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Category: Crime

दूध के ६८.४% नमूनों [Samples] को राष्ट्रीय सर्वेक्षण ने मिलावटी[अवैध] घोषित किया

देश में उपलब्ध कराये जा रहे दूध के ६८.४% नमूनों [Samples] राष्ट्रीय सर्वेक्षण ने मिलावटी घोषित किया
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसए) द्वारा देशभर में दूध की गुणवत्ता का पता लगाने के लिए किए गए राष्ट्रीय सर्वेक्षण के अनुसार 68.4 % नमूने खाद्य सुरक्षा और मानक विनियम, 2011 के अनुसार नॉन-कंफर्मिंग अर्थात अवैध पाए गए हैं।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने बीते दिनों राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दूध में मिलावट के रिकार्ड के रख रखाव की जिम्मेदारी राज्यों पर डालते हुए बताया कि नॉन कंफर्मिंग नमूनों का रिकार्ड राज्यों द्वारा रखा जाता है।
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण द्वारा केंद्रीकृत रूप में इस बारे में कोई आंकड़े नहीं रखे जाते हैं। यह प्राधिकरण खाद्य वस्तुओं के विनिर्माण, भंडारण, वितरण, बिक्री और आयात को विनियमित करने तथा मानव उपभोग के लिए सुरक्षित एवं संपूर्ण भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के प्रयोजन के लिए एक नोडल एजेंसी है।
खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम-2006 के कार्यान्वयन का दायित्व राज्यों/संघ शासित प्रदेशों का है। राज्यों के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा दूध सहित खाद्य वस्तुओं के बेेतरतीब नमूने निर्दिष्ट खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं के पास विश्लेषण के लिए भेजे जाते हैं। 12वीं पंचवर्षीय योजना में राज्य स्तर पर खाद्य नियामक प्रणाली के लिए 1500 करोड़ रुपये का परिव्यय निर्धारित किया गया है।

Yes There is deficiency in services but No Complaints from beneficiaries of C G H S Delhi : Union Health Minister

Yes There is deficiency in services but No Complaints from beneficiaries of C G H S Delhi : Union Health Minister
The dental services in CGHS Delhi have been outsourced in 13 Wellness Centres for 22 dental procedures.
It has been informed by the union health minister Gulam Nabi Azad that No specific complaint has been reported about any irregularities committed by the dental clinics in connivance of some officers. However deficiency in services has been reported from the beneficiaries. An Inspection Committee has been constituted for regular inspection of the dental units to ensure proper delivery of services as per the terms and conditions of the agreement.
Details of CGHS Wellness Centers where the Dental Care Services have been outsourced
Central Zone : New Delhi
S. No.=Wellness Centres Name=Address
[1]Dr. Z.H. Road (D44)CGHS Dispensary Building, Dr. Z.H. Road, New Delhi.
[2]Chitra Gupta Road (D51)CGHS Dispensary Building, Near Aram Bagh, New Delhi.
[3]Aliganj, Lodhi Road -I (D9)CGHS Dispensary Building, Near Lodhi Road, New Delhi.
[4]Kali Bari (D 76)CGHS Dispensary Building, Kali Bari Marg, DIZ Area, New Delhi.
[5]CGHS Dispensary Chanakyapuri
CGHS Dispensary Chanakyapuri, New Delhi.
South Zone: New Delhi
S. No.==Wellness Centres Name==Address
[1]Sadiq Nagar (D63)
CGHS Dispensary Building , Behind Siri Fort Road, Near G.K.-I, New Delhi.[2]SriniwasPuriCGHS Dispensary Building, Sriniwaspuri, New Delhi[3]PushpVihar (D78)
A-B/125, 126, 127 – Sector –IV, PushpVihar, New Delhi.
[4]R.K. Puram-V (57)CGHS Dispensary Building, Sector-XII, R.K. Puram.[5]Moti Bagh (D 16)
CGHS Dispensary Building near Begum Zaidi Market, Moti Bagh, New Delhi.[6]Kidwai Nagar (D 12)
CGHS Dispensary Building, 61-63, Kidwai Nagar.[7]
Kalkaji. I (D42)
CGHS Maternity Centre & Dispensary, Kalkaji.[8]
Faridabad (D70)
CGHS Dispensary Building, NH-4, Faridabad.

सांसद जयंत चौधरी, किसानो की समस्यायों के लिए, धरना प्रदर्शन से, शुगर बाउल में उबाल लायेंगे

सांसद जयंत चौधरी, किसानो की समस्यायों के लिए, धरना प्रदर्शन से, शुगर बाउल में उबाल लायेंगे|
किसानो के बकाये का भुगतान कराने के लिए राष्ट्रीय लोक दल[रालोद]के राष्ट्रीय महासचिव सांसद जयंत चौधरी, धरना प्रदर्शन से, गन्ना मिल मालिकों के साथ ही प्रदेश सरकार पर भी दबाब बनायेंगे|
प्.उ.प्र. के कार्यकारी अध्यक्ष सत्यवीर त्यागी ने बताया कि १२ सितम्बर २०१३ को मेरठ कमिश्नरी के सामने स्थित चौधरी चरण सिंह पार्क में धरना और प्रदर्शन होगा जिसका न्रेतत्व जयंत चौधरी द्वारा किया जाएगा| सांसद जयंत बघरा[मुजफ्फर नगर ] से हाथी करौंदा [शामली ]की पदयात्रा के पश्चात इस एतिहासिक धरने का न्रेत्त्व करेंगे|इससे पूर्व रालोद गण किसानों की समस्यायों को लेकर मुरादाबाद और बागपत में भी विरोध व्यक्त कर चुका है|

बिहार में ओवर लोडिंग पर लगाम कसने के लिए बैरियर और वेइंग मशीन लगाए जायेंगे

बिहार में ओवर लोडिंग पर लगाम कसने के लिए बैरियर और वेइंग मशीन लगाए जायेंगे|
बिहार सरकार ने ओवर लोडिंग पर लगाम कसने के लिए वेइंग मशीन लगाने की तैय्यारी शरू कर दी है|
बिहार सरकार ने ओवर लोडिंग की समस्या के प्रति गंभीरता दिखाते हुए ओवर लोडिंग से मुक्ति के लिए ,आज,प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं| परिवहन ,सूचना एवं जन संपर्क मंत्री वृषिण पटेल ने बताया कि प्रमुख स्थलों पर बैरियर लगाने और ओवर लोडिंग की समस्या वाले पॉइंट्स पर वेइंग मशीन लगाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं|
ओवर लोडिंग कि समस्या से मुक्ति के लिए आज उनके मंत्रालय में एक बैठक भी हुई जिसमे परिवहन विभाग के प्रधान सचिव आर के महाजन+खनन एवं भूतल विभाग के प्रधान सचिव बी प्रधान+पथ निर्माण के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने भाग लिया और इस ज्वलंत समस्या के समाधान के लिए संयुक्त रूप से कार्य करने का संकल्प दोहराया |

छह निजी एयर लाइन्स पर एयर पोर्ट्स के किराये और टैक्स का २०६.३० करोड़ रूपया बकाया

देश की छह निजी एयर एयर लाइन्स पर एयर पोर्ट के किराये और टैक्स का २०६.३० करोड़ रूपया बकाया है|आरोप है कि , इन एयर लाइन्स द्वारा , बिना किराया दिए ही एयर पोर्ट्स का इस्तेमाल किया जा रहा है|
एयर पोर्ट अथॉरिटी [ AAI ] ने एयर पोर्ट के किराये और टैक्स की मद में देश की छह निजी एयर लाइन्स से २०६.३० करोड़ रुपये वसूलने हैं |सिविल एविएशन राज्य मंत्री के सी वेणु गोपाल ने राज्य सभा में यह स्वीकार किया कि एयर लाइन्स से करोड़ों रुपयों की लेन दारी की प्रक्रिया जारी है| भविष्य में इसकी पुनरावृति रोकने के लिए कुछ उपाए किये जाने का भी दावा किया गया है|
(i) वसूली की निरंतर निगरानी होगी
[ii]] भुगतान में विलंभ होने पर नोटिस जारी किया जाएगा
(iii) पेनल इंटरेस्ट लगाय जाएगा
31.03.2013 तक विवरण इस प्रकार बताय गया है|
[ Sl.No] [ Name of Airline] Total dues (Rs. in crore)
[ 1] किंग फ़िशर [Kingfisher Airlines ]====================186.26 Crores
[2]===ईस्ट वेस्ट [East West Airlines ]=====================14.31
[ 3] एन ई पी सी[NEPC Airlines=]===========================2.74
[ 4] पैरामाउंट [Paramount Airways ]=========================1.75
[5] कॉन्टिनेंटल [Continental Airlines ]========================0.95
[ 6] वी आई ऍफ़ [VIF Airlines=]==============================0.29

President Obama Honored Sergeant Carter of U.S. Army for Conspicuous gallantry against Taliban fighters In Afghanistan

President Barack Obama Honored Sergeant Ty M. Carter of U.S. Army for Conspicuous gallantry against Taliban fighters In Afghanistan. The first time in nearly half a century, since the Vietnam War, this gallantry award has been presented to two survivors of the same battle.
In the East Room of the White House ON Aug. 26, 2013 This ceremony was arranged wherein President Obama presented the Medal of Honor to Army Staff Sgt. Ty M. Carter.
President Obama applauded Staff Sergeant Carter.While describing the sacrifices of Carter ,Obama informed that Carter was one of 53 American soldiers who were attacked , In Their Sleep,by 300 Taliban Fighters on October 2009
President Obama told the story of Carter’s actions in battle that day, which he called the “essence of true heroism – ‘not the urge to surpass all others at whatever cost, but the urge to serve others at whatever cost.’”
Obama said that The choice, it seemed, was simple — stay and die, or make a run for it. Sergeant Ty returned to the fight. With much of the outpost on fire, the flames bearing down on the aid station, with so many wounded inside, saved the aid station, and helped to rally his troop as they fought, yard by yard. They pushed the enemy back. Our soldiers retook their camp.
President Obama also recognized Carter’s courage off the battlefield in speaking openly and honestly about his struggle with Post-Traumatic Stress. “At first, like a lot of troops, Ty resisted seeking help,” President Obama said. But with the support of the Army, his commanders, and his family, he reached out. Now he wants to help other soldiers with their own recovery
Courtesy White House ,

दिल्ली में अभी भी ६८५ झुग्गी बस्तियां हैं और पिछले तीन सालों में एक भी स्लम बस्ती को सूची से हटाया नहीं जा सका है

दिल्ली के विकास के तमाम दावों की पोल खोलते हुए आज सरकार ने यह स्वीकार किया कि दिल्ली में अभी भी ६८५ झुग्गी बस्तियां हैं और पिछले तीन सालों में एक भी स्लम बस्ती को सूची से हटाय नहीं जा सका है|
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले दशक के दौरान झुग्गी बस्तियों की संख्या में कोई वृद्धि नहीं हुई है इसके उपरांत भी अभी तक २२ लाख की आबादी 685 झुग्‍गी-झोपड़ी बस्तियों में रहने को अभिशिप्त है यहाँ तक कि पिछले तीन सालों में एक झुग्गी बस्ती तक भी स्लम सूची से हटाई नही जा सकी है|
केन्‍द्रीय शहरी वि‍कास राज्‍य मंत्री श्रीमती दीपा दासमुंशी ने आज राज्‍य सभा में एक प्रश्‍न के लि‍खि‍त उत्‍तर में यह तो दावा किया कि‍ नई दिल्ली में पिछले दस सालों में कोई नई झुग्गी बस्ती नही बसाई गई लेकिन इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि पिछले तीन सालों में एक झुग्गी बस्ती को सूची से हटाया भी नहीं गया है| राज्य मंत्री ने बताया कि नई दिल्ली नगरपालिका परिषद+ दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी)+ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दि‍ल्‍ली सरकार + दिल्ली छावनी बोर्ड द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक पिछले 10 सालों में दिल्ली में कोई नई झुग्गी बस्ती नही बसी है | पि‍छले तीन वर्षों के दौरान कोई भी क्षेत्र स्लम के रूप में अधिसूचित नहीं कि‍या गया है और न ही सूची से हटाया गया है।
दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड के अनुमान के अनुसार वर्तमान में 685 झुग्‍गी-झोपड़ी बस्‍ति‍यां हैं, जिसकी‍ आबादी लगभग 20-22 लाख है।

धोखाधड़ी के गंभीर मामलों की जांच करने वाला कार्यालय भी कर्मचारियों की कमी से अभिशिप्त है

धोखाधड़ी के गंभीर मामलों की जांच करने वाला कार्यालय भी कर्मचारियों की कमी से अभिशिप्त है
देश में बेशक धोखाधड़ी के गंभीर मामलों का ग्राफ ऊपर जा रहा है लेकिन धोखाधड़ी के गंभीर मामलों की जांच करने वाले कार्यालय में कर्मचारियों की बेहद कमी होती जा रही है |वर्तमान में लगभग ५०%कर्मियों की कमी स्वीकार की जा चुकी है| इस कमी को दूर करने के लिए भर्ती नियमों में संशोधन करने का प्रस्‍ताव अभी तक कार्मिक मंत्रालय में लंबित है|
कॉरपोरेट मामलों के मंत्री श्री सचिन पायलट ने आज राज्‍यसभा में एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में बताया कि धोखाधड़ी के गंभीर मामलों के जांच कार्यालय में कर्मचारियों की काफी कमी है। 95 तकनीकी कर्मचारियों के मुकाबले 53 कर्मचारी ही काम कर रहे हैं। इनके अलावा रिक्‍त स्‍थानों पर काम करने के लिए अनुबंध पर सात कर्मचारी रखे गए हैं।
श्री पायलट ने कहा कि इस कार्यालय के गठन के समय मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए फैसले के अनुसार कार्यालय में कर्मचारी मुख्‍य रूप से प्रतिनियुक्ति पर रखे जाते हैं। सरकार विभिन्‍न संगठनों से कर्मचारी लेने के प्रयास कर रही है। इसके लिए समाचार पत्रों में विज्ञापन भी दिए जाते हैं।
श्री पायलट ने कहा कि कर्मचारियों की कमी को दूर करने के‍ लिए कार्मिक मंत्रालय को भर्ती नियमों में संशोधन करने का प्रस्‍ताव भेजा गया है, ताकि प्रतिनियुक्ति पर कर्मचारी न मिलने की स्थिति में इनकी सीधी भर्ती की जा सके। अवकाश प्राप्‍त सरकारी अधिकारियों को कन्‍सलटेंट के रूप में रखने के बारे में भी अनुमति देने का अनुरोध किया गया है।

अखिलेश यादव ने जन शिकायतों के निस्तारण में शिथिलता बरतने वाले उप जिलाधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही के निर्देश दिए

उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री अखिलेश यादव ने तहसील दिवसों पर जन शिकायतों के निस्तारण में शिथिलता बरतने वाले उप जिलाधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही के निर्देश दिए हैं|
शासन के प्रवक्ता ने बताया कि २२ अगस्त २०१३ तक तहसील दिवस की वेबसाइट पर स्थिति की समीक्षा की गई जिस के दौरान बीते एक वर्ष में पञ्च जनपदों में १७३० मामले लंबित पाए गए हैं|
प्रताप गढ़==४६४[२]फैजाबाद=३८०[३]चित्रकूट=३७४[४]संभल=२९४[५]शाहजहाँ पुर=२१८ प्रार्थना पत्र लंबित हैं|
अखिलेश यादव ने कहा है कि इन आकड़ों से स्पष्ट है कि उपजिलाधिकारियों द्वारा जन शिकायतों के निस्तारण में पर्याप्त रूचि नहीं ली जा रही| इनके तत्काल निस्तारण के लिए जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं|

Recruitment of Orderlies ,to officers in Air Force and Navy, has Again been Red Signaled

The proposal for recruitment of orderlies ,to officers in Air Force and Navy, has again been Red Signaled but authorization of Sahayaks to officers and JCOs in the Army is still enjoying green signal .
Defence Minister Shri AK Antony in a written reply to Shri RudraMadhab Ray in Lok Sabha ,today. stated that there is no practice of appointment of orderlies to officers in Air Force and Navy.
However, Sahayaks are authorised to officers and JCOs in the Army as per their entitlement, while serving with formations functioning on war establishments.
Shri Antony informed that These Sahayaks are actually combatant soldiers who are entitled to regular pay, allowances and other benefits befitting to their rank in their hierarchy. As per recommendations of the Standing Committee on Defence, the system of Sahayaks in the Army has been taken up for review.