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Category: Economy

ट्रेवल अजेंट्स की कमीशन को चालू करवाने के लिए टी ऐ ऐ आई ने डी जी सी ऐ के समक्ष गुहार लगाई

ट्रेवल अजेंट्स के एसोसिएशन टी ऐ ऐ आई [TAAI ]ने नागरिक उड्डयन के महा निदेशक [DGCA]के दरबार में फ़रियाद लगाई है कि ट्रेवल टिकेट्स की बुकिंग व्यवसाय से जुड़े लगभग एक लाख परिवारों को राहत पहुचाने के लिए मानवीय आधार पर अजेंट्स को उनका मेहनतनामा दिलवाया जाए| टी ऐ ऐ आई के अध्यक्ष इकबाल मुल्ला ने बीते सप्ताह एक दिवसीय शटर डाउन करने के पश्चात डी जी सी ऐ अरुण मिश्रा से उनके कार्यालय में मुलाकात की |उन्होंने बताया कि ट्रेवल अजेंट्स और डी जी सी ऐ में अजेंट्स कि कमीशन को लेकर आये गतिरोध को दूर करने का प्रयास किया| श्री मुल्ला ने इस मुलाक़ात को संतोषजनक बताया और बताया कि डी जी सी ऐ अरुण मिश्रा टकराव नहीं चाहते |उन्हें इस विषय में गतिरोध को दूर करने के लिए मंत्रालय में बात करने का आश्वासन दिया है|उल्लेखनीय है कि पिछले तीन महीने से अजेंट्स को कमीशन नहीं मिला है|
विश्व में २०० से अधिक एयर लाइन्स हैं और लगभग ५० भारत में हैं| इनमे से ५०% एयरलाइन्स ट्रेवल अजेंट्स को कमीशन नही दे रहे हैं| इनमे से सस्ती सेवायें देने का दावा करने वाली इंडिगो+स्पाईसजेट+गो एयर के अलावा ब्रिटिश एयरवेज+लुफ्तांसा +एयर फ्रांस आदि प्रमुख है|गौरतलब है कि पहले ट्रेवल एजेंट को ९% कमीशन दी जाती थी उसके बाद इसे षड्यंत्र के रूप में लगातार घटाकर ९% से ७%फिर ५% और उसके पश्चात ३% और फिर १% किया गया अब इस पर भी कुल्हाड़ी चलाई गई है| यह षड्यंत्र २००७ से शुरू किया गया है| सरकार की अस्पष्ट निति के चलते इस घातक कार्यवाही से टी ऐ ऐ आई के २८०० सदस्यों के अलावा ७०० अन्य एजेंट और इनके साथ देश भर से लगभग एक लाख छोटे मोटे एजेंट प्रभावित हुए हैं| बताते चलें की टूरिस्ज्म इण्डस्ट्रीज में लगभग ७०% हिस्से दारी एयर ट्रेवल से आती है और वर्तमान राष्ट्रीय बजट में टूरिस्ज्म मंत्रालय के लिए ८७.६६ करोड़ रुपयों की वृद्धि करके इसे १२९७ करोड़ किया गया है लेकिन आरोप लगाए गए हैं कि एयर लाइन्स को फायदा पहुचाने के लिए धरातल पर जुड़े आम आदमी के रूप में लगभग एक लाख ट्रेवेल एजेंटों की कमीशन पर कुठाराघात किया जा रहा है और यात्रियों par अतिरिक्त बोझ डालने कि तैयारी कर ली गई है|
इस विषय में डी जी सी ऐ कार्यालय में प्रश्न मेल किये गए थे लेकिन वहां से इस विषय में कोई उत्तर प्राप्त नहीं हुआ है|

नरेन्द्र मोदी के एन आर आई से संवाद को लेकर भाजपा में केन्द्रीय न्रेत्तव फिर चर्चा में आया

गुजरात के सबसे विवादित मुख्य मंत्री नरेन्द्र मोदी आज कल फिर विवादों में घिरे हैं और इन विवादों के कारण विरोधियों के बीच भी चर्चा का विषय बने हुए हैं |वर्तमान विवाद या चर्चा गुजरात के दंगों के परिपेक्ष्य में बनी मोदी की हिंदूवादी छवि को लेकर नही वरन अब विडियो के माध्यम से भारतीय प्रवासियों के साथ हो रहे मोदी के संवाद हैं| अब मोदी की साम्प्रदाईक छवि नही वरन केन्द्रीय न्रेतत्व की क्षमता को केन्द्रित करके मोदी की चर्चा की जाने लगी है|
बीती आधी रात को अहमदाबाद से विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मोदी ने अमेरिका लगभग १८ शहरों में बसे भारतीय प्रवासियों से संवाद कायम किया|इस अवसर पर उन्होंने अपने प्रदेश में विकास के ढोल पीटने के साथ ही केंद्र सरकार की निति विशेष कर विदेश नीति के विरुद्ध बिगुल बजा दिया है|
सरबजीत सिंह की पाकिस्तान के लखपत कोट जेल में ह्त्या के लेकर पाकिस्तान के साथ संबंधों से लेकर चाइना के दबाब में अपनी ही भूमि से अपनी सेनाओं की वापिसी को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों पर जम कर प्रहार किये | भाजपा की नई उम्मीद बन कर उभर रहे नरेन्द्र मोदी ने अपने विरोधियों को भी निशाने पर लेते हुए अप्रवासी भारतीयों को बताया के कुछ लोग उनके गुजरात में विकास मॉडल को झुटलाने के लिए साम्प्रदाईक और सेक्युलर के विवाद को हवा देने लगते हैं|और नरेन्द्र मोदी के विकास को झुटला कर स्वयम सेक्युलर बनने का ढोंग करते फिर रहे हैं|
इस अवसर पर मोदी ने भारतीय परम्पराओं को आधार बनाया और देश के पर्यावरण के सुधार के लिए गंगा +जमुना आदि नदियों के महत्त्व को स्वीकार करने और नदियों को उनका दर्ज़ा दिए जाने के वकालत की| संयुक्त परिवार को सामाजिक सुरक्षा की गारंटी बताते हुए कहा के अमेरिका में भी अब परिवार सुधार के लिए आवाजें उठने लगी है|
मोदी ने अपने धुरंधर विरोधी जे दी यू के नितीश कुमार के बिहारीवादी नारे का जवाब एक कदम आगे जाते हुए देते हुए कहा के देश के बाहर रहने वाला प्रत्येक गुजराती भारत का राजदूत है| इसीलिए भारत से बहार रहते हुए प्रत्येक गुजराती स्वयम को भारत का राजदूत समझे|
बेशक नरेन्द्र मोदी को एक विशेष लाबी के दबाब में अमेरिका जाने का विश नहीं दिया गया है लेकिन इसके बावजूद अब इसी तरह विडियो क्न्फ्रेंसिंग करके वहां के एन आर आई के साथ संवाद कायम करने का रास्ता निकाल लिया गया है|यह उपाय ज्यादा प्रभावकारी हो रहा है क्योंकि भारतीय मीडिया और राजनीति इस पर केन्द्रित होने लगी है|अब कहा जाने लगा है के नरेन्द्र मोदी भाजपा में केन्द्रीय न्रेतत्व को कब्जाना चाहते हैं इसीलिए यूं पी ऐ पर भी एटैक कर रहे हैं|

कुञ्ज बिहारी मन रानो,पाग बनो पटका बनो बनो लाल का भेष:त्रेता युग के आगमन की प्रतीक अक्षय तृतीया

कुञ्ज बिहारी मन रानो,पाग बनो पटका बनो बनो लाल का भेष:त्रेता युग के आगमन की प्रतीक अक्षय तृतीया

कुञ्ज बिहारी मन रानो,पाग बनो पटका बनो बनो लाल का भेष:त्रेता युग के आगमन की प्रतीक अक्षय तृतीया

त्रेता युग के आगमन की प्रतीक अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर श्री गणेश +महालक्ष्मी+रिधि सिद्धि+कुबेर भंडारी + इंद्रा+वरुण आदि देव के नव ग्रहों का पूजन प्रारम्भ हो गया है|
गढ़ रोड स्थित राधा गोबिंद इंजीनियरिंग कालेज के आस्था ध्यान केंद्र मंदिर में भी भगवान् श्री कृषण के विग्रहों का श्रधा पूर्वक आकर्षक +मन मोहक श्रंगार किया गया |इस अवसर पर कालेज में भी कुञ्ज बिहारी का उद्घोष गूंजा+

कुञ्ज बिहारी मन रानो,पाग बनो पटका बनोबनो लाल का भेष

श्री कृषण के संग उनकी अध्यात्मिक अर्धांगनी राधा रानी के विग्रहों को केसर चन्दन युक्त पीले वस्त्र पहनाये गए|राज भोग+शयन आरती के शंख नाद और घंटा नाद से कालेज परिसर कृषण मय हो गया|
मंदिर के पुजारी विनोद गोस्वामी ने इस उत्सव का महत्त्व बताते हुए कहा कि अक्षय तृतीया के इस शुभ अवसर पर रोहिणी नक्षत्र से बनने वाले मातंग योग वृद्धि कारक+श्रेष्ठ योग कहलाता है|
गौरतलब है कि दीपावली के त्यौहार के अलावा अक्षय तृतीया पर भी स्वर्ण खरीदने और दान करने की प्रथा है|कालेज के चेयर मैन योगेश त्यागी ने मंदिर में विशेष पूजन कराया |प्रो.एच आर सिंह+डा.राजेश तिवारी+सिम्मी गुरुवारा+ अमित शर्मा+संजीव गोयल+माधव सारस्वत+आदि उपस्थित थे|

दोषियों को तत्काल सजा के बजाय केवल मंत्रियों के बदलने मात्र से भ्रष्टाचार समाप्त नही होगा

प्रधान मंत्री डाक्टर मन मोहन सिंह ने आखिर कर दो पंजाबी मंत्रियों का इस्तीफा ले ही लिया रेल मंत्री पवन बंसल के स्थान पर सी पी जोशी और कानून मंत्रालय अश्विनी कुमार से छीन कर कपिल सिब्बल को दे दिया गया है|यह अतिरिक्त प्रभार है| इस पर अलग अलग राय आ रही हैं| कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में सीबीआई की जांच रिपोर्ट देखने को लेकर हमलों का सामना कर रहे अश्वनी कुमार ने आज दावा किया कि उन्होंने ‘अनावश्यक’ विवाद को खत्म करने के लिए इस्तीफा दिया है उनका कहना है कि कोयला घोटाले में सीबीआई की जांच रिपोर्ट को देखने के मामले में उच्चतम नयायालय ने उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की है।उन्होंने कहा कि इस्तीफा देने का तात्पर्य यह स्वीकार करना नहीं है कि ‘कुछ गलत किया गया’।मेरी [अश्विनी कुमार]अंतरात्मा साफ है और मेरा मानना है कि मैं दोषमुक्त साबित हूंगा |उधर पवन बंसल का अपने बचाव में कहना है कि रेल मंत्रालय में सेंसिटिव [क्रीमी]पोस्टिंग में पैसे के लेन देन में उनका दामन पाक साफ़ है| भाजपा के अध्यक्ष राज नाथ सिंह ने प्रधान मंत्री के अर्थ शास्त्र कि क़ाबलियत पर भी सवाल उठाते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री को बचाने के लिए ही दोनों केन्द्रीय मंत्रियों की बलि दी गई है।इससे पूर्व २ जी स्पेक्ट्रम मामले में भी ऐ राजा को आगे किया जा रहा है| उन्होंने कहा कि भाजपा प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग पर कायम है और संसद में संघर्ष के बाद प्रधानमंत्री के इस्तीफे तथा संप्रग सरकार को हटाने के लिए पार्टी 27 मई से 2 जून तक सड़कों पर उतरेगी और जेल भरो आंदोलन चलायेगी।
उधर आम आदमी पार्टी मंत्री मंडल के फेर बदल को अलग ही रूप में देख रही है पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष शिशोदिया ने कहा है कि इस प्रकार के बदलाव से भ्रष्टाचार पर कोई लगाम नही लगने वाली है|ये लोग एक जगह से हतहा कर दूसरी जगह लगा दिए जाते हैं और फिर चुनावों में जीत कर आ जाते हैं भ्रष्टाचार वहीं का वहीं रह जाता है|भ्रष्टाचारियों को सजा देने वाला कोई नहीं है|

अपने मंत्रियों की करतूतों से शासक वस्त्रहीन हैं : सीधे एल के अडवाणी के ब्लॉग से

एन डी ऐ के पी एम् इन वेटिंग और वरिष्ठ पत्रकार लाल कृषण अडवाणी ने अपने ब्लाग के माध्यम से वर्तमान शासक को वस्त्रहीन बताने के लिए एक रोचक कहानी और एक साप्ताहिक के सम्पादकीय का उल्लेख किया है|गौरतलब है कि पूर्व में एल के अडवाणी भारत के पी एम् डाक्टर मन मोहन सिंह को कमजोर +दब्बू और अपनी पार्टी अध्यक्षा के हाथों की कठपुतली बता चुके हैं|प्रस्तुत है सीधे एल के अडवाणी के ब्लाग से :
हंस एंडरसन की रोचक कहानी ‘दि एम्परर्स् न्यू क्लोज़ (सम्राट के नए वस्त्र)[Emperor’s New Clothes ]मैंने पहली बार स्कूल के दिनों में पढ़ी थी।
एंडरसन की कहानी दो बुनकरों के बारे थी जिन्होंने सम्राट को एक नए वस्त्र की पोशाक देने का वायदा किया था जो सर्वथा सुंदर होने के साथ ही उसकी उल्लेखनीय विशेषता होगी कि वह अदृश्य रहेगी जिसे अक्षम्य रूप से कोई मूर्ख नहीं देख सकेगा और अयोग्य अपने पद पर नहीं रह पाएगा।
इन दोनों बुनकरों जो वास्तव में ठग थे, को सुनकर सम्राट जो हमेशा अच्छे और मंहगे वस्त्रों का शौकीन था ने सोचा ”यदि मैं इस कपड़े की बनाई गई पोशाक पहनूंगा तो मैं पता लगा संकूगा कि मेरे राज में कौन व्यक्ति अपने पद के योग्य है और मैं चतुरों और मूर्खों में भेद कर सकूंगा।”
कहानी का चरमोत्कर्ष तब आया जब सम्राट अपनी ‘नई पोशाक‘ को धारण कर अपनी प्रजा के सामने निकला, इनमें से अनेकों ने उसकी इस कथित असाधारण पोशाक की भूरि-भूरि प्रशंसा की परन्तु तभी एक बच्चा चिल्लाया कि ”लेकिन उन्होंने (सम्राट) तो कोई वस्त्र पहना ही नहीं है!”
* * *सीबीआई द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में यह स्वीकार किए जाने कि उन्होंने इन दोनों घोटालों सम्बन्धी जांच रिपोर्ट को विधि मंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ साझा किया, पर सर्वोच्च न्यायालय ने उनके इस कृत्य के लिए उसे काफी लताड़ा है।
सीबीआई को ‘एक पिंजरे में बंद तोते‘ की तरह बताते हुए सर्वोच्च न्यायलय ने 8 मई के अपने निर्देश में सीबीआई को सभी ”दवाबों और खींचतान के विरुध्द डट कर खड़े होने को कहा। न्यायमूर्ति लोढा की अध्यक्षता वाली पीठ ने सीबीआई के इस निवेदन पर सवाल उठाए कि भले ही विधि मंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय के ईशारे पर कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए है, परन्तु रिपोर्ट का मुख्य अंश नहीं बदला गया है। सर्वोच्च न्यायलय ने अपने आदेश में कहा है कि ”सरकारी अधिकारियों के सुझाव पर रिपोर्ट का मुख्य तत्व (दिल) बदला गया।”
सरकार के कार्यकलापों के विरुध्द विपक्ष के आक्रोश को व्यापक स्तर पर मीडिया ने भी प्रकट किया। संसद के सदनों को सामान्य रुप से चलाने हेतु विपक्ष की कम से कम मांग यह थी कि विधि मंत्री को त्याग पत्र देना चाहिए और रेलवे मंत्री को बर्खास्त किया जाए।
संसद में इस वर्ष का बजट सत्र अपने अंतिम सप्ताह में पहुंच चुका था। कई दिनों से संसद में कामकाज नहीं हो सका था क्योंकि लगभग समूचा विपक्ष ‘कोयलागेट‘ और ‘रेलगेट‘ जैसे महाघोटालों के लिए सरकार से जवाबदेही की मांग कर रहा था, विशेष तौर पर प्रधानमंत्री (जब यह कोयला खदानों का आवंटन किया गया तब वह कोयला मंत्री थे), विधि मंत्री और रेलवे मंत्री के इस्तीफे की मांग।
बेशर्मी से अपने दोनों मत्रियों का बचाव करते हुए, विशेष रुप से विधि मंत्री का, जिन्हें सरकार से हटाने से प्रधानमंत्री का पद पर बने रहना असम्भव हो जाता, सरकार ने संसद की कार्यवाही 10 मई के बजाय दो दिन पूर्व यानी 8 मई को ही अनिश्चितकाल के लिए ही स्थगित कर दी।
समाचारपत्रों और टीवी चैनलों द्वारा की गई निंदात्मक टिप्पणियों में, मैं मेल टुडे में आर. प्रसाद के कार्टून से विशेष रुप से प्रभावित हुआ जोकि उपरोक्त वर्णित हंस एंडरसन की रोचक कहानी पर आधारित है। मुझे पता नहीं कि प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्षा ने इसे देखा है या नहीं।
इस कार्टून ने मुझे 1975-1977 के आपातकाल के दौरान अबू द्वारा बनाए गए कार्टून का स्मरण करा दिया जिसमें राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद को एक बाथ टब में लेटे दिखाया गया और वह उनको हस्ताक्षर के लिए दस्तावेज दे रहे अपने सहायक को कह रहे हैं ”यदि और अधिक अध्यादेश हैं तो उन्हें थोड़ा इंतजार करने के लिए कहिए!” सरकार या आपातकाल के आलोचक अनेक समाचारपत्रों और पत्रिकाओं को या तो प्रतिबंधित कर दिया गया या जबरदस्ती बंद करा दिया गया। परन्तु उन दिनों प्रकाशित होने वाली एक मात्र कार्टून पत्रिका ‘शकरर्स वीकली‘ ने स्वयं ही प्रकाशन बंद करने का निर्णय लिया। 31 अगस्त, 1975 को अपने अंतिम सम्पादकीय ‘फेयरवेल‘ (विदाई) शीर्षक से सम्पादक ने निम्नलिखित शानदार लेख लिखा :
सम्पादकीय में आपातस्थिति का नाम तक नहीं लिया गया, लेकिन उस समय के तानाशाही शासन की इससे ज्यादा कटु निंदा और नहीं हो सकती थी। सम्पादकीय निम्न है:-

“हमारे पहले सम्पादकीय में हमने रेखांकित किया था कि हमारा काम हमारे पाठकों को हंसाना होगा – दुनिया पर, आडम्बरपूर्ण नेताओं, कपटपूर्ण आचरण, कमजोरियों और अपने पर। पर ऐसे हास्य को समझने वाले और विनोदी स्वभाव रखने वाले लोग कैसे होते है? ये ऐसे लोग हैं जो व्यवहार में निश्चित सभ्यता व लोकाचार रखते हैं तथा जहां सहिष्णुता और दयालुपन का भाव होता है। अधिनायकवाद हंसी को नहीं बर्दाश्त करता क्योंकि लोग तानाशाह पर हसेंगे और वह नहीं चलेगा। हिटलर के सभी वर्षों में, कभी प्रहसन नहीं बना, कोई अच्छा कार्टून नहीं था, न ही पैरोडी थी या मजाकिया नकल भी नहीं थी।
इस दृष्टि से, दुनिया और दु:खद रुप से भारत असंवेदनशील, गंभीर और असहनशील होता जा रहा है। हास्य जब भी हो तो संपुटित होता है भाषा अपने आप में काम करने लगती है। प्रत्येक व्यवसाय अपनी शब्दावली विकसित कर रहा है। अर्थशास्त्री बंधुओं के समाज से बाहर एक अर्थशास्त्री अजनबी है, अनजाने क्षेत्र में हिचकिचाकर बोल रहा है, अपने बारे में अनिश्चित, गैर-आर्थिक भाषा से भयभीत है। यही वकीलों, डाक्टरों, अध्यापकों, पत्रकारों और उनके जैसों का हाल है।
इससे ज्यादा खराब यह है कि मानवीय कल्पना वीभत्स और विकृत में परिवर्तित होती प्रतीत होती है। पुस्तकें और फिल्में या तो हिंसा या सेक्स के भटकाव पर हैं। अनचाही घटनाओं और कृत्यों से लगने वाले झटके के बिना लोग जागरूक होते नहीं दिखते। लिखित शब्दों और समाज पर सिनेमा का अर्न्तसंवाद हो या न हो, समाज इन प्रवृत्तियों को अभिव्यक्त करता है। लूट-मार, अपहरण आदि अपराध नित्य हो रहे हैं और राजनीतिक कलेवर चढ़ा कर इन्हें सामाजिक स्वीकार्यता भी दी जा रही है।
परन्तु ”शंकरर्स वीकली” एक पक्की आशावादी है। हम निश्चिंत हैं कि वर्तमान परिस्थितियों के बावजूद, दुनिया खुशहाल और अधिक तनाव रहित स्थान बनेगी। मनुष्य की आत्मा अंतत: सभी मौत की शक्तियों पर हावी होगी और जीवन इतना पल्लवित होगा जहां मानवता अपना उच्चतम उद्देश्य हासिल करेगी। कुछ इसे भगवान पुकारते हैं। हमें इसे मानव नियति कहना पसंद करते हैं। और इसी विचार के साथ हम आप से विदा ले रहे हैं और आपके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।”

संजय दत्त की पुनर्विचार याचिका ख़ारिज :सुधारात्मक याचिका का एक अंतिम विकल्प अभी भी शेष है

सुप्रीम कोर्ट द्वारा गैरकानूनी तरीके से हथियार रखने के अपराध में जेल की सजा के खिलाफ बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त की पुनर्विचार याचिका आज खारिज कर दी गई है । अब संजय दत्त को १६ मई तक सरेंडर करना होगा|न्यायमूर्ति पी. एस शिवम् और बी.एस.चौहान की खंडपीठ ने संजय गाँधी की याचिका को खारिज करते हुए निपटारा करते हुए अपने संक्षिप्त आदेश में कहा कि न्यायालय के फैसले की समीक्षा का कोई कारण नहीं दिखता है।
संजय दत्त के वकीलों ने याचिका खारिज किये जाने की जानकारी मीडिया को दी। गौरतलब है कि संजय को ५ साल कि सजा सुनी गई है जिसमे से वोह डेड़ साल की सजा काट चुके हैं| अब उन्हें करीब साढ़े तीन साल जेल में बिताना होगा।
संजय दत्त ने सुप्रीम कोर्ट के 21 मार्च के उस फैसले की समीक्षा का शीर्ष अदालत से अनुरोध किया था, जिसमें उन्हें 1993 के मुंबई बमकांड के सिलसिले में गैरकानूनी तरीके से हथियार रखने का दोषी करार देते हुए पांच साल की सजा सुनाई गई थी। युसुफ मोहसिन नलवाला+खलीफ अहमद सैयद+अली नाजिर,+मोहम्मद दाऊद+ यूसुफ खान+ शेख आसिफ यूसुफ+ मुजम्मिल उमर कादरी एवं मोहम्मद अहमद शेख की समान याचिका भी खारिज कर दी गई है|
पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद 53 वर्षीय संजय के पास न्यायालय के माध्यम से राहत पाने के लिये अभी भी सुधारात्मक याचिका का एक अंतिम विकल्प बचा है| अभी भी राज्यपाल के समक्ष क्षमा याचना पेंडिंग है|

हरियाणा के पूर्व गृह राज्य मंत्री गोपाल कांडा पर अब यौन अपराध का भी आरोप

पूर्व विमान परिचालिका को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने के आरोप में जेल जाने वाले वाले हरियाणा के पूर्व गृह राज्य मंत्री औए एक निजी एयर लाइन्स एमडीएलआर के मालिक गोपाल कांडा पर अब यौन अपराध का आरोप भी लगाया गया है| कांडा के साथ सहयोगी अरुणा चड्डा को भी दोषी करार दिया गया है| हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल गोयल कांडा और उसकी सहयोगी अरूणा चड्ढा के खिलाफ शुक्रवार को आरोप पत्र दायर किया गया।कांडा को मंत्री मंडल से पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है|
राजधानी की एक निचली अदालत में दायर आरोप-पत्र में कांडा के खिलाफ प्रथम दृष्ट्या बलात्कार+ अप्राकृतिक यौनाचार +आत्महत्या के लिए उकसाने की साजिश रचने आदि के आरोप लगाए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि 23 वर्षीया परिचालिका ने गत वर्ष पांच अगस्त को पंखे से लटककर अपनी जान दे दी थी।इसके आरोप में कांडा और चड्ढा गत वर्ष अगस्त से न्यायिक हिरासत में हैं।इनकी हिरासत के दौरान ही परिचालिका की माता ने भी आत्महत्या कर ली थी|
अदालत के आज के आदेश के बाद आत्महत्या का मामला यौन अपराध के मामले में बदल गया है जिसके फलस्वरूप जिला न्यायाधीश ने मामले को यौन अपराधों से जुड़े मामलों पर सुनवाई कर रही त्वरित अदालत के पास भेज दिया है। अभियोजन पक्ष के साक्ष्य दर्ज करने के लिए 27 मई की तारीख मुकर्रर की गई है |
दिल्ली पुलिस ने पूर्व में अपने आरोपपत्र में बलात्कार और अप्राकृतिक यौनाचार के आरोप नहीं लगाये थे। कांडा की एमडीएलआर एयरलाइन्स में काम करने वाली पूर्व एयरहोस्टेस 5 अगस्त को अपने अशोक विहार स्थित घर में मृत मिली थी। उसने अपने 4 अगस्त के सुसाइड नोट में कहा था कि वह 46 वर्षीय कांडा और 40 वर्षीय अएणा चडढा के उत्पीड़न के चलते आत्महत्या कर रही है। मामला दर्ज होने के बाद कांडा को हरियाणा के गह राज्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था ।

डा. मन मोहन सिंह ने पवन बंसल से रेल और अश्विनी कुमार से कानून मंत्रालय छीन ही लिए

संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण को गवाने के पश्चात यूं पी ऐ को होश आ ही गया और पी एम् ने अपनी पार्टी अध्यक्ष के साथ मंत्रणा करके अपने दो आरोपी वरिष्ठ मंत्रियों को बाहर कर दिया है| पी एम् द्वारा रेल मंत्री पवन कुमार बंसल और कानून मंत्री अश्वनी कुमार का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है| केबिनेट की मीटिंग से बंसल की अनुपस्थिति के पश्चात ही उनकी बर्खास्तगी की अटकलें लगाई जाने लगी थी| पीएम निवास से निकलते वक्त पवन बंसल ने मीडिया में खुद इस्तीफे की बात स्वीकार की। शुक्रवार शाम सोनिया गांधी और पीएम के बीच लगभग एक घंटे तक वार्ता हुई थी जिसके आधार पर मंत्रियों की बर्खास्तगी की ख़बरें आने लग गई थी|
रेलवे में वरिष्ठ पदों पर पोस्टिंग में भ्रष्टाचार और केनरा बैंक से अवैध लेन देन का पर्दाफाश होने के बाद से ही इन दोनों का जाना तय माना जा रहा था और मीडिया के दबाब के चलते आखिरकार रात नौ बजे उन्होंने अपना इस्तीफा पीएम को सौंप ही दिया |
अश्वनी कुमार को भी पीएम निवास बुलाया गया था। पवन बंसल के पीएम निवास से निकलने के करीब एक घंटे बाद अश्वनी कुमार ने भी पीएम को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
रेल भवन में शायद आखिरी बार आने के बाद पवन बंसल केवल एक घंटे में ही अपने दफ्तर में रुके थे।
रेल मंत्रालय बचाने के लिए पवन बंसल ने शुक्रवार शाम को अपने निवास पर तंत्र मंत्र + टोटके का सहारा भी लिया गया । पवन बंसल ने रेल भवन जाने के लिए घर से निकलने से पहले एक बकरे को कुछ खिलाया, उसे सहलाया और पास खड़ी बंसल की पत्नी ने उनकी नजर उतारी। बीजेपी नेता शहनवाज हुसैन ने इस पर चुटकी लेते हुए कहा है कि गलती कांग्रेस कर रही है और बेचारे बकरे की जान मुश्किल में है।
गौरतलब है के इन मंत्रियों की बर्खास्तगी की मांग को लेकर विपक्ष ने संसद नही चलने दी अब जबकि संसद सत्र की बर्बादी हो चुकी है तब जाकर यह फेस सेविंग कदम उठाया गया है|

इंडिगो एयर लाइन्स की फ्लाईट्स की संकरी लाईनों में प्रेफेरेंशल सीट के लिए अतिरिक्त शुल्क लगेगा

इंडिगो एयर लाइन्स की फ्लाईट्स की संकरी लाईनों में प्रेफेरेंशल सीट के लिए भी अब अतिरिक्त शुल्क लगेगा| लगातार लाभ में चल रही निजी एयर लाइन इंडिगो ने प्रेफेरेंशल सीटिंग के नाम पर हवाई यात्रियों से अतिरिक्त शुल्क वसूलने के घोषणा कर दी है| नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा किरायों में कटौती के लिए किये जा रहे तमाम दावों को धत्ता बताते हुए इंडिगो एयर लाइन्स ने पहली दो लाईनों और इमरजेंसी द्वार के समीप[१२&१३]लाईन की सीटों के लिए प्रीमियम लेने का एलान कर दिया है|सस्ती यात्रा करने का दावा करने वाली इस एयर लाइन में अब प्रेफेरेंशल सीटिंग के लिए घरेलू उड़ानों के लिए ५००/= और अन्तराष्ट्रीय फ्लाईट्स के लिए ८००/=प्रति सीट तक देना पड़ सकता है| इससे पूर्व नेशनल केरियर एयर इंडिया ने यात्रियों के लगेज में कटौती कर दी है
गौरतलब है के सिविल एविएशन मिनिस्ट्री द्वारा एयरलाइंस को अतिरिक्त सर्विसेज के नाम पर चार्ज वसूलने की इजाजत दे दी गई है।अब एयरलाइंस बेस फेयर से अलग इन सर्विसेज के लिए यात्री से ज्यादा कीमत वसूल सकेंगी।उल्लेखनीय है के घरेलू उड़ानों के लिए उपलब्ध फ्लाईट्स में अधिकतर सीटिंग एरेंजमेंट बेहद संकरे हैं और थोड़ी देर पश्चात ही घुटने सीधे करने की जरुरत पड़ने लगती है ऐसे में यह शुल्क अतिरिक्त दंड स्वरुप ही होगा|
इन सर्विसेज में प्रेफेरेंशल सीटिंग+ खान +पीना+(पानी छोड़कर)+चेक-इन बैगेज+स्पोर्ट्स और म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट+ वैल्यूएबल बैगेज की घोषणा और एयरलाइन लाउंज शामिल होंगे।
जानकारों का मानना है के इस कदम से भारत में सस्ता टिकट ऑफर करने में मदद नहीं मिलेगी। ट्रेवेल अजेंट्स एसोसिएशन टी ऐ ऐ आई ने इसे अनुचित बताया कर अपना एतराज जता चुकी है| इंडिगो+स्पाइसजेट और गोएयर जैसी बजट एयरलाइंस का ऑपरेशंस कॉस्ट जेट एयरवेज और एयर इंडिया जैसी फुल सर्विस एयरलाइंस के लगभग बराबर ही है।

शिकागो एयर पोर्ट पर अनावश्यक वनस्पति को अब बकरियों से चरवाया[GRAZING] जाएगा

शिकागो के उड्डयन विभाग[CDA ]द्वारा ओ हारे [OHARE]इंटरनॅशनल एयर पोर्ट के लिए सेंट्रल कोम्मिस्सरी होल्डिंग्स [CentralCommissaryHoldings]को ग्रेज़िंग[घास चराने ] सर्विसेज [GrazingServices]के लिए 100000 $ के क्षति पूर्ती का ठेका दिया गया है|इसका पायलट प्रोग्राम ऋतू राज बसंत[Spring ] से शुरू होगा|छेत्र को मेन्टेन करने के लिए इसे सस्ता और टकाऊ प्रयास बताया जा रहा है|
शिकागो के मीडिया विभाग द्वारा ८ मई को जारी विज्ञप्ति के अनुसार ऋतू राज में पर्याप्त चारा होने पर एयर पोर्ट के लगभग १२० एकड़ भूमि में चराने के लिए २५ बकरी[Goats]या भेड़ों की व्यवस्था की जानी है|यह एरिया एयर फील्ड से अलग बताय गया है| संकरी खाड़ी + पानी के एकट्ठ या सड़क के किनारों पर वनस्पतिक पेड पौधों की भरमार हो जाती हैइसके रख रखाव के लिए पारंपरिक व्यवस्था को लागू करना कठिन होजाता है| और महँगा भी साबित होता है इसीलिए यह चरवाहे की व्यवस्था की गई है|सी डी ऐ के अनुसार ये सारे पशु और चरवाहों के पर्यावेक्षण [ Supervision ] एयर पोर्ट के नियमो के अनुसार ही होगा|
सी डी ऐ की कमिशनर रोसेमरी एस अंदोलिनो [ RosemarieSAndolino ]ने भूमंडल और मानवीय आवश्यकताओं के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए इस चरवाहे की यौजना को बहुपयोगी बताया है|कमिशनर के अनुसार [१]यह आर्थिक रूप से लाभकारी होगा[२]व्यवहारिक होगा[३]पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित होगा|