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Archive for: December 2012

जैसे जैसे चंचल मृग रूपी सतगुरु जीवन मार्ग दिखाता है तृष्णा बढती जाती है

असां हुण चंचल मिर्ग फहाया ,
ओसे मैनूं बन्ह बहाया ,
हर्ष दुगाना उसे पढाया ,
रह गईयां दो चार रुकाटा ।

Rakesh Khurana

भाव: सद्गुरु (परमात्मा ) किसी चंचल मृग के समान है । वह आसानी से पकड़ में नहीं आता । मोह – माया के भयंकर जंगल में वह मन को भरमाता हुआ दौड़ाता रहता है परन्तु मैंने उस चंचल मृग को पकड़ लिया है । सद्गुरु मुझे मिल गया है परन्तु उसने भी मुझे बांधकर बैठा लिया है।
आत्मा और परमात्मा के एकत्व के बाद चंचलता का कोई अर्थ ही नहीं है ।उसी ने मुझे भजन का पाठ पढ़ाया है।उसी सद्गुरु ने मुझे यह ज्ञान दिया है कि उसे प्राप्त करने के लिए उससे प्रेम करना और उसका भजन करना ही एकमात्र मार्ग है ।परन्तु अब भी थोड़ा सा हिस्सा उससे पढ़ना बाकी है । सद्गुरु की शिक्षा कभी पूरी नहीं होती ।जैसे – जैसे वह जीवन का मार्ग दिखाता है प्यास जागती जाती है और लगता है कि अभी तो यह अधूरा है , अपूर्ण है ।
सूफ़ी संत सांई बुल्लेशाह
प्रस्तुति राकेश खुराना

एल के अडवाणी के नज़रिए से तवलीन सिंह की १० जनपथी” दरबार” L K Advani On “Darbar” Of TAVLEEN SINGH

एल के अडवाणी ने अपने ब्लाग में तवलीन सिंह की पुस्तक दरबार के हवाले से इंडिया गेट+और रायसीना हिल्स पर हो रही दमनात्मक कार्यवाही को आज़ादी के विरुद्ध आपातकालीन युग की शुरुआत बताने का प्रयास किया है|उन्होंने इसके लिए पुस्तक में से आपातकाल के दौरान रैली में दिए गए अपने नेता अटल बिहारी वाजपई की इस टिपण्णी का भी उल्लेख किया|

एल के अडवाणी के नज़रिए से तवलीन सिंह की १० जनपथी” दरबार”


अडवाणी ने ब्लाग के टेलपीस (पश्च्यलेख)में कहा है की मेरा मानना है कि तवलीन की पुस्तक के पाठक अध्याय पांच शीर्षक 1977 चुनाव को बड़े चाव से पढ़ेंगे-विशेषकर इस चुनावी भाषण के उदाहरण को, सर्वश्रेष्ठ वाजपेयी (Vintage Vajpayee)।
जब दिल्ली की दीवारों पर पहला पोस्टर लगा कि रामलीला मैदान में एक रैली होगी जिसे प्रमुख विपक्षी नेता सम्बोधित करेंगे, तो हम सभी को लगा कि यह एक मजाक है। स्टेट्समैन के रिपोरटर्स कक्ष में यह धारणा थी कि यदि पोस्टर सही भी हैं तो रैली फ्लॉप होगी क्योंकि लोग इसमें भाग लेने से डरेंगे। अभी भी आपातकाल प्रभावी था और पिछले अठारह महीनों से बना भय का वातावरण छंटा नहीं था।
चीफ रिपोर्टर राजू, सदैव की भांति निराशावादी था और उसने कहा कि श्रीमती गांधी को कोई हरा नहीं सकता, इसलिए इसमें कोई दम नहीं है। ‘यहां तक कि यह विपक्ष की रैली है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। यदि उन्हें अपनी जीत के बारे में थोड़ा भी संदेह होता तो वह चुनाव नहीं कराती‘।
‘हां, लेकिन वह गलती तो कर सकती है,’ मैंने कहा। ‘मैंने सुना है कि उनका बेटा और उत्तराधिकारी इसके विरुध्द थे। उन्होंने बताया कि वह हार सकती हैं।‘ अनेक वर्ष बाद जब संजय गांधी के अच्छे दोस्त कमलनाथ दिल्ली में कांग्रेस सरकार में केबिनेट मंत्री थे, से मैंने पूछा कि क्या यह सही है कि संजय ने अपनी मां के चुनाव कराने सम्बन्धी निर्णय का विरोध किया था, कमलनाथ ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने चुनावों के बारे में सुना तब संजय और वह श्रीनगर में एक साथ थे और इस पर संजय काफी खफा थे।
जब हम मैदान पर पहुंचे तो हमने दखा कि लोग सभी दिशाओं से उमड़ रहे हैं। मगर अंदर और ज्यादा भीड़ थी। इतनी भीड़ मैंने कभी किसी राजनीतिक रैली में नहीं देखी थी। भीड़ रामलीला मैदान के आखिर तक और उससे भी आगे तक भरी हुई थी।
लगभग शाम को 6 बजे विपक्षी नेता सफेद एम्बेसडर कारों के काफिले में पहुंचे। एक के बाद एक ने मंच पर उबाऊ, लम्बे भाषण दिए कि उन्होंने जेल में कितने कष्ट उठाए। हिन्दुस्तान टाइम्स के अपने एक सहयोगी को मैंने कहा यदि किसी ने कोई प्रेरणादायक भाषण देना शुरु नहीं किया तो लोग जाना शुरु कर देंगे। उस समय रात के 9 बज चुके थे और रात ठंडी होने लगी थी यद्यपि बारिश रुक गई थी। उसने मुस्कराहट के साथ उत्तर दिया ‘चिंता मत करो, जब तक अटलजी नहीं बोलेंगे, कोई उठकर नहीं जाएगा।‘ उसने एक छोटे से व्यक्ति की ओर ईशारा किया जिसके बाल सफेद थे और उस शाम के अंतिम वक्ता थे। ‘क्यों?’ ‘क्योंकि वह भारत के सर्वश्रेठ वक्ता हैं।‘
जब अटलजी की बारी आई उस समय तक रात के 9.30 बज चुके थे और जैसे ही वह बोलने के लिए खड़े हुए तो विशाल भीड़ खड़ी हो गई और तालियां बजानी शुरु कर दी: पहले थोड़ा हिचक कर, फिर और उत्साह से उन्होंने नारा लगाया, ‘इंदिरा गांधी मुर्दाबाद, अटल बिहारी जिंदाबाद!‘ उन्होंने नारे का जवाब नमस्ते की मुद्रा और एक हल्की मुस्कान से दिया। तब उन्होंने भीड़ को शांत करने हेतु दोनों हाथ उठाए और एक मजे हुए कलाकार की भांति अपनी आंखे बंद कीं, और कहा बाद मुद्दत के मिले हैं दिवाने। उन्होंने चुप्पी साधी। भीड़ उतावली हो उठी। जब तालियां थमीं उन्होंने अपनी आंखें फिर खोलीं और फिर लम्बी चुप्पी के बाद बोले ‘कहने सुनने को बहुत हैं अफसाने।‘ तालियों की गड़गडाहट लम्बी थी और इसकी अंतिम पंक्ति जो उन्होंने बाद में मुझे बताई थी, तभी रची: ‘खुली हवा में जरा सांस तो ले लें, कब तक रहेगी आजादी कौन जाने।‘ अब भीड़ उन्मत्त हो चुकी थी।
रात की ठंड बढ़ने और फिर से शुरु हुई हल्की बूंदाबांदी के बावजूद कोई भी अपने स्थान से नहीं हटा। उन्होंने अटलजी को पूरी शांति के साथ सुना।
सरल हिन्दी में, वाकपटुता से अटलजी ने उन्हें बताया कि क्यों उन्हें इंदिरा गांधी को वोट नहीं देना चाहिए। उस रात दिए गए भाषण की प्रति मेरे पास नहीं है और वैसे भी वह बिना तैयारी के बोले थे, लेकिन जो मुझे याद है उसे मैं यहां सविस्तार बता सकती हूं। उन्होंने शुरु किया आजादी, लोकतांत्रिक अधिकारों, सत्ता में बैठे लोगों से असहमत होने का मौलिक अधिकार, जब तक आपसे ले लिए नहीं जाते उनका कोई अर्थ नहीं होता। पिछले दो वर्षों में यह न केवल ले लिए गए बल्कि जिन्होंने विरोध करने का साहस किया उन्हें दण्डित किया गया। जिस भारत को उसके नागरिक प्यार करते थे, अब मौजूद नहीं था। उन्होंने यह कहते हुए जोड़ा कि यह विशाल बंदी कैम्प बन गया है, एक ऐसा बंदी कैंप जिसमें मनुष्य को मनुष्य नहीं माना जाता। उनके साथ इस तरह से बर्ताव किया गया कि उन्हें उनकी इच्छा के विरुध्द काम करने को बाध्य किया गया जोकि एक मनुष्य की स्वतंत्र इच्छा के विरुध्द नहीं किया जाना चाहिए। विपक्षी नेता (उन्होंने कहा ‘हम‘) जानते हैं कि भारत की बढ़ती जनसंख्या के बारे में कुछ करने की जरुरत है; वे परिवार नियोजन का विरोध नहीं करते, लेकिन वे इसमें भी विश्वास नहीं करते कि मनुष्यों को जानवरों की तरह ट्रकों में डालकर उनकी इच्छा के विरुध्द उनकी नसबंदी कर दी जाए और वापस भेज दिया जाए। इस टिप्पणी पर तालियां बजीं और बजती रहीं, बजती रहीं तथा चुनाव वाले दिन ही मुझे समझ आया कि यह क्यों बज रहीं थीं।
अटलजी के भाषण समाप्ति के रुकी भीड़ ने और विपक्षी नेता अपनी सफेद एम्बेसेडर कारों में बैठे तथा भीड़ को छोड़ चले गए मानों तय किया था कि प्रेरणास्पद भाषण सुनने के बाद तालियों से भी ज्यादा कुछ और करना है। इसलिए जब पार्टी कार्यकर्ता चादर लेकर चंदा इक्ठ्ठा करते दिखाई दिए तो सभी ने कुछ न कुछ दिया। जनवरी की उस सर्द रात को मैंने देखा कि रिक्शा वाले और दिल्ली की सड़कों पर दयनीय हालत में रहने वाले दिहाड़ी मजदूर भी जो दे सकते थे, दे रहे थे तो पहली बार मुझे लगा कि इंदिरा गांधी के चुनाव हारने की संभावना हो सकती है।

अखिलेश यादव साथ दें तो आसमान में विमानों की झाड़ी लगा देंगे:अजित सिंह

केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री चौधरी अजित सिंह ने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री अखिलेश यादव उनका साथ दें तो आसमान में विमानों कि झड़ी लगा दी जायेगी|
एक लम्बे अरसे के बाद आगरा को पुनः एयर इंडिया के मानचित्र पर अंकित करते हुए अजित सिंह ने आगरा एअरपोर्ट पर दिल्ली -वाराणसी-आगरा-खजुराहो विमान सेवा का उद्घाटन किया|उन्होंने उनके मंत्रालय और प्रदेश सरकार के संबंधों को सुधारने का प्रयास किया और कहा कि देश में प्रदेश की आबादी १८% है जबकि सिविल एविएशन की सुविधा या व्यापार आबादी का मात्र १०% भी नहीं है|
इस अवसर पर दिए भाषण से लगता है कि अजित सिंह पूरे तैय्यारी के साथ आगरा आये थे और विमानन आकंड़ों के साथ विमानन सेवा के विस्तारीकरण को प्रदेश के विकास के लिए अहम् बताया|उन्होंने बताया कि दिल्ली की सकल घरेलू उत्पाद का १५% से ज्यादा हिस्सा विमानन सेवा से आता है|
केरल से खाड़ी देशों के लिए प्रति सप्ताह ३६० उड़ाने हैं |खाड़ी के देशों में यूं पी से भी बड़ी संख्या में लोग जाते हैं जबकि प्रदेश से एक विमान सेवा भी नही है|इसीलिए यूं पी से इराक शारजाह के लिए भी सीधी उडान होनी जरुरी है|
विमानन मंत्री ने प्रदेश मुख्य मंत्री से सहयोग की अपेक्षा करते हुए मेरठ ,मुरादाबाद और फैजाबाद कि हवाई पट्टी की मांग कर डाली|
उन्होंने अपने भावी यौजनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि आगरा से वृन्दावन के लिए हेलीकाप्टर और गोवा के लिए विमान सेवा शुरू कि जा सकती है|गौरतलब है कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा मेरठ, सहित अन्य शहरों में हवाई सेवा मुहैय्या करवाने के लिए प्रदेश से लागातार जमें मांगी जा रही है इसके लिए फायलों के घोड़े दौड़ाये जा रहे है मगर प्रदेश सरकार जमीन को मुफ्त में देने के बजे उसकी वाजिब कीमत की मांग करती आ

अखिलेश यादव साथ दें तो आसमान में विमानों की झाड़ी लगा देंगे:अजित सिंह

रही है|
इस अवसर पर एयर इंडिया के अध्यक्ष रोहित नंदन,सांसद डाक्टर कठेरिया,एस पी बघेल,विधायक पूरण प्रकाश,मेयर,आदि उपस्थित थे|

जेड सिक्युरिटी हटा कर सेना अपने पूर्व जनरल वी के सिंह को सहायक उपलब्ध करा कर शिष्टाचार निभाएगी

Retd.General V K Singh

आर्मी जनरल से सोशल एक्टिविस्ट बने पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह से बेशक जेड श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था हटा लेने की घोषणा कर दी गई है मगर भारतीय सेना अपने सेना के ‘‘शिष्टाचार’’ को निभाते हुए अपने इस अधिकारी को सेना कुछ सहायक उपलब्ध कराएगी जो रोजाना के कामकाज में उनकी मदद करेंगे ।
समाचार एजेंसी भाषा ने सेना के सूत्रों के हवाले से बताया है कि जनरल वीके सिंह को सहायक के रूप में कुछ कर्मचारी उपलब्ध कराए जाएंगे जो रोजाना के कामकाज में उनकी सहायता करेंगे । यह शिष्टाचार पूर्व सेना प्रमुखों और रेजीमेंटों के पूर्व कर्नलों को मिलता है । लेकिन श्री सिंह के साथ सुरक्षाकर्मी नहीं होंगे ।

ठण्ड से दम तोड़ता आम गरीब आदमी व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगाता हैCold Waives Needs Much Attention

पहाडी हवाओं पर तैरती आ रही ठंड का कहर लगातार जारी है।मेरठ के पोश और सबसे ज्यादा इस्तेमाल में आ रहे बेगम पुल पर भी एक व्यक्ति ठण्ड से जकड गया और व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए प्राण त्याग गया|पिछले दिनों कोहरे के कारण हुई दुर्घटनाओं में कई जाने गई तो अब ठण्ड के कहर से लोग दम तोड़ रहे हैं| इस जानलेवा ठंड से 24 घंटों के दौरान उत्तर प्रदेश के जिलों में ३८

Unknown Person Died Due To Cold waives in Meerut


लोग दम तोड़ चुके हैं। सबसे अधिक मौत बीते दिन हुई हैं|अभी ठण्ड का प्रकोप कम होने के बजाये बढने के दावे किये जा रहे हैं |बुधवार को ही मेरठ में न्यूनतम ७.३ डिग्री सेल्सियस तापमान रिकार्ड किया गया और आगे इसके और गिराने की संभावना व्यक्त की जा रही है|
मौसम विभाग के सूत्रों के मुताबिक अगले कुछ दिनों में ठंड की सर्द लहर और कहर बरपाएगी ।। अत्यधिक ठंड़ का कहर भदोही में दिखा है जहां पांच लोगों की मौत हो गई है। बलिया में चार तो इलाहाबाद, मिर्जापुर, सोनभद्र, गाजीपुर, बाराबंकी, चंदौली और आजमगढ़ में तीन-तीन मौतें हुई हैं। राज्य सरकार के मुताबिक, मऊ और श्रावस्ती में एक-एक मृत पाए गए हैं। राज्य में अधिकांश जगहों पर पारा गिरकर चार डिग्री से भी कम हो गया है।कोहरे से ज्यादा कहर ठंड़ की सर्द हवाओं से है। मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले कुछ दिन और खतरनाक होंगे किसी भी तरह की राहत नहीं मिलने वाली है।
देश में केंद्र और राज्य सरकारें आम गरीब आदमी के लिए समर्पित भाव से काम करने का दावा कर रही हैं|राज्य सरकार की तरफ से गरीबों के लिए शेल्टर होम और अलाव की व्यवस्था की गई है| स्वयम सेवी संस्थाएं भी कम्बल बाँट रही है मगर ठण्ड से हो रही ये मौतों का बढ़ता ग्राफ तमाम दावों पर प्रश्न चिन्ह लगा रहा है|

राष्‍ट्रीय विकास परिषद की बैठक में डाक्टर मनमोहन सिंह ने मुख्य मंत्रियों से महिलाओं की सुरक्षा के प्रति गंभीरता बरतने को कहा

डाक्टर मनमोहन सिंह P M Of INDIA Dr Manmohan singh

राष्‍ट्रीय विकास परिषद [एन डी सी] की आज गुरुवार को आहत बैठक में प्रधानमंत्री डाक्टर मनमोहन सिंह ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई। राष्‍ट्रीय राजधानी में चलती चार्टर्ड स्कूल बस में गैंगरेप की वारदात से लोगों में आए उबाल के बाद सरकार गंभीरता से सक्रिय होती नजर आ रही है।
प्रधानमंत्री ने आज एनडीसी की बैठक में अपने संबोधन में कहा कि महिलाओं की सुरक्षा सरकार के लिए सबसे बड़ी चिंता है। सरकार ने मौजूदा कानूनों की समीक्षा करने और महिलाओं के साथ संगीन यौन अपराध के मामलों में दंड के स्तर की समीक्षा करने का निर्णय किया है। उन्‍होंने कहा कि दिल्ली सामूहिक बलात्कार मामले में दोषियों को पकड़ लिया गया है, कानून उनसे तेजी से निपटेगा। महिलाओं की सुरक्षा प्राथमिकता के साथ की जाएगी। जस्टिस वर्मा की अध्‍यक्षता में कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी कानून को और कारगर बनाने पर सुझाव देगी। महिलाओं की सुरक्षा के लिए कानून में बदलाव की जरूरत है और सरकार इस दिशा में समुचित कदम उठा रही है। उन्होंने समाज को भी महिलाओं के प्रति जागरूकता को जरुरी बताते हुए कहा कि महिलाओं के प्रति समाज ईमानदार नहीं है। महिलाओं की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है।उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा को अहम बताया |
बैठक में शिरकत कर रहे देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि सभी मुख्यमंत्री महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि मंदी से उबरने के लिए आवश्यक कार्यों को प्राथमिकता दिए जाने पर भी जोर दिया

चलती बस में गैंग रेप पीड़ित युवती को बेहतर इलाज़ के लिए बेहद गोपनीय ढंग से सिंगापुर भेजा गया

दस दिनों से जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही बस में गैंग रेप पीड़ित युवती की हालत काबू से बाहर होने पर बेहतर इलाज के लिए बुधवार को बेहद गोपनीय ढंग से सिंगापुर भेज दिया गया है।इस एक कदम से सरकार ने पीडिता के प्रति जनाक्रोश को सम्मान देते हुए मानवीय संवेदनाओं का भी पालन किया है|
प्राप्त जानकारी के अनुसार बुधवार रात सफदरजंग अस्पताल से गुड़गांव के मेदांता अस्पताल की एंबुलेंस युवती को आईजीआई एयरपोर्ट ले गई। जहां से उसे लेकर विशेष एयर एंबुलेंस में सिंगापुर रवाना कर दिया गया| इससे पहले युवती को विदेश भेजने की बात गोपनीयरखने के लिए [१]बुधवार को युवती का मेडिकल बुलेटिन जारी नहीं किया गया था। साथ ही[२] सफदरजंग अस्पताल से मीडियाकर्मियों को भी हटा दिया गया था।
युवती के साथ उसके माता-पिता, दोनों भाई और मेदांता के हार्ट स्पेशियलिस्ट डॉ. नरेश त्रेहन के अलावा युवती का यहां इलाज कर रहे सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों की टीम भी गई है। युवती को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में भर्ती किया जाएगा। बताया जा रहा है कि इस अस्पताल में इलाज की बेहतरीन सुविधाएं हैं और दुनिया भर से जाने माने लोग भी इलाज कराने यहां पहुंचते हैं। सूत्रों के मुताबिक यहां युवती की सेहत में सुधार लाने के साथ ही उसकी आंत के ट्रांसप्लांट की कोशिश भी की जाएगी।दिल्ली कि मुख्य मंत्री शीला दीक्षित इस विषय में पहले ही प्रतिबद्धता दर्शा चुकी हैं|
इससे पहले बुधवार को युवती की हालत पर कैबिनेट की बैठक में भी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद को कहाथा कि विदेश में पीडिता का बेहतर इलाज कराने पर विचार किया जाना चाहिए।

चलती बस में गैंग रेप पीड़ित युवती को बेहतर इलाज़ के लिए बेहद गोपनीय ढंग से सिंगापुर भेजा गया

इसके बाद ही युवती को सिंगापुर ले जाने की तैयारियां शुरू हो गईं। तत्काल युवती और उसके परिवार का पासपोर्ट बनवाया गया। पासपोर्ट और अन्य जरूरी कागजात के लिए आईसीयू में ही छात्रा के फोटो लिए गए।
रात करीब पौने ग्यारह बजे मेदांता अस्पताल की एंबुलेंस सफदरजंग अस्पताल से युवती को लेकर निकली तो खुलासा हुआ कि उसे विदेश ले जाया जा रहा है। युवती को आंत ट्रांसप्लांट के लिए पहले अमेरिका ले जाने की बात चल रही थी। लेकिन अमेरिका से मना होने के बाद उसे सिंगापुर ले जाया गया।
अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि युवती को मंगलवार रात दिल की परेशानी हुई थी। इससे डॉक्टर घबरा गए थे। हवाई यात्रा के दौरान उसे किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर नरेश त्रेहन को उसके चेकअप के लिए बुलाया गया था। त्रेहन ने जांच की और विदेश ले जाने के लिए अनुमति दे दी। जीबी पंत अस्पताल के आईजी सर्जरी के अनिल अग्रवाल को भी जांच के लिए बुलाया गया था।
सिंगापुर की विशेषता
भारत से सिंगापुर की यात्रा में कम समय लगता है। युवती की बेहद नाजुक हालत को देखते हुए डॉक्टर उसके लिए ज्यादा लंबी यात्रा नहीं चाहते थे। इसके अलावा अंगों के ट्रांसप्लांट के लिए सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल को एशिया में सबसे बेहतरीन अस्पताल में माना जाता है।
माउंट एलिजाबेथ अस्पताल
सिंगापुर के पार्कवे हेल्थ ग्रुप का 373 बेड वाला माउंट एलिजाबेथ एक स्पेशिलिटी अस्पताल है।यहां पर ब्लेडलेस कैटरेक्ट सर्जरी, प्रोस्टेट कैंसर, थायराइड और कोलोरेक्टल कैंसर की रोबोटिक सर्जरी, स्टेम सेल प्रत्यारोपण, प्रतिरोपण की अत्याधुनिक सुविधा मौजूद है। पूर्व सपा नेता सांसद अमर सिंह और विश्व विख्यात अभिनेता रजनीकांत का इलाज भी सिंगापुर के इसी अस्पताल में हुआ था। दोनों को सिंगापुर के इस अस्पताल ने नई जिंदगी दी है ।

पूर्णतया गुरु समर्पित हो कर ही मार्ग में बिछे प्रलोभनों के जाल से बचा जा सकता है

इधर कहा कि न छूटे सवाब का जादा ।
उधर सजा भी दिया रास्ता गुनाहों का ।

Rakesh Khurana

खुराना
भाव: एक प्रेमी (ईश्वर -भक्त ) अपने प्रियतम (प्रभु ) से शिकायत कर रहा है कि एक तरफ तो तुम मुझसे ये कहते हो कि मैं नेक – पाक रहूँ , पवित्रता को धारण करूँ , दिन – रात तुम्हारी भक्ति करूँ , काम ,क्रोध , लोभ ,मोह , अहंकार से दूर रहूँ और दूसरी ओर रास्ते में हर जगह प्रलोभनों के जाल बिछा रखें हैं जिनसे बच निकलना मुश्किल है । जरा कदम फिसला कि गए । काम ,क्रोध , लोभ ,मोह , अहंकार आदि से बचने के लिए किसी पूर्ण , समर्थ गुरु पर हमारा अटल विश्वास हो ,हम पूर्णतया गुरु समर्पित हो जाएँ ।उनकी दया – मेहर से ही हम रास्ते में बिछे प्रलोभनों के जाल में फंसने से बच सकते हैं ।
उर्दू रूहानी शायर हजरत शमीम करहानी
प्रस्तुति राकेश खुराना

जनरल से एक्टिविस्ट बने वी के सिंह से Z Category वापिस होगी

केंद्र सरकार ने पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह को मुहय्या करवाया गया

Retd. General V kK S ingh &Baba Ram dev

Category सुरक्षा घेरा वापस लेने का फैसला किया है. श्री सिंह भ्रष्टाचार, दिल्ली में सामूहिक बलात्कार और अन्य मुद्दों पर कई प्रदर्शनों में भाग लेते रहे हैं. सूत्रों सेप्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व सेना प्रमुख को 30 नवंबर तक जैड ‘प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई थी, लेकिन एक समीक्षा बैठक में गृह मंत्रालय ने फैसला किया कि उन्हें किसी सुरक्षा की जरूरत नहीं है.उन्होंने कहा कि सेना मुख्यालय को फैसले से अवगत कराए जाने के बाद यह सिंह की सुरक्षा से बुलेट प्रूफ कार सहित सभी वाहनों और 30-35 सुरक्षाकर्मियों को वापस लेने की प्रक्रिया में है.सूत्रों ने कहा कि सिंह की सुरक्षा में हर समय सात वाहनों और 30-35 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई थी.गत 31 मई को सेवानिवृत्त हुए जनरल वीके सिंह को रक्षा मंत्री एके एंटनी से नौ महीने का सेवा विस्तार मांगे जाने के बाद 30 नवंबर तक जैड प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी और उन्हें दिल्ली छावनी क्षेत्र में एक साल तक सरकारी आवास में ठहरने की अनुमति मिली थी.|
दिल्ली पुलिस ने 16 दिसंबर को चलती बस में एक लड़की से सामूहिक बलात्कार की घटना के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों में कथित भूमिका के लिए प्राथमिकी में बाबा रामदेव के साथ जनरल सिंह का नाम भी दर्ज किया है.अपनी सेवानिवृत्ति के तुरंत बाद सिंह विभिन्न मुद्दों पर सरकार की आलोचना करने लगे और उन्होंने काले धन के मुद्दे पर योग गुरु रामदेव तथा लोकपाल के मुद्दे पर अन्ना हजारे का मंच साझा किया.|
सामूहिक बलात्कार के मुद्दे पर उन्होंने हाल में कहा था कि व्यवस्था ‘पूरी तरह बेनकाब और पंगु’ हो गई है तथा कार्रवाई करने में विफलता के चलते एक नहीं, बल्कि सैकड़ों बेटियों के शिकारियों के जाल में फंस जाने का खतरा है.नवंबर के अंत में उन्होंने संसद भंग करने का भी आह्वान किया था तथा उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के गन्ना किसानों की मांग के समर्थन में इसके घेराव की बात कही थी.अपने कार्यकाल के शेष कुछ महीनों में वह अपनी जन्मतिथि के निजी मुद्दे पर सरकार के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाने वाले पहले सेना प्रमुख बन गए
इस मामले में .बताया जा रहा है कि जनरल सिंह कोई राजनीती नही कोई अपराध नहीं वरन सामाजिक मुद्दों को उठा रहे हैंऔर जेड प्लस सिक्युरिटी तो विपक्ष के नेताओं को भी मिला है इसका मतलब है उन्हें किसी मुद्दे पर बात करने का हक नहीं है| सेवाकाल में जनरल द्वारा केंद्र सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये थे और जनरल कोर्ट भी गए थे लगता है की केंद्र सरकार ने मौजूदा डेवलपमेंट को जनरल के विरुद्ध एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने में देर नहीं लगाई है| एक तरफ तो कांस्टेबिल सुभाष तोमर की ह्त्या में अरविन्द केजरीवाल की “आप” के कार्यकर्ता चमन को आरोपित करके आप पर निशाना साधा गया है तो इसके साथ ही जनरल वी के सिंह की सरकार विरोधी उडान को भी हतोत्साहित करने का प्रयास किया है| फिलहाल जनरल ने सिक्योरिटी विड्रावल के तरीकों पर निराशा प्रगट कर दी हैक्योंकि यह सुविधा पूर्व में जीवन पर्यंत की गई सेवा के फलस्वरूप दी जाती है| वैसे इंडिया अगेंस्ट करप्शन की एक्टिविस्ट किरण बेदी का कहना है की जनरल को सुरक्षा की क्या जरुरत है?

वेंकटेश्वरा ग्रुप आफ इंस्टीटयुशंस ने नारी सुरक्षा रैली निकाली

वेंकटेश्वरा ग्रुप आफ इंस्टीटयुशंस के तत्वाधान में आज बुधवार को नारी सुरक्षा रैली निकाली गई|ग्रुप निदेशिका मनीषा गौड़ ने रैली को नारी के प्रति

वेंकटेश्वरा ग्रुप आफ इंस्टीटयुशंस ने नारी सुरक्षा रैली निकाली

अन्याय और शोषण के विरुद्ध जागरूक करने के साथ ही बेटा बेटी के भेद को मिटाने के लिए सबको आगे आने को प्रेरित किया|
इस रैली में प्लेकार्ड्स और नारों के माध्यम से महिलाओं पर होने वाले अत्याचार,घरेलू हिंसा,यौन उत्पीडन,को समाप्त करने तथा नारियों की सुरक्षा न्याय तथा नारी अधिकारों के प्रति जागरूकता लाने का प्रयास किया गया|मेरठ के साकेत से प्रारम्भ होकर रैलीको बच्चापार्क स्थित महाराणा प्रताप चौक पर समापन किया गया मार्ग भर में उद्देश्य की पूर्ती के लिए हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया
प्राचार्य डाक्टर एस पी एस सिंह के निर्देशन में निकाली गई इस नारी सुरक्षा रैली को ग्रुप निदेशक मनीषा गौड़ ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया |डीन राहुल शर्मा ने नारी सम्मान को आवश्यक बताया |कुलाधिपति सुधीर गिरी ने रैली को सफल बनाने की सबको शुभ कामनाएं दी|डाक्टर हरीश,राजेश,सलोनी देशवाल,रंजित यादव,दिलीप सिंह,जे एन त्रिपाठी,आर पी कश्यप,विशवास राणा पारस आदि ने सहयोग दिया|