सतगुरु मुकर दिखाया घट का नाचूंगी दे – दे चुटकी ।
मेरा सुहाग अब मोकूं दरसा और न जाने घट – घट की ।
मीरा कहती है सतगुरु के अलावा घट की बात जानने वाला परमात्मा है । इससे सिद्ध होता है कि सतगुरु परमात्मा का ही अभिन्न स्वरूप है । सतगुरु उस अगम , निराकार , अगोचर का देहधारी स्वरूप है ।
संत मीराबाई
प्रस्तुति राकेश खुराना