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दोषियों को तत्काल सजा के बजाय केवल मंत्रियों के बदलने मात्र से भ्रष्टाचार समाप्त नही होगा

प्रधान मंत्री डाक्टर मन मोहन सिंह ने आखिर कर दो पंजाबी मंत्रियों का इस्तीफा ले ही लिया रेल मंत्री पवन बंसल के स्थान पर सी पी जोशी और कानून मंत्रालय अश्विनी कुमार से छीन कर कपिल सिब्बल को दे दिया गया है|यह अतिरिक्त प्रभार है| इस पर अलग अलग राय आ रही हैं| कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में सीबीआई की जांच रिपोर्ट देखने को लेकर हमलों का सामना कर रहे अश्वनी कुमार ने आज दावा किया कि उन्होंने ‘अनावश्यक’ विवाद को खत्म करने के लिए इस्तीफा दिया है उनका कहना है कि कोयला घोटाले में सीबीआई की जांच रिपोर्ट को देखने के मामले में उच्चतम नयायालय ने उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की है।उन्होंने कहा कि इस्तीफा देने का तात्पर्य यह स्वीकार करना नहीं है कि ‘कुछ गलत किया गया’।मेरी [अश्विनी कुमार]अंतरात्मा साफ है और मेरा मानना है कि मैं दोषमुक्त साबित हूंगा |उधर पवन बंसल का अपने बचाव में कहना है कि रेल मंत्रालय में सेंसिटिव [क्रीमी]पोस्टिंग में पैसे के लेन देन में उनका दामन पाक साफ़ है| भाजपा के अध्यक्ष राज नाथ सिंह ने प्रधान मंत्री के अर्थ शास्त्र कि क़ाबलियत पर भी सवाल उठाते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री को बचाने के लिए ही दोनों केन्द्रीय मंत्रियों की बलि दी गई है।इससे पूर्व २ जी स्पेक्ट्रम मामले में भी ऐ राजा को आगे किया जा रहा है| उन्होंने कहा कि भाजपा प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग पर कायम है और संसद में संघर्ष के बाद प्रधानमंत्री के इस्तीफे तथा संप्रग सरकार को हटाने के लिए पार्टी 27 मई से 2 जून तक सड़कों पर उतरेगी और जेल भरो आंदोलन चलायेगी।
उधर आम आदमी पार्टी मंत्री मंडल के फेर बदल को अलग ही रूप में देख रही है पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष शिशोदिया ने कहा है कि इस प्रकार के बदलाव से भ्रष्टाचार पर कोई लगाम नही लगने वाली है|ये लोग एक जगह से हतहा कर दूसरी जगह लगा दिए जाते हैं और फिर चुनावों में जीत कर आ जाते हैं भ्रष्टाचार वहीं का वहीं रह जाता है|भ्रष्टाचारियों को सजा देने वाला कोई नहीं है|

नई कार्यकारिणी में नरेन्द्र मोदी को सुरक्षा कवच और वरुण गाँधी को उत्तर प्रदेश में नया चैलेन्ज मिला

भाजपा ने २०१४ के लोक सभा के चुनावों में विजय निर्माण के लिए अपने राजनीतिक अभियंताओं के दल की घोषणा कर दी है|इस में विशेष तौर से आज केवल दो तीन नामो पर चर्चा किया जाना श्रेयकर रहेगा|
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज नाथ सिंह के लिए घोषित टीम में गुजरात के मुख्य मंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ उनके विशेष सिपाहसालार अमित शाह और उत्तर प्रदेश में सांसद वरुण गांधी को राष्ट्रीय टीम में शामिल किया गया है|इससे कई निशाने साधने के प्रयास किये गए हैं|
नरेन्द्र मोदी अभी तक विरोधियों के अलावा अनेकों एन जी ओ के निशाने पर रहे हैं| मोदी के अलावा गुजरात के ही अमित शाह भी आरोपों में घिरे हैं|यहाँ तक की उन्हें जमानत पर छोड़ा गया है| तमाम विरोधों के बावजूद पहले अमित शाह को राज्य की मुख्य राजनीतिक धारा में लाया गया और अब अमित को राष्ट्रीय धारा में शामिल किया गया है|इसका एक प्रभाव तो यह हुआ है के आज नरेन्द्र मोदी से ज्यादा अमित शाह की आलोचना होने लग गई है| विरोध के स्वरों का लक्ष्य बदलने लग गया है|नरेन्द्र मोदी की कम और अमित शाह की आलोचना ज्यादा हो रही है|अमित के अपराधिक और साम्प्रदाईक दंगों के रिपोर्ट कार्ड को आगे लाया जा रहा है| गुजरात में विपक्षी और भाजपा में अपने नेताओं के सुरों में अमित गूंजने लगा है| आजकल नरेन्द्र मोदी अमेरिका की प्रशंसा पाने के लिए जरुरत से ज्यादा व्यस्त दिखाई देते हैं लेकिन इसके साथ ही केंद्र में भी मोदी की ढाल के रूप में अमित शाह को इंट्रोड्यूस कर दिया गया है|शायद यही पार्टी का उद्देश्य भी हो सकता है|
इसके अलावा युवा सांसद वरुण गाँधी को महासचिव के पद पर प्रोमोट किया गया है|उत्तर प्रदेश से सांसद वरुण को उत्तर प्रदेश में बड़ी भूमिका दी जा सकती है|वरुण के चचेरे बड़े भाई राहुल गांधी के मुकाबिले भाजपा को प्रभावी चेहरे की तलाश थी जो अब दूर हो सकती है| पिली भीत में दिए अपने विवादित बयानों से वरुण गांधी ने एक विशेष तबके को अपनी तरफ आकर्षित किया है|यह उनकी उपलब्धि साबित हो सकती है|इसके अलावा यह कहना अनुचित नहीं होगा के कांग्रेस के राहुल गांधी भरसक प्रयासों के बावजूद भी कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में कुछ ख़ास मुकाम नहीं दिला सके अब यदि वरुण गांधी यहाँ हिट हो जाते हैं तो स्वाभाविक रूप से दोनों भाईयों में तुलना शुरू हो जायेगी और इसका लाभ वरुण को राष्ट्रीय स्तर पर जरुर मिलेगा