[मेरठ,यूपी]तेंदुआ आखिर जख्मी होने पर ही पकड़ा गयातेंदुआ आखिर लंबी मशक्कत के बाद मेरठ की छावनी में ही पकड़ा गया
उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक मेरठ छावनी में मंगलवार की सुबह घुसा [मादा]तेंदुआ आखिरकार सेना+सिविल पोलिस+आदि की +लंबी मशक्कत के बाद वनविभाग की टीम के कब्जे में आ गया। तेंदुए के उपचार के पश्चात जंगलों में छोड़ दिया जाएगा
तेंदुआ छह लोगों को घायल कर चुका है |
आज पूर्वाह्न लगभग 11 बजे तेंदुए को छावनी इलाके में स्थित 60 इंजीनियर्स जेसीओ मेस के पुराने गोदाम से पकड़ा गया जहां वह कल सुबह से छिपा बैठा था।
वन संरक्षकों के अनुसार पकड़ा गया तेंदुआ मादा है जिसकी उम्र करीब दो-ढाई साल है।
घायल तेंदुए का अब उपचार किया जा रहा है । उपचार के बाद तेंदुए को सहारनपुर जनपद में शिवालिक के जंगलों में छोड़ दिया जाएगा।
तेंदुआ मेरठ के छावनी इलाके में मंगलवार की सुबह सेना अस्पताल के पास देखा गया था। इसके बाद से ही उसे पकड़ने के लिए वन विभाग का पूरा अमला सेना और पुलिस के सहयोग से जुटा हुआ था। तेंदुए को पकड़ने के लिए कानपुर चिड़िया घर, दुधवा नेशनल पार्क और दिल्ली समेत कई स्थानों से विशेषज्ञों की टीम आई हुई थी। तेंदुए ने वन विभाग की टीम को छकाते हुए आधा दर्जन लोगों को घायल कर दिया था ।
तेंदुए के घायल होकर हिंसक होने पर छावनी इलाके में लोग दहशत में थे ।स्कूल और कॉलेजों में जिलाधिकारी के आदेश पर अवकाश घोषित कर दिया गया था।
Tag: MeerutArmy
तेंदुआ [मादा]आखिर जख्मी होने पर ही पकड़ा गया
सेना की संगीनों के साये में छावनी परिषद के पीले पंजे ने दशकों से लग रही सदर सब्ज़ी मंडी को भी ध्वस्त किया
[मेरठ] सेना की संगीनों के साये में छावनी परिषद का पीला पंजा और हथौड़ा आज एक और सब्ज़ी मंडी पर चल गया |सिविल मामलों में सेना के इस तरह से प्रयोग का सभी तरफ विरोध हो रहा है|
अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार छावनी परिषद ने सदर सब्जी मंडी में अतिक्रमण ध्वस्तीकरण अभियान चलाया|इस दौरान अनेकों ठाणे की पोलिस और सेना के त्वरित एक्शन फ़ोर्स[QRT ]की मदद से ठेले+अनधिकृत फड़ दुकानों को हटाया गया और नाले पर बनीदुकानों को ध्वस्त किया गया |छावनी परिषद के बुलडोजरों ने एक एक करके अनधिकृत टिन शेड ढाने शुरू किये |जिसे देखकर दुकान दार खुद ही अपना सामान बटोरने लगे|गौरतलब है कि इससे पूर्व लालकुर्ती कि सब्जी मंडी को भी इसीप्रकार हटाया गया और आधे अधूरे बकरी लेन में शिफ्ट कराया गया |जिसका विरोध अभी भी जारी है|
दुकानदारों ने कैंट बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष और बसपा नेता सुनील वाधवा के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। कुछ देर बाद वहां सांसद राजेंद्र अग्रवाल भी पहुंच गए। उनका भी दुकानदारों ने विरोध किया। सांसद ने दुकानदारों को आश्वासन दिया कि यदि कैंट बोर्ड उन्हें सुविधा नहीं देता, तो वह उनकी लड़ाई लड़ेंगे।
गौरतलब है कि लालकुर्ती की तरह ही यहाँ सदर में भी अधिकारी गण आश्वासन देते रहे और कुछ व्यापारी और राजनितिक नेता गण मीडिया के कैमरे के सामने आकर विरोध दर्ज करने की औपचारिकता पूरी करते रहे|
Recent Comments