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Tag: डी जी सी ऐ किंग फिशर पर सख्त हुई

किंग फिशर एयर लाइंस के मिसमैनेजमेंट पर मोहर लगी और शीतकालीन उड़ाने हुई रद्द

सफल शराब उद्योगपति विजयमाल्या एयर लाइंस के व्यवसाय में पूर्णतय असफल साबित हो रहे हैं| किंग फिशर एयर लाईन्स के लगातार घाटे के दल दल में फंसते जाने के बावजूद भी आज तक ना तो कर्मिओं की हड़ताल ही खुलवा पाए और नाही कंपनी में चल रही ताला बंदी को ही खुलवा पा रहे हैं| इसके अलावा आज बुधवार को नागरिक उड्डयन नियामक ने संकटग्रस्त कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस की शीतकालीन प्रस्थान और आगमन उड़ान योजना भी रद्द कर करके कम्पनी के मिसमेनेजमेंट पर मोहर भी लगा दी है| लेकिन इतनी उठापटक होने के बावजूद आश्चर्यजनक रूप से कंपनी के शेयरों में बडत देखी गई | बीत दिन १२ रुपयों पर बंद हुआ एन एस ई का शेयर १२.५५ पर जा पहुंचा|
गौरतलब है कि लागातार घाटा झेल रही कम्पनी अव्यवस्थाओं से जूझ रही है|एयरलाइन के कई विमानों का जनवरी से संचालन नहीं हो पा रहा है| जिसके फलस्वरूप नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह ने भी कहा था कि एयरलाइन को अपनी उड़ानों का संचालन शुरू करने की अनुमति प्राप्त करने से पहले सुरक्षा और वेतन भुगतान के बारे में ठोस योजना डीजीसीए के समक्ष पेश करनी होगी| डी जी सी ऐ ने चेतावनी देते हुए कहा था कि एयर लाईन्स का पूरा बेड़ा बिना उड़ान के जमीन पर खड़ा है,वह सुरक्षित और भरोसेमंद सेवाएं नहीं दे पा रहा है जिसकी वजह से क्यों न उसका फ्लाइंग लाइसेंस निलंबित कर दिया जाए या रद्द कर दिया जाए.| डीजीसीए ने किंगफिशर को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय भी दिया था |

किंग फिशर एयर लाइंस के मिसमैनेजमेंट पर मोहर लगी और शीतकालीन उड़ाने हुई रद्द


.किंगफिशर एयरलाइंस ने आज फिर बकाया वेतन पर गतिरोध दूर करने के लिए कर्मचारियों के साथ बैठक की। लेकिन इस बैठक में कोई समझौता नहीं हुआ । बैठक के बाद किंगफिशर के सीईओ संजय अग्रवाल ने तालाबंदी की अवधि तीसरी बार बढ़ाने की घोषणा की। कर्मचारी भी 7 महीने से बकाया वेतन के भुगतान की मांग को लेकर हड़ताल पर है | बताते चलें कि सात महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण ही कर्मचारी पिछले महीने से हड़ताल पर हैं। एयरलाइंस प्रबंधन ने परिचालन शुरू करने के लिए बकाये का कुछ हिस्सा देने का प्रस्ताव रखा था जिसे कर्मचारियों ने ठुकरा दिया था। उनकी मांग है कि उन्हें पूरा भुगतान किया जाए तभी वे काम पर लौटेंगे। किंगफिशर का परिचालन 29 सितंबर से ही पूरी तरह ठप्प है।उल्लेखनीय है कि विमानन कंपनी पिछले साल हर सप्ताह 2,930 प्रस्थान उड़ान संचालित करती थी, लेकिन मिसमेनेजमेंट + कर्ज और कर्मचारियों के काम छोड़ने के कारण इसमें लगातार गिरावट आती गई। कंपनी ने 12 एक अक्टूबर को घोषित तालाबंदी की अवधि को 20 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया।कम्पनी की वित्तीय स्थिति का अंदाजा इससे लगाया जा सकता ही कि बैंकों के समूह से विमानन कंपनी पर 7,000 करोड़ रुपये का कर्ज है

किंग फिशर एयर लाईन्स में हड़ताल और तालाबंदी का असर विदेशी निवेश पर पड़ सकता है

अस्थाई संचालन स्थगित कर चुकी भारी कर्ज संकट में फंसी विमानन कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस ने मंगलवार को उड्डयन नियामक से कहा कि वह अगले कुछ दिनों में कर्मचारियों के बकाए का भुगतान कर देगी और उसके बाद संचालन दोबारा शुरू किया जा सकता है।
।डीजीसीए ने किंगफिशर एयरलाइन को गुरुवार[४ अक्टूबर] तक का अल्टीमेटम दिया है। डीजीसीए ने किंगफिशर एयरलाइंस के सीईओ संजय अग्रवाल को कल तलब किया था। एविएशन रेगुलेटर ने कहा है कि किंगफिशर एयरलाइंस गुरुवार तक सेफ्टी प्लान सौंपे और दोबारा ऑपरेशन शुरू करने से पहले उसे डीजीसीए की मंजूरी लेनी होगी। हालांकि संजय अग्रवाल ने भरोसा जताया है कि शुक्रवार तक उसके ऑपरेशन चालू हो सकते हैं। और कुछ हफ्तों में कर्मचारियों को बकाया सैलरी का भुगतान शुरू कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि सोमवार को कंपनी के अभियंताओं का एक गुट सात माह से बकाए वेतन को पांच अक्टूबर तक जारी करने की मांग के साथ अचानक हड़ताल पर चला गया| जिसके कारण कंपनी को अपने सात यानों की सभी 50 उड़ानों का संचालन बंद करना पड़ा। अभियंताओं की मंजूरी

किंग फिशर एयर लाईन्स में हड़ताल और तालाबंदी का असर विदेशी निवेश पर पड़ सकता है

किसी भी विमान के उड़ान पर जाने के लिए आवश्यक होती है।
कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के बाद नागरिक उड्डयन मंत्री चौधरी अजित सिंह ने घोषणा की थी कि वो मान्यता प्राप्त इंजीनियर से कंपनी की जांच कर पता लगाएंगे कि वह महानिदेशालय की सुरक्षा मानकों का पालन करती है या नहीं। विमानन मंत्री ने कहा है कि अगर किंगफिशर ने यात्रियों की सुरक्षा के साथ समझौता किया तो उसे बंद कर दिया जाएगा।
किंगफिशर एयरलाइन ने कहा कि उसने सभी 2000 कर्मचारियों को मार्च तक की सैलरी दे दी है।जबकि मार्च से ओनवर्ड पीरियड के लिए वेतन के लिए यह हड़ताल है|
डीजीसीए के मुताबिक किंगफिशर एयरलाइन के हालात चिंताजनक हैं। दोबारा उड़ान शुरू करने के लिए किंगफिशर एयरलाइन को डीजीसीए के पास आना होगा| किंगफिशर को उड़ानें जारी रखने पर रोजाना 8 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। वहीं उड़ानें नहीं भरने पर कंपनी को रोजाना 4 करोड़ रुपये का घाटा है |
किंगफिशर के पास इस वक्त 10 विमान [लेकिन परिचालन में ७] हैं । किंगफिशर एयरलाइंस के मुताबिक यूबी ग्रुप लगातार पैसा दे रहा है। गौर तलब है की कम्पनी पर मार्केट वेल्यु से सात गुना अधिक कर्ज़ है|
किंग फिशर के मालिक विजया माल्या २००६-२००७ से ही विदेशे निवेश कि मांग कर रहे हैं और अपनी कम्पनी को उसी आस में नुक्सान उठा कर भी होल्ड किये हुए हैं अब चूंकि विदेशी निवेश को मंजूरी मिल गई है तो इनसे आये दिन की हड़तालें संभाले नहीं संभल रही उलटे डी जी सी ऐ भी नाराज़ बैठा है| इस प्रकार की हड़तालों से किंगफिशर का भविष्य अंधेरे में दिखाई दे रहा है| इस ताला बंदी का असर निवेश पर भी स्वाभाविक रूप से पडेगा| एविएशन सेक्टर में एफडीआई खुलने का फायदा भी शायद ही मिले क्योंकि कंपनी का कर्ज उसके मार्केट कैप से सात गुना है।