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चौ.अजित सिंह के उत्तराखंड में राजनीतिक पैर जमने से पहले ही उखड़ने लगे: रालोद की राज्य इकाई भंग

चौ.अजित सिंह के उत्तराखंड में राजनीतिक पैर जमने से पहले ही उखड़ने लगे: रालोद की राज्य इकाई भंग
RALOD चौधरी अजित सिंह का उत्तराखंड में पैर ज़माने का सपना लगता है शीघ्र टूटने वाला है तभी उत्तराखंड की राज्य इकाई को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है | पार्टी के राष्ट्रीय सचिव गिरीश चौधरी द्वारा जारी प्रेस नोट के अनुसार राष्ट्रीय लोकदल अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह के निर्देशानुसार उत्तराखण्ड राज्य इकाई (प्रदेश अध्यक्ष सहित) को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है |इस दो लाइन के नोट में कोई कारण नहीं बताया गया है कारण जानने के लिए फोन किया गया तो सम्पर्क नहीं हो पाया |
ऐसा माना जा रहा है कि उत्तराखंड में कांग्रेस के वर्त्तमान मुख्य मंत्री हरीश रावत ने टिहरी संसदीय छेत्र में अपनी पकड़ मजबूत बनाने के लिए सीधे दखल देना शुरू कर दिया है यहाँ तक कि कुछ असंतुष्ट लोगों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही तक स्थगित की जा सकती है| सम्भवत इसीलिए कांग्रेस के सहयोगी रालोद के मुखिया चौ. अजित सिंह के वेस्टर्न यूं पी से बाहर पड़ौसी राज्य में राजनीतिक पैर ज़माने से पहले ही उखड़ने लग गए हैं |
गौरतलब है कि रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. अजित सिंह ने अपने राजनीतिक दायरे को प उ प्र से बढ़ाते हुए टिहरी और आंध्र प्रदेश में भी अपने प्रत्याशी उतारने का प्रयास किया था| इस कड़ी में कुंवर जपेन्दर सिंह को टिहरी लोकसभा से रालोद का प्रत्याशी बनाया गया
राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. अजित सिंह ने २२ मार्च को अपने आवास पर बैठक कर एक मात्र कुंवर जपेन्दर सिंह को टिहरी लोकसभा से रालोद का प्रत्याशी घोषित किया।कुंवर जपेन्दर सिंह उत्तरांचल संयुक्त सर्व समाज संगठन के अध्यक्ष तथा वल्र्ड ह्यूमैन राईट्स प्रोटेक्शन काउंसिल के महासचिव हैं। वह 2012 में टिहरी लोकसभा का उपचुनाव भी लड़ चुके हैं।

सतपाल महाराज ने आज कांग्रेस की ड्योढ़ी छोड़ कर भाजपा की पौड़ी चढ़ी

गढ़ वाल के शक्तिशाली नेता सतपाल महाराज ने आज कांग्रेस की ड्योढ़ी छोड़ कर भाजपा की पौड़ी चढ़ी| इसे कुमाऊं के सी एम् हरीश रावत और हाई कमान के के खिलाफ बगावत काह जा रहा है |लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक झटका देते हुए उत्तराखंड के शक्तिशाली नेता और लोकसभा सदस्य सतपाल महाराज आज कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए। वह पिछले 20 साल से कांग्रेस के सदस्य थे। सतपाल महाराज के देश भर में अनेको धार्मिक आश्रम हैंऔर सम्भवत भारत में एक मात्र लक्ष्मण मंदिर [हेम कुंड साहेब] की देख रेख भी करते हैं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज नाथ सिंह ने पार्टी के रंगों वाला पटका पहना कर और रसीद देकर सतपाल महाराज को पार्टी की मेंबर शिप प्रदान की|सतपाल महाराज की पत्नी अमृता रावत अभी भी उत्तराखंड सरकार में हैं |
फ़ोटो कैप्शन
[१] सतपाल जी महाराज डॉ मन मोहन सिंह के साथ
[२]सतपाल जी महाराज राज नाथ सिंह के साथ

Resignation of Harish Rawat from the Central Govt.Is Accepted

President Has accepted resignation of Harish Rawat from the Council of Ministers Of Central Govt.Sh Rawat Has Been Selected For The Post Of Chief Minster Of His Home State Uttraakhand
The President of India, as advised by the Prime Minister, has accepted the resignation of Shri Harish Rawat, Minister of Water Resources, from the Council of Ministers, with immediate effect.
Further, as advised by the Prime Minister, the President has directed that Shri Ghulam Nabi Azad, Minister for Health and Family Welfare shall be given additional charge of the work of the Ministry of Water Resources.

उत्तराखंड में कांग्रेस के केंद्रीय न्रेतत्व ने छत्रिय कार्ड खेलते हुए सांसद हरीश रावत को आठवां सी एम् बनाया

उत्तराखंड में कांग्रेस के केंद्रीय न्रेतत्व ने छत्रिय कार्ड खेलते हुए जमीन से जुड़े वरिष्ठ नेता हरीश रावत को प्रदेश की कमान सोंप कर एक तरफ तो पार्टी में भीतरी असंतोष को दूर किया तो इसके साथ ही लोक सभा के चुनावों में उतरने के लिए नया चेहरा भी उतारा|प्रदेश में पांच लोक सभा की सीटें हैं कांग्रेस के प्रवक्ता जनार्दन द्विवेदी ने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए बताया कि चीफ मिनिस्टर विजय बहुगुणा के पूरे मंत्री मंडल को बदलने का निर्णय सर्व सम्मति से ले लिया गया है| विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद हरीश रावत और उनके मंत्रियों को शपथ दिलाई लेकिन उनके मंत्रिमंडल में फिलहाल सारे पुराने चेहरों को ही रखा गया है|हरीश रावत उत्तराखंड के आठवें मुख्यमंत्री हैं
देहरादून में कांग्रेस विधायकों की बैठक के बाद पार्टी महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने मुख्यमंत्री के रूप में रावत के नाम की घोषणा की थी। उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री के रूप में औपचारिक ऐलान से पहले ही हरीश रावत के देहरादून पहुंचने पर उनके समर्थकों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ढोल-नगाड़ों के बीच भव्य स्वागत किया।
प्रदेश के कद्दावर नेता माने जाने वाले और स्वर्गीय ललित माकन तथा गांधीपरिवार के करीबी रावत के समर्थकों ने सुबह रेलगाड़ी से उनके उतरते ही रेलवे स्टेशन पर उन्हें घेर लिया और उनके समर्थन में नारे लगाते हुए उन्हें फूल-मालाओं से लाद दिया.
हरीश रावत इस समय केंद्र में मंत्री हैं और जब पार्टी ने 2012 में विधानसभा चुनाव जीता था, तब भी वो मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे थे.
लेकिन तब कांग्रेस ने विजय बहुगुणा को राज्य सरकार की कमान सौंपी थीं|
2012 में और आज यानी शनिवार को दोनों बार विधायक दल ने जिस व्यक्ति को अपना नेता चुना,वह सांसद है|
2000 में उत्तराखंड राज्य के गठन के बाद से यहाँ 13 वर्षों में आठ मुख्यमंत्री हुए हैं.विजय बहुगुणा की छवि ‘पैराशूट मुख्यमंत्री’ की रही है. विरोधी ख़ेमे के विधायक और मंत्री उनके ख़िलाफ़ गोलबंदी ही करते देखे जाते रहे हैं कहा जा रहा है कि . केदार नाथ में जून में आई प्रलयंकारी आपदा में राहत और बचाव में बेहद लापरवाही और राहत राशि के दुरुपयोग के आरोपों के कारण भी उन पर ये गाज गिरी है|