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उत्तर प्रदेश ने १३ महिला सांसदों को २००९ में १५वी लोक सभा में भेजा था

बेशक १५ वी लोक सभा में महिलाओं के आरक्षण को कानून नहीं बनाया जा सका लेकिन यह भी सत्य है कि इसी लोक सभा के लिए २००९ में हुए चुनावों में राष्ट्रीय दलों ने १३४ महिलाओं को टिकट दिए थे२००९ के जनरल इलेक्शनों में
५५६ महिलाओं ने अपना भाग्य आजमाया था इनमे से
१३४ महिलाओं को राष्ट्रीय पार्टियों ने चुनाव लड़वाया था
राज्य स्तरीय दलों ने भी 27 महिला उम्मीदवारों पर भरोसा जताया था .
पंजीकृत दलों ने 188 महिलाओं को सत्ता में भागेदारी देने का प्रयास किया और २०७ महिला उम्मीद वार निर्दलीय थे
भारतीय जनता पार्टी BJP के 44 महिला उम्मीदवारों में से १३ उम्मीदवार जीतीं
भारतीय नेशनल कांग्रेस INC 43 महिला उम्मीदवारों में से २३ महिला केंडीडेट्स संसद में पहुंची
माया वती की बी एस पी[ Bahujan Samaj Party (BSP) ] ने २८ महिलाओं को टिकट्स दिए
जिनमे से केवल चार महिलायें ही संसद में पहुंची |
तीसरे मोर्चे के माध्यम से बदलाव का नारा बुलंद करने वाली
वाम पंथी पार्टियों की १० महिला उम्मीदवारों में से केवल एक उम्मीदवार ही जीत दर्ज करा पाई थी
महाराष्ट्र के शरद पवार की एन सी पी अपने ७ केंडीडेट्स में से केवल २ उम्मीदवारों को ही जितवा पाई |
महिलाओं को टिकट देने में उत्तर प्रदेश अगर्णी रहा यहाँ की ८० सीटों के लिए कुल १०० महिला उम्मीदवार मैदान में आईं और १३ ने जीत दर्ज कराई महाराष्ट्र में ४८ सीटों के लिए ५५ महिलाओं ने मुकाबिला किया और 3 जीतीं जबकि बिहार की ४० सीटों पर ४६ महिलाओं ने बिगुल बजाया और ४ ने सफलता पाई
Courtesy .PIB