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Category: Social Cause

बाबा राम देव ने जेल छोड़ने से इंकार कर दिया

योग गुरु बाबा राम देव ने अब आंबेडकर स्टेडियम में डेरा जमा लिया है और वहां से बाहर आने के लिए दिल्ली पोलिस की अपील को ठुकरा दिया है|
बाबा ने रात लगभग सवा नौ बजे प्रेस को भी संबोधित किया \बाबा ने सीधे सरकार ओअर निशाना साधते हुए कहा की मुम्बई हमले के अपराधी कसाब को जेल में बिरयानी खिलाई जा रही है जबकि यहाँ देश भक्तों को पीने के लिए पानी भी नहीं दिया जा रहा |इसी विरोध में बाबा ने आज पांचवे दिन भी अपना अनशन त्यागने से इंकार कर दिया है|उन्होंने कहा की पोलिस उन्हें यहाँ से जाने के लिए मान मंनोवल कर रही है |लेकिन अगर उन्हें करने दिया गया तो १५ अगस्त को यहीं झंडा फहराएंगे|इसके साथ ही आस पास के छेत्रों से समर्थकों यहीं आंबेडकर स्टेडियम में आने का आह्वाहन किया है|

आंबेडकर स्टेडियम जेल में खाना पीना नहीं

योग गुरु बाबा रामदेव का अनशन योग के गिरफ्तारी आसन से दिल्ली पोलिस और सरकार सकते में आ गए हैं|बाबा को हज़ारों समर्थकों के साथ आंबेडकर स्टेडियम में ले तो जाया गया है मगर वहां खाना तो दूर पीने के लिए पानी तक मुहेय्या नहीं करवाया जा रहा है इसीलिए वहां अब असंतोष भी बड़ता जा रहा है|
जैसा की पहले इसी कालम में आशंका व्यक्त की जा चुकी है की आंबेडकर स्टेडियम में खाने पीने की व्यवस्था की अव्यवस्था जरूर रहेगी |उस विषय में रात साडे आठ बजे तक कोई इन्तेजाम नहें किये जा सके थे |
ऐ बी पी न्यूज चेनल पर कांग्रेस के एक नेता का यह कहना था कि बाबा क्यूं नहीं बवाना गए वहां सब तरह के इंतज़ाम थे मगर जब एंकर ने कहा कि यह कम तो पोलिस का था तब कोई जवाब देते नहीं बन पडा हां यह जेल नियमों का हवाला देते हुए यह जरुर कहा गया कि चार बजे से पहले पहुँचाने वाले कैदी को ही खाना मिलता है|
इसके अलावा बाबा ने अभी तक जेल छोडी नहीं है इसीलिए अब १५ अगस्त कि समस्या भी मूह बाय खड़ी दिखाई दे रही है|
१५ अगस्त को प्रधान मंत्री आंबेडकर स्टेडियम मार्ग से होकर ही लाल किले कि प्राचीर पर झंडा फहराने जाते हैं|अब अगर बाबा यहाँ से अपने लाव लश्कर के साथ रवाना नहीं हुए तो फिर सुरक्षा कि समस्या उठ खडी होगी |
ऐसा लगता है कि यूपी ऐ कि अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गाँधी और केंद्र के गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे की दिल्ली में अनुपस्थिति से निर्णय लेने में किसी क्षमतावान नेता का अभाव दिखाई दे रहा है|

बाबा को बवाना के बजाये आंबेडकर स्टेडियम ले जाया गया

बाबा राम देव को आज शाम लगभग सवा छह बजे बवाना के बजाये आंबेडकर स्टेडियम ले जाया गया है|
भारी हुजूम जे साथ साथ चलने से बवाना जाना मुश्किल हो गया | चार घंटे में केवल चार सौ मीटर का ही रास्ता तय हो पाया
रास्ते भर में अनेक मार्गों पर ट्रेफिक जाम हो गया |
बाबा को पोलिस द्वारा बस के नीचे उतरने को कहा गया तब उन्होंने बस से नीचे उतरने से मना कर दिया |बाबा ने अपने समर्थकों के लिए भी बस की मांग शुरू कर दी |इस पर स्थिति बिगड़ती देख कर दिल्ली पोलिस द्वारा बाबा को समीप के आंबेडकर स्टेडियम में जाने की घोषणा हुई जिसे बाबा ने स्वीकार कर लिया |
स्टेडियम के बाहर बाबा ने पहले अपने समर्थको कप स्टेडियम के अन्दर जाने के लिए कहा बाबा का कहना था की अगर पहले वोह स्वयम स्टेडियम के अन्दर चले गए तब उन सबके लिए अन्दर जाना मुश्किल हो जाएगा|
अब इतनी बड़ी संख्या में समर्थकों द्वारा गिरफ्तारी देने से आंबेडकर स्टेडियम में बनाई गई अस्थाई जेल में व्यस्थाओं की अव्यवस्थाएं भी हावी रहेंगी जिससे सरकार की किरकिरी होने की संभावनाएं बढ जायेंगी|बाबा और उनके समर्थक पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार जेल में अपना पांच दिन का अनशन तोड़ेंगे |ऐसे में इतने जल्दी जेल प्रशासन द्वारा व्यवस्था पर भी प्रश्न चिन्ह लगाने शुरू हो गए हैं|
संभवत इसी सब कारणों से बाबा राम देव के चहेरे पर विजयी भाव साफ़ टूर पर देखे जा सकते थे|
बाबा राम देव को आज दिल्ली पोलिस द्वारा दोपहर लगभग पौने दो बजे रंजीत सिंह फ्लाई ओवर के समीप से धारा १४४ के अंतर्गत हिरासत में लिया गया था |और डी टी सी की बस में बवाना राजीव गांधी स्टेडियम अस्थाई जेल में ले जाना शुरू किया गया मगर उनके हज़ारों [बाबा के अनुसार ५००००]समर्थकों के कारण चार घंटे में बमुश्किल ४०० मीटर दूरी तक ही लेजाया जा सका है|बस के अन्दर नहीं वरन बस की छत पर है और बार बार इलेक्ट्रिक मीडियाको संबोधित करने के साथ ही जुलुस में शामिल समर्थकों को शान्ति बनाए रखने की अपील करते जा रहे हैं|समर्थकों की भीड़ को देखते हुए शांति व्यवस्था और डिसिप्लिन को देखते हुए पोलिस भी जबरदस्ती से बचती दिख रही है |ऐसा लगता है की अपनी गिरफ्तारी का यह अभियान स्वयम बाबा द्वारा ही संचालित किया जा रहा है|
इसी बीच जनार्दन दिवेदी के बाद संसदीय कार्यों के राज्यमंत्री राजीव शुक्ला ने भी बाबा के अभियान की आलोचना की है और कहा है की बी जे पी के छह साल के राज्य में ४८ रुपये भी ब्लेक मणि नहीं लई जा सकी जबकि यूं पी ऐ की सर्कार अब तक ४८ लाख करोड़ रुपये ला चुकी है इसके बावजूद भी कांग्रेस को ही दोषी ठहराया जा रहा है|
उधर बाबा हिरासत से ही बस के ऊपर बैठे बैठे दिल्ली के २५० किलो मीटर के एरिया के निवासियों को इस जुलुस में शामिल होने का आह्वाहन भी करते जा रहे हैं|

प्रत्येक अमेरिकन कांग्रेसमेन को भारत जाना चाहिए

प्रत्येक कांग्रेसमेन को विश्व की उभरती डेमोक्रेटिक पावर भारत में एक बार जरुर जाना चाहिए \यह विचार पॉल रयान ने व्यक्त किये हैं|
श्री रयान भरत और अमेरिका में मित्रता के गहरे पक्षधर हैं|इन्होने विस्कांसिन गुरूद्वारे में मरे गए सिखोंके प्रति तत्काल संवेदना प्रकट की थी|
श्री रियान ने अपनी २००६ की भारत विजिट को आई ओपनर बताया है|उन्होंने भारत में डेमोक्रेटिक दायरे में आ रहे बदलाव को देखने और उसे अनुभव करने का आह्वाहन भी किया है|

Mr. Ryan had voted in favour of the Indo-U.S. civilian nuclear deal and was quick to express his condolences for the victims of the gurdwara shooting last week.

Part of a Congressional delegation that visited India in 2006, he termed the trip as an “eye opener”. He had also termed India as a rising democratic power in the world.

“I think every member of Congress should go to India to see for themselves the kind of global challenges and opportunities that face us as India emerges. It was a real eye-opener,” Mr. Ryan had said after he returned from India in April 2006.

बाबा को बवाना ले जारही बस अब तक चार घंटे में चली ४०० मीटर

बाबा राम देव को आज दिल्ली पोलिस द्वारा दोपहर लगभग पौने दो बजे रंजीत सिंह फ्लाई ओवर के समीप से धारा १४४ के अंतर्गत हिरासत में लिया गया था |और डी टी सी की बस में बवाना राजीव गांधी स्टेडियम अस्थाई जेल में ले जाना शुरू किया गया मगर उनके हज़ारों [बाबा के अनुसार ५००००]समर्थकों के कारण चार घंटे में बमुश्किल ४०० मीटर दूरी तक ही लेजाया जा सका है|बस के अन्दर नहीं वरन बस की छत पर है और बार बार इलेक्ट्रिक मीडियाको संबोधित करने के साथ ही जुलुस में शामिल समर्थकों को शान्ति बनाए रखने की अपील करते जा रहे हैं|समर्थकों की भीड़ को देखते हुए शांति व्यवस्था और डिसिप्लिन को देखते हुए पोलिस भी जबरदस्ती से बचती दिख रही है |ऐसा लगता है की अपनी गिरफ्तारी का यह अभियान स्वयम बाबा द्वारा ही संचालित किया जा रहा है|
इसी बीच जनार्दन दिवेदी के बाद संसदीय कार्यों के राज्यमंत्री राजीव शुक्ला ने भी बाबा के अभियान की आलोचना की है और कहा है की बी जे पी के छह साल के राज्य में ४८ रुपये भी ब्लेक मणि नहीं लई जा सकी जबकि यूं पी ऐ की सर्कार अब तक ४८ लाख करोड़ रुपये ला चुकी है इसके बावजूद भी कांग्रेस को ही दोषी ठहराया जा रहा है|
उधर बाबा हिरासत से ही बस के ऊपर बैठे बैठे दिल्ली के २५० किलो मीटर के एरिया के निवासियों को इस जुलुस में शामिल होने का आह्वाहन भी करते जा रहे हैं|

बाबा को लेजा रही बस चींटी की रफ़्तार से रेंग रही है|

बाबा रामदेव को रंजित सिंह फ्लाई ओवर के समीप से दो घंटे पहले हिरासत में लिया गया था मगर अभी तक दिल्ली पोलिस वहां एकत्रित हज़ारों समर्थकों के बीच से बाबा को बाहर नहीं निकाल पाई है|पहले कहा जा रहा था की बवाना के राजिव गांधी स्टेडियम में बनाई गई अस्थाई जेल में ले जाया जाएगा मगर अब बताया जा रहा है की बवाना जाने के लिए पूर्व घोषित मार्ग[रूट] को बदल दिया गया है इससे समर्थकों में बैचेनी देखी जा रही है
इसके अलावा बाबा को हरिद्वार ले जाकर छोड़ने की भी चर्चा है|
गोरतलब है की राम लीला मैदान में पांच दिन के अनशन के बाद अपनी घोषित महा क्रान्ति के पहले चरण में संसद की तरफ आज लगभग १ बजे मार्च शुरू किया था|रंजित सिंह फ्लाई ओवर पर उन्हें रोक लिया गया और दफा १४४ के उल्लंघन के आरोप में हिरासत में लिया गया जहाँ से डी.टी.सी.बस में बवाना अस्थाई जेल ले जाया जा रहा है| हज़ारों समर्थकों के कारण बस चींटी की रफ्तार से रेंग रही है|

खातूनों के लिए सउदी अरब में बसेगा इंडस्ट्रियल शहर

शरिया क़ानून के तहत सउदी अरब में केवल खातूनो[लेडीज] के लिए एक इंडस्ट्रियल शहर बसाया जाएगा|यहाँ महिलायें मन चाही नौकरी कर सकेंगी|इस शहर के लिए ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया गया है|
वर्तमान में वहां केवल १५% ही महिलायें काम काजी हैं|

योग गुरु बाबा रामदेव को हिरासत में ले लिया गया है|

योग गुरु बाबा रामदेव को हिरासत में ले लिया गया है|
बाबा ने आज पूर्व घोषणा के अनुसार एक बजे रामलीला मैदान से संसद की तरफ कूच किया उनके साथ हज़ारों समर्थक भी थे | इस अनुशासित+ मर्यादित रोड शो से रामलीला मैदान से रंजित सिंह फ्लाई ओवर तक का समूचा मार्ग एनेकों लाईनों वाली मानव श्रंखला में बदल गया | रंजित सिंह फलाई ओवर पर बाबा के काफिले को रोक दिया गयाऔर वहां बाबा को हिरासत में ले लिया गया |
इससे पूर्व मंच पर नितिन गडकरी के मंच पर आने पर कांग्रेस ने मौका उठाया और इस पूरे आन्दोलन को कांग्रेस के विरुद्ध प्रयास बताया |
आज पूर्व घोषित इस आन्दोलन वाले दिन यूं पी ऐ अध्यक्षा श्रीमति सोनिया और गृह मंत्री दिल्ली से बाहर हैं|इसके अलावा कांग्रेस के जनार्दन दिवेदी ने पर्स कांफ्रेंस करके बाबा को मुखौटा बता कर बात को भड़काने का पूरा प्रयास किया|
इसके अलावा संसद में भी काले धन का मुद्दा हावी रहा |राज्यसभा को स्थगित भी किया गया

इन्द्रियों को वश में कर लेने वाले मोह -माया के जाल से मुक्त रहते हैं

Rakesh Khurana [Right] In A Social Gathering

जो रहीम तन हाथ है, मनसा कहुं किन जाहिं
जल में जो छाया परी, काया भीजती नाहीं

अर्थ : कवि रहीम कहते हैं कि यदि शरीर पर अपना वश है तो मन कहाँ जाएगा?
जैसे – यदि पानी में अपना प्रतिबिम्ब दिखाई दे तो शरीर नहीं भीगता.
भाव : कवि रहीम का संकेत यहाँ इन्द्रियों को वश में करने की ओर है . उनका
कहना है कि यदि आदमी पूर्ण संयम से अपनी समस्त कर्मेन्द्रियों को
वश में कर ले तो वह अपनी ज्ञानेन्द्रियों अर्थात मन को भी वश में कर
सकता है . जिस प्रकार पानी में दिखाई देने वाले प्रतिबिम्ब को पानी
गीला नहीं कर सकता , उसी प्रकार अपनी कर्मेन्द्रियों और ज्ञानेन्द्रियों
को वश में कर लेने वाले व्यक्ति को सांसारिक मोह -माया अपने जाल
में कभी नहीं फंसा सकती .

अन्ना कहें तो राजनीतिक पार्टी बनाने का फैसला तुरंत वापस ले लेंगे

अन्ना टीम के विशेष स्तम्भ अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया है कि अगर अन्ना कहें तो राजनीतिक पार्टी बनाने का फैसला तुरंत वापस ले लेंगे। उन्होंने लिखा है कि राजनीतिक पार्टी बनाने का फैसला सबसे पहले अन्ना ने ही दिया था। केजरीवाल ने ये भी लिखा है कि अन्ना के कहने के बाद ही राजनीतिक पार्टी बनाने का फैसला लिया गया था।
गौरतलब है कि जंतर मंतर के आंदोलन के आखिरी दिन ये तय किया था गया था कि अन्ना के सहयोगी अब राजनीतिक पार्टी बनाएंगे। लेकिन बीते दिनों ऐसी खबर भी आई कि अन्ना राजनीतिक विल्प देने के फैसले पर सहमत नहीं थे। बेहद दबाव के चलते उन्हें इस फैसले पर मुहर लगानी पड़ी।
वहीं अब केजरीवाल की इस मुद्दे पर सफाई असमंजस की स्थिति साफ करने के उद्देश्य से देखी जा रही है। बताया जा रहा है कि टीम अन्ना के अंदर पिछले तीन-
जानकार मानते हैं कि टीम अन्ना के अंदर होने वाला छोटे से छोटा फैसला भी अन्ना की सहमति के बिना नहीं हो सकता। इसलिए सदस्यों में किसी भी तरह की विवाद की अटकलों पर अब विराम लगा देना चाहिए।
गौरतलब है कि राजनीतिक विकल्प की तलाश में जंतर मंतर पर अनशन स्थगित किया गया था इसे केजरीवाल कि महत्वकांक्षा बता कर इन्हें कटघरे में लेन के प्रयास चल रहे हैं सम्भवत इसीलिए अब केजरीवाल ने अपनी स्थिति स्पस्ट करने के लिए गेंद फिर से अन्ना के पाले में डाल दी है|