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Category: Crime

क अक्षर वाले काम क वाले कांग्रेस को सूट करते हैं


झल्ले दी झल्लिया गल्लां

एक भाजपाई

ओये झाल्लेया ये क्या हो रहा है ?कोयले की कालिख में सर से लेकर पैर तक काली हुई पड़ी कांग्रेस ने उलटे उड़ीसा में हंगामा कर दिया|गुंडों की तरह विधान सभा को घेर लिया और पोलिस महिला तक को मारा और घसीटा |
चोर कांग्रेस तो उलटे नवीन पटनायक [बी जे डी] को डांटें

झल्ला

अरे मेरे चतुर सुजाण जी कोयला+कालिख+काली+कब्जा+करिश्मा आदि जितने भी क अक्षर वाले शब्द हैं उनकी राशि क वाले कांग्रेस से मिलती है +मेल खाती है|
इसीलिए इन्होने काले कोयले पर कब्जा करके उड़ीसा में भाजपा समर्थक बी जे डी को भम्बरभूसे में डालने का करिश्मा कर दिया |आप लोग तो ख्वाहमखाह ही हाथ काले करने में जुटे हो

संसद का मानसून सत्र १७वे दिन भी सूखा ही रहा

कोयला ब्लॉक आवंटन पर भारतीय जनता पार्टी + पदोन्नति में आरक्षण के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के सदस्यों के हंगामे के बीच आज गुरुवार को संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। विपक्षी सदस्यों ने लगातार 17वें दिन संसद की कार्यवाही में बाधा पहुंचाई।कल [शुक्रवार] को सत्र का आखरी दिन है|
लोकसभा की कार्यवाही दोपहर बाद दिनभर के लिए जबकि राज्यसभा की कार्यवाही को पहले दोपहर दो बजे तक और फिर शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
इससे पहले सुबह ११ बजे तमिलनाडु के शिवकासी में एक पटाखा फैक्टरी अग्निकांड हादसे में मारे गए ४० लोगों की याद में राज्यसभा व लोकसभा दोनों सदनों में मौन रख कर श्रधान्जली अर्पित की गई|
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रोन्नति में आरक्षण बिल को लेकर कांग्रेस अब बीजेपी को मनाने की कोशिश में है।
इसके लिए गृहमंत्री और लोक सभा में कांग्रेस के नेता सुशील कुमार शिंदे ने आज [गुरुवार] को भाजपा नेता एल के आडवाणी के साथ मुलाकात की है। इस बैठक में सुषमा स्वराज और अरुण जेटली भी मौजूद थे। विपक्ष बार-बार आरोप लगा रहा है कि सरकार कोयला घोटाले से ध्यान हटाने के लिए ही यह बिल सदन में लेकर आई है।
मानसून सत्र कल [शुक्रवार] खत्म होने जा रहा है यदपि बसपा की मायावती और बिहार के लालू प्रसाद यादव सत्र बढाने की मांग कर रहें है यदि यह मांग पूरी नहीं होती तब यह विधेयक राज्यसभा की संपत्ति बन जाएगा।
राज्यसभा में पेश हुए विधेयकों की समय-सीमा खत्म होने का खतरा नहीं रहता|

कांग्रेस ने कोयला मुद्दा हाईजेक करके उड़ीसा को घेरा

कांग्रेस ने कोयला मुद्दा हाई जेक करके उडीसा में विधान सभा का घेराव किया |
उडीसा के भुबनेश्वर में लगभग ५०००० कांग्रेसियों ने विधान सभा के बाहर प्रदर्शन किया |
इस अवसर पर प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज + आंसू गैस और पानी की बौछारें की गई|
गौरतलब हे कि उड़ीसा में भाजपा सरकार हाई और यहाँ भी कोयला खदानों में लूट हुई है|
इस बाबत कांग्रेस पहले से ही कहती आई है अब भाजपा के दबाब को जवाब देने के लिए
कांग्रेस ने उड़ीसा से शुरुआत की है|

अपह्त तेल टेंकर समुद्री जहाज को मुक्त कराया

समुद्री लुटेरों द्वारा अपहरण किए गए तेल टैंकर जहाज को मुक्त करा लिया गया है इस पर 23 भारतीय सवार थे।नाईजीरिया की नौसेना ने लागोस के पास समुद्र में यह जहाज मुक्त कराया है|
बीबीसी के अनुसार के नौसेना ने सिंगापुर के तेल टैंकर अबुधाबी स्टार को समुद्री लुटेरों के शिकंजे से छुड़ा लिया है। लेकिन मौके से समुद्री लुटेरे फरार हो गए। टैंकर को लागोस बंदरगाह में सुरक्षित ले आया गया है
इससे पूर्व नाईजीरियन कोस्टल एरिया में सिंगापुर के तेल वाहक जहाज का अपहरण कर लिया गया है इसमें २3 भारतीय नाविक भी सवार हैं|
समाचार एजेंसियों के अनुसार जहाज में गैसोलीन भरा था और नाविक दल के सभी सदस्य भारतीय थे। टैंकर बौनी बंदरगाह से अमेरिका जा रहा था।
जहाज पर डाकुओं के चढ़ने के बाद चालक दल के सदस्यों ने सूचित किया कि वे एक कमरे में बंद हैं और इसके बाद उनसे सम्पर्क टूट गया।

कोयला घोटालों के यहाँ सी बी आई के छापे आई वाश=केजरीवाल

संसद के अन्दर भाजपा[कोयला]और सपा[रिजर्वेशन] ने कांग्रेस को मुसीबत में डाला हुआ है तो बाहर इंडिया अगेंस्ट करप्शन के लीडर अरविन्द केजरीवाल ने सी बी आई के छापों को आई वाश करार देकर कांग्रेस की मुसीबतों को बड़ा दिया है| इंडिया अगेंस्ट करप्शन के अहम् लीडर अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि कोयला आवंटन में सीबीआई के जायसवाल और दर्डा परिवारों पर छापे सिर्फ दिखावा हैं।
सीबीआई ने दो दिन पहले ही कंपनियों को छापे की जानकारी दे दी थी। कंपनियों को सारे दस्तावेज हटाने के लिए भी कह दिया गया था।
श्री केजरीवाल ने आरोप अपने एक ट्वीट में लगाए हैं। लेकिन सीबीआई ने अरविंद के बयान को सिरे से नकार दिया है।
सीबीआई ने अरविंद केजरीवाल के बयान को सरासर गलत ठहराया है। सीबीआई ने कहा कि ऐसा कभी नहीं होता कि छापेमारी से पहले किसी को इसके बारे में बताया जाता है।
अरविंद केजरीवाल के बयान पर कांग्रेस के जगदम्बिका पाल और मनीष तिवारी ने भी तत्काल प्रतिक्रिया दी है| कांग्रेस नेता जगदंबिका पाल का कहना है कि सीबीआई या पुलिस का कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगाना सरासर गलत है। उन्होंने साफ कहा कि अरविंद देश से माफी मांगे या फिर उस अधिकारी के बारे में पुख्ता जानकारी दें जिसने कंपनी को पहले से छापेमारी के बारे में बताया है।
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने भी अरविंद केजरीवाल पर हमला करते हुए इन आरोपों को तथ्य हीन बताया

संसद में विरोध बादल तो गरजे मगर बिजनेस फुआरें नहीं बरसीं

संसद में मानसून सत्र के १२ वें कार्यदिवस पर भी रोजाना की तरह विरोध के बादल तो गरजे मगर जनहित के बिजनेस की ठंडी फुआरें नहीं बरसी|आज भी संसद के दोनों सदनों को १२ बजे तक के लिए स्थगित करके इतिश्री कर ली गई|
लोकसभा और राज्‍यसभा में कोयला ब्‍लॉक आवंटन में अनियमितता और प्रमोशन में आरक्षण विधेयक को लेकर आज भी जमकर हंगामा हुआ। लोकसभा और राज्‍यसभा की कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्‍थगित कर दिया गया |
आज सुबह ग्यारह बजे राज्य सभा के चेयर मेन मोहम्मद हामिद अंसारी ने दक्षिण में सिवाकाशी के निकट ॐ शक्ति पटाखा फेक्टरी में भीषण आग से मारे गए ४० लोगों की आत्मा की शांति के लिए शोक प्रस्ताव पडा इसके बाद हाउस द्वारा दो मिनट का मौन रख कर श्रधांजली अर्पित की गई |इसके तत्काल पश्चात रोज़ाना की भांति हंगामा शुरू हो गया और चेयर मेन के पास हाउस एडजर्न करने के अलावा कोई चारा नहीं बचा |
गौरतलब है कि संसद में दो हफ्तों से कोयला घोटाला को लेकर गतिरोध बना हुआ है। बीजेपी पीएम के इस्‍तीफे की मांग पर अडिग है।
भाजपा ने एक कदम पीछे हटाते हुए कोयला ब्लॉक आवंटन के मुद्दे पर प्रधानमंत्री के इस्तीफे की अपनी मांग पर कुछ नरमी दिखाई है लेकिन संसद को सुचारू रूप से चलाने के लिए कोयला ब्लॉकों का आवंटन रद्द किये जाने पर अभी भी अड़ी है| भाजपा ने आज एक बयान जारी कर कहा कि 142 कोयला ब्लॉकों के मनमाने तरीके से आवंटन को लेकर सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के चलते संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही नहीं चल पा रही।
पार्टी के मुताबिक अगर उसकी दोनों मांगे मान ली गयीं तो वह कोयला ब्लॉक आवंटन के साथ ही पदोन्नति में आरक्षण संबंधी संविधान संशोधन विधेयक पर भी संसद में चर्चा के लिए तैयार है।
भाजपा सरकार को भ्रष्टाचार से ध्यान नहीं हटाने देगी। यदि सरकार तत्काल ऐसा करती है तो पार्टी दोनों मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।

२२ भारतीयों सहित सिंगापुरके तेल टेंकर का अपहरण

नाईजीरियन कोस्टल एरिया में सिंगापुर के तेल वाहक जहाज का अपहरण कर लिया गया है इसमें २२ भारतीय नाविक भी सवार हैं|
समाचार एजेंसियों के अनुसार जहाज में गैसोलीन भरा था और नाविक दल के सभी सदस्य भारतीय थे। टैंकर बौनी बंदरगाह से अमेरिका जा रहा था।
प्रवक्ता ने बताया कि जहाज पर डाकुओं के चढ़ने के बाद चालक दल के सदस्यों ने उन्हें बताया कि वे एक कमरे में बंद हैं और इसके बाद उनसे सम्पर्क टूट गया।
यद्यपि घटना के समय को लेकर असमंजस है। समुद्री अधिकारियों के अनुसार यह घटना मंगलवार रात को हुई जबकि कम्पनी का कहना है कि डाकुओं ने बुधवार तड़के अपहरण किया।
अंतर्राष्ट्रीय समुद्री ब्यूरो (आईएमबी) ने कहा कि हथियारबंद समुद्री डाकू जहाज पर चढ़ गए और चालक दल पर हमला किया। ब्यूरो के अनुसार डाकुओं ने चालक दल को खुले समुद्र में जहाज ले चलने पर मजबूर किया।

राज्यसभा में वाक युद्ध के बाद आज द्वन्द युद्ध हुआ

राज्‍यसभा में 12 बजे कार्यवाही शुरू होते ही समाजवादी पार्टी के [हरदोई ] सांसद नरेश अग्रवाल बिल का विरोध करने के लिए खड़े हो गए । वह अपनी पार्टी के सांसदों के साथ वेल[चेयर ]की ओर बढ़ने लगे। बसपा सांसदों ने उनका रास्‍ता रोका। इसी दौरान बसपा सांसद [पंजाब] अवतार सिंह करीमपुरी और अग्रवाल आमने-सामने हो गए। दोनों ने एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर जम कर धक्‍कामुक्‍की की। दोनों में हाथापाई हुई । वरिष्‍ठ सांसदों ने हस्‍तक्षेप कर मामला शांत किया। लेकिन हंगामा जारी रहा। इस हंगामे के बीच ही आसन से बिल पेश करने का आदेश आया और नारायण [पी एम् ओ]सामी ने बिल पेश कर दिया। बिल पेश करते ही कार्यवाही स्‍थगित कर दी गई।
राज्य सभा के पहले चेयर मेन डाक्टर सर्वपल्ली राधा कृष्णन के जन्म दिन पर भी सदन की मर्यादा को तार तार कर दिया गया| माननीय अब वाक युद्ध से द्वंद्ध युद्ध [हाथा पाई] पर उतर आये हैंदुर्भाग्य तो यह रहा कि नारायण सामी [पी एम् ओ ]+सुशील कुमार शिंदे[ नेता लोक सभा और गृह मंत्री]ऐ के अंटोनी[रक्षा मंत्री]सरीखे वरिष्ठ नेता अपनी सेटों पर ही चिपके रहे|
इससे पूर्व सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने प्रमोशन में कोटा तय करने के फैसले को असंवैधानिक बताया। उधर, बिल के विरोध में उत्तर प्रदेश के 18 लाख कर्मचारी बुधवार को हड़ताल पर हैं। वे सड़क पर उतर कर विरोध करेंगे तो सपा ने संसद में विरोध के लिए कमर कस ली है। बसपा बिल के समर्थन में है।( राज्यसभा ने आज प्रात ११ बजे अपने पहले चेयरमेन डाक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को उनके जन्म दिन पर याद किया लेकिन इस क्षणिक ओपचारिकता के तत्काल पश्चात रोज़ाना की तरह हंगामा शुरू हो गया और प्रश्न काल को भी स्थगित करते हुए सदन को १२ बजे तक के लिए एडजर्न कर दिया गया||
गौरतलब है की ५-०९-१८८८ को जन्मे सर्वपल्ली डाक्टर राधा कृष्णन एक चिन्तक+एजुकेश्निस्टऔर महान दार्शनिक भी थे|इनके जन्म दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है| अनेकों सरकारी गैर सरकारी संस्थान शिक्षकों का सम्मान करते हैं |बड़े बड़े विज्ञापन मीडिया में छपवाए जाते है|लेकिन शिक्षा के प्रति उनके चिन्तन+ दर्शन को केवल उनके जन्मोत्सव तक ही सिमित कर दिया गया है| सबसे बड़े लोक तंत्र के मंदिर में आज राज्यसभा और लोक सभा के स्थगन से तो यही दिखाई देता है |शायद शिक्षा के छेत्र में नीति निर्माण+ कुशल प्रबंधन और गवर्नेंस की शिक्षा देने में अनदेखी किये जाने से यह नकारात्मक परिणाम आ रहे हैं|
देश के शिक्षण संस्थाओं और शिक्षकों की स्थिति आज भी दयनीय ही है |निरक्षरता के अभिशाप को पूरे तरह से मिटाया नहीं जा सका है| आज भी एक बड़े तबके के लिए आरक्षण की बैसाखियों की जरुरत है|जाहिर है ऐसे में शिक्षा के छेत्र में बहुत कुछ किया जाना है|घरेलू सकल उत्पाद का लगभग १३% शिक्षा पर खर्चा बुक किया जा रहा है लेकिन वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए सबसे पहले संसद को चलाने की शिक्षा दी जानी जरुरी है|इसके बाद रोज़गार परक शिक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए|

पहले चेयरमेन के जन्म दिन पर भी नहीं चल रही राज्यसभा

राज्यसभा ने आज प्रात ११ बजे अपने पहले चेयरमेन डाक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को उनके जन्म दिन पर याद किया लेकिन इस क्षणिक ओपचारिकता के तत्काल पश्चात रोज़ाना की तरह हंगामा शुरू हो गया और प्रश्न काल को भी स्थगित करते हुए सदन को १२ बजे तक के लिए एडजर्न कर दिया गया||
गौरतलब है की ५-०९-१८८८ को जन्मे सर्वपल्ली डाक्टर राधा कृष्णन एक चिन्तक+एजुकेश्निस्टऔर महान दार्शनिक भी थे|इनके जन्म दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है| अनेकों सरकारी गैर सरकारी संस्थान शिक्षकों का सम्मान करते हैं |बड़े बड़े विज्ञापन मीडिया में छपवाए जाते है|लेकिन शिक्षा के प्रति उनके चिन्तन+ दर्शन को केवल उनके जन्मोत्सव तक ही सिमित कर दिया गया है| सबसे बड़े लोक तंत्र के मंदिर में आज राज्यसभा और लोक सभा के स्थगन से तो यही दिखाई देता है |शायद शिक्षा के छेत्र में नीति निर्माण+ कुशल प्रबंधन और गवर्नेंस की शिक्षा देने में अनदेखी किये जाने से यह नकारात्मक परिणाम आ रहे हैं|
देश के शिक्षण संस्थाओं और शिक्षकों की स्थिति आज भी दयनीय ही है |निरक्षरता के अभिशाप को पूरे तरह से मिटाया नहीं जा सका है| आज भी एक बड़े तबके के लिए आरक्षण की बैसाखियों की जरुरत है|जाहिर है ऐसे में शिक्षा के छेत्र में बहुत कुछ किया जाना है|घरेलू सकल उत्पाद का लगभग १३% शिक्षा पर खर्चा बुक किया जा रहा है लेकिन वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए सबसे पहले संसद को चलाने की शिक्षा दी जानी जरुरी है|इसके बाद रोज़गार परक शिक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए|

प्रोमोशन में रिजर्वेशन के खिलाफ यूं पी में बुधवार को हड़ताल

संसद को ठप्प करके सरकारी सेवाओं में प्रोमोशन पर रिजर्वेशन को केबिनेट ने मंजूरी देकर आरक्षण के जिन्न को एक बार फिर बाहर निकाल दिया है| बेशक इस मंजूरी से बी जे पी पर दबाब बना है |लोगों का ध्यान भी कोयले से हटा है| मगर इसके विरोध में बुधवार को उत्तर प्रदेश में आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर अन्य विभागों के लगभग 18 लाख कर्मचारी हड़ताल पर भी रहेंगे।
प्रमोशन में रिजर्वेशन के विरोध में गठित सर्वजन हिताय संघर्ष समिति के अध्यक्ष शैलेन्द्र दुबे ने के अनुसार समिति की अपील पर केन्द्र सरकार के निर्णय के विरोध में राज्य सरकार के लगभग 18 लाख कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। इससे पूर्व प्रदेश की सपा सरकार पहले ही इसका विरोध कर चुकी है|
प्राप्त जानकारी के अनुसार आरक्षण में प्रमोशन के विरोध में प्रदेश की राजधानी लखनऊ सहित सभी जिला मुख्यालयों पर राज्य सरकार के कई विभागों से जुडे़ कर्मचारी और अधिकारी धरना प्रदर्शन करेंगे। इस कार्यक्रम से आपातकालीन सेवाओं को मुक्त रखा गया है। | प्रमोशन में भी रिजर्वेशन का प्रस्ताव संविधान के बुनियादी ढांचे पर प्रहार है। यह नेचुरल जस्टिस के खिलाफ बताया जा रहा है| कहा जा रहा है कि इससे पहले इस उद्देश्य से संविधान संशोधन के चार प्रयास विफल हो चुके हैं।
आरक्षण विरोधियों द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि देश के लगभग तीन करोड़ सरकारी कर्मचारी केन्द्र सरकार के पांचवे प्रयास को भी बर्दाश्त नहीं करेंगे|
गौरतलब है कि यूं पी सहित 3 राज्यों में अनुसूचितजाति जनजाति के लिए प्रोमोशन पर आरक्षण लागू नहीं है सुप्रीम कोर्ट द्वारा इसे नामंजूर किये जाने के बावजूद आज केबिनेट ने अपनी मंजूरी दे दी है|
बेशक निजीकरण से सरकारी नौकरियों का दायरा सुकड़ता जा रहा है मगर अभी भी यह सरकारों के लिए वोट बटौरने का सस्ता और आसान डिवाईस है|