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Category: Jhalli Gallan

सरकार असीम दाड़ी में उलझ कर रह गई है|


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक कार्टूनिस्ट

देखा सच्चाई का कमाल |सरकार की नाक में हो गया है बवाल |हसाड़े कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी को जेल से रिहा करने को हो रहे हैं बेहाल|इस सरकार ने अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता पर नकेल डालने का किया कुप्रयास लगाया झूटा देश द्रोह का आरोप जिससे तड़प कर असीम ने जमानत लेने से कर दिया है इनकार| इसीलिए सरकार का आगे होगा अभी इससे भी बुरा हाल|पोलिस ने रिमांड छोडी |हाई कोर्ट ने जेल छोड़ी अब सरकार अब दमन कारी सरकार का कौन होगा हवाल ?

झल्ला

कार्टून जी गल तो आप जी की ठीक ही लगती है सरकार ने तिनका निकालने के लिए असीम त्रिवेदी की लम्बी काली दाड़ी में घुसपैठ की अब तिनका तो सामने आया नहीं हाँ बेचारी सरकार जरुर असीम दाड़ी में उलझ कर रह गई है|वैसे इसे दूसरी राजनीति की भाषा में कह सकते है कि सांप[सरकार]के मुह में चचुंदर[कार्टूनिस्ट] फंस गया है क्यों ठीक है न ठीक ???

इन्द्रियों का प्रकाशक मन है

श्रीमदभागवद गीता के अनंत ज्ञान के सागर की कुछ बूँदें

परमात्मा सम्पूर्ण ज्योतियों की ज्योति तथा अज्ञान से अत्यंत परे हैं. परमात्मा ज्ञान स्वरुप एवं ज्ञान से प्राप्त
करने योग्य हैं. प्रभु सब के ह्रदय में विराजमान हैं.
शब्द का प्रकाशक कान है. स्पर्श का प्रकाशक त्वचा है. रूप का प्रकाशक नेत्र है. रस का प्रकाशक जिव्ह्या है.
गंध का प्रकाशक नासिका है. इन मन का प्रकाशक बुद्धि है. बुद्धि का प्रकाशक
आत्मा है एवं आत्मा का प्रकाशक परमात्मा है. परम पिता परमात्मा का प्रकाशक कोई नहीं है.
जैसे सूर्य मैं अन्धकार कभी नहीं आ सकता इसी प्रकार परम प्रकाशक परमात्मा में अज्ञान कभी नहीं आ सकता

भ्रष्टों का कार्टून बनाना देशद्रोह है

झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक कार्टूनिस्ट

ओये झल्लेया ये क्या जुल्म हो रहा है|ओये हम अगर कहते हैं कि संसद से लेकर चिन्हों तक हसाड़े राष्ट्रीय प्रतीक निशानों का दुरूपयोग किया जा रहा हैतो हमें देश द्रोही करार दे कर जेल में डाल दिया जाता है|ये पालिटिकल पार्टियां इधर उधर से अपना पार्टी फंड बढाए जा रही हैं | पार्टी फंड दाताओं को लाभ पहुंचाने के लिए लगातार आरोप प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं|
लोक तंत्र के सबसे बड़े मंदिर में पैसे लेकर सवाल पूछते हैं| अपनी हठधर्मी के चलते संसद के सत्र के सत्र बर्बाद कर रहे हैं|ओये अब तो ये सारे आपस में ही संवैधानिक संस्थाओं का चीर हरण करने पर तुल गए हैं| सुप्रीम कोर्ट+सी ऐ जी+पी एम्+
संसद सदस्यों का सभी अपने हित साधने के चक्कर में कार्टून बनाये जा रहे हैं| इन्हें कोई नहीं पूछता|अब देखो
ऐ डी आर नेशनल इलेक्शन वाच कि रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले सात सालों में ४६६२ करोड़ चंदे के रूप में पार्टियों को दिए गए हैं|
[१]कांग्रेस =२००८.७२ करोड़

[२]भाजपा=९९४.७७ करोड़ ]एशिया नेट टी वी
[३]बसपा= ४८४.२९ करोड़
[४]सीपीआईएम्=४१७.२६ करोड़ वेदांता पब्लिक & पालिटिकल एवेयर नेस सेंटर
[५]सपा=२७८.५६ करोड़
[६]एन सी पी १६०.८२ करोड़ भारती इलेक्टोरल ट्रस्ट आफ एयर टेल
नॅशनल कांफ्रेंस +टी एम् सी +इंडियन नेशनल लोक दल अपने खाते खोलने को तैयार नहीं हो रहे|
पार्टी फंड में दान करने वालों का पता है कौन कौन महारथी हैं अदानी एंटरप्राईज़ एवेय[ख]जिंदल स्टील
विडिओकोन
एशिया नेट टी वीटाटा इलेक्टोरल ट्रस्टटोरेंट पावर लिमिटेड [
आई टी सी+
स्टार लाईट इंडस्ट्रीज
आदित्य बिरला जनरल इलेक्शन ट्रस्टलिटिकल+

झल्ला

ओये कार्टूना गल ये है कि कांग्रेस का हाजमा मजबूत है इसी लिए पहले नंबर पर है|भाजपा को पञ्च सालों में ही जुलाब लग गए|बसपा से सपा इसीलिए पीछे है क्योंकि अभी चुनावों में खर्च हुआ है|अब एन सी पी को तो फिसड्डी रहना ही है क्योंकि इनके प्रफुल्ल जहाज़ उड़ाते उड़ाते खुद ही सबसे अमीर नेता बन गएऔर कमाल देख इनका नाम कैग में भी नहीं आया |बाकी ने तो अभी शुरुआत ही की है| वैसे यार इसपर भी कोई कार्टून मत बना देना वरना समझले चढ़ जाएगा सूली+फांसी+////////////////////////////////////

परमात्मा की स्मृति में सभी सुख हैं =पूज्य नीरज मणि

Pujyshri Bhagat Neeraj Mani Rishi Ji Gurukul Dorli Meerut

श्री रामशरणम् आश्रम, गुरुकुल डोरली , मेरठ के परमाध्यक्ष पूज्यश्री भगत नीरज मणि ऋषि जी के प्रवचन का एक अंश.
हम माया के वशीभूत होकर परमेश्वर को भुला बैठते हैं. हे प्रभु हम भुलन्हार हैं आप बक्शंहार हो. आप हमें कभी न भुलाना,
हम संसार के हाथों में हैं और संसार आपके हाथों में है. हम नर हैं आप नारायण हो. आप हम पतितों को पावन करने वाले हो.
परमात्मा की स्मृति में सभी सुख हैं तथा परमात्मा से विस्मृति में सभी दुःख हैं.
पूज्यश्री भगत नीरज मणि ऋषि जी जिज्ञासुओं को समझाते हुए कहते हैं की हमारे जीवन में उतार चढ़ाव आते हैं. मनुष्य
के जीवन में सुख भी आते हैं और दुःख भी आते हैं, यश भी मिलेगा और अपयश भी मिलेगा. हमें सुख के समय प्रभु का शुक्रिया
अदा करना चाहिए तथा दुःख के समय प्रभु से प्रार्थना करनी चाहिए कि वह हमें दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें, क्योंकि
परमात्मा की इच्छा के बिना हम दुःख भी नही भोग सकते.

श्री रामशरणम् आश्रम, गुरुकुल डोरली , मेरठ

किस महा पुरुष के आशीर्वाद से ट्रैफिक जाम लगता है

इस चित्र में एक ट्रैफिक कांस्टेबल अपनी नई चमकती ड्रेस में पूरी तन्मयता के साथ ट्रैफिक कंट्रोल कर रहा है|हो सकता है कि इसे किसी महापुरुष ने यह आशीर्वाद दे दिया होगा कि मानव भाग्य शाली है इसके चारों तरफ गाड़ियां ही गाड़ियां रहेंगी |शायद उसी आशीर्वाद के फलस्वरूप यह कांस्टेबल गाड़ियों में घिरा रहता है मगर गौर से देखें तो इस चित्र में ट्रैफिक जाम कि स्थिति दिखाई दे रही है |मेरे ख्याल से इस बालक को जाम में रहने का कभी आशीर्वाद या भविष्यवाणी नहीं मिली होगी|ऐसे में आये दिन मेरठ शहर में ऐसे जाम लगते रहते हैं ये किसकी भ्विश्य्वानी है या किस महापुरुष का आशीर्वाद हो सकता है ???

डबल इन्सल्ट क्यों कराना चाहते हो


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

होटल का एक वेटर

झल्ला सर आप ये दस रुपये की टिप देकर मेरी इन्सल्ट कर रहे हो सर कम से कम बीस रुपये की टिप तो दो

झल्ला

दस रुपये लेकर अगर तुम्हारी एक बार इन्सल्ट होती है तो फिर बीस रुपये की टिप मांग कर डबल इन्सल्ट क्यों कराना चाहते हो ?

यूं पी में बेरोजगारी भत्ता वितरण शुरू


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक सपाई नेता

ओये झल्लेया मानता है न हमारी पार्टी ने जो कहा था करके दिखा दिया| |हसाड़े यंग चीफ मिनिस्टर अखिलेश यादव जी ने

बेरोजगारों को १०००/= बेरोजगारी का भत्ता देना शुरू कर दिया है|पहले दौर में प्रदेश के सात जिलों के साड़े दस हज़ार बेरोजगारों को लाभ मिलेगा|

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाण जी आप जी के यंगेस्ट चीफ मिनिस्टर ने जो कहा था वाकई उसे कर के दिखाना शुरू कर दिया है
लेकिन एक बात तो आप भी मानोगे कि एक तरफ किसानो कि जमीन छीन कर उन्हें बेरोजगार तो आप लोग ही बना रहे हो|टप्पल+नोयडा+ग्रेटर नोयडा
जैसे कितने ही इलाके अपनी जमीन के मुआवजे को रो रहे हैं |अब ऐसे बेरोजगारों को भत्ता देना आपका फर्ज़ तो बनता ही है ना

कई साक्षर आये और हिस्से के अक्षर ले कर निकल गए|


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक सपाई नेता

ओये झाल्लेया मुबारकां ओये हासाड़े यंग मुख्यमंत्री माननीय अखिलेश यादव ने एलान कर दिया है की अगले दस सालों में प्रदेश में किसी को निरक्षर नहीं रहने देंगे |ओये अखिलेश का साथ देने के लिए मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल और उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी भी दिल्ली से बाहर निकल आन्ध्र प्रदेश होते हुए अब यूं पी आ गए हैं|हुन तो हासाड़े प्रदेश के ६६ जिले साक्षर हो ही जायेंगे| उपराष्ट्रपति के आदेशानुसार अनपढ़ों को साक्षर बनाने के लिए हमारा समाज अहम भूमिका निभाएगा| कन्या विद्या धन योजना+ अल्पसंख्यक बालिकाओं के लिए सहायता यौजना + लैपटाप-टैबलेट वितरण आदि योजनाओं से भी साक्षरता को बढ़ावा दिया जाएगा| अब तो देश तरक्की की राह पर दोड़े ही दोड़े

झल्ला

मेरे भोले भाले यदुवंशी
| पिछले ढाई दशकों से ऐसे उदघाटन होते देख रहा हूँ | निरक्षरों को साक्षर बनाने को कई साक्षर आये और अपने हिस्से के अक्षर ले कर निकल गए|मेरठ में निरक्षरों की संख्या कम नहीं हुई|मुझे याद है की मेरठ के तत्कालीन डी एम् श्री तुलसी गौड़ ने भी यही दावा किया था मगर उनके जाने के बाद ना तो वो दावा दिखाई दिया और नहीं दावा करने वाला | इसीलिए कहता हूँ कि

जे माई दुर्गे कई आये ते कई तुर गए

विश्व शिक्षा दिवस पर रोज़गारपरक शिक्षा का संकल्प जरुरी

झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक शिक्षाविद

ओये झल्लेया मुबारकां आज विश्व शिक्षा दिवस है|कुछ निकाल |कुछ दे |बच्चों के लिए शिक्षा बहुत जरुरी है|आज कुछ ना कुछ योगदान तो होना ही चाहिए\

झल्ला

भोले मास्टर जी अभी आयकर के साथ २% शिक्षा कर दे रहा हूँ उसी के बोझ तले सरकार दबी जा रही है| सरकार उसी कलेक्शन को पूरी तरह से खर्च नहीं कर पा रही है|
आज भी एक तिहाई देश वासी निरक्षर कहे जा रहे हैं| बिना भवनों ने स्कूल चल रहे है |बिना शिक्षकों के बच्चे पड़ रहे हैं|मिड दे मील पर ठेकेदार पल रहे है|
शिक्षा का अधिकार दिला पाने में असमर्थ हमारे कर्णधार बेसिक शिक्षा की नीवं मजबूत किये बगैर उच्च [विदेशी]शिक्षा की मृग तृष्णा के पीछे भागे जा रहे हैं|नीतियाँ धडाधड बनाई जा रहे एही मगर उन्हें लागू करवाने में किसी की दिलचस्पी नहीं है| कंप्यूटर शिक्षण संसथान खोल कर कंप्यूटर शिक्षा देने के बजाय कोई मुफ्त में लेपटाप बांटने में लगा है तो कोई सरकार आने पर लेपटाप का झुनझुना दिखा रहा है|कोई टीचरों की राजनीती में ही फंसा है| शिक्षण संस्थानों में प्रवेश +परीक्षा को ही सुचारू नहीं किया सका है|विश्विद्यालयों में आये दिन बवाल हो रहे हैं|प्रवेश प्रक्रिया ही पूरी नहीं हो पाई है|
नीति बना कर वाह वाही लूटने के दिन अब गए अब तो जो है पहले उससे रोज़गार परक शिक्षा दिला कर दिखाओ फिर जनता के द्वारे आओं

संसार की प्यास हो तो परमात्मा लुप्त हो जाते हैं.

प्रभु को पाने के लिए प्यासे जिज्ञासुओं को समझाते हुए प्रभु कहते हैं कि जिसके भीतर
प्यास होती है उसे ही जल दीखता है. अगर प्यास ना हो तो जल सामने रहते हुए भी नहीं दीखता .ऐसे ही जिस में परमात्मा कि प्यास (लालसा) है, उसे परमात्मा दीखते हैं और जिसके भीतर संसार कि प्यास है , उसे संसार दीखता है. परमात्मा कि प्यास है तो संसार लुप्त हो जाता है और अगर

परमात्मा कि प्यास जाग्रत होने पर भक्त को भूतकाल का चिंतन नहीं होता, भविष्य की आशा
नहीं रहती और वर्तमान में परमात्मा को पाने की निरंतर कोशिश रहती है.

जब साधक संसार में किसी भी वस्तु-व्यक्ति को अपना तथा अपने लिए नहीं मानता बल्कि
एकमात्र भगवान् को ही अपना एवं अपने लिए मानता है, तब वह अकिंचन हो कर भगवान् का प्रेमी हो जाता है.
श्री मदभगवदगीता की अमृतमयी वर्षा की एक बूँद.