुघन सिन्हा और यशवंत सिन्हा पर इनडायरेक्ट दबाब डालने का यह प्रयास माना जा रहा है|
उधर अरुण जेटली ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सी बी आई में संस्थागत सुधार के लिए प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी गई थी. पार्टी चाह रही थी कि सिलेक्‍ट कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर डायरेक्‍टर की नियुक्ति हो. उन्‍होंने राम जेठमलानी की ओर इशारा करते हुए कहा कि कुछ लोगों ने उनकी भावनाओं को गलत समझ लिया.
दरअसल, सरकार ने सीबीआई निदेशक के तौर पर रंजीत सिन्हा की नियुक्ति की है. जेठमलानी ने अब सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति का विरोध करने के पार्टी के फैसले पर सवाल उठाए हैं.
गौरतलब है कि राम जेठमलानी के मुताबिक, ‘सीबीआई डायरेक्‍टर के रूप में रंजीत सिन्‍हा की नियुक्ति कर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक अच्‍छा काम किया है.’ पहले तो जेठमलानी ने सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति के मामले में प्रधानमंत्री की तारीफ की और फिर पार्टी का ही विरोध कर दिया.’

Comments

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