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Tag: sanitation drive in the hospitals

डॉ हर्षवर्धन ने सफदरजंग अस्‍पताल के डाक्‍टरों से मरीजों को व्‍यायाम प्रेस्क्राइब करने की सलाह दी

डॉ हर्षवर्धन ने सफदरजंग अस्‍पताल के डाक्‍टरों से मरीजों को व्‍यायाम प्रेस्क्राइब करने की सलाह दी |
केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य और परि‍वार कल्‍याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने आज राजधानी के सफदरजंग अस्‍पताल का निरीक्षण किया और डाक्‍टरों और अधि‍कारि‍यों से कहा कि‍ कि‍सी डाक्‍टर की सफलता यह सुनि‍श्‍चि‍त करने में है कि‍ ठीक होने के बाद कोई मरीज अस्‍पताल में वापस लौटकर न आए और इसके लि‍ए डाक्‍टरों को चाहि‍ए कि‍ वे मरीजों को ऐसे रहन-सहन के लि‍ए शि‍क्षि‍त करें ताकि‍ वे दोबारा बीमार होने से बच सकें।
स्‍वास्‍थ्‍य सेवा का लगभग 80 प्रति‍शत भाग बीमारि‍यों की रोकथाम से संबंधि‍त है।
वि‍श्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के अनुसंधान के नतीजे यह बताते हैं कि‍ वि‍श्‍व में 40-45 प्रति‍शत बीमारी का बोझ शारीरि‍क अक्रि‍याशीलता के कारण है।इसीलिए डाक्‍टरों को योग और व्‍यायाम के महत्‍व के बारे में रोगि‍यों में जागरूकता पैदा करनी चाहि‍ए ताकि‍ वे सम्‍मानपूर्वक बीमारि‍यों से मुक्‍त जीवन व्‍यतीत कर सकें।
उस रि‍पोर्ट के बारे में चर्चा करते हुए, जि‍समें यह बताया गया है कि‍ भारत में हरेक मि‍नट में चार लोग कार्डि‍यो वास्‍कुलर बीमारि‍यों से दम तोड़ देते हैं, जबकि रोकथाम के सुझावों के बल पर ही कार्डि‍यो वास्‍कुलर बीमारि‍यों से बचा जा सकता है और नि‍ष्‍क्रि‍य रहन-सहन को त्‍याग कर काफी संख्‍या में मौतों को रोका जा सकता है।
डॉ. हर्ष वर्धन आज सुबह वि‍भागों+वार्डों+भंडारों+प्रयोगशालाओं + ब्लड बैंक का दौरा करते हुए अस्‍पताल में लगभग दो घंटे तक रहे।
इस दौरान चि‍कि‍त्‍सा अधीक्षक डॉ. राजपाल+ स्‍वास्‍थ्‍य सेवा महानि‍देशक डॉ. जगदीश प्रसाद + वर्धमान महावीर मेडि‍कल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. जयश्री भट्टाचार्य उनके साथ थे।
स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने कहा कि‍ जबकि‍ दवाएं मुफ्त वि‍तरि‍त की जाती हैं, गरीब मरीजों को फि‍र भी सीटी स्‍कैन और एमआरआई जैसी कुछ सेवाओं के लि‍ए भुगतान करना पड़ता है। उन्‍होंने घोषणा करते हुए कहा कि‍ ये सेवाएं मुफ्त में मि‍लनी चाहि‍ए क्‍योंकि‍ नि‍श्‍चि‍त तौर पर गरीब मरीजों के इलाज के हि‍स्‍से के रूप में यह जरूरी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने डाक्‍टरों से कहा कि‍ वे अनि‍वार्य दवाओं के तर्कसंगत इस्‍तेमाल को बढ़ावा दें।
युवा डाक्‍टरों को इस सि‍द्धांत के अनुसार प्रशि‍क्षि‍त कि‍या जाना चाहि‍ए, जि‍सका सुझाव वि‍श्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की ओर से दि‍या गया है। उन्‍होंने कहा कि‍ मरीजों को सही मात्रा में दवाएं दी जानी चाहि‍ए। उन्‍होंने कहा कि‍ वर्तमान संस्‍कृति‍ में सही-सही जरूरतों के बि‍ना भी दवाएं लि‍खना शामि‍ल है।
डॉ. हर्ष वर्धन ने वरि‍ष्‍ठ डाक्‍टरों से अनुरोध करते हुए कहा कि‍ नई पीढ़ी के डाक्‍टरों को दवाओं के तर्कसंगत इस्‍तेमाल के सि‍द्धांतों के बारे में शि‍क्षि‍त करें। उन्‍होंने चि‍कि‍त्‍सा अधीक्षक को नि‍र्देश दि‍या कि‍ वे कनि‍ष्‍ठ डाक्‍टरों को अस्‍पतालों में शामि‍ल होते ही दवाओं के तर्कसंगत इस्‍तेमाल के बारे में प्रशि‍क्षण की प्रक्रि‍या शुरू करें।
पि‍छले दो दि‍नों में राजधानी के राम मनोहर लोहि‍या अस्‍पताल और अखि‍ल भारतीय आयुर्वि‍ज्ञान संस्‍थान का दौरा कर चुके डॉ. हर्ष वर्धन ने चि‍कि‍त्‍सा समुदाय से आत्‍ममंथन की प्रक्रि‍या शुरू करने के लि‍ए कहा जि‍सके बि‍ना वे बीमारि‍यों का दूर करने की उम्‍मीद नहीं कर सकते।
फोटो कैप्शन
The Union Minister for Health and Family Welfare, Dr. Harsh Vardhan visiting Safdarjung Hospital to review the sanitation drive in the hospitalsof New Delhi, on June 13, 2014.

डॉ हर्षवर्धन ने मरीजों के साथ संबंध सुधारने के लिए एम्‍स के डॉक्‍टरों को प्रिस्क्रिप्शन दिया

डॉ हर्षवर्धन ने मरीजों के साथ संबंध सुधारने के लिए एम्‍स नई दिल्ली के डॉक्‍टरों को प्रिस्क्रिप्शन दिया| एम्स देश का सबसे बड़ा अस्पताल है। इसका निर्माण इस अस्पताल में हर रोज औसतन 3000 बाह्य रोगी आते हैं इसके अलावा कम से कम 4000 अन्य रोगी विभिन्न विभागों में भर्ती किए जाते हैं।
केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन देश की राजधानी के अस्‍पतालों में सफाई अभियान Sanitationनिरीक्षण के दूसरे दिन जन स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों में नई कार्य संस्‍कृति अपनाने के मिशन पर थे।बीते दिन उन्होंने डॉ आर एम एल अस्पताल का निरीक्षण किया था |
डॉ. हर्षवर्धन ने आज डॉक्‍टरों से कहा कि वे डॉक्‍टर-मरीज संबंध मजबूत करने की जिम्‍मेदारी निभाए।
उन्‍होंने क‍हा, ‘एम्‍स, नई दिल्‍ली को उपचार के उच्‍चस्‍तर को बनाये रखना चाहिए | उन्होंने आज सुबह 9 बजे सबसे पहले बाल चिकित्सा आपातकालीन वार्ड और उसके बाद कैजुअल्टी और ओपीडी के सभी विभागों का निरीक्षण किया। उनके साथ एम्स के निदेशक प्रोफेसर एम.सी.मिश्रा, चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर डी.के.शर्मा और अन्य पदाधिकारी भी थे।
उन्होंने आपातकालीन विभाग में दो रेजीडेंट डाक्टरों की तैनाती को अपर्याप्त बताया |बड़ी संख्या में मरीज और उनके रिश्‍तेदार भी मंत्री के पास गए और उन्हें अपनी परेशानियाँ बतायी।
एम्‍स के निदेशक प्रो. मि‍श्रा ने घोषणा की‍ कि‍ पर्यावरण अनुसंधान संस्‍था (टेरी) ने इस वि‍शेष लक्ष्‍य को हासि‍ल करने के लि‍ए पहले ही काम शुरू कर दि‍या है। अस्‍पताल के अंदर प्रकाश फैलाने वाले डायोड (एलईडी) लैम्‍पों का खुले क्षेत्रों में सौर लैम्‍प पोस्‍ट का इस्‍तेमाल करके 30 प्रति‍शत तक ऊर्जा की बचत करने का लक्ष्‍य है।
नोबेल पुरस्‍कार वि‍जेता श्री राजेंद्र पचौरी की अध्‍यक्षता में गठित शीर्ष पर्यावरण परामर्शदायी संस्‍था (टेरी) ने एम्‍स में पानी की खपत को 50 प्रति‍शत कम करने और अस्‍पताल के शहरी गर्म द्वीप प्रभाव को कम से कम 3 डि‍ग्री सेंटीग्रेड कम करके सूक्ष्‍म स्‍तर पर लाने का लक्ष्‍य रखा है। ध्‍वनि‍ और धूल प्रदूषण को रोकने के लि‍ए भी कदम उठाए जाएंगे। प्रमाणीकरण के मानदंड एक अर्ध-सरकारी एजेंसी- गृह इंडि‍या द्वारा निर्धारित कि‍ए गए हैं।
फोटो कैप्शन
The Union Minister for Health and Family Welfare, Dr. Harsh Vardhan visiting the All India Institute of Medical Sciences (AIIMS) Hospital to review the sanitation drive in the hospitals of New Delhi, on June 12, 2014.