संयुक्त राष्ट्र महासभा के 67वें सत्र में पाकिस्तान ने एक बार फिर कश्मीर का राग अलापा | भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर लगातार सुप्रीम कोर्ट की तलवार के नीचे सांस ले रहे पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का मुद्दा उठा कर पाकिस्तान में हीरो बनने का प्रयास किया |
राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने संयुक्त राष्ट्र के तहत इस मुद्दे का हल करने की मांग की है ।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 67वें सत्र में 20 मिनट के अपने भाषण में श्री जरदारी ने कहा,
पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने कहा, ‘हमें लगता है कि इन मुद्दों का हल सिर्फ सहयोग के माहौल में हो सकता है। हम जम्मू-कश्मीर के लोगों द्वारा शांतिपूर्ण तरीके से अपना भविष्य चुनने के अधिकारों का समर्थन करना जारी रखेंगे। सभागार से बाहर निकलने पर जब श्री जरदारी से पूछा गया कि उनकी कश्मीर को संयुक्त राष्ट्र प्रणाली की नाकामी का एक प्रतीक बताने का क्या मतलब है तब जरदारी ने न तो इसे स्पष्ट किया और ना ही इस बारे में कुछ और कहा। पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने भी कश्मीर पर राष्ट्रपति की टिप्पणी पर ज्यादा कुछ नहीं बताया।
बताते चलें कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के मंच पर कश्मीर मुद्दे को बार-बार उठाया है, वहीं भारत इस बात पर जोर देता रहा है कि यह उसका अंदरूनी मामला है। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी जुलाई में दिए एक इंटरव्यू में कश्मीर मुद्दे का कोई ‘बाहरी’ समाधान बताने से इनकार करते हुए कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच विवादों का हल सिर्फ उनके बीच ही हो सकता है।
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