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कबीर की पंचमेल वाणी के अनुसार “काशी” में सिंहासन तो एक को ही मिलेगा,शेष तो जात जंजीर से बंधे रह जायेंगे

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये भाजपाइयों ने राजनीती को क्या मजाक बना कर रख छोड़ा है?देख तो नरेंद्र मोदी को अन्य पिछड़ी जाति का घोषित करने के लिए भजपाइयों ने मोदी की “मोढ़ घांची” जाति को ही OBCओबीसी की सूची में डाल दिया और अब हसाडे सोणे राहुल गांधी की “गांधी” जाति पर सवाल उठा रहे हैं

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाण जी ये काशी की लड़ाई है यहाँ ज्ञानी और अज्ञानी में वाद विवाद की पुरानी परम्परा है|लेकिन कबीर की पंचमेल खिचड़ी के स्वादानुसार वैध मुआ+ रोगी मुआ+ मुआ सकल संसार।एक कबीरा न मुआ जेहि के राम आधार |
संत कबीर दास जी ने कहा था “जात ना पूछो साध की पूछ लीजिये ज्ञान मोल करो तलवार का पड़ी रहन दो म्यान”
यह शायद इसीलिए कहा गया क्योंकि जम[यम] जब घर[मृत्यु] ले जायेंगे तो शरीर रुपी माया म्यान धरी रह जाएगी |नहीं समझे अरे भापा जी जय माई दुर्गे कई आये कई तुर गए|कबीर वाणी के अनुसार राजा+रंक+फ़क़ीर सभी तुर जायेंगे,सिंहासन तो एक को ही मिलेगा, शेष तो जात जंजीर से बंधे रह जायेंगे