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Tag: किंग फिशर एयर लाइंस

बड़े दिल वाले विजय माल्या ने कर्मचारियों का दिल तोड़ा दीवाली पर अपनी तिजोरी को नही खोला

किंगफिशर एयरलाइंस के

दिल वाले माल्या ने कर्मचारियों का दिल तोड़ा किंग फिशर एयर लाईन्स के कर्मियों को वेतन देने के लिए दीवाली पर अपनी तिजोरी नही खोली

नतीजतन करीब 3,000 कर्मचारी अंधेरे में रहने को मजबूर हुए| कर्मचारियों को अब तक मई महीने की सैलरी नहीं दी गई है। जैसी की उम्मीद थी मैनेजमेंट एक बार फिर बकाया वेतन देने के अपने वादे से मुकर गया। जबकि मैनेजमेंट ने दीवाली तक बकाए का भुगतान करने का दावा किया था। बेशक कंपनी घाटे में चल रही है लेकिन डियाजियो से करार के बाद कुछ उम्मीद जगी थी मगर इस बेदिली से लगता है कि माल्या अपनी एयर लाइंस के लिए भी किसी विदेशी निवेशक का इंतज़ार करेंगें|
गौरतलब है कि एयरलाइंस कंपनी किंगफिशर ने अपने कर्मचारियों को इस साल मई से तनख्वाह नहीं दी है। इसी वजह से कंपनी के इंजीनियर और पायलट 1 अक्तूबर को हड़ताल पर चले गए थे। कंपनी के सीईओ संजय अग्रवाल की ओर से दिवाली तक तीन महीने का बकाया वेतन देने के वादे के बाद कर्मचारियों ने हड़ताल वापस ले ली थी।
दुनिया की दिग्गज शराब कंपनी डियाजियो ने विजय माल्या की शराब कंपनी यूनाइटेड स्प्रिट्स का अधिग्रहण करने की घोषणा की है. विजय माल्या की इस कंपनी ने अपनी 53.4 फीसद हिस्सेदारी ब्रिटिश कंपनी को 11,166.5 करोड़ रुपये में बेच दी है. यह इस साल हुए सबसे बड़े सौदों में से एक है.. यह करार ऐसे समय हुआ है जब विजय माल्या की विमानन कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस नकदी संकट के चलते उड़ान नहीं भर पा रही है.कंपनी 9,000 करोड़ रुपये के भारी भरकम घाटे में है और उस पर 17 बैंकों का 7,500 करोड़ रुपये बकाया है. उम्मीद की जाने लगी थी कि डियाजियो से मिलाने वाले धन से एयर लाइंस को बचाने का प्रयास किया जाएगा| मगर माल्या ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि प्रॉफिट वाली कंपनियों से फंड्स यहाँ डायवर्ट नहीं होंगे| अपनी उसी बात को दोहराते हुए कहा है कि डियाजियो से मिलने वाली राशि का इस्तेमाल किंगफिशर को पटरी पर लाने में नहीं किया जाएगा. | अब माना जा रहा है कि इससे वे बैंकों का कर्ज चुका सकते हैं. ऐसा करने से न सिर्फ उनकी साख बची रहेगी बल्कि बैंकों से आगे कर्ज लेने में दिक्कत भी नहीं होगी.इसके अलावा किंगफिशर के कर्ज के लिए उन्होंने जो संपत्ति गिरवी रखी है या फिर यूबी समूह की जो बैंक गारंटी दी है उसे भी बचाया जा सकेगा|इसके अलावा . एयरलाइन के लिए भी मैं बेहतर काम करने का आश्वासन भी आया है|
इन सब बातों से एक विचार तो आता है कि डियाजियो से मिलने वाले धन से एयर लाईन्स कर्मियों को खुश होने की जरूरत नहीं है |उन्हें अपनी तनख्वाह के लिए किसी विदेशी निवेशक[ऍफ़ डी आई ]के लिए प्रार्थना करते रहना होगा|

किंग फिशर एयर लाइंस के मिसमैनेजमेंट पर मोहर लगी और शीतकालीन उड़ाने हुई रद्द

सफल शराब उद्योगपति विजयमाल्या एयर लाइंस के व्यवसाय में पूर्णतय असफल साबित हो रहे हैं| किंग फिशर एयर लाईन्स के लगातार घाटे के दल दल में फंसते जाने के बावजूद भी आज तक ना तो कर्मिओं की हड़ताल ही खुलवा पाए और नाही कंपनी में चल रही ताला बंदी को ही खुलवा पा रहे हैं| इसके अलावा आज बुधवार को नागरिक उड्डयन नियामक ने संकटग्रस्त कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस की शीतकालीन प्रस्थान और आगमन उड़ान योजना भी रद्द कर करके कम्पनी के मिसमेनेजमेंट पर मोहर भी लगा दी है| लेकिन इतनी उठापटक होने के बावजूद आश्चर्यजनक रूप से कंपनी के शेयरों में बडत देखी गई | बीत दिन १२ रुपयों पर बंद हुआ एन एस ई का शेयर १२.५५ पर जा पहुंचा|
गौरतलब है कि लागातार घाटा झेल रही कम्पनी अव्यवस्थाओं से जूझ रही है|एयरलाइन के कई विमानों का जनवरी से संचालन नहीं हो पा रहा है| जिसके फलस्वरूप नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह ने भी कहा था कि एयरलाइन को अपनी उड़ानों का संचालन शुरू करने की अनुमति प्राप्त करने से पहले सुरक्षा और वेतन भुगतान के बारे में ठोस योजना डीजीसीए के समक्ष पेश करनी होगी| डी जी सी ऐ ने चेतावनी देते हुए कहा था कि एयर लाईन्स का पूरा बेड़ा बिना उड़ान के जमीन पर खड़ा है,वह सुरक्षित और भरोसेमंद सेवाएं नहीं दे पा रहा है जिसकी वजह से क्यों न उसका फ्लाइंग लाइसेंस निलंबित कर दिया जाए या रद्द कर दिया जाए.| डीजीसीए ने किंगफिशर को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय भी दिया था |

किंग फिशर एयर लाइंस के मिसमैनेजमेंट पर मोहर लगी और शीतकालीन उड़ाने हुई रद्द


.किंगफिशर एयरलाइंस ने आज फिर बकाया वेतन पर गतिरोध दूर करने के लिए कर्मचारियों के साथ बैठक की। लेकिन इस बैठक में कोई समझौता नहीं हुआ । बैठक के बाद किंगफिशर के सीईओ संजय अग्रवाल ने तालाबंदी की अवधि तीसरी बार बढ़ाने की घोषणा की। कर्मचारी भी 7 महीने से बकाया वेतन के भुगतान की मांग को लेकर हड़ताल पर है | बताते चलें कि सात महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण ही कर्मचारी पिछले महीने से हड़ताल पर हैं। एयरलाइंस प्रबंधन ने परिचालन शुरू करने के लिए बकाये का कुछ हिस्सा देने का प्रस्ताव रखा था जिसे कर्मचारियों ने ठुकरा दिया था। उनकी मांग है कि उन्हें पूरा भुगतान किया जाए तभी वे काम पर लौटेंगे। किंगफिशर का परिचालन 29 सितंबर से ही पूरी तरह ठप्प है।उल्लेखनीय है कि विमानन कंपनी पिछले साल हर सप्ताह 2,930 प्रस्थान उड़ान संचालित करती थी, लेकिन मिसमेनेजमेंट + कर्ज और कर्मचारियों के काम छोड़ने के कारण इसमें लगातार गिरावट आती गई। कंपनी ने 12 एक अक्टूबर को घोषित तालाबंदी की अवधि को 20 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया।कम्पनी की वित्तीय स्थिति का अंदाजा इससे लगाया जा सकता ही कि बैंकों के समूह से विमानन कंपनी पर 7,000 करोड़ रुपये का कर्ज है

७ महीने के बकाया वेतन के लिए किंग फिशर एयर लाईन्स के अभियंता हड़ताल पर गए

सात महीने के बकाया वेतन के तुरंत भुगतान के लिए किंगफिशर एयरलाइंस के दिल्ली और मुम्बई के अभियंताओं का एक समूह रविवार शाम हड़ताल पर चला गया. है| इस हड़ताल से उड़ानें प्रभावित हो रही हैं.
बताया जा रहा है कि फिलहाल प्रबंधक रैंक के अभियंताओं की सेवाएं ली जा रही हैं.
डीजीसीए के नियमों के मुताबिक अभियंता से प्रमाणित नहीं होने पर विमान उड़ान नहीं भर सकता है|
डीजीसीए के नियमों के मुताबिक अभियंता द्वारा प्रमाणित नहीं होने पर विमान उड़ान नहीं भर सकता है।

सबसे ज्यादा टेक्स वसूली फिर भी हवाई जहाजों के एक्सीडेंट्स

संभवत विश्व में सबसे महंगी टेक्स वसूलने वाली भारतीय सिविल एविएशन द्वारा सुविधाओं के नाम पर केवल दुर्घटनाओं को आमंत्रित करते छेत्र ही मुहैय्या करवाए जा रहे हैं| इससे ना केवल डी जी सी ऐ द्वारा मुहैय्या करवाई जा रही सुरक्षा व्यवस्था पर लगे हुए प्रश्न चिन्ह का साईज बड़ा हो रहा है वरन यात्रिओं की जान भी जोखिम में डाली जा रही है| एयरपोर्ट्स पर यानों के लिए ट्रेफिक कंट्रोल नहीं होने के कारण बुधवार को फिर एक यान दुर्घटना का शिकार हो गया| बैंगलूरू जा रहे किंगफिशर एयरलाइन के विमान का अगला हिस्‍सा एक वाहन से टकराने के बाद क्षतिग्रस्‍त हो गया। विमान से टकराने वाला वाहन यात्रियों का सामान लेकर जा रहा था। इस घटना के बाद विमान बुधवार को उड़ान नहीं भर पाया। विमान में सवार सभी 48 यात्रियों को सुरक्षित उतार लिया गया।
यात्रियों को अन्‍य विमानों में बैठाकर रवाना किया गया। मिस मेनेजमेंट के कारण इस कम्पनी में लगातार घाटा बुक किया जा रहा है| यहाँ तक कि स्टाफ की तनख्वाहें भी लंबित हैं |अब ऍफ़ डी आई के आने की खबरों से किंग फिशर एयर लाईन्स के शेयर कुछ सुधार पर आ रहे हैं तो इस प्रकार के एक्सीडेंट्स शुरू हो गए हैं|
अव्यवस्थाओं के चलते ही जेटलाइट ने भी मंगलवार रात यात्रियों को खूब तरसाया। जेटलाइट की मुंबई-नागपुर-भोपाल की उड़ान संख्या 9 डब्ल्यू-२२१५ में 1.45 मिनट तक 91 यात्री विमान में फंसे रहे। इस दौरान यात्रियों को भारी दिक्कत व परेशानियों का सामना करना पड़ा। पानी और खाने तक के लिए तरसना पड़ा। विशेष यह कि उड़ान में देरी की यात्रियों को भी जानकारी नहीं दी गई थी।
विलंब के लिए उड़ान में तकनीकी वजह जिम्मेदार बताई गई। बताया गया कि लैंडिंग गलत तरीके से की गई थी, जिस कारण यात्रियों की चीखें भी निकलीं।

सबसे ज्यादा टेक्स वसूली फिर भी हवाई जहाजों के एक्सीडेंट्स