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लोकनायक को विज्ञापनों से श्रद्धांजलि दी जा सकती है तो”सपाई”गावों के विकास के लिए मेहनत क्यूँ करें

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

भाजपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया देखा हसाडे सोणे पी एम नरेंद्र भाई दामोदर दास मोदी की सूझ बूझ| ओये सेवा और राष्‍ट्र निर्माण के लिए जीवन समर्पित करने वाले लोक नायक जय प्रकाश नारायण और कौशल और प्रयासों से समाज की सेवा करने वाले नानाजी देशमुख को सच्ची श्रद्धांजलि देते हुए मोदी जी ने महत्वकांक्षी सांसद ग्राम विकास योजना को लांच कर दिया |ओये अगर सब कुछ ठीक रहा तो २०१९ तक ढाई हजार गावं शहरों की तरह विकसित हो जायेंगे | सपा के माननीय मुलायम सिंह यादव+आर जे डी के लालू प्रसाद यादव+जे डी [यूं] के नितीश कुमार आदि खुद को जय प्रकाश नारायण जी का अनुयाई बताने में कोई जुबानी कसर नहीं छोड़ रहे लेकिन जे पी के नक़्शे कदमों पर चल कर इन्होने एक भी जय प्रकाश गावं नहीं बनाया |बस जुबानी बयान बाजी ही करते फिरते हैं

झल्ला

ओ मेरे सेठ जी लोकनायक के नाम पर विज्ञापनों से जब सपाइयों का काम चलता हो तो विकास के लिए मेहनत की जरुरत ही क्या है ?इन कथित समाजवादियों को इल्म है कि मुट्ठी भर सांसदों के बल पर केंद्र में सरकार को नचा सकते हैं और राज्य में धार्मिक +जाति गत दंगे करवा कर आसानी से सत्ता कब्ज़ा सकते हैं|अख़बारों में सरकारी विज्ञापन छपवा कर छवि को कम से कम चुनावों तक तो बचा ही सकते हैं|ऐसे में अपराध का ग्राफ रोकने +विकास के लिए कर के खाने की जरुरत ही क्या है?