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दिल्ली फतह करने के लिए छपे भाजपा के पोस्टर विज्ञापनों पर सियासी उबाल

[नई दिल्ली] विधान सभा की ७० सीटों के लिए जारी चुनाव प्रचार का दौर बेशक आज समाप्त हो गया लेकिन प्रचार के लिए विज्ञापन और उसका विरोध करने के लिए ट्वीट+चैनलों की बाइट का दौर अभी भी चालू है| गौरतलब है कि पूर्व में भी इसीप्रकार विज्ञापन दिए जाते रहे हैं | बेशक भारतीय जनता पार्टी द्वारा कराये गए चुनावी सर्वे में पार्टी को दो तिहाई बहुमत के संकेत दिए गए हैं लेकिन आम आदमी पार्टी के सफल प्रचार तंत्र के चलते कोई रिस्क लेने को भाजपा तैयार नहीं दिखतीइसीलिए भाजपा ने ६ फरवी के समाचार पत्रों में पोस्टर विज्ञापन छपवा कर केंद्र सरकार की उपलब्धियों का प्रचार किया है| इन विज्ञापनों को अवसर बना कर “आप” पार्टी ने इसका जबरदस्त विरोध किया लेकिन आश्चर्यजनक रूप से इसकी शिकायत चुनाव आयोग को नहीं की गई है |मालूम हो कि इससे पूर्व ईवीएम मशीन कि अफवाह उड़ा कर चुनाव आयोग के दरवाजे खटखटाये जा चुके हैं|
दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौर की समाप्ति के बावजूद राजनीतिक पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला उरूज पर है |
आम आदमी पार्टी [आप]और कांग्रेस ने न्यूज पेपरों में भाजपा के विज्ञापन पर सवाल खड़े कर दिए हैं |
पत्रकार से “आप” के नेता बने आशुतोष ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर के जरिए भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला है।
आशुतोष ने ट्वीट करके भाजपा के महंगे विज्ञापनों के लिए पैसे के स्रोत पूछे हैं |
और विज्ञापनों को आचार संहिता का उल्लंघन बताया है।
‘आप’ के ही दूसरे नेता योगेन्द्र यादव ने ट्वीट में लिखा, ‘प्रचार खत्म, अब कोई स्पीकर, बैनर, फोन और मैसेज नहीं। लेकिन भाजपा के विज्ञापनों को देखिए, क्या यह मजाक है?’