[ नई दिल्ली] नमो राग छेड़ने पर सत्तारुड कांग्रेस ने स्वर कोकिला लता मंगेशकर को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया है|कांग्रेस के प्रवक्ता मीम अफजल शुक्रवार को टी वे चैनलों पर लता मंगेशकर की आलोचना करते दिखाई दिए| नरेंद्र मोदी शुक्रवार को लता मंगेशकर की ओर से बनाए गए अस्पताल का उद्घाटन करने पुणे में थे इस अवसर पर लता मंगेशकर ने कहा कि वोह सवयम और जनता चाहती हैं कि नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बनें।इसके लिए उन्होंने दीपावली के शुभ अवसर पर मंच पर ही ईश्वर से प्रार्थना भी की| यह अस्पताल लता मंगेशकर के पिता स्वर्गीय दीनानाथ मंगेशकर के नाम पर है।
इस मौके पर लता ने कहा, ‘नरेंद्रभाई मेरे भाई की तरह हैं। हम सभी उन्हें प्रधानमंत्री बनते देखना चाहते हैं। इस दीपावली के मौके पर मैं उम्मीद करती हूं कि हमारी इच्छा पूरी होगी। उल्लेखनीय है कि इस अस्पताल के पहले चरण का उद्घाटन अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था।
लता मंगेशकर किसी की दीदी और किसी की ताई के रूप में विश्व विख्यात है ख्याति लब्ध ऐसी पर्सनालिटी द्वारा नरेंदर मोदी का गुण गान करना निरंतर आलोचनाओं से घिरी कांग्रेस को रास नहीं आया|कांग्रेस के प्रवक्ता मीम अफजल ने इस पर तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि लता मंगेशकर अपने स्व्भाव के अनुसार अपने सामने किसी भी प्रतिद्वन्दी को पसंद नहीं करती है उन्होंने गायन के अपने सुनहरे काल में अपने प्रतिद्वंदी गायिकाओं को टिकने नहीं दिया|यही प्रवृति उन्हें मोदी में भी दिखाई दी होगी तभी ये दोनों एक मंच पर एक साथ आ गए|इसके अलावा लता बाल ठाकरे का भी समर्थन कर चुकी हैं|मीम यहीं नहीं रुके उन्होंने यहाँ तक कह दिया कि लता मंगेशकर छह साल तक सांसद रहीं मगर दो या तीन बार ही राज्य सभा में आई इसीलिए उनकी रूचि राजनीती में नहीं है |कल राहुल गांधी के समर्थन में भी आ सकती है|
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नमो राग छेड़ने पर सत्तारुड कांग्रेस ने स्वर कोकिला लता मंगेशकर पर भी राग वीभत्स शुरू किया
नरेंदर मोदी ने सरदार पटेल की विशालतम स्टेचू आफ यूनिटी का आज शिलान्यास किया और सच्चे सेकुलरिज्म को जरूरी बताया
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को आजाद भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्ल्भ भाई पटेल की विशाल प्रतिमा “स्टेच्यू ऑफ यूनिटी” का भरूच में शिलान्यास किया।आज सरदार का जन्मदिन है। इस मौके पर भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी भी साथ थे।इस अवसर पर मोदी ने बीते दिन प्रधान मंत्री द्वारा दिए गए सेकुलरिज्म पर भाषण के जवाब में सरदार पटेल के सेकुलरिज्म की मांग की |इसके साथ ही उन्होंने अपने विरुद्ध दी गई सुपारी का उल्लेख करके सबको चौंका भी दिया |
मोदी ने कहा कि पटेल किसी पार्टी के नहीं बल्कि पूरे देश की धरोहर थे। उन्होंने सरदार सरोवर बांध का काम पूरा न होने के लिए प्रधान मंत्री की कार्यप्रणाली की खिल्ली उड़ाई| उन्होंने कहा कि इस बांध का काफी हद तक काम पूरा हो चुका है लेकिन इस बांध पर गेट न लगने से इसकी शुरुआत नहीं हो सकी है।
गुजरात के सी एम् मोदी ने पीएम मनमोहन सिंह की उनके उस बयान के लिए व्यंगात्मक प्रशंसा की जिसमें उन्होंने सरदार पटेल को सच्चा सेक्यूलर बताया था। मोदी ने कहा कि आज देश को वोट बैंक की राजनीति से निजात दिलाने की जरूरत है। उन्होंने भारत की सांझी विरासत को संजोने और इसको नष्ट न होने देने के लिए आहवान किया। मोदी ने गुजरात इफ़ेक्ट का असर बताते हुए कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है कि केंद्र सरकार में आज के दिन सरदार पटेल को याद करते हुए देश भर में विज्ञापन दिए गए हैं| मोदी ने स्मारक कि विशेषता बताते हुए कहा कि पटेल के इस स्मारक में एक डिजिटल वर्ल्ड होगा जिसमें सात लाख गावों के मुखिया और गावं का इतिहास और ब्यौरा दर्ज होगा।इसके उनकी सहायता के लिए खेती के विषय में भी जानकारी उपलब्ध कराई जायेगी|
मोदी ने कहा कि जब उन्होंने महात्मा गांधी का मंदिर बनाया तो किसी ने आकर उनसे सवाल नहीं किया, लेकिन अब जब सरदार पटेल की मूर्ति की बात हुई तो कहा जा रहा है कि मोदी भाजपा से हैं और सरदार पटेल कांग्रेसी थे। उन्होंने कहा कि यह मूर्ति देश की एकता का प्रतीक है, क्योंकि यह मूर्ति देश के सात लाख गावों से मिले लोहे से तैयार होगी।
सरदार पटेल की विशाल प्रतिमा को मोदी की महत्वाकांक्षी योजना माना जा रहा है। लोहे की इस विशाल प्रतिमा के लिए ठेका बुर्ज खलीफा बनाने वाली कंपनी को दिया गया है। 182 मीटर ऊंची यह मूर्ति बनने के बाद दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति होगी। यह स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी से दोगुना बड़ी होगी।
182 मीटर ऊंची यह प्रतिमा नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध के करीब साधु बेत पर प्रस्तावित है।
रिटायर्ड के.पी सक्सेना के कैंसर पीड़ित शरीर में एक किलो गोश्त नहीं+एक बोतल खून नही फिर भी ऊपर वाले ने उठा लिया
झल्ले दी झल्लियां गल्लां
दुखी व्यंगकार
यारा आज तो बड़ा अनर्थ हो गया ओये मशहूर व्यंगकार पद्मश्री हसाडे प्रेरणाश्रोत के.पी. सक्सेना [८१]का आज तडके निधन हो गया ओये उनके संवाद लेखन की श्रेष्ठ कला को फ़िल्म लगान+हलचल+स्वदेश के साथ जोधा अकबर के माध्यम से हमेशा याद किया जाता रहेगा
झल्ला
यार ये रब्ब भी कैसे कैसे मजाक करने लगा है अब बताओ केपी सक्सेना जैसों को भी उठाने लग गया|रिटायर्ड सक्सेना के कैंसर पीड़ित शरीर में एक किलो गोश्त नहीं+एक बोतल खून नही फिर भी ऊपर वाले को उसकी क्या जरुरत पड़ गई?
Nation Paid Homage To Ist Iron Lady Ruler Indira Gandhi
[New Delhi] The nation today remembered former Prime Minister Indira Gandhi on her 29th death anniversary. President Pranab Mukherjee and other leaders Paid tributes to the First Iron Lady Ruler Smt. Indira Gandhi .
President Pranab Mukherjee paid floral tributes at Shakti Sthal, the memorial of Smt. Indira . Prime Minister Dr Man mohan Singh and Congress chief Sonia Gandhi were also present on the occasion.
Union Ministers Sushilkumar Shinde+ Kamal Nath+ Oscar Fernandes, M Veerappa Moily and Krishna Tirath also paid Their Homage
Devotional songs were played at the venue.
Photo Caption
[1]The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh performing parikrama at the Samadhi of former Prime Minister, Late Smt. Indira Gandhi, on her death anniversary, at Shakti Sthal, in Delhi on October 31, 2013.
Subhas Goswami Has Been Appointed as Director General I T B P
Subhas Goswami Has Been Appointed as Director General I T B P
Shri Subhas Goswami, IPS(AM:77), presently working as Director, Sardar Vallabhbhai Patel National Police Academy, Hyderabad has been appointed as Director General in Indo Tibetan Border Police (ITBP) .
The appointment of Shri Goswami will be effective from the date of taking over the charge of the post and till the date of his superannuation (Dec. 31,2014) or until further orders, whichever event takes place earlier.
Dr.D.Y.Chandrachud Will Be New Chief Justice of High Court of Judicature at Allahabad
Dr. D. Y. Chandrachud Has Been Appointed as the Chief Justice of the High Court of Judicature at Allahabad .This Appointment is Made By The President Shri Pranab Mukherji .
In exercise of the powers conferred by clause (1) of Article 217 of the Constitution of India, the President has appointed Dr. Justice Dhananjaya Yashwant Chandrachud , Judge of the High Court of Bombay, as the Chief Justice of the High Court of Judicature at Allahabad This Appointment Will Be Effective From The Date Dr Chandrachud Assumes charge of New Office.
सरदार पटेल की विरासत को लेकर डॉ मन मोहन सिंह और नरेंदर मोदी भिड़े
जैसी कि आशंका थी ,लौहपुरुष वल्लभ भाई पटेल की विरासत पर आज दो सरदार भिड़ ही गए | स्टेज था अहमदाबाद में सरदार पटेल संग्रहालय के उद्घाटन समारोह का और पात्र थे प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह और गुजरात के मुख्य मंत्री नरेंदर मोदी|
नरेंदर मोदी ने अपनी विशिष्ठ शैली में केंद्र में सत्ता रुड कांग्रेस और प्रधानमंत्री पर व्यंग बाण चलाये जिसके जवाब में सदा शांत स्व्भाव वाले मन मोहन सिंह ने भी उसी भाषा में जवाब दिया|
अहमदाबाद में सरदार पटेल स्मारक के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री एक घंटे देर से पहुंचे। पहले वह राजीव गांधी भवन में कांग्रेसियों के पास गए थे। कार्यक्रम शुरू होते ही नरेंदर मोदी ने पटेल पर राजीव गांधी को वरीयता देने पर प्रधानमंत्री पर तंज कसा। साथ ही कहा किजवाहर लाल नेहरू के बजाय सरदार वल्ल्भ भाई पटेल देश के पहले प्रधानमंत्री बनते तो देश के हालात कुछ और ही होते |
इसके आलावा मोदी लागातार गुजरात के विकास का भी उल्लेख करते गए गौरतलब है कि गुजरात का विकास मॉडल लागातार केंद्रीय नेताओं के निशाने पर रहा है मोदी ने बताया कि केंद्र सरकार ने देश में सबसे ज्यादा 90 बार सुशासन के लिए गुजरात सरकार को पुरस्कार दिए हैं।
डॉ मन मोहन सिंह ने अपने सम्बोधन में सरदार वल्ल्भ भाई पटेल की विरासत पर अपनी पार्टी के कॉपी राइट्स का दावा प्रस्तुत करते हुए मोदी के तमाम दावों को ध्वस्त करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी के सरदार पटेल भारत के महान सपूत थे। उन्होंने देश की एकता-अखंडता के लिए पूरा जीवन समर्पित कर दिया। पांच सौ से ज्यादा रजवाड़े एक किए।पीएम ने कहा कि दोनों के बीच गहरा सम्मान और भरोसा था। पटेल वाली कांग्रेस से में[मन मोहन सिंह] भी जुड़ा हूँ| उन्होंने कहा “सरदार साहब हमारे देश के सबसे बड़े नेताओं में से एक माने जाते हैं। उन्होंने आज़ादी की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा की और आज़ादी के बाद भारत के उप प्रधान मंत्री के रूप में राजाओं और नवाबों की 500 से अधिक रियासतों को भारत में शामिल करने के काम का नेतृत्व किया। यह कहना ग़लत नहीं होगा कि आज दुनिया जिस एक और अखंड भारत को जानती है उसकी बुनियाद रखने में सरदार वल्लभ भाई पटेल का बहुत बड़ा योगदान था। उनकी इच्छा शक्ति और शासन क्षमता अनोखी थीं और इसीलिए उन्हें लौह पुरुष के नाम से जाना जाता है।
सरदार पटेल जी का नज़रिया पूरी तरह से धर्मनिर्पेक्ष था। उन्हें भारत की अखंडता में गहरा विश्वास था। उन्होंने कहा था कि पूरा भारत उनका गांव है और सभी संप्रदाय के लोग उनके दोस्त और रिश्तेदार हैं।
सरदार पटेल जी एक जमीन से जुड़े हुए नेता थे। उनका जन्म गुजरात के एक ग्रामीण इलाके में हुआ उन्होंने हमेशा सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े हुए लोगों और ख़ास तौर पर किसानों की भलाई के लिए उम्रभर काम किया। खेड़ा, बलसाड़ और बारदोली के किसानों को उन्होंने जिस तरह से संगठित करके सविनय अवज्ञा आंदोलन में शामिल किया उसे आज भी याद किया जाता है।”
उन्होंने बताया” इस संग्रहालय में सरदार पटेल और आज़ादी की लड़ाई से संबंधित लगभग 1000 से ज्यादा फोटो, सरदार पटेल के भाषण, उनके पत्र और उनके व्यक्तिगत उपयोग में आई वस्तुएं उपलब्ध रहेंगे। अब से इस राष्ट्रीय स्मारक में भारत के स्वतंत्रता संग्राम पर एक 3D साउंड एण्ड लाईट कार्यक्रम का आयोजन भी हुआ करेगा।”
पी एम् ने कहा “मैं अपनी बात खत्म करने से पहले सरदार पटेल के महात्मा गांधी और पंडित जवाहरलाल नेहरू के साथ किस प्रकार के संबंध थे इसका ज़िक्र करना चाहूंगा। सरदार पटेल जी का मानना था कि महात्मा गांधी उनको उसी तरह का प्यार देते हैं जैसे उन्हें अपने पिता से मिलता। और गांधी जी भी सरदार पटेल को अपने बेटे की तरह मानते थे। दोनों नेताओं ने यरवदा जेल में 1930 के दशक में 16 महीने साथ गुज़ारे। सरदार पटेल का कहना था कि यह 16 महीने बापू के साथ की वजह से बहुत खुशी में गुज़रे।” “कई बार दोनों के बीच मतभेदों का ज़िक्र आता है। लेकिन यह याद रखना बहुत ज़रूरी है कि दोनों के बीच सहमति के विषय कहीं ज़्यादा थे और दोनों नेता एक दूसरे के विचारों का बहुत सम्मान करते थे।
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[1]” The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh unveiling the plaque to inaugurate the statue of Sardar Vallabhbhai Patel, at the inauguration of the Sardar Vallabhbhai Patel Museum, in Ahmedabad on October 29, 2013.
The Governor of Gujarat, Smt. Kamla Beniwal, the Chief Minister of Gujarat, Shri Narendra Modi and the Union Minister for Heavy Industries and Public Enterprises, Shri Praful Patel are also seen.
वल्ल्भ भाई के नाम पर इकट्ठे होंगे दो सरदार एक मन मोहणा ते दूजा भाजपाई सिपहसालार
वल्ल्भ भाई के नाम पर इकट्ठे होंगे दो सरदार
मन मोहणा ते दूजा भाजापाई सिपहसालार
वल्ल्भ भाई के स्मारक पर बनेगा विशाल स्टेचू
कहते हैं कि स्टेचू आफ लिबर्टी से ऊंचा होगा
लेकिन इसकी सुरक्षा का जिम्मा किसके सर होगा
स्टेचू आफ लिबर्टी को अंग्रेजी तोपों से बचाने को
किया गया था स्टेचू के नीचे एक दुर्ग का भी निर्माण
क्योंकि भारत में गुजरात पर है आतंक का साया
राज्य और केंद्र पर छाया अविश्वास का घना साया
अभी तो पटेल पर कांग्रेसी और भाजपाई कर रहे दावा
सरदार वल्ल्भ भाई पटेल टेड़ा है पर मेरा ही है लेकिन
अताताईयों से लोहा लेने का काम किसके जिम्मे आया ?
आगरा और दिल्ली के लाल किला के ऐतिहासिक आकर्षण को लौटा लाने के लिए बगीचों का जीर्णोधार जरूरी है
आगरा की तरह ही दिल्ली का लाल किला भी एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय धरोहर है इनके पुराने आकर्षण को दोबारा लाने के लिए इनमे बने ऐतिहासिक बगीचों का जीर्णोधार जरूरी है |यह विचार आज केंद्रीय संस्कृति मंत्री श्रीमती चंद्रेश कुमारी कटोच ने व्यक्त किये |
भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा लाल किला परिसर के संरक्षण और प्रबंधन पर कार्यशाला का आयोजन किया गया है इस कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय संस्कृति मंत्री श्रीमती चंद्रेश कुमारी कटोच द्वारा कार्यशाला को संबोधित किया।
उन्होंने इस कार्यशाला में भाग लेने वालों का स्वागत किया और विभिन्न ऐतिहासिक स्मारकों के संरक्षण में इसे उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि आगरा का ताज महल और दिल्ली का लाल किला इस परिवेश का हिस्सा है और उन्हें खुशी है कि विश्व की इन दोनों धरोहरों पर विशेष ध्यान दिया गया है।
उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार के सहयोग से पुरातत्व विभाग और आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) का यह सहयोगपूर्ण प्रयास एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगा और इस दो दिवसीय आगरा कार्यशाला की सिफारिशें महत्वपूर्ण होंगी। आगरा की तरह ही नई दिल्ली का लाल किला भी एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय धरोहर है और अद्भुत भवन निर्माण कला व राष्ट्र के इतिहास, दोनों पहलुओं से इसके महत्व को देखते हुए यह विशेष सुरक्षा व संरक्षण का हकदार है। पुरातत्व विभाग इस संबंध में काफी कुछ कर चुका है पर जब तक हम किले के भीतर खुबसूरती से बने ऐतिहासिक बगीचों का जीर्णोधार नहीं करते, यह अपना पुराना आकर्षण दोबारा प्राप्त नहीं कर पायेगा।
उन्होंने खुशी जाहिर की कि विशेषज्ञ आज यहां एक ऐसे विचार-विमर्श के लिए एकत्र हुए है जिसमें लाल किले के भीतर एतिहासिक बगीचों पर भी ध्यान दिया जाएगा। वैज्ञानिक जांच पड़ताल के ज़रिए पुरातत्व विभाग इन बगीचों के वास्तविक स्तरों और इसके जल विज्ञान का भी अध्ययन करेगा।
उन्होंने आशा जताई कि इस कार्यशाला से न केवल ढ़ाचों और बगीचों के लिए विस्तार सहित संरक्षण प्रस्ताव तैयार करने के लिए एक समय सीमा पर पहुंचा जा सकेगा बल्कि इसे वैज्ञानिक व समयबद्ध रूप से लागू भी किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि वह स्वयं और उनका मंत्रालय इस कार्य के लिए पूरी तरह वचनबद्ध हैं और उन्होंने इस पहलकदमी को पूरा करने के लिए आवश्यक सभी तरह के सहयोग का आश्वासन दिया।
अंत में उन्होंने इस कार्यशाला के सभी सदस्यों को सफल होने की शुभकामनाएं दी और आशा व्यक्त की कि उन्हें सौंपी गई जिम्मेदारी को वो पूरा करें
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