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नरेंद्र मोदी के प्रचार के लिए नमोः चाय के बाद अब पुस्तक “घर घर मोदी भाग एक”आई

[नई दिल्ली] नमोः चाय के बाद अब घर घर मोदी नामक पुस्तक को लाया गया है | घर घर मोदी शीर्षक की इस पुस्तक के भाग एक के माध्यम से नरेन्द्र मोदी के भाषण और उनकी नीतियों को जन जन तक पहुँचाने का प्रयास किया जायेगा|
होलिका – दहन के पावन पर्व पर शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के मीडिया प्रभारी राजीव गुप्ता की पुस्तक ‘घर-घर मोदी, भाग-1’ का विमोचन विश्व हिन्दू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक अशोक सिंहल ने नई दिल्ली स्थित विहिप केन्द्रीय कार्यालय में किया.
सभागार को संबोधित करते हुए श्री सिंहल ने कहा कि इस समय देश में नरेन्द्र मोदी की लहर है और परमात्मा की कृपा से ही नरेन्द्र मोदी की रैली में लाखों लोगों का जन-सैलाब उमड पडता है. विहिप के महामंत्री ने बताया कि देश के कई राज्यों के दूर-दराज क्षेत्रों में बिजली की समस्या है. वहाँ बिजली दिन-रात के शिफ्ट में आती है तथा हर घर में दूरदर्शन/कम्प्यूटर जैसे बिजली के उपकरण नही होने के कारण देश भर में हुए नरेन्द्र मोदी के भाषणों के माध्यम से उनके देश-नीति को जन-जन तक पहुँचाने हेतु ही यह पुस्तक अस्तित्व में आई है. यदि देश के दूर-दराज क्षेत्रों में रहने वाले युवा-वर्ग तक श्री नरेन्द्र मोदी जी के विचारों को पहुँचाना है तो उनसे संबंधित साहित्य की भूमिका का ही बडा योगदान हो सकता है. इस पुस्तक के संपादक और युवा लेखक राजीव गुप्ता ने मीडिया को बताया कि यह पुस्तक देश के युवाओं को नरेन्द्र मोदी की तरफ आकर्षित करने की एक पहल है |इस पुस्तक में नरेन्द्र मोदी की संक्षिप्त जीवनी प्रसिद्ध ब्लागर सुरेश चिपलूनकर और भूमिका वरिष्ठ पत्रकार डा. वेद प्रताप वैदिक ने लिखा है.
शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के संयोजक दीनानाथ बत्रा ने होली के पावन अवसर पर स्नेह-मिलन का आयोजन किया जिसमें सैकडों लोगों ने भाग लिया. इस अवसर पर दीनानाथ बत्रा ने कहा कि होली का त्यौहार भाईचारे का त्यौहार है, जिसे भारत में आपस के सब मतभेद भुलाकर लोग मनाते आए हैं.

वेंडी डोनेगर की“आन हिन्दुज़्म”को वापिस लेने के लिए ‘शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति’ की चेतावनी

वेंडी डोनेगर की एक और पुस्तक “आन हिन्दुज़्म”पर रोककी मांग तेज होने लग गई है | शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति ने वेंडी डोनेगर की पुस्तक “आन हिन्दुज़्म”के प्रकाशक एल्फ बुक कंपनी को पुस्तक वापस लेने हेतु चेतावनी पत्र लिखा है|
शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के राष्ट्रीय संयोजक दीनानाथ बत्रा ने कल “आन हिन्दुज़्म” के प्रकाशक एल्फ बुक कंपनी को पुस्तक वापस लेने हेतु चेतावनी पत्र लिखा. शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति द्वारा शिकागो यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफ़ेसर वेंडी डोनेगर की ‘आन हिन्दुज़्म’ पुस्तक को वापस लेने संबंधी फैसले लेने के लिए पुस्तक के प्रकाशक को 10 मार्च, 2014 तक का समय दिया गया है. समिति के मीडिया प्रभारी राजीव गुप्ता के अनुसार प्रकाशक से यह मांग की गई है कि
१] सभी बिक्री केन्द्रों से पुस्तक वापस मंगाकर इन्हें नष्ट करे.
२]पुस्तक की बिक्री बन्द करे.
३] पुस्तक फिर से प्रकाशित न करने का विश्वास दिलाए.
श्री गुप्ता ने मीडिया से कहा कि यदि निर्धारित समयावधि में एल्फा बुक कंपनी द्वारा हमारी मांगों को स्वीकार कर “लिखित” में नही दिया गया तो प्रकाशक के खिलाफ प्रजातांत्रिक ढंग से उचित कार्यवाही की जाएगी. साथ ही यदि आवश्यकता पडी तो न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा.
गौरतलब है कि शिक्षा बचाओ आंदोलन समिति के सहसंयोजक अतुल कोठारी ने दिल्ली के प्रेस क्लब में मीडिया को बताया था कि मौखिक रूप से लेखिका वेंडी डोनेगर की इस पुस्तक को पेंगुईन प्रकाशक की तर्ज़ पर बाज़ार से वापस लेने के लिए तैयार हो गया है.

द हिन्दू:एन अल्टरनेटिव हिस्ट्री वेंडी डोनेगर की विकृत मानसिकता का परिचायक ;सुब्रमणियम स्वामी

भाजपा के नेता सुब्रामणियम स्वामी ने पुस्तक ‘द हिन्दू : एन अल्टरनेटिव हिस्ट्री को विकृत इतिहास लेखन और इसकी लेखिका शिकागो विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर वेंडी डोनेगर को विकृत मानसिकता का परिचायक बताया
दिल्ली विश्वविद्यालय के स्टूडेंट यूनियन ला सेन्टर – 1 तथा संस्कृति द्वारा आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए डा. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि ऐसा विकृत इतिहास लेखन लेखिका की विकृत मानसिकता का परिचायक है. |सभा को संबोधित करते हुए चेतावनी भरे अन्दाज़ में डा. स्वामी ने कहा कि यदि लेखिका वेंडी डोनेगर भारत में आती है और उन पर भारतीय दंड संहिता अंतर्गत मुकदमा चलाया जाय तो लेखिका को सारी उम्र जेल में बिताना पडेगा.
भारतीय संविधान तथा भारतीय दंड संहिता की धाराओं को पढकर बताते हुए कहा कि भारतीय दंड संहिता अंतर्गत लेखिका वेंडी डोनेगर के ऊपर एक नही कई मुकदमें दायर किया जा सकता है. |
भारत के मानचित्र में कश्मीर नही दिखाना भारतीय संविधान के विरुद्ध है. संविधान में मौलिक अधिकार संबंधी भाग में जो स्वतंत्रता के अधिकार दिए गए हैं इसमें व्यक्ति के विचारों की अभिव्यक्ति प्रमुख है. लेकिन संविधान में जितने मौलिक अधिकार दिए गए हैं, उनमे से कोई भी अधिकार ‘असीमित’ नही है. सभी अधिकारों पर कुछ न कुछ सीमाएँ हैं. इस अवसर पर डा. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के मीडिया विभाग द्वारा लिखित एक पुस्तक “सफलता की कहानी” का विमोचन किया.
ध्यातव्य है कि 10 फरवरी 2014 को दीनानाथ बत्रा तथा अन्य और पेगुइन पब्लिसर्स के मध्य में सिविल सूट नं. 360/2011 के मध्य अनुबंध हुआ है जिसमें पेगुइन बुक इंडिया प्राईवेट लिमिटेड ने तत्काल प्रभाव से ‘द हिन्दू : एन अल्टरनेटिव हिस्ट्री’ की पुस्तक को तत्काल वापस ले लिया था तथा पकाशक पेंगुईन द्वारा अपने खर्च पर सम्पूर्ण पुस्तकें देश से एकत्रित करा ली जाएगी और उनको नष्ट कर दिया जाएगा. यह पुस्तक पुनः से प्रकाशित नहीं होगी. पुस्तक में हिन्दु देवी-देवताओं का अपमान, क्रान्तिकारियों तथा इतिहास को विकृत रूप से प्रस्तुत करने के परिणामस्वरूप यह मुकदमा अतिरिक्त जिला न्यायाधीश साकेत की अदालत में केस दर्ज किया गया था.
शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के संयोजक दीनानाथ बत्रा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्रकार की आपत्तिजनक पुस्तकों से भारत पर ‘बौद्धिक आक्रमण’ के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि धूमिल की जा रही है, जो कि असहनीय है. हम इस प्रकार के बौद्धिक-आक्रमण का जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध है.
शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के सह संयोजक अतुल कोठारी ने कहा कि लेखिका वेंडी डोनेगर की पुस्तक ‘द हिन्दू : एन अल्टरनेटिव हिस्ट्री’ को अब सन्दर्भ के रूप में उपयोग नही किया जा सकेगा. यह बहुत बडी बात है. देश के नौजवानों को इस प्रकार के बौद्धिक – आक्रमण के खिलाफ आगे आना चाहिए.
शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के मीडिया प्रभारी राजीव गुप्ता ने मीडिया को बताया कि व्यक्ति की स्वतंत्रता वहीं खत्म हो जाती है, जहाँ से दूसरे की नाक शुरू होती है. अत: हमें यह दूसरे के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को ध्यान में रखकर ही आचरण करना चाहिए.
दिल्ली विश्वविद्यालय के स्टूडेंट यूनियन ला सेन्टर – 1 तथा संस्कृति द्वारा आयोजित संगोष्ठी में विधि संकाय के डीन डा. अश्वनी बंसल तथा दिल्ली विश्वविद्यालय संस्कृति प्रमुख सौरभ समेत लगभग 300 विद्यार्थियों से ने भाग लिया.