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Tag: महिला और बाल विकास मंत्रालय

मेनका,बच्चा गोद लेने के बारे में शिलांग में सम्मलेन का उद्घाटन करेंगी

[नई दिल्ली]श्रीमती मेनका संजय गांधी बच्चा गोद लेने के बारे में शिलांग में आयोजित पूर्वोत्तर राज्यों के क्षेत्रीय सम्मेलन का कल उद्घाटन करेंगी|
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी बच्‍चे को गोद लेने से संबंधित मुद्दों पर कल शिलांग में आयोजित एक दिवसीय पूर्वात्तर राज्यों के क्षेत्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगी। अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा के सामाजिक कल्‍याण, महिला और बाल विकास मंत्रालयों के प्रभारी मंत्री इस सम्‍मेलन में भाग लेंगे।
इस सम्‍मेलन का आयोजन बच्चा गोद लेने की संसाधन सूचना एवं मार्गदर्शन प्रणाली के माध्‍यम से ऑन लाइन बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी देने के बारे में आयोजन किया जा रहा है।

मेनका संजय गाधी वृन्दावन में आज विधवाओं के लिए”सबसे बढे घर”का शुभारंभ करेंगी

[नई दिल्ली]श्रीमती मेनका संजय गाधी वृन्दावन में आज ‘विधवाओं के लिए सुविधाओं सहित सबसे बढे घर’ का शुभारंभ करेंगी|इसमें एक हजार विधवाओं के लिए व्यवस्था होगी|
केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी आज वृन्दावन, मथुरा में एक हजार विधवाओं के लिए एक विशेष घर के निर्माण की परियोजना का शुभारंभ करेंगी। महिला एवं बाल विकास मंत्री अपने मंत्रालय की स्वाधार गृह योजना के अधीन इस घर की आधारशिला रखेंगी। यह सरकार द्वारा विधवाओं के लिए स्थापित या वित्त पोषित सबसे बड़ा घर होगा।
यूपी सरकार द्वारा भी विधवाओं के कल्याण के लिए अनेकों योजनाओं की घोषणाएं की जा रही हैं लेकिन वृन्दावन में मौजूदा स्वाधार घर में विधवाओं की स्थिति संतोषजनक नहीं पाई गई थी।
इसलिए वृन्दावन की विधवाओं को रहने की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए मंत्रालय ने सभी आवश्यक सुविधाओं से युक्त 1000 शैय्याओं वाले घर का निर्माण कराने का निर्णय लिया|इससे पूर्व मंत्रालय द्वारा नौकरियों में विधवाओं की आयु सीमा बढ़ने का भी निर्णय लिया है
जिसे लगभग 57 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत (भूमि के मूल्य सहित) से राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम (एनबीसीसी) के माध्यम से 1.424 हेक्टेयर भूमि में निर्माण किया जा रहा है।
इस घर का डिजाइन हेल्पेज इंडिया के परामर्श से तैयार किया गया है, जो बुजुर्गों के लिए अनुकूल है। इस घर में भूतल से अलावा तीन मंजिलें होंगी जिनमें रैम्प, लिफ्ट, पर्याप्त बिजली, पानी की आपूर्ति तथा अन्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी जो विशेष चुनौतियों वाले व्यक्तियों और वरिष्ठ नागरिकों की जरूरतों को पूरा करेंगी। इस घर का निर्माण पूरी तरह केन्द्र सरकार की मदद से किया जा रहा है।
मंत्रालय स्वाधार और अल्पकालिक प्रवास गृह योजना के अधीन बिना सामाजिक और आर्थिक मदद वाली संकटग्रस्त महिलाओं की आश्रय, भोजन, वस्त्र, चिकित्सा उपचार, और देखभाल करने जैसी प्राथमिक जरूरतों को पूरा करता है। इन दोनों योजनाओं को 01 जनवरी, 2016 से आपस में मिलाकर स्वाधार गृह का नाम दिया गया है।
फाइल फोटो

बाल देखभाल संस्थानों के पंजीकरण की अनिवार्यता के लिए केंद्र ने कठोरता से निबटने के संकेत दिए

[नई दिल्ली]बाल देखभाल संस्थानों के पंजीकरण को अनिवार्य बनाने के लिए केंद्र सरकार ने डिफाल्टर संस्थाओं से कठोरता से निबटने के संकेत दिए | बाल देखभाल संस्थानों के लिए अनिवार्य रूप से पंजीकरण करवाने और इसका अनुपालन न होने पर कठोर दंड दिए जाने का प्रावधान है। इस विधेयक में एक साल तक का कारावास और कम से कम एक लाख रुपए का जुर्माना या दोनों सज़ाएं देने का प्रस्ताव है|यह जानकारी केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी ने में एक प्रश्न के उत्तर में राज्यसभा के पटल पर रखी |
श्रीमती मेनका संजय गांधी ने बताया कि किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2000 के अधीन बाल गृहों, आश्रय घरों आदि सहित ऐसे बाल देखभाल संस्थानों के लिए जहां बच्चों की आवासीय देखभाल सुविधाएं हैं, पंजीकरण का प्रावधान है। इस अधिनियम के अधीन पंजीकृत 1389 बाल देखभाल संस्थान हैं, जो एकीकृत बाल संरक्षण योजना (आईसीपीएस) के तहत वित्तीय सहायता प्राप्त कर रहे हैं। सरकार को यह पता है कि अनेक आवासीय देखभाल सुविधाओं में इसका अनुपालन नहीं हो रहा है और उन्हें दंडित नहीं किया जा रहा है, क्योंकि किशोर न्याय अधिनियम में 6 महीने की अवधि के अंदर पंजीकरण न कराने पर कोई दंड देने का प्रावधान नहीं है। इस अधिनियम के तहत छह महीने की अवधि के अंदर संस्थान का पंजीकरण होना चाहिए।
इसीलिए सरकार ने किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2014 संसद में पेश किया है, जिसमें अधिनियम लागू होने की तिथि से छह महीने के अंदर पंजीकरण को अनिवार्य बनाया गया है
फाइल फोटो