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सीबीआई के निदेशक रंजीत सिन्हा ने रेप को आनंद से जोड़ने वाले ब्यान पर अफ़सोस का इजहार किया

[New Delhi] सीबीआई के निदेशक रंजीत सिन्हा ने बलात्कार को आनंद से जोड़ने वाले ब्यान पर अफ़सोस[ regret ] का इजहार किया है|उन्होंने अपने एक ब्यान में कहा है कि वोह महिलाओं का बहुत सम्मान करते हैं और उनके पूर्व के बयान से यदि लोगों की भावनाए आहत हुई हैं तो उसके लिए उन्हें अफ़सोस है ऐसी उनकी भावना नहीं थी|गौरतलब है कि रंजीत सिन्हा ने सी बी आई के अंतराष्ट्रीय सम्मलेन में अनियंत्रित सट्टे बाजी को कानूनी जामा पहनाये जाने की वकालत करते हुए इसकी तुलना रेप से कर दीउन्होंने कहा था कि यदि सट्टे बाजी की तरह रेप को रोकपाना सम्भव नहीं हो तो रेप का आनंद उठाना चाहिए |

सीबीआई डायरेक्टर रंजीत सिन्हा के श्री मुख से “रेप का आनंद लेने का गुरु मंत्र” गलती से निकल गया होगा

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

आक्रोशित महिला उत्थान कार्यकर्ता

ओये झल्लेया मुल्क में महिलाओं के साथ ये क्या मखौल हो रहा है?पहले बापू नामक असाराम ने रेपिस्ट को भाई बता करउसके पावं पकड़ कर बच निकलने का भजन सुनाया अब सीबीआई डायरेक्टर रंजीत सिन्हा ने एक कार्यक्रम में रेप पर विवादित बयान दे दिया ओये जनाब रंजीत सिन्हा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गुर मंत्र दिया है कि अगर रेप को रोका नहीं जा सकता है, तो उसका आनंद लेना चाहिए।लो करलो बात |अली कुली ही सों बिध्यों तो आगे कौन हवाल ?
आदरणीय सिन्हा ने सट्टेबाजी की तुलना रेप से कर दी और उवाचा कि रेप पर रोक नहीं लगा सकते तो इसे ‘इंज्वॉय’ करते हैं। यार अब देश में अपराधों की रोकथाम के लिए स्थापित सबसे बड़े अधिकारी के श्री मुख से ऐसे सुविचार निकलेंगे तो मुल्क का क्या होगा ?

झल्ला

बाउ जी साहब ये झल्ले विचारानुसार आदरणीय सिन्हा साहब झौंक में ये गुरु मंत्र दे गए होंगे क्योंकि प्रधान मंत्री+वित्त मंत्री से लगातार डांट खा कर विपक्ष से अपमानित होकर भी प्रसन्नचित+पफुल्लित+आनंद उठाने का गुरु मंत्र का पालन करना उनका अति गोपनीय मंत्र है उसे जग जाहिर करने की गलती वोह जान बूझ कर तो करने से रहे |और उन्हें मालूम है कि आसाराम का बेड़ा ही गर्क हो चूका है इसीलिए अपनी जान को अपनी जान को बवाल पैदा करने का जोखिम जान बूझ कर तो कोई उठाने से रहा

सीबीआई ने उद्योगपति और नौकरशाह के कोयला केस को हेंडिल करके पी एम् की ऐसी की तैसी कराई उससे क्या सरदार बहुत खुश होता शाबाशी देता क्यूँ

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

सी बी आई का चिंतित शुभ चिंतक

ओये झल्लेया ये प्रधान मंत्री जी को क्या हो गया यार हसाडे फंक्शन में चीफ गेस्ट बन कर आये और हमी को सुना कर चले गए यार सारी उम्र हमने इन लोगों की सेवा की है इनके इशारों पर मिठू,मिट्ठू कहते आ रहे हैंहमने तो इनके पिंजरे से निकलने को भी मना कर दिया लेकिन इन्होने तो उसका भी ख्याल नहीं किया गलत पालिसी से हुए फ्रॉड और असली फ्रॉड के अंतर को समझाने लग गए और हमें डांट ख्वाहमखः पिला गए

झल्ला

ले रुमाल ते अथरू पौंछ ले और फिरबचे खुचे दिमाग पर थोड़ा सा जोर डाल कर सोच के कोयले की दलाली के मामले में आप लोगों ने जिस तरह उद्योग पति और नौकर शाह के केस को हेंडिल करके प्रधान मंत्री की ऐसी की तैसी कराई एक नए विवाद को जन्म दिया उससे क्या सरदार बहुत खुश होता शाबाशी देता क्यूँ??

सीबीआई को असंवैधानिक बताने वाले गुवाहाटी उच्च न्यायालय के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने स्टे दिया

[नई दिल्ली]सीबीआई को असंवैधानिक बताने वाले गुवाहाटी उच्च न्यायालय के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने आज स्टे दे दिया |अगली तारीख ६ दिसंबर लगाईं गई है|सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई के गठन को असंवैधानिक करार देने वाले गुवाहाटी उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगायी |छह दिसंबर को आगे की सुनवाई होगी।
सीबीआई की स्थापना को असंवैधानिक करार देने वाले गुवाहाटी उच्च न्यायालय के वर्डिक्ट के खिलाफ केन्द्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से फौरी राहत मिल गई ।
न्‍यायालय ने हाईकोर्ट के आदेश पर स्‍टे लगा दिया है।
याचिकर्ता गृह मंत्रालय + सीबीआई से जवाब भी मांगा गया है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस पी.सदाशिवम की अध्‍यक्षता में उनके आवास पर हुई, जहां उनके साथ दो अन्‍य न्‍यायमूर्ति भी थे।
इससे पहले केंद्र सरकार ने आज उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। केन्द्र ने इसके साथ ही एक आवेदन भी दायर किया, जिसमें उच्चतम न्यायालय से आग्रह किया गया है कि वह उच्च न्यायालय के आदेश पर स्थगन लगा दे और उसकी याचिका पर तुरंत सुनवाई करे।आज शनिवार का अवकाश होने के फलस्वरूप चीफ जस्टिस पी.सदाशिवम के आवास पर मामले की सुनवाई हुई|

सी बी आई ,अगर, असंवैधानिक हो गई तो चुनाव किसके बल पर जीते जायेंगे

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

उत्तेजित+आक्रोशित+आतंकित कांग्रेसी

ओये झल्लेया ये कैसे हो सकता है ? गुवाहाटी हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति आइए अंसारी व इंदिरा शाह की डिवीजन बेंच ने हसाड़ी एक मात्र सी बी आई अरे हाँ हाँ सेंट्रल ब्यूरो आफ इन्वेस्टीगेशन के १९६३ में हुए गठन को गैर कानूनी + असंवैधानिक घोषित कर दिया है ओये हम तो इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जायेंगे

झल्ला

हाय राम अभी तक तो सी बी आई की कार्यप्रणाली को ही असंवैधानिक बताया जाता था लेकिन अब तो पूरी सी बी आई ही गैर कानूनी हो गई |चतुर सुजाण जी अब आप लोग चुनाव किसके बल पर जीतोगे