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Tag: sports minister jitender singh

IOC Gives Broad Smile To Indian Players By Lifting ,14 Months Old ,Ban From I O A

I O C Has Given A Broad Smile On The Faces Of Indian Olympian Players By Lifting 14 Months Old Ban From I O A .This Ban Was Imposed To Pressurize To Remove tainted officials, Of I O A This Move Has Been Welcomed By All Concerned.
The Indian Olympic Association (IOA) Has now barred charge-framed officials from its fresh election held on Sunday
The Minister of State (Independent Charge) for Youth Affairs and Sports Jitendra Singh And Prof.V K Malhotra[Acting President Of I O A] has welcomed IOC decision to bring India back into the Olympic movement
Government of India also congratulated the Indian Olympic Association (IOA), the International Olympic Committee (IOC) and everyone else involved, on India getting back into the Olympic movement. It is good to know that our sportspeople will again be able to compete under the Indian Flag.
The process of India’s return to the Olympic movement started with the Minister of State for Youth Affairs & Sports meeting with the President and other IOC Authorities in Lausanne in May 2013 in an effort to ensure that conditions are created for ending the suspension of IOA at the earliest.
The issue of debarring charge framed officials from contesting elections or continuing in office was first raised then and the IOC was apprised of the support of the Government of India for such a measure.
Sports Minister stated That Government is committed to ensure ethics, transparency and good governance in sports in India and will make all efforts to ensure that Indian sportsperson are fully supported as they strive hard to bring laurels to the nation in the international sporting arena.In The Current Olympic Winter Sports Held In Russia Indian Team Was Not Allowed To Cary Indian National Flags Which Was Criticized In The Media .

राष्ट्रीय खेल पुरुस्कारों की प्रक्रिया में एकरूपता के लिए खेल एवं युवा मामलों के मंत्रालय ने मानक दिशा निर्देश जारी किये

खेल एवं युवा मामलों के मंत्रालय ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार, अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार और और ध्‍यान चंद पुरस्कार जैसे विभिन्न राष्ट्रीय खेल पुरस्कार प्रदान करने की प्रक्रिया में एकरूपता लाने के उद्देश्य से भारतीय खेल प्राधिकरण राष्‍ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी, राज्य सरकारों और राष्‍ट्रीय खेल महासंघों और खेल संवर्धन और नियंत्रण बोर्ड के लिए नए दिशा निर्देश जारी किए हैं। सक्षम अधिकारियों के अनुमोदन से यह नए नियम तय किए गए है। इसके तहत यह व्यवस्था की गयी है कि उपरोक्त पुरस्कारों के लिए नामांकन आमंत्रित करने से लेकर चयन समितियों के गठन तक हर स्तर पर नए दिशा निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
1 )राष्‍ट्रीय खेल पुरस्कारों के लिए नामांकन प्रति वर्ष जनवरी में आमंत्रित किये जाएंगे। आवदेन निर्धारित फार्म में भरने होंगे। नामांकन भरने की अंतिम तारीख 30 अप्रैल या उस महीने कामकाज की अंतिम तिथि होगी ।
2 )नामांकन भेजने के लिए हर खेल संस्था से निम्न पदाधिकारी मान्य होंगे
भारतीय ओलपिक संघ से अध्‍यक्ष और महासचिव
राष्‍ट्रीय खेल महासंघो से अध्‍यक्ष और महासचिव ।
क्रिकेट के मामले में युवा मंत्रालय की ओर से किसी भी महासंघ को मान्यता प्राप्त नहीं है इसलिए क्रिकेट में पुरस्कारों के लिए नामांकन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष और महासचिव की ओर से भेजे जाने होंगे।
3 ) राज्यों, संघशासित प्रदेशों, खेल संवर्धन एवं नियंत्रण बोर्डों की ओर से सचिव और निदेशक स्तर के अधिकारी सक्षम अधिकारियों से मंजूरी लेने के बाद नामांकन भेज सकते हैं। एसएआई अपने स्तर पर इनकी स्वतंत्र जांच करेगा। यह प्रक्रिया 31 मई तक पूरी कर ली जाएगी।
4 ) भारतीय खेल प्राधिकरण की तरफ से महानिदेशक या सचिव नामांकन भेजने के पा़त्र होंगे।
ऊपर लिखित अधिकारियों के अलावा किसी और पदाधिकारी द्वारा भेजे नामांकन पर विचार नहीं होगा।
(क) राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार जीत चुके खिलाड़ी अपने-अपने खेलों में राजीव गांधी खेल रत्न, अर्जुन, ध्यान चंद और द्रोणाचार्य पुरस्कारों के लिए नामांकन भेजने के पात्र होंगे।
(ख) अर्जुन, ध्यानचंद और द्रोणाचार्य पुरस्कार पा चुके खिलाड़ी और कोच इन पुरस्कारों के लिए अपने-अपने खेलों में नामांकन भेज सकते हैं।
(ग) खेल मंत्रालय अपनी ओर से किसी भी खिलाड़ी या कोच का स्वतंत्र संज्ञान लेते हुए नामांकन कर सकता है।
(घ)नामांकित किए गए खिलाडि़यों के लिए आवेदन फार्म में निम्नलिखित बातें प्रमाणित करनी जरूरी होंगी।
मैने पुरस्कार के लिए रखी गयी सभी शर्तो को ध्यानपूर्वक पढ़ा है और मैं इसे स्वीकार करता हूं। मेरे खिलाफ डोंपिंग या उम्र की गलत जानकारी देने जैसी गड़बडि़यों के लिए कभी जुर्माना नहीं लगाया गया है।
यदि किसी कारणवश किसी खिलाड़ी के खिलाफ जांच शुरू की गयी हो या फिर उसे किसी तरह की चेतावनी दी गयी हो तो प्रायोजक को इसका विस्तृत ब्यौरा नामांकन के साथ देना होगा।
खिलाड़ी का नाम प्रायोजित करने वाले संगठन या व्यक्ति द्वारा नामांकन फार्म में यह प्रमाणित करना होगा कि…
मैने पुरस्कार के लिए रखी गयी सभी शर्तो को ध्यानपूर्वक पढा है और मैं इसे स्वीकार करता हूं साथ ही मैं इस बात की पुष्टि करता हूं कि नामित खिलाड़ी पुरस्कार पाने के योग्य है।
.यह प्रमाणित किया जाता है कि नामांकित खिलाड़ी के खिलाफ किसी तरह की जांच या अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की गयी है तथा वह किसी तरह की अनैतिक आपराधिक गतिविधियों में लिप्त नहीं रहा है।
पुरस्कार के लिए नामांकित खिलाड़ी यदि केन्द्र सरकार, राज्य सरकारों, सार्वजनिक उपक्रमों या फिर किसी निजी संगठन का कर्मचारी हो तो उस स्थिति में संबधित नियोक्ता की ओर से उसे एक प्रमाण पत्र आवेदन फार्म के साथ संलग्न करना हेागा। यदि खिलाड़ी के खिलाफ किसी तरह की अनुशासनात्मक कार्रवाई या कोई आरोप पत्र दाखिल किया गया हो या फिर ऐसी कोई कार्रवाई लंबित हो तो नियोक्ता की ओर से इसका विस्तृत ब्यौरा दिया जाना होगा।
निर्धारित अवधि के अदंर राष्ट्रीय खेल महासंघों के बाहर से आने वाले नामांकनों मे दर्ज ब्यौरों और उपलब्धियों की पुष्टि के लिए संबधित राष्ट्रीय खेल महासंघों को प्रेषित किया जाएगा। इसमें इस बात की जांच भी की जाएगी कि कहीं खिलाडी को उम्र की गलत जानकारी देने यौन प्रताड़ना या डोपिंग जैसी अनुचित गतिविधियों के लिए कभी जुर्माना लगाने या चेतावनी देने जैसी कोई कार्रवाई तो नहीं की गयी।
राष्ट्रीय खेल महासंघों को उपरोक्त सभी चीजों यदि कोई है तो उसका ब्यौरा देने के साथ ही प्रमाणन रिपोर्ट भी देनी होगी। यह प्रक्रिया 31 मई तक पूरी करनी होगी।
निर्धारित समय सीमा के भीतर संबंधित एजेंसियों की ओर से प्राप्त होने वाले नामांकन पत्रों की एक प्रति 15 मई तक भारतीय खेल प्राधिकरण को भेज दी जाएगी।
नामांकन में दिए गए ब्यौरे यहां तक कि खिलाड़ी के चरित्र से जुड़ी जानकारियों की भी एसएआई अपने स्तर पर स्वतंत्र जांच करेगा। यह प्रक्रिया 31 मई तक पूरा कर ली जाएगी।
प्राप्त नामांकनों की जांच एक स्क्रीनिंग कमेटी करेगी। इसमें संयुक्त सचिव खेल सचिव एसएआई निदेशक खेल तथा निदेशक एसएआई टीम शामिल होंगे। कमेटी नामांकनों की स्क्रीनिंग का काम संभवत 15 जून तक पूरा कर लेगी।
राष्ट्रीय खेल महासंघों और एसएआई की रिपोर्ट के आधार पर खेल और युवा मंत्रालय द्वारा पात्रता की डोपिंग को छोड़कर हर पहलू से जांच की जाएगी। इसके बाद मंत्रालय तय दिशा निर्देशों के आधार पर विभिन्न खेलों के लिए नामित खिलाड़ियों और कोचों की एक सूची तैयार करेगा।
खेल मंत्रालय इसके बाद शार्ट लिस्ट किए एक प्रत्येक खिलाड़ी और कोच के बारे में राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी नाडा से रिपोर्ट लेगा। इसमें यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी। शार्ट लिस्ट किए गए खिलाड़ी या कोच के खिलाफ कभी डोपिंग जांच पाजिटिव तो नहीं पायी गयी है।
चूंकि‍ अब डोपिंग टेस्ट करने वाली प्रयोगशालाओं को अंतर्राष्‍ट्रीय ओलंपिक समिति के बजाए विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी वाडा से मान्यता दी जाती है इसलिए अब राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार, अर्जुन पुरस्कार और ध्यानचंद पुरस्कारों के लिए डोपिंग के आधार पर किसी खिलाड़ी को अमान्य घोषित किए जाने से संबंधित व्याख्या में बदलाव किया गया है।
डोपिंग का दोषी पाया गया कोई भी खिलाड़ी पुरस्कारों के लिए मान्य नहीं होगा।
किसी खिलाड़ी को प्रशिक्षण के दौरान ड्रग लेने के लिए प्रोत्साहित करने वाले ऐसे कोच जिन्हे विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी की ओर से प्रतिबंधित किया गया हो द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त करने के योग्य नहीं होंगे। ऐसा कोई कोच जिसके खिलाफ डोपिंग मामले की जांच चल रही हो या लंबित हो भी पुरस्कार के लिए योग्य नहीं होगा।
पुरस्कारों की प्रत्येक वर्ग के लिए चयन समितियों का गठन 15 जून तक कर दिया जाएगा।
.पुरस्कारों के लिए सभी मान्य उम्मीदवारों का नाम संबंधित चयन समितियों के समक्ष रखा जाएगा। चयन समितियों की बैठक 30 जून तक होनी निश्चित की जाएगी।

आई ओ ऐ और आईओसी के बीच आये गतिरोध का शीघ्र समाधान होना चाहिए:केंद्रीय खेल मंत्री

भारतीय ओलंपिक संघ और अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी के बीच जारी गतिरोध अभी तक समाप्त नहीं हुआ है जिसके कारण आई ओ ऐ पर लगा निलम्बन समाप्त नही हुआ है| इस पर केंद्रीय खेलमंत्री जितेन्द्र सिंह ने चिंता व्यक्त की है
भारत सरकार ने भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) द्वारा आयोजित 27 अक्टुबर, 2013 की विशेष आम सभा में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी (IOC) के निर्देशों के लागू करने का संज्ञान लिया। मीडिया रिपोर्टें संकेत देती हैं कि आईओए की आम सभा आईओसी की आवश्यकतानुसार अपने संविधान में संशोधनों को लागू करने पर सहमत नहीं थी।
इस संदर्भ में केंद्रीय खेलमंत्री भारत सरकार श्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि भारत सरकार देश में खेलों में नैतिकता और सुशासन का पालन करने और अपराधों के प्रति “जीरो टोलरेन्स” के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार आईओसी और आईओए के बीच जारी गतिरोध के संबंध में चिंतित है और घटनाक्रम को निकट से देख रही है।
भारत सरकार का मत है कि आईओए और आईओसी के बीच आये गतिरोध का शीघ्र समाधान होना चाहिए, जिससे कि आईओए का निलंबन हटे और भारतीय खिलाड़ी/टीमें भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के नीचे अंतर्राष्ट्रीय खेल गतिविधियों में भाग लेने में सक्षम हों।

Badminton player P.V. Sindhu today received Arjuna Award 2013

[New Delhi]Badminton player P.V. Sindhu today received Arjuna Award 2013.
The Young Minister of Youth Affairs and Sports Jitendra Singh presented a statuette+ citation +cash prize of Rs.5 lakh to P.V. Sindhu during the governing body meeting of Sports Authority of India.
It may be added that Badminton star player P.V. Sindhu was not present at the award ceremony on 31st August 2013 at the Rashtrapati Bhawan due to her professional engagements.
Photo Caption
The Minister of State (Independent Charge) for Youth Affairs & Sports, Jitendra Singh presenting the Arjuna Award 2013 to Ms. P.V. Sindhu, Badminton player, in New Delhi on September 24, 2013.

ओलम्पिक्स-खेलों में कुश्ती को आखिरकार पुनः शामिल कर ही लिया गया :केंद्रीय खेल मंत्री जितेन्द्र सिंह ने स्वागत किया

ओलम्पिक्स-खेलों में कुश्ती को आखिरकार पुनः शामिल कर ही लिया गया है |यह फैसला मतदान के जरिए हुआ।अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति के इस फैसले का केंद्रीय खेल और युवा कार्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जितेन्द्र सिंह ने स्वागत किया है|
केंद्रीय खेल और युवा कार्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जितेन्द्र सिंह ने 2020 के ओलम्पिक खेलों में[७१ देशों में खेले जाने वाले] कुश्ती को शामिल करने के अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) के फैसले पर प्रसन्नता व्यक्त की है।
खेल मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार 8 सितंबर 2013 को ब्यूनस आयरस, अर्जेंटीना में समिति के 125वें अधिवेशन में ओलम्पिक्स-2020 में अन्य 25 प्रमुख खेलों के साथ कुश्ती को शामिल करने का फैसला लिया गया। कुश्ती, स्कवॉश और बेसबॉल/सॉफ्टबॉल को ओलम्पिक्स-2020 में अतिरिक्त खेल के रूप में शामिल करने के बारे में विवाद बना हुआ था। कुश्ती को शामिल करने का फैसला मतदान के जरिए हुआ।
गौरतलब है कि [१]12 फरवरी, 2013 को आईओसी के कार्यकारी बोर्ड की बैठक ने सिफारिश की थी कि कुश्ती को 2020 के ओलम्पिक्स में प्रमुख खेलों की सूची में शामिल न किया जाए। इसका संचालन कुश्ती एसोसिएशनों की अंतर्राष्ट्रीय फेडरेशन द्वारा किया जाता है।
[२]20 मई, 2013 को रूस में सेंट पीटर्सबर्ग में हुई बोर्ड की बैठक में सिफारिश की गई कि कुश्ती, स्कवॉश और बेसबॉल/सॉफ्टबॉल को ओलम्पिक्स-2020 में अतिरिक्त खेल के रूप में शामिल करने के बारे में आईओसी के 125वें अधिवेशन में विचार किया जाए।
12 फरवरी, 2013 को आईओसी के कार्यकारी बोर्ड द्वारा कुश्ती को प्रमुख खेलों की सूची से बाहर रखने के फैसले से धक्का लगा था।
युवा कार्य और खेल मंत्रालय ने आईओसी और उन देशों के साथ, जहां कुश्ती लोकप्रिय है, इस मामले को उठाया, ताकि कुश्ती को ओलम्पिक खेलों में शामिल रखा जा सके।
श्री जितेन्द्र सिंह ने आईओसी के अध्यक्ष श्री जैक्स रॉग को पत्र लिखकर उनसे बोर्ड के फैसले पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया। श्री जितेन्द्र सिंह ने अन्य देशों के खेल मंत्रियों को भी पत्र लिखा, जहां कुश्ती लोकप्रिय है और उनके पहलवानों ने लंदन ओलम्पिक्स-2012 में भाग लिया था। खेल सचिव ने भी विदेश सचिव को लिखा था कि विदेश मंत्रालय 70 देशों में हमारे राजदूतों और उच्चायुक्तों से कहे कि वे उन देशों के खेल मंत्रियों से इस मामले को आईओसी के सामने उठाऩे को कहें। 2 सितंबर, 2013 को मंत्रालय ने आईओसी के सभी सदस्यों से अनुरोध किया था कि वे कुश्ती को ओलम्पिक खेलों की प्रमुख सूची में शामिल रखने के बारे में फैसला लें।
इन सब प्रयासों का सुखद परिणाम निकला। कुश्ती 1886 में एथेंस में शुरू हुए आधुनिक ओलम्पिक खेलों में शामिल थी और उसके बाद भी रही है। प्राचीन ओलम्पिक्स में भी कुश्ती खेलों का हिस्सा थी। आज के समय में भी कुश्ती लोकप्रिय है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लंदन ओलम्पिक्स-2012 में 71 देशों ने कुश्ती स्पर्धाओं में भाग लिया था।

आईओसी द्वारा दागी के चुनाव पर रोक को बरक़रार रखने और खेल मंत्रालय द्वारा उसका समर्थन किये जाने से खेल जगत की राजनीती गरमाई

आईओसी द्वारा दागी के चुनाव पर रोक को बरक़रार रखने और खेल मंत्रालय द्वारा उसका समर्थन किये जाने से खेल जगत की राजनीती गरमाई अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति [IOC ] द्वारा आरोपी या दागी पदाधिकारियों के चुनाव पर रोक को बरक़रार रखने और केन्द्रीय खेल मंत्रालय द्वारा उसका समर्थन किये जाने से खेल जगत में राजनीती गरमा गई है| केन्द्रीय खेल मंत्री जितेंद्र सिंह ने आज अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति [IOC ] के आरोपपत्र संबंधी शर्त पर कायम रहने का फैसला किया और आईओए को अपने संविधान में जरूरी संशोधन करने पर जोर दिया इसे उन्होंने देश के खिलाड़ियों के हित में बताया | इसके ठीक विपरीत आई ओ ऐ के नेताओं ने इसे भारतीय संविधान के विरुद्ध बताया
आई ओ सी ने आज साफ किया कि भारतीय ओलंपिक संघ [IOA ] को सुशासन के लिये दागी पड़ा धिकारियों को हटाना ही होगा|
गौरतलब है कि आईओए ने आई ओ सी से समझौते की राह निकालने के लिए, पिछले महीने ,विशेष आम सभा की बैठक का आयोजन किया जिसमे आईओसी के सामने समझौता फॉर्मूला पेश किया इस में आरोपी व्यक्तियों को चुनाव लड़ने की छूट देने के लिए कहा गया था | आईओए के प्रस्ताव के अनुसार यह नियम उन्हीं अधिकारियों पर लागू होना चाहिए, जिन्हें दो साल से अधिक की जेल की सजा मिली हो। आई ओ ऐ के कार्यवाहक अध्यक्ष और भाजपा के नेता प्रो.वी के मल्होत्रा ने आई ओ सी के निर्णय पर संतुलित+सुरक्षित+संक्षिप्त टिपण्णी की है| उ श्री मल्होत्रा के अनुसार अभी तक आई ओ सी के पत्र का विवरण प्राप्त नहीं हुआ है|उसके बाद ही सभी लोगों से बात चीत करके कोई हल निकालने का प्रयास किया जाएगा|उन्होंने एक टी वी चैनल को कहा कि दागी शब्द कि व्याख्या जरूरी है और अगर उस व्याख्या को पूरा विश्व मनाता है तो भारत को भी मानने में कोई एतराज नहीं होगा|श्री मल्होत्रा ने वर्तमान व्यवस्था पर चुटकी लेते हुए कहा कि भारत में तो धारा १४४ का उल्लंघन करने पर भी चार्ज शीट जारी हो जाती है|आपातकाल में भी लोगों को सजा हुई थी ऐसे में दागी शब्द को परिभाषित किया जाना जरुरी है| अभय चौटाला ने देश के आईओसी प्रतिनिधि रणधीर सिंह को वर्तमान स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि हमारे देश के कानून के अनुसार दो साल के सजा याफ्ता चुनाव नहीं लड़ सकते और इसी का पालन होना चाहिए|

स्पोर्ट्स स्कैम्स से अज्ञान केंद्र सरकार आधारभूत संरचना के प्रति पूरी जागरूकता दिखा रही है

स्पोर्ट्स स्कैम्स से अज्ञान केंद्र सरकार आधारभूत संरचना के प्रति पूरी जागरूकता दिखा रही है केंद्र सरकार के खेल मंत्रालय के पास बेशक देश के स्टेडियम की जानकारी नही है बेशक खिलाडियों के साथ उम्र को लेकर भेद भाव किया जा रहा है उनका उत्पीडन किया जा रहा है उसके बावजूद केंद्र सरकार द्वारा आधारभूत संरचना[ INFRASTRUCTURE ] पर भरपूर खर्च किया जा रहा है स्वयम युवा कार्यक्रम और खेल राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) जितेन्‍द्र सिंह ने संसद में यह जानकारी प्रदान की |संसद में उन्होंने स्वीकार किया है कि ‘खेल’ राज्‍य का विषय है |उनके पास राज्‍य सरकारों द्वारा निर्मित खेल स्‍टेडियमों से संबंधित आंकड़े नहीं हैं|इससे पूर्व चीन के नानजिंग में चल रहे एशि‍याई युवा खेलों में 17 भारतीय ट्रैक और फील्‍ड एथलीटों को 17 वर्ष से अधि‍क उम्र के होने के कारण बाहर किये जाने पर आश्चर्य व्यक्त कर चुके हैं|
[१]आज ई-शासन प्रणाली के अनुसार युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय के लिए ई-कार्यालय प्रणाली का उद्घाटन किया।
उन्होंने इस प्रणाली के शीघ्र लागू होने का भरोसा भी दिलाया |
[२] स्‍टेडियम में छात्रावास सुविधाओं की कमी
मंत्री श्री सिंह ने आज लोक सभा में एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में बताया कि ‘खेल’ राज्‍य का विषय है। केंद्रीय सरकार राज्‍य सरकारों द्वारा निर्मित खेल स्‍टेडियमों से संबंधित आंकड़े नहीं रखती तथापि, दिल्‍ली में, भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के पाँच स्‍टेडियम नामत: जवाहरलाल नेहरू स्‍टेडियम, मेजर ध्‍यानचंद राष्‍ट्रीय स्‍टेडियम, इंदिरा गांधी स्‍टेडियम, डॉ. श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी तरणताल परिसर और डॉ. कर्णी सिंह शूटिंग रेंज हैं। जवाहरलाल नेहरू स्‍टेडियम परिसर और इंदिरा गांधी स्‍टेडियम परिसर में क्रमश: 140 बेड और 150 बेड की क्षमता वाले हॉस्‍टलों की सुविधा है।
मंत्री महोदय ने सदन को यह जानकारी देते हुए कहा कि केंद्रीय सरकार के पास राज्‍य सरकारों के स्‍टेडियमों में हॉस्‍टल/आवासीय सुविधाएं प्रदान करने के लिए कोई स्‍कीम नहीं है। तथापि, यह निर्णय लिया गया है कि भारतीय खेल प्राधिकरण के दिल्‍ली स्थित दो खेल हॉस्‍टलों में उपलब्‍ध सुविधाओं का उन्‍नयन किया जाये
तय उम्र से अधि‍क के एथलीटों के मामले में जांच के आदेश
[३]युवा मामले और खेल मंत्री श्री जि‍तेन्‍द्र सिं‍ह ने चीन के नानजिंग में चल रहे एशि‍याई युवा खेलों में 17 भारतीय ट्रैक और फील्‍ड एथलीटों को 17 वर्ष से अधि‍क उम्र के होने के कारण भाग लेने की अनुमति‍न देने संबंधी मीडि‍या रि‍पोर्ट पर आश्‍चर्य व्‍यक्‍त कि‍या है। ये 17 एथलीट एथलेटि‍क फैडरेशन ऑफ इंडि‍या द्वारा चुने गए 27 सदस्‍यों वाले शि‍ष्‍टमंडल का हि‍स्‍सा थे। श्री जि‍तेन्‍द्र सिं‍ह ने इसी तरह की दूसरी मीडि‍या रि‍पोर्ट का संज्ञान लि‍या है, जि‍समें कहा गया था कि‍चार भारतीय बैडमिंटन खि‍लाड़ी वापस भेजे जाएंगे, क्‍योंकि‍ उनके नाम खेलों की प्रवेश सूची में शामि‍ल नहीं थे।
खेल मंत्री ने भारतीय खेल प्राधि‍करण के महानि‍देशक से दोनों मामलों की जांच करने और दोषी व्‍यक्‍ति‍यों की जि‍म्‍मेदारी तय करने को कहा है। उन्‍होंने खेल प्राधि‍करण के महानि‍देशक से ऐसी व्‍यवस्‍था करने को कहा है कि‍भवि‍ष्‍य में ऐसी घटनाएं न हो।
बेशक खेल मंत्री ने भारतीय खेल प्राधि‍करण के महानि‍देशक से दोनों मामलों की जांच करने और दोषी व्‍यक्‍ति‍यों की जि‍म्‍मेदारी तय करने को कह दिया है इसके साथ ही उन्‍होंने खेल प्राधि‍करण के महानि‍देशक से इसकी पुनरावृति रोकने को भी कह दिया है लेकिन इसके बावजूद इस स्पोर्ट्स स्कैम के प्रति मंत्री की अनभिज्ञता से विश्वसनीयता पर प्रश्न चिन्ह लगाना स्वाभाविक है|

केंद्रीय खेल मंत्री ने बैडमिंटन खिलाड़ी पी.वी. सिंधू को बधाई दी और सहायता का आश्वासन भी दिया

केंद्रीय खेल मंत्री ने विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप में कांस्य पदक विजेता पी.वी. सिंधू को बधाई दी |
युवा मामले और खेल मंत्री श्री जितेन्द्र सिंह ने विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप 2013 में सफलता पर पी.वी. सिंधू को बधाई संदेश भेजते हुए कहा
‘‘ग्वांगझाउ, चीन में हुई विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप-2013 में विशिष्ट सफलता के लिए आपको बधाई। आपने महिला सिंगल्स प्रतिस्पर्धा में कांस्य पदक जीत कर देश का गौरव बढ़ाया है।’’ युवा मामले और खेल मंत्रालय भविष्य में भारत का सम्मान बढ़ाने के आपके प्रयासों में सहायता करने के प्रति वचनबद्ध है।
पी.वी. सिंधू ने वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप २०१३ में १० अगस्त को खेले गए महिला एकल में कांस्य पदक जीता है.इस वर्ग में कांस्य पदक जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी और भारत की तीसरी खिलाडी बन गई है| सेमी फाईनल में सिन्धु थाईलेंड की आर इन्तानों से १०-२१,१३-२१ से पिछड़ गई |इससे पूर्व प्रकाश पदुकोण[एकल] और ज्वाला गट्टा+ अश्विनी पोनप्पा की जोड़ी ने यह ख़िताब हासिल किये हैं |

जितेन्द्र सिंह ने राष्ट्रीय खेलों के विकास के लिए राजनीति और खेल से जुड़े लोगों के सुझाव मांगे

केन्द्रीय खेल मंत्री जितेन्द्र सिंह ने राष्ट्रीय खेलों के विकास के लिए राजनीति और खेल से जुड़े लोगों से सुझाव मांगे
खेल और युवा मामलों के केन्‍द्रीय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जितेन्द्र प्रसाद ने राष्ट्रीय खेल विकास विधेयक के प्रारूप को केंद्रीय मंत्री परिषद, लोकसभा और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष, राज्य/केंद्र शासित राज्यों के खेल मंत्रियों, खेल और युवा मामलों के मंत्रालय की स्थायी समिति/परामर्शदाता सदस्यों, संसद के दोनों सदनों में विभिन्न राजनीतिक नेताओं और खेल से जुड़े प्रतिष्ठित व्यक्तियों से उनके सुझाव आमंत्रित करने के लिए राष्ट्रीय खेल विकास विधेयक का प्रारूप भेजा।
अपने पत्र में श्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि सरकार खेलों को अधिक प्रतिक्रियात्मक, उत्तरदायी और परिणामोत्पादक बनाने के क्रम में खेल प्रबंधन और प्रशासन में सुधार लाने की आवश्यकता पर कुछ समय से ध्यान दे रही है।
न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मुकुल मुदगल की अध्यक्षता में सरकार द्वारा गठित एक कार्यदल राष्ट्रीय खेल विकास विधेयक का प्रारूप दाखिल कर चुका है।
विधेयक के प्रारूप पर 31.7.2013 तक आम जनता और सभी हिस्‍सेदारों से सुझाव आमंत्रित करने के लिए इसे मंत्रालय की वेबसाईट पर भी लगाया जा चुका है।
मंत्रालय विधेयक के प्रारूप पर उनके दृष्टिकोण/सुझाव जानने के लिए इसे विभिन्‍न राष्‍ट्रीय खेल संघों के पास भी भेज रहा है। सभी स्रोतों से प्राप्‍त सुझावों को इसमें समाहित करने के बाद मंत्रालय द्वारा इस प्रारूप को आईओसी के पास उसके सुझाव के लिए भेजा जाएगा|
फाइल फोटो कैप्शन Justice (Retd.) Mukul Mudgal presenting report OnSports the Minister of State (Independent Charge) for Youth Affairs & Sports, Shri Jitendra Singh, in New Delhi

खेलों के प्रबंधन और प्रशासन को सुधारने के लिए संशोधित राष्‍ट्रीय खेल विकास विधेयक २०१३ तैयार

The Chairman of the Working Group for Drafting of the National Sports Development Bill, 2013, Justice (Retd.) Mukul Mudgal presenting its report to the Minister of State (Independent Charge) for Youth Affairs & Sports, Shri Jitendra Singh, in New Delhi on

The Chairman of the Working Group for Drafting of the National Sports Development Bill, 2013, Justice (Retd.) Mukul Mudgal presenting its report to the Minister of State (Independent Charge) for Youth Affairs & Sports, Shri Jitendra Singh, in New Delhi

खेलों के प्रबंधन और प्रशासन को सुधारने के लिए संशोधित राष्‍ट्रीय खेल विकास विधेयक २०१३ तैयार कर लिया गया है|सरकार कुछ समय से खेलों के प्रबंधन और प्रशासन में सुधार लाने के बारे में विचार करती रही है, ताकि खेल प्रबंधन को अधिक जिम्‍मेदारीपूर्ण बनाया जा सके।
इसे ध्‍यान में रखते हुए एक विधेयक की रूपरेखा तैयार की गई तथा 30 अगस्‍त 2011 को कैबिनेट के समक्ष इसे पेश किया गया। सरकार ने 14 अक्‍टूबर 2011 को इस विधेयक रूपरेखा को सार्वजनिक कर दिया। साथ ही सभी राष्‍ट्रीय खेल संघों को यह रूपरेखा भेज दी गई, ताकि इस पर उनकी राय ली जा सके। खेल विधेयक की मूल रूपरेखा को संशोधित करने की जरूरत महसूस की गई।
इस उद्देश्‍य से युवा मामलों एवं खेल मंत्रालय ने न्‍यायमूर्ति मुकुल मुदगल की अध्‍यक्षता में राष्‍ट्रीय खेल विकास विधेयक की संशोधित रूपरेखा तैयार करने के लिए एक कार्यकारी समूह का गठन किया। कार्यकारी समूह में कई गणमान्‍य खिलाड़ी जैसे अभिनव बिंद्रा + श्री वीरेन रसकिन्‍हा, खेल प्रशासक तथा कानूनी विशेषज्ञ शामिल हैं। इस कार्यकारी समूह द्वारा तैयार की गई संशोधित रूपरेखा न्‍यायमूर्ति मुकुल मुदगल द्वारा 10 जुलाई 2013 को युवा मामलों एवं खेल राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) को प्रदान की गई।
मंत्रालय के अनुसार आम जनता तथा अन्‍य समूह (जिनके हित इससे जुड़े हैं) अपनी राय मंत्रालय की वेबसाइट www.yas.nic.in पर दे सकते हैं, जहां इस विधेयक को सार्वजनिक किया गया है। इसकी एक प्रति भारतीय ओलंपिक संघ को भी भेजी जा चुकी है |
राष्‍ट्रीय खेल विकास विधेयक 2013 के मुख्‍य बिंदु इस प्रकार हैं –
[१]. ओलंपिक चार्टर के अनुसार कार्य करने, अंतरराष्‍ट्रीय बहु खेल महोत्‍सवों के लिए बोली का उत्‍तरदायित्‍व, शिकायतों को सुनने की आंतरिक व्‍यवस्‍था, नियमित रूप से राष्‍ट्रीय खेलों को आयोजित कराना, आरटीआई के तहत खिलाड़ी आयोग की स्‍थापना तथा संसद को रिपोर्ट देने की जिम्‍मेदारी जैसे कार्य राष्‍ट्रीय ओलंपिक समिति को सौंपे गए हैं।
[२]. एक खेल अपील प्राधिकरण की स्‍थापना करने का प्रस्‍ताव रखा गया है, जिसमें भारत के प्रधान न्‍यायाधीश अथवा उनके द्वारा नामांकित न्‍यायमूर्ति, सचिव, खेल विभाग तथा अध्‍यक्ष, राष्‍ट्रीय ओलंपिक समिति शामिल होंगे।
[३]. एक नैतिक आयोग की स्‍थापना का प्रस्‍ताव रखा गया है, जो अंतरराष्‍ट्रीय ओलंपिक समिति के नियमों एवं सिद्धांतों के अनुसार (जो कि भारत के संविधान के भी अनुरूप हों) नैतिक नियमों के कार्यान्‍वयन को सुनिश्चित करेगा।
[४]. खेल चयन आयोग का गठन जो राष्‍ट्रीय ओलंपिक समिति, राष्‍ट्रीय खेल संघ तथा खिलाड़ी आयोगों के साफ-सुथरे चुनावों को सुनिश्चित करेगा।
[५]. राष्‍ट्रीय खेल संघों की दोहरी कार्यप्रणाली प्रस्‍तावित की गई है।
[६]. वे सभी खेल संघ जिन्‍हें प्रत्‍यक्ष व अप्रत्‍यक्ष रूप से अनुदान की आवश्‍यकता होती है, उन्‍हें सरकार से आधिकारिक मान्‍यता प्राप्‍त करनी होगी।
[७]. अंतरराष्‍ट्रीय खेल समारोहों में भारत का प्रतिनिधित्‍व करने तथा किसी संघ द्वारा ”भारत” या ”भारतीय” का इस्‍तेमाल करने के लिए संघ को अध्‍याय-4 (खेलों में अनैतिक आचरण) तथा अध्‍याय-9 (सूचना का अधिकार अधिनियम) के मानकों पर खरा उतरना होगा।
[८]. सभी आधिकारिक मान्‍यता प्राप्‍त राष्‍ट्रीय खेल संघों को अपने सहयोग ज्ञापन/सहयोग नियम अथवा उप नियमों में निम्‍नलिखित प्रावधान करने होंगे :
अ]]. पदधारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 70 वर्ष होगी।
आ] खिलाड़ी आयोगों द्वारा नामांकित खिलाड़ि‍यों को संघ की कार्यकारी निकाय की निर्णय प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा।
[इ] संघ के कार्यकारी निकाय में खिलाड़ि‍यों की कुल संख्‍या कुल मताधिकार के 25 प्रति‍शत से कम नहीं होगी
[ई ]. सुनिश्चित करना होगा कि सामान्‍य निकाय में दोनों लिंगों का प्रतिनिधित्‍व 10 प्रतिशत से कम नहीं होगा।