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एयर इंडिया के पास भी आई ऐ टी ऐ का सेफ्टी सर्टिफिकेट है उसी का ढोल पीटते रहो


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एयर इंडिया का अधिकारी

ओये झल्लेया ये जर्मन वालों को कौन सी भसूड़ी पड़ी हुई है आये दिन हसाडी राष्ट्रीय एयर लाइन एयर इंडिया और नागरिक उड्डयन नियामक डी जी सी ऐ को भम्भड़ भूसे में डालने का प्रयास कर रहे हैं|पहले जर्मन के फायनेंसर डी वी बी ने हसाडी डी जी सी ऐ पर इंडियन एयर लाइन्स को फेवोर करने का आरोप लगा कर सनसनी फैला कर निजी इंडियन एयर लाइन्स को जहाज़ खरीदने के लिए लोन देने से मुकर गए थे अबजर्मन के थिंक टैंक मने जा रहे हेम्बर्ग की कम्पनी JACDEC एयर इंडिया को तीसरी सबसे ख़राब एयर लाइंस बता कर कर हमारी प्रतिष्ठा पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है|ओये ऐसे कैसे चलेगा?

एयर इंडिया के पास भी आई ऐ टी ऐ का सेफ्टी सर्टिफिकेट है उसी का ढोल पीटते रहो

झल्ला

हाँ जी बात तो आप ठीक ही कह रहे हो| Jet Airliner Crash Data Evaluation Centre [ JACDEC ] की रिपोर्ट में आपको अपनी एयर इंडिया ही तीसरी सबसे खराब एसुरक्षित दिख रही है मगर पूरी रिपोर्ट देखो तो एक भी भारतीय एयर लाइन्स को सुरक्षित नहीं बताया गया है| दरअसल आपकी डी जी सी ऐ ने एन ओ सी देने में देरी करके किंग फ़िशर के सिंगापोर में खड़े दो जहाज़ों पर डी वी बी के कब्जे को हल्का कर दिया था जिसका उसे आर्थिक नुकसान भी हुआ|तो उसकी कुंठा कहीं तो निकलेगी ही|अब तो जर्मन ही नही इंडियन [यूं पी के नगर विकास मंत्री आज़म खान] भी आप पर ऐसे ही कुछ आरोप लगाने लग गए हैं|
वैसे IOSA ,(IATA Operational Safety Audit) का सेफ्टी सर्टिफिकेटऔर वरीयता क्रम आप के पास है ही उसी का ढोल पीटो +पीटो और पीटते रहो |

नागरिक उड्डयन मंत्रालय पर अब अपने पायलेट्स को फेवर करने के आरोप लगे

नागरिक उड्डयन मंत्रालय पर अब अपने पायलेट्स को फेवर करने के आरोप लगे

डायरेक्टर जनरल आफ सिविल एविएशन [डी.जी. सी. ऐ.]पर अब अपने पायलेट्स को फेवोर करने के आरोपलगाने लग गए हैं|सरकार की अधिकृत सलाहकार काउंसिल [सी.ऐ.एस.ऐ.सी.]द्वारा नागरित उड्डयन मंत्रालय को लिखे एक पत्र में फर्जी वाडा करने वाले दो पायलेट्स को बेहद कम सज़ा देकर उन्हें बचाए जाने का आरोप डी जी सी ऐ पर लगाया गया है|
गौरतलब है कि कैप्टेन आर एस ढिल्लों को ट्रेनिग दस्तावेजों में फर्जी वाडा करने के आरोप में ३१ दिसंबर को एक माह के लिए सस्पेंड कर दिया गया था ढिल्लों के रिप्लेसमेंट नहीं दिए जाने के कारण अगले दिन सिंगापुर की फ्लाईट कैंसिल हुई | २६० यात्रियों को परेशानी हुई और एयर इंडिया की बदनामी के साथ अतिरिक्त खर्चा बर्दास्त करना पडा |इसके तुरंत बाद एक अन्य वरिष्ठ गी एम् आपरेशंस को भी सस्पेंड कर दिया गया|
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ट्रेनिग के दस्तावेजों में हेराफेरी करने पर एक माह के सस्पेंशन से ज्यादा दंड का प्रावधान होसकता है| और इसके साथ ही यह भी आरोप लगाये जा रहे हैं कि एयर लाइन्स में फर्जी सर्टिफिकेट्स के बल पर जहाज़ उड़ाने वाले पायलेट्स की संख्या और अधिक हो सकती है सरकार को घेरने के लिए यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि राजनीतिक बैकिंग वाले पायलेट्स को बचाया जा रहा है| इससे पूर्व जर्मनी के अन्तराष्ट्रीय फायनेंसर ने भी किंग फ़िशर को लेकर डी जी सी ऐ पर ऐसे ही आरोप लगा कर इंडिगो और अन्य एयर लाइन्स को जहाज़ खरीदने के लिए दिए जाने वाले लोन पर रोक लगा दी है|

नागरिक उड्डयन नियंत्रक ने बिना रिवाइवल प्लान के किंगफिशर का लाइसेंस रिन्यू करने से इंकार किया::किसी को फेवर तो नहीं ?

हैंगर्स में पार्क्ड कर्ज़ में डूबी किंगफिशर एयरलाइंस के लाइसेंस को रिन्यू करने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर को खत्म हो रही है। लेकिन नागरिक उड्डयन नियंत्रक [डीजीसीए] ने साफ कर दिया है कि बिना रिवाइवल प्लान के किंगफिशर का लाइसेंस रिन्यू नहीं होगा।इससे सवाल पैदा होना स्वाभाविक है कि क्या किसी दूसरी कमपनी को फायदा पहुंचाने के लिए किंग फ़िशर एयर लाइन्स को उठाने नहीं दिया जा रहा|
किंगफिशर एयरलाइंस ने डीजीसीए को लाइसेंस रिन्यू का आवेदन दिया है लेकिन डीजीसीए ने कहा है कि बिना रिवाइवल प्लान के आवेदन देना केवल औपचारिकता है। 31 दिसंबर को किंगफिशर का फ्लाइंग लाइसेंस खत्म हो रहा है। 31 दिसंबर के बाद किंगफिशर को नए सिरे से फ्लाइट और ऑपरेटिंग मैनुअल पास कराना होगा।इस अवधि के पश्चात भी 2 साल तक किंगफिशर लाइसेंस रिन्यू करा सकती है|
लाइसेंस रिन्यू कराने के लिए किंगफिशर एयरलाइंस को अपने रिवाइवल प्लान में[१] फंड का प्रूफ, [२]कर्मचारियों के भुगतान का सबूत देना होगा। [३] एयरपोर्ट, तेल कंपनियों के बकाया भुगतान का एग्रीमेंट भी देना होगा।[४] दोबारा उड़ान में कोई बाधा नहीं आने का भरोसा देना होगा। रिवाइवल प्लान पर किंगफिशर ने चुप्पी साध रखी है। पहले किंगफिशर ने सीमित उड़ान शुरू करने का इरादा जताया था लेकिन इसके लाइसेंस की अवधि 31 दिसंबर को समाप्त हो रही है।
वित्तीय संकट से जूझ रही कंपनी का परिचालन अक्टूबर से ही ठप है। इसकी वजह से डीजीसीए ने इसका उड़ान लाइसेंस अस्थाई रूप से निलंबित कर रखा है सूत्रों के मुताबिक बिना वित्तीय योजना पेश किए विजय माल्या की एयरलाइंस का लाइसेंस नवीनीकरण नहीं हो पाएगा। कंपनी 9,000 करोड़ रुपये के घाटे में है और इस पर 7,524 करोड़ रुपये का कर्ज भी है।
दारू किंग विजय माल्या की किंग फ़िशर एयर लाइन्स के ग्राउंड पर आ जाने का लाभ एयर इंडिया और निजी कम्पनी इंडिगो,जेट एयर वेज,स्पाईस जेट को मिल रहा है|किंग फ़िशर के मैदान से हटने से इंडिगो और एयर इंडिया पहले और दूसरे नंबर पर आगये हैं ऐसे में प्रतिस्पर्द्धी किंग फ़िशर के बाहर रहने में ही इंडिगो और एयर इंडिया का फायदा है|इसी प्रकार की नाजायज़ गतिविधियों के आरोप जर्मन के अन्तराष्ट्रीय फायनेंसर डी वी बी ने डी जी सी ऐ पर लगाये हैं|यहाँ यह कहना तर्क संगत ही होगा कि एक तरफ तो इस फील्ड में विदेशी
निवेशकों के लिए बाज़ार को खोलने के दावे किये जा रहे हैं स्वयम एयर इंडिया के लिए बैल आउट पॅकेज लिए जा रहे हैं तो दूसरी तरफ हज़ारों कर्मियों के रोज़गार और बैंको के ७०००+करोड़ रुपयों को नज़रंदाज़ करके एक कम्पनी को ऊपर उठाने के लिए सहारा देने के बजाय उसे और नीचे गिराने का उपाय किया जा रहा है|