Ad

सारे संसार के पालनहार के पावन चरणों में नमस्कार स्वीकार हो

करता हूँ मैं वंदना , नत शिर बारम्बार ।
तुझे देव परमात्मन , मंगल शिव शुभकार ।
अंजलि पर मस्तक किये , विनय भक्ति के साथ ।
नमस्कार मेरा तुझे , होवे जग के नाथ ।

Amrit vani

भावार्थ : भक्तजन परमात्मा के दरबार में जाकर कहते हैं , हे मंगलमय , कल्याणकारी तथा सदा हमारा शुभ करने वाले परमात्मा आपको हम सिर झुकाकर बार – बार प्रणाम करते हैं ।हमें ऐसा वरदान दो कि आपके चरणों की वंदना , स्तुति में हम सदा लगे रहें जिससे हमारा मंगल हो और हमें सौभाग्य एवं शांति मिले । दोनों जुड़े हुए हाथों के साथ माथा झुकाकर ,दोनों घुटनों को टेककर नम्रता , प्रेम एवं भक्तिपूर्वक भाव से , हे सारे विश्व के स्वामी , सारे संसार के पालनहार , रक्षक “राम” आपके पावन चरणों में हमारा नमस्कार स्वीकार हो ।
श्री स्वामी सत्यानन्द जी महाराज द्वारा रचित अमृत वाणी का एक अंश
प्रस्तुति राकेश खुराना