मीरा मन मानी सुरत सैल असमानी ।
जब जब सुरत लगे वा घर की , पल पल नैनन पानी ।
संत मीराबाई जी की वाणी
प्रस्तुति राकेश खुराना
मीरा मन मानी सुरत सैल असमानी ।
जब जब सुरत लगे वा घर की , पल पल नैनन पानी ।
जिन्नी नाम ध्याइया गए मुसक्कत घाल ।
नानक से मुख उझले केती छुट्टी नाल ।
वाट हमारी खरी उडीणी।
खंनिअहु तीखी बहुतु पिईणी।
उसु ऊपरि है मारगु मेरा ।
शेख़ फ़रीदा पंथु सम्हारि सवेरा ।
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