कोयले की लड़ाई अब कांग्रेस और भाजपा के बीच सड़कों पर लड़ी जायेगी |
संसद में मानसून सत्र हंगामे की भेंट चड़ता जा रहा है|इसीलिए अब संसद की लड़ाई सडकों पर लड़ने के लिए पक्ष और विपक्ष दोनों की फोजों को हुकुम नामे जारी हो गए हैं|साठ साल पूरे करने पर लोक तंत्र को साठा सो पाठा कहा जा रहा था वोह अब सठियाता जा रहा है|
अन्ना हजारे और बाबा रामदेव के अनशन के वक्त माननीय सांसद कह रहे थे की संसद की लड़ाई सड़कों पर नहीं लड़ी जा सकती |क्योंकि संसद सर्वोपर्री है|लोक तंत्र का पवित्र मन्दिर है|इसीलिए जो भी फैसले लिए जाने हैं वोह संसद में ही लिए जाने चाहिए |
अब यकायक भ्रष्टाचार के मुद्दों पर संसद से सबका विश्वास उठ गया है|इस मानसून सत्र में ९ दिन [६ वर्किंग +३ अवकाश]+ बिजनेस नहीं हुआ है| १.७५ X ९ =१५.७५ करोड़ रुपये फूंके जा चुके हैं|
अब कहा जा रहा है की संसद की लड़ाई को सडकों पर लड़ा जाएगा \यूं पी ऐ की अध्यक्षा श्रीमति सोनिया गांधी ने अपनी पार्टी को आदेश जारी करके विपक्ष पर हमले करने की छूट दे दी है| भाजपा पहले ही जनता के बीच मामला लेजाने की बात कह चुकी है|
कांग्रेस प्रवक्ता लुधिआना से सांसद मनीष तिवारी ने मीडिया में कहा है की अब बीजेपी को जवाब देने के लिए और जनता तक अपनी बात पहुंचाने के लिए उनके लाखों कार्यकर्ता सड़कों पर उतरेंगे।
आश्चर्यजनक रूप से कल तक जो अन्ना टीम सड़को पर आन्दोलन करके सरकार को घेरने का प्रयास कर रही थी उसने अब राष्ट्र की मुख्य धारा में आकार संसदीय प्रणाली के अनुसार कार्य करने की घोषणा कर दी है मगर इसके ठीक उलट जो लोग संसदीय प्रणाली की दुहाई दे रहे थे उन्होंने संसद को छोड़ कर सडकों पर उतरने की घोषणा कर दी है|
फूटबाल के मैच में हाफ टीम के बाद टीमे जिस तरह अपने गोल को बदल लेती हैं उसी प्रकार अब राजनीतिक पार्टियाँ भी अपने गोल अपने विचारधारा अपनी मान्यताएं बदल रही है|
कांग्रेस ने सी ऐ जी [कैग]को भाजपा का एजेंट बताया
श्री तिवारी ने इशारों इशारों में बीजेपी पर हमला करते हुए मौजूदा सीएजी विनोद राय को भी लपेट लिया।
उन्होंने कहा कि बीजेपी ने पहले भी एक पूर्व सीएजी टीएन चतुर्वेदी को टिकट दिया था। मालूम हो कि चतुर्वेदी ने ही बोफोर्स मसले पर सीएजी रिपोर्ट पेश की थी जिसके चलते राजीव गांधी की सरकार चली गई थी
तिवारी ने बीजेपी से प्रश्न करते हुए कहा कि संवैधानिक संस्थाओं की मर्यादा के बारे घड़ियाली आंसू बहाना बीजेपी की आदत में है।
क्या संसद संवैधानिक संस्था नहीं है और इसे ठप्प करने से क्या लोकतंत्र कमजोर नहीं होगा? उन्होंने कहा कि पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के लाखों कार्यकर्ता सड़कों पर बीजेपी को उजागर करेंगे।
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