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आरबीआई ने मुग़ल मकबरे के साथ जापान की मुद्रा और नैना लाल किदवई के बैंक का नाम भी पूछा

RBI quiz[मेरठ]आर बी आई की प्रश्नोत्तरी में मुग़ल शासक के मकबरे के साथ जापान की मुद्रा और नैना लाल किदवई के बैंक का नाम भी पूछा |
भारतीय रिजर्व बैक [ RBI ]द्वारा आयोजित क्विज़ में इतिहास के साथ वित्त सम्बन्धी प्रश्न भी पूछे गए| इस प्रश्नोत्तरी में जापान की मुद्रा और नैना लाल किदवाई के बैक का नाम भी पुछा गया |ट्रांसलेम एकेडमी को विजेता घोषित किया गया |
राधा गोविन्द पब्लिक स्कूल के प्रेक्षागार मे आयोजित अंतर -विद्यालय प्रश्रोत्तरी का आयोजन किया गया।
इस क्विज में 27 स्कूलो की 48 टीम में कक्षा 9 से कक्षा 12 तक के विद्यार्थीयो ने अपने ज्ञान का प्रदर्शन किया|
अन्तराष्ट्रीय क्विज मास्टर डा. आशीष त्रिपाठी द्वारा संचालित इस क्विज का उददेश्य विद्यार्थियों में बैकिगं+अर्थव्यवस्था+आर.बी.आई. के कार्य एवं भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्तव आदि की जानकारी बढाना रहा।
आर.बी.आई. की जी.एम. सुश्री इन्द्रा नानू एवं डी.जी.एम. श्रीमति रंजीता दूबे मुख्य अतिथि रही। सर्वप्रथम राधा गोविन्द स्कूल की प्रधानाचार्य श्रीमति सुभाषनी गोविन्दन ने टीमो तथा मुख्य अतिथि का स्वागत किया। स्कूल के चैयरमेन श्री योगेश त्यागी तथा ग्रुप निदेशक प्रो. इकराम हुसैन एवं डा. अमित शर्मा भी मौजूद रहे। इस क्विज मे विजेता टीम अन्तिम रुप में मुम्बई में खेलने जायेगी।
सर्वप्रथम क्विज मास्टर द्वारा सभी 48 टीमों से सयुक्त रुप से 26 सवाल पूछे गये इसके उपरान्त सर्वक्षेष्ठ 6 टीमो से विभिन्न राउन्डो में प्रश्न पूछे गये। अन्तिम परिणाम इस प्रकार रहें
[१]प्रथम विजेता स्कूल
ट्रान्सलैम ऐकाडमी इन्टरनेशनल
प्रतिभागी – शंशाक त्यागी एवं शुभम बनर्जी
[२]द्वितीय स्थान विजेता स्कूल
के.वी. स्कूल पंजाब लाईन्स
प्रतिभागी – हिमांशु दक्ष एवं रितेश कुमार
[३]तीतृय स्थान संयुक्त रुप से
दीवान पब्लिक स्कूल
प्रतिभागी – नमन अरोरा एवं अभय ओबराय
दी मिलेनीयम स्कूल
प्रतिभागी – विधि जैन एवं अर्जुन सिंह
[४]चतुर्थ स्थान संयुक्त रुप सें
राधा गोविन्द पब्लिक स्कूल
प्रतिभागी – उत्कर्ष उपाध्याय एवं गौरव शर्मा
आर्मी पब्लिक स्कूल
प्रतिभागी – निशांत सिंह एवं रिर्तिक फौजदार
क्विज में पूछे गये कुछ प्रश्न
ऽ सासाराम बिहार में स्थापित भारतीय मुगल शासक के मकबरे का नाम
ऽ जमर्नी के बर्लिन शहर मे स्थापित भारतीय हाकी खिलाडी की प्रतिमा के खिलाडी का नाम
ऽ कौरवो द्वारा स्थापित राजधानी का नाम
ऽ चाण्डक्य द्वारा लिखित मशहूर पुस्तक का नाम
ऽ येन किस देश की मुद्रा है
ऽ मोदक बटाटा बडा आदि के लिये ख्याति प्राप्त राज्य का नाम
ऽ ऐक ऐसे ऐशियायी बैक का नाम जिसका मुख्यालय लंदन मे है
ऽ नैना लाल किदवाई किस बैक की मुखिया है
ऽ सन् 2014 में कामनवेल्थ गैम कहा आयोजित किये गये थे

मुगलों के प्रति नाराजगी प्रकट करने के लिए ही राजस्थान में स के स्थान पर ह का प्रयोग प्रारम्भ हुआ L K Advani’s blog

भजपा के पी एम् इन वेटिंग और वरिष्ठ पत्रकार एल के अडवाणी ने अपने नवीनतम ब्लॉग के पश्च्य लेख [टेल पीस] में बताया कि मुगलों के प्रति नाराजगी प्रकट करने के लिए ही राजस्थान में स के स्थान पर ह का प्रयोग प्रारम्भ हुआ|
प्रस्तुत है सीधे एल के अडवाणी के ब्लॉग से :
मैंने अपने जीवन के प्रारम्भिक बीस वर्ष कराची (सिंध) में बिताए। 1947 में मैंने कराची छोड़ा और अगले दस वर्ष राजस्थान में रहा।
मुझे याद आता है कि जब मैं पहली बार जोधपुर गया तो वहां किसी से मैंने पूछा ”समय क्या है?” उसने जो जवाब दिया वह कुछ ऐसा था जिसे मैं समझ नहीं पाया। जब मैंने दोबारा यह सवाल पूछा तो उसने साफ-साफ जवाब दिया ”साढ़े सात”! मैंने उन्हें कहा कि पहले आपने जो हिन्दी में बताया था वह मेरी समझ में नहीं आया।
बाद में मेरे एक मित्र ने मुझे एक किस्सा दोहराया। उसने बताया कि राजस्थान बीस से ज्यादा रियासतों से बना है। प्रत्येक रियासत के लोग स्वाभाविक रुप से अपनी रियासत पर गर्व करते थे। उसने यह भी कहा कि सामान्य तौर पर महाराणा प्रताप के राज्य मेवाड़ को लोग, वहां के योध्दाओं के शौर्य एवं वीरता के चलते समूचे राजस्थान में गर्व से देखा जाता है।
यह भी समान रुप से दृष्टव्य था कि जयपुर राज्य सदैव दिल्ली के मुगल सुल्तानों के सामने झुकने को तैयार रहता था, जिसके फलस्वरुप उनका सम्मान नहीं था।
उस समय एक दौर ऐसा आया जब दिल्ली के शासकों ने जयसिंह और मान सिंह को बुलाकर कहा कि मुगल सल्तनत जयपुर के महाराजा को सवाई उपाधि से विभूषित करना चाहती है, जिसका अर्थ होता था कि जबकि अन्य राजाओं की हैसियत एक के बराबर होगी परन्तु जयपुर के राजा की सवाई – यानी एक और चौथाईA
मुझे यह किस्सा सुना रहे मेरे मित्र ने बताया कि इस घटना के बाद से सभी अन्य रियासतों के लोगों ने तय किया कि वे स के बजाय ह सम्बोधन बुलाएंगे। वे जयपुर के राजा को सवाई नहीं हवाई बुलाएंगे। अत: उसने निष्कर्ष रुप में कहा कि जब आपने मुझसे समय पूछा तो ”साढ़े सात” कहने के बजाय मैंने ”हाडे हाथ” कहा जिसे आप समझ नहीं पाए।
(स का ह में रुपान्तरण एक सामान्य भाषायी परिवर्तन है। सप्ताह बना हफ्ता ( हिन्दू भी सिन्धु से उत्पन्न हुआ है। लेकिन इस मामले में मुगलों के प्रति नाराजगी इस किस्से में प्रकट होती है।)