आज बारह का विशेष महत्त्व है शायद इसीलिए मायावती ने राज्यसभा की कार्यवाही को लेकर सरकार के बारह बजाये
अंसारी ने उनसे शांत होने की अपील करते हुए कहा कि सदन सभी दलों के सहयोग से ही सुचारू रूप से चल सकता है और वह अभी प्रश्नकाल चलने दें। नाराज मायावती ने उनकी अपील अनसुनी कर दी और आसन के करीब आ गईं। मायावती के न मानने और बीएसपी सांसदों के हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही पहले कुछ समय के लिए और फिर दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।नियमानुसार, सदस्यों को पीठासीन अधिकारी पर अभद्र टिप्पणी करने की अनुमति नहीं है.मायावती की इस टिपण्णी पर कांग्रेस द्वारा आपत्ति जताई गई है| गौरतलब है कि अनुसूचित जातियों व जनजातियों को प्रोन्नति में आरक्षण मुहैया कराने वाले एक संविधान संशोधन विधेयक को लेकर सदन की कार्यवाही बाधित हो रही है.
सभापति प्रश्नकाल की अध्यक्षता करते हैं, जबकि शून्यकाल और उसके बाद की कार्यवाहियों की अध्यक्षता आमतौर पर उपसभापति द्वारा की जाती है. सभापति हालांकि महत्वपूर्ण अवसरों पर सदन में वापस आते हैं|.
उदाहरण के तौर पर जब प्रधानमंत्री का कोई वक्तव्य हो, या जब किसी सत्र की समाप्ति पर सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो रहा हो.उन्होंने कहा कि आप 12 बजे जाइए लेकिन सदन की कार्यवाही सुनिश्चित कराना आपकी जिम्मेदारी है। 12 बजते ही आप सदन में नहीं दिखेंगे। मायावती की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए संसदीय कार्य मंत्री राजीव शुक्ला ने इस टिपण्णी को दुर्भाग्य पूर्ण बताया है|