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ब्रिटेन ने अपनी ग्रेटनेस बचाने को १९४७ में कत्लेआम करवा दिया था


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

भारतीय उपेक्षित ईसाई

औए झल्लेया ! आज़ादी के बाद तो हमें गुलामों से भी बदत्तर जिंदगी जीने को मजबूर किया जा रहा है| अब ब्रिटेन सरकार ने मंगलवार को कह दिया है कि वह भारत में हम पर हो रहे जुल्मों के मुद्दे को उठाएगी।
ये बात हवा में नहीं कही गई है बल्कि हाउस ऑफ कॉमन्स में विदेश और राष्ट्रमंडल कार्यालय के लिए सवाल-जवाब के निर्धारित सत्र के दौरान ब्रिटेन के विदेश कार्यालय के मंत्री मार्क फील्ड द्वारा कहा गया है

झल्ला

आपको नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अपनी भड़ास निकालने के लिए पूरा हक है लेकिन ब्रिटेन ने अपनी ग्रेटनेस बचाने को भारत में १९४७ में कत्लेआम करवा दिया था और देश छोड़ कर जाते समय इन्ही अंग्रेजों ने भारतीय धन को स्विस बैंकों में छुपा दिया था अब अगर वह वापिस आ जाता है तो देश की जी डी पी बढ जाती
इस ब्रिटैन ने १९४७ में देश को विभाजित करवा कर दोनों तरफ के लाखों निर्दोषों का कत्ल कराया और उनकी प्रॉपर्टी को लुटवाया|इसका मुआवजा अभी तक नहीं मिला है

पंजाब के सियासी हमाम में सबकी नंगई निकल ही आई :व्यंग


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

भारतीय चिंतक

औए झल्लेया ये क्या हो रहा है? जलियांवाला बाग नरसंहार के शताब्दी वर्ष पर एक तरफ लंदन के ‘हाऊस ऑफ लार्ड्स’ परिसर में ब्रिटिश सरकार से इस घटना के लिए आधिकारिक रूप से माफी मांगने की मांग की गई तो दूसरी तरफ भारत में पंजाब के सी एम कैप्टेन अमरिंदर सिंह और केंद्र में मंत्री हरसिमरत को बादल एक दूसरे के पुरखों की कब्रें खोदने में लगे हुए हैं|
यारा! 13 अप्रैल 1919 को बैशाखी के दिन अमृतसर के जलियांवाला बाग में हुए नरसंहार से पूरा विश्व आज भी स्तब्ध है । ब्रिटिश इंडियन आर्मी के सैनिकों ने जनरल डायर की कमान के तहत निहत्थी भीड़ पर गोलियां चलाई थी और ये हुकुमरान एक दूसरे पर ही गोलियां चला रहे हैं

झल्ला

भापा जी!ये सियासी हमाम हैं यहां सबकी नंगई निकल आती है