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कुविचार और दुष्कर्म जितने भी लुभावने लगें , उन्हें त्याग देना ही हितकर होता है

रहिमन रहिला की भली ,जो परसै चित लाय ।
परसत मन मैलो करे , सो मैदा जरि जाय ।
अर्थ : कवि रहीम कहते हैं कि बेसन का आटा हितकर है, जिसको प्रेमपूर्वक शरीर पर मला जाता है , परन्तु मलने पर जो तन-मन को मैला कर दे , उस मैदा का नष्ट हो जाना ही बेहतर है।

Rakesh khurana On Sant Rahim Das

भाव: जिन सद्विचारों और कर्मों से तन_मन शुद्ध और पवित्र हो उन्हें ही ग्रहण करना हितकर होता है। किन्तु जिन कुविचारों और कर्मों से तन-मन मैला हो , वे देखने में चाहे कितने ही अच्छे लगें , उन्हें त्याग देना ही हितकर होता है।
संत रहीम दास जी
प्रस्तुति राकेश खुराना