[पुणे] बोतल बंद पानी भी अब नकली!लानत है|पुणे के कोणडावा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर नकली आईएसआई मार्क वाली बोतलें जब्त की गई है|
भारतीय मानक ब्यूरो के अधिकारियों ने शहर की एक बोतलबंद पानी बनाने वाली कपंनी पर छापा मारकर बड़ी मात्रा में उसके कथित उत्पाद को जब्त कर लिया।
ब्यूरो द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार ‘‘ब्यूरो ने पुणे के कोणडावा क्षेत्र में सोहाली एंटरप्राइजेज पर छापा मारकर बड़ी मात्रा में बोतलबंद पानी की 20 लीटर की प्लास्टिक की बोतलों को जब्त कर लिया। इन पर नकली आईएसआई चिन्ह पाया गया। यहां बिना लाइसेंस के ‘री-वंस’ ब्रांड से पानी का उत्पादन हो रहा था।’’ इसमें कहा गया है कि भारतीय मानक ब्यूरो 1986 कानून के तहत दोषी उत्पादक को एक साल की कैद और 50,000 रूपये नकद जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
ब्यूरो की पुणे शाखा के प्रमुख ने यह विज्ञप्ति जारी करते हुए लोगों से अपील की कि वे ब्यूरो को ऐसी गड़बड़ियों के बारे में बताएं।
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बोतल बंद पानी भी अब नकली ! लानत है:ऐसी गड़बड़ियों के बारे में भारतीय मानक ब्यूरो को बताएं
सावधान !पेयजल में कैल्शियम+मैग्निशयम कार्बोनेट ज्यादा है किडनी ख़राब हो सकती है
[मेरठ]सावधान !पेयजल में कैल्शियम+मैग्निशयम कार्बोनेट ज्यादा है किडनी ख़राब हो सकती है|
देश की राजधानी दिल्ली के समीप स्थित ऐतिहासिक शहर मेरठ के पानी में कैल्शियम + मैग्निशयम कार्बोनेट की मात्रा आवश्यकता से बेहद अधिक है। छात्रों के 3 माह के अध्ययन में पाया गया है कि यह पानी किडनी के लिए घातक है
एन. ए.एस.इन्टर कालिज के छात्रों द्वारा बारिश +पीने के पानी का टीडीएस पर किया अध्ध्यन किया जा रहा है |
प्रोजेकट विज्ञान अध्यापक दीपक शर्मा के अनुसार शहर में उपलब्ध हो रहे पीने के पानी के जग का टीडीएस मानक से बहुत ज्यादा है स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से ये हमारे शरीर में पथरी बनाता हैं|
जिससे किडनी पर सीधा प्रभाव पड़ता हैं।
एन.ए.एस.इन्टर कालेज के छात्रो ने बीते तीन माह में बाजार+आफिस+ सार्वजनिक कार्यक्रमो में इस्तेमाल हो रहे पेयजल जग के 100 से अधिक नमुने लिये जिनका टीडीएस 400 से लेकर 680 तक आया है यह पीने योग्य तो बिलकुल नही है |यह इस लिए भी घातक है क्योकि अब घरो में पानी शुद्विकरण के उपकरण हैं जिनके कारण प्रतिरोधक क्षमता कम होती जा रही है।
बारिश के पानी का टीडीएस 27 से 32 तक आया है।
छात्रों ने 29जून से अब तक हुई बारिश को लगातार मेरठ शहर मे नापा कल हई बारिश 29.4 मिमी नापा गया।छात्रों द्वारा अब तक की इस वर्ष की बारिश का अध्ध्यन किया जा रहा है। जिसे बाल विज्ञान कांगेस के प्रोजेक्ट के रूप में शामिल किया जायेगा। यह प्रोजेकट विज्ञान अध्यापक दीपक शर्मा के निर्देषन में किया जा रहा है। बारिश नापने के प्रयोग के वक्त विज्ञान ज्ञाता डॉ रहमान + प्रधानाचार्या श्रीमती आभा शर्मा ने बाल वैज्ञानिको का उत्साह बढ़ाया।
बागपत और मेरठ के पेयजल में आवश्यकता से छह गुना अधिक कठोरता पाई गई
ग्रामीण और शहरी छेत्रों में पेय जल में छह गुना अधिक कठोरता पाई गई है जिसके कारण लोगों को पेट के रोग बढ़ सकते हैं |
यह रिपोर्ट जल का परिक्षण एवं कार्यशाला में आई हैं | ग्रामीण स्वच्छ पेयजल जागस्कता कार्यक्रम के तहत आर.जी.पी.जी.कालिज के रसायन विभाग में जल का परिक्षण एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसका आयोजन जिला विज्ञान क्लब एवं प्रगति विज्ञान संस्था के सहयोग से किया गया
संयोजक दीपक शर्मा ने बताया कि बागपत [धनौरा] के हैण्ड पंप से प्राप्त सैंपल में ६९१ घुलन शील लवण टी डी एस[ TDS] पाई गई जबकि शहरी इलाके में प्रतिष्ठित आर जी गर्ल्स कालेज के नमूने में ६१९ टी डी एस[ TDS] पाई गई |यह कठोरता नार्मल से छह गुना अधिक है |
आर जी कालेज के जल में कठोरता के लिए पानी की टंकी सफाई नहीं किये जाने और उसमे लाल दवाई का प्रयोग नहीं किया जाना बताया गया| इसके लिए तत्काल टैंक की सफाई और लाल दवाई का प्रयोग करने की सलाह दी गई है| बागपत में पानी को रात भर स्टोर करके सुबह उसमे फिटकरी का प्रयोग करने के पश्चात निथारने की सलाह दी गई है|
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