Ad

Tag: Prime minister Dr Man mohan Singh

डॉ मनमोहन सिंह ने जम्‍मू- कश्‍मीर के कठुआ सांबा क्षेत्र में हीरानगर पोलिस थाने और रसद सेना के शिविर पर आतंकी हमले की कड़ी निंदा की

प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने जम्‍मू कश्‍मीर के कठुआ सांबा क्षेत्र में हीरानगर थाने और रसद सेना के शिविर पर आज सवेरे हुए आतंकी हमले की निंदा की है।
उन्‍होंने कहा कि इस जघन्‍य आक्रमण की जितनी भी निंदा की जाए, उतनी कम है। उन्‍होंने इस कायरतापूर्ण हमले में शहीद हुए निर्दोष लोगों और बहादुर सेना तथा पुलिस के अधिकारियों के परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्‍यक्‍त की है। पी एम् ने कहा कि यह शांति के दुश्‍मनों द्वारा उत्‍तेजना और पाश्विक कार्य की एक और कड़ी है। हम आतंकवादी हमले का मुकाबला करने और उसे परास्‍त करने के लिए दृढ़संकल्‍प है, जो सीमा पार से प्रोत्‍साहन प्राप्‍त करना जारी रखे हुए है। इस प्रकार के आक्रमण हमें रोक नहीं पाएंगे और बातचीत की प्रक्रिया के जरिये सभी समस्‍याओं का समाधान ढूंढ़ने के हमारे प्रयासों को विफल करने में सफल नहीं होंगे। डॉ सिंह वर्तमान में अमेरिका दौरे पर गए हुए हैं वहां उन्होंने पाकिस्तान के अपने समकक्ष से शांति वार्ता को आगे बढ़ाने की भी करने की घोषणा की हुई है|

रक्षा मंत्री श्री ए. के. एंटनी

ने भी आज जम्‍मू में आतंकवादियों द्वारा भारतीय सुरक्षा चौकियों पर किए गए कायरतापूर्ण हमले की निंदा की है।
श्री एंटनी ने इस घिनौने हमले में शहीद हुए अधिकारियों और जवानों के परिवार वालों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्‍यक्‍त की है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारतीय सुरक्षा व्‍यवस्‍था आतंकवादियों से कठोरता से निपटने में कोई कोर कसर नंही छोड़ेगी।
[File]photo caption
Dr. Manmohan Singh arrives at the Frankfurt International Airport, on his way to New York to attend the 68th Session of the United Nations General Assembly,

विदेशों से संचालित एक सिख मानवाधिकार कार्यकर्ता समूह ने, भारत में मानवाधिकारों के उल्लंघन केलिए, डॉ मन मोहन सिंह को भी समन देने की ठानी

विदेशों से संचालित एक सिख मानवाधिकार कार्यकर्ता समूह ने भारत में मानवाधिकारों के उल्लंघन केलिए डॉ मन मोहन सिंह को भी समन देने की ठानी विदेशों से संचालित एक सिख मानवाधिकार कार्यकर्ता समूह [एस ऍफ़ जे]भारत में मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामलों को मीडिया की सुर्खियाँ देने में कोई कसर नहीं छोड़ता यह संगठन विशेष कर तब हरकत में आता है जब कोई भारतीय नेता अमेरिका की धरती पर कदम रखता है | भारतीय नेता का स्वागत ऐसे ही कोर्ट समन दवारा किया जाता है| प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह के न्यूयॉर्क यात्रा के दौरान भी यह प्रभाव शाली संगठन मीडिया में आ गया है|
अमेरिकी अदालत से प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह के खिलाफ 1990 में पंजाब में चलाए गए आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान कथित मानवाधिकार उल्लंघन के मामले में इस संगठन ने समन जारी करवाने की तैय्यारी कर ली है|
डॉ मनमोहन सिंह के अमेरिका में आगमन पर व्हाइट हाउस स्टाफ और सिंह की सुरक्षा टीम के सदस्यों को यह समन सौंपने की बात कही जा रही है|अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात के लिए भारतीय प्रधानमंत्री गुरुवार को अमेरिका पहुँच गए हैं |
इससे पूर्व 4/9/2013 अमेरिका में इलाज करवाने के लिए पहुंची यूं पी ऐ अध्यक्षा श्री मति सोनिया गाँधी को भी अस्पताल के स्टाफ के माध्यम से समन दिए जाने की बात उठी थी उस समय न्यूयॉर्क की एक संघीय अदालत ने 1984 के सिख विरोधी दंगों में कथित तौर पर शामिल कांग्रेस नेताओं को ‘बचाने’ को लेकर पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को समन जारी कियाथा जबकि एक निजी कार्यक्रम में पहुंचे पंजाब के मुख्य मंत्री प्रकाश सिंह बादल को भी इसी स्थिति का सामना करना पडा था| एसएफजे ने इसके अतिरिक्त केंद्रीय मंत्री कमलनाथ सहित कई भारतीय नेताओं के खिलाफ इस तरह के विफल प्रयास किए जा चुके हैं|

केन्द्रीय कर्मियों के वेतन में सुधार के लिए ७वे पे कमीशन के गठन को मंजूरी

केन्द्रीय सरकार के कर्मचारियों के वेतन मानों में संशोधन के लिए सातवें केन्‍द्रीय वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी गई है|
वित्‍त मंत्री पी. चिदंबरम ने आज यहां एक वक्‍तव्‍य में कहा कि प्रधानमंत्री ने सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग के गठन को स्वीकृति दे दी है।
गौरतलब है किइससे पूर्व चौथे, पाचंवे और छठे केन्‍द्रीय वेतन आयोगों की सिफारिशें निम्‍न रूप से कार्यान्वित की गईं थीं :
चौथा केन्‍द्रीय वेतन आयोग – 1.1.1986
पांचवां केन्‍द्रीय वेतन आयोग – 1.1.1996
छठा केन्‍द्रीय वेतन आयोग – 1.1.2006
वेतन आयोग द्वारा अपनी सिफारिशें पेश करने में लगने वाली औसतन अवधि लगभग दो वर्ष है। उपरोक्‍त अवधि को ध्‍यान में रखते हुए सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग को अपनी रिपोर्ट पेश करने में लगभग दो वर्ष का समय लग सकता है। अत: इस आयोग की सिफारिशें पहली जनवरी 2016 से लागू होने की संभावना है।
आयोग के अध्‍यक्ष और सदस्‍यों के नामों के साथ-साथ विचारणीय विषयों पर प्रमुख हितधारकों से परामर्श के बाद तय किए जाएंगे और शीघ्र घोषित किए जाएंगे।
देश के केंद्रीय सरकार के लगभग 85 लाख [५०+३५सेवा निवृत ]कर्मचारियों के लिए यह एक बड़ा तोहफा है।इससे पूर्व केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में १०%बढ़ोतरी की गई है
गौरतलब है पिछले कुछ दिनों से कर्मचारी संगठन सातवें वेतन आयोग के गठन की मांग कर रहे थे। जानकार इसे चुनावी तोहफा मान रहे हैं क्योंकि इस बार चुनाव को देखते हुए सरकार ने वक्त से पहले ही वेतन आयोग के गठन की घोषणा कर दी है।इस आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन पहले के मुकाबले और बेहतर हो होगा|

प्रधानमंत्री ने मुजफ्फरनगर की हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हुए बेगुनाह लोगों के जान-माल की पूरी सुरक्षा का आश्वासन दिया

प्रधानमंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने आज मुजफ्फरनगर की हिंसा में हुई जनहानि पर गहरा दु:ख व्यक्त किया|
डॉ मन मोहन सिंह ने उत्‍तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में हाल की सांप्रदायिक हिंसा में हुई जनहानि पर गहरा दु:ख प्रकट किया है।इससे पूर्व डॉ मन मोहन सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री अखिलेश यादव से भी बात करके हिंसा की भर्त्सना की है|
प्रधानमंत्री डॉ सिंह ने राष्‍ट्रीय आपदा कोष से मारे गये प्रत्‍येक के परिजनों को 2-2 लाख और गंभीर रूप से घायल लोगों के लिए 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि स्‍वीकृत की है।
इससे पूर्व अल्‍प संख्‍यक कार्यमंत्री के. रहमान खान ने बेगुनाह लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री से मुलाकात की और पश्चिमी ऊत्तर प्रदेश खासकर मुज़फ्फरनगर+ शामली + आस-पास के क्षेत्रों में हाल में हुए साम्‍प्रदायिक दंगों के बारे में गहरी चिंता व्‍यक्‍त की।
उन्‍होंने राज्‍य की कानून-व्‍यवस्‍था की स्थिति तथा अल्‍पसंख्‍यक समुदाय की दु:खद स्थिति पर विस्‍तार से विचार-विमर्श किया। इसके परिणाम स्‍वरूप लोगों को अपना घर छोड़ कर सुरक्षित स्‍थानों पर जाना पड़ा। यह अत्‍यंत खतरनाक प्रवृति है जो साम्‍प्रदायिक विभाजन करा सकती है।
उन्‍होंने प्रधानमंत्री से यह अनुरोध किया कि ऊत्तर प्रदेश सरकार गुनाहगारों के विरूद्ध तत्‍काल कार्रवाई करे तथा लोगों की सम्‍पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करें। प्रधानमंत्री ने उन्‍हें यह आश्‍वासन दिया कि बेगुनाह लोगों के जान-माल की पूरी सुरक्षा की जाएगी।

कोयला सम्बंधित कागजात अगर वास्तव में गुम हुए होंगे तो दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी : डॉ मन मोहन सिंह

कोयला सम्बंधित कागजात अगर वास्तव में गुम हुए होंगे तो दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी : डॉ मन मोहन सिंहप्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने कहा कि इस समय यह कहना जल्दबाजी होगी कि कोयला सम्बंधित कुछ कागजात वास्तव में गायब हो गए हैं उन्हें ढूँढने का प्रयास किया जा रहा है फिर भी अगर कोई दोषी पाया गया तो दोषी लोगों को सजा जरूर मिलेगी| पी एम् ने सदस्यों से अनुरोध किया कि वह जल्दबाजी में कोई निष्कर्ष न निकालें और सदन की कार्यवाही को सामान्य रूप से चलने दें
प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने आज कोयला फाइलों/कागजातों के गुम होने के पर लोक सभा में वक्तव्य देते हुए यह आश्वासन दिया कि सरकार उन सभी कागजातों को ढूंढ़ने का पूरा प्रयास कर रही है जो सीबीआई द्वारा मांगे गए हैं।उन्होंने फाईलों के गुम होने की अवधारणा को निर्मूल बताते हुए कहा कि इस समय यह कहना जल्दबाजी होगी कि कुछ कागजात वास्तव में गायब हो गए हैं। सीबीआई द्वारा मांगे गए ज्यादातर कागजात उनको पहले ही सौंप दिये गए हैं। फिर भी इस वास्तविक स्थिति को नजरअंदाज करते हुए कुछ सदस्यों ने अपने आप ही यह निष्कर्ष निकाल लिया है कि मामले में कुछ गड़बड़ है और सरकार कुछ छिपा रही है।
सरकार के पास छिपाने को कुछ भी नहीं है। मामले में चल रही जांच के साथ सहयोग करने की हमारी मंशा पर प्रश्न चिह्न नहीं लगाया जा सकता क्योंकि 1,50,000 से ज्यादा पन्नों के दस्तावेज सीबीआई को पहले ही दे दिए गए हैं। उन्हीं दिनों से जब सीएजी ने अपनी परफार्मेंस ऑडिट प्रक्रिया शुरू की थी, सरकार ने हमेशा सीएजी के साथ और बाद में सीबीआई के साथ पूर्ण सहयोग किया है। हम ऐसा भविष्य में भी करते रहेंगे । और अगर मांगे जा रहे दस्तावेज वास्तव में गायब पाये जाते हैं तो सरकार गहराई से जांच करके यह सुनिश्चित करेगी कि दोषी लोगों को सजा मिले।
कोल ब्लॉक आवंटन का मामला न्यायालय के विचाराधीन है, देश का उच्चतम न्यायालय इन आवंटनों के सभी पहलुओं को देख रहा है। इसके अलावा, सीबीआई द्वारा की जा रही जांच की भी उच्चतम न्यायालय द्वारा नजदीकी से निगरानी की जा रही है। 29 अगस्त, 2013 के आदेश में न्यायालय ने कहा है कि सीबीआई 5 दिनों के अंदर उन सभी कागजातों और दस्तावेजों की पूरी लिस्ट सरकार को देगी, जो अभी भी बकाया हैं और उसके बाद दो सप्ताह के अंदर सरकार सभी उपलब्ध कागजात सीबीआई को सौंप देगी। सरकार इन निर्देशों का अक्षरशः पालन करेगी और यह पूरा प्रयास करेगी कि मांगे हुए कागजात सीबीआई को उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित समय-सीमा के अंदर ढूंढ़कर दे दिए जाएं। यदि सरकार इन कागजातों में कुछ को निर्धारित समय-सीमा के अंदर नहीं ढूंढ़ पाती है, तो जैसा कि न्यायालय का निर्देश है, सीबीआई को एक प्रतिवेदन भेज दिया जाएगा ताकि वह उचित जाँच कर सके।
।”

प्रधान मंत्री ने रुपये की गिरावट के लिए देश और विदेशों में घटी अप्रत्याशित घटनाओं के साथ ही विपक्ष को भी जिम्मेदार ठहराया

प्रधान मंत्री ने रुपये की गिरावट को अस्थाई बताते हुए इसके लिए देश और विदेशों में घटी अप्रत्याशित घटनाओं के साथ ही विपक्ष को भी जिम्मेदार ठहराया प्रधानमंत्री डॉ .मनमोहन सिंह ने आज रुपये में तेज गिरावट पर चुप्पी तोड़ते हुए पहले लोक सभा और बाद में राज्य सभा में बयान दिया| “वर्तमान में रुपये की विनिमय दर में उतार-चढ़ाव पर सरकार की चिंता व्यक्त की| उन्होंने इसके लिए स्पष्टीकरण देते हुए देश और विदेशों में घटी अप्रत्याशित घटनाओं का विवरण भी सुनाया|इसके साथ ही उन्होंने लाबित पड़े अनेकों आवश्यक कानून का हवाला देते हुए विपक्ष और राज्य सरकारों पर भी भड़ास निकाली|
उन्होंने कहा कि देश के बाहर घटी कुछ अप्रत्याशित घटनाओं से बाजार पर विपरीत प्रतिक्रिया हुई है जिसके कारण रुपये की कीमत में तेजी से और अप्रत्याशित गिरावट आई। 22 मई, 2013 को यू.एस. सेन्ट्रल बैंक ने यह संकेत दिया था कि वह जल्द ही मात्रात्मक मूल्य में धीरे-धीरे कमी लाएगा क्योंकि अमेरिका की अर्थव्यवस्था में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। इससे उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में पूंजी के प्रवाह पर विपरीत प्रभाव पड़ा जिसके फलस्वरूप न केवल रुपये में, बल्कि ब्राजील की रियाल, तुर्की की लीरा, इंडोनेशिया के रुपिया, दक्षिण अफ्रीका के रैंड और अन्य मुद्राओं में भी तेजी से गिरावट आ रही है।
जहां वैश्विक कारणों जैसे कि सीरिया में तनाव और यू.एस. फेडरल रिजर्व द्वारा मात्रात्मक मूल्य में धीरे-धीरे कमी लाने की नीति अपनाए जाने से उभरती बाजार मुद्राओं में सामान्य गिरावट आई है, वहीं हमारे चालू खाते में भारी घाटे और कुछ अन्य घरेलू कारणों से विशेष रुप से रुपया प्रभावित हुआ है। हम चालू खाता घाटे को कम करना चाहते हैं तथा अर्थव्यवस्था में सुधार लाना चाहते हैं।
वर्ष 2010-11 और इससे पूर्व के वर्षों में हमारा चालू खाता घाटा काफी सामान्य था और 2008-09 के संकट वाले वर्ष में भी इसका वित्त पोषण करना मुश्किल नहीं था। तभी से इसमें गिरावट आने लगी है, जिसके मुख्य कारण भारी मात्रा में सोने का आयात, कच्चे तेल के आयात और हाल ही में कोयले की ऊंची कीमतें रही हैं। निर्यात के क्षेत्र में, हमारे प्रमुख बाजारों में कमजोर मांग के कारण हमारा निर्यात का बढ़ना रुक गया है। लौह अयस्क के निर्यात में आई गिरावट के कारण भी निर्यात और अधिक प्रभावित हुआ है। इन सभी कारणों से हमारा चालू खाता घाटा निरंतर बढ़ा है।
स्पष्ट है कि हमें सोने के प्रति अपना मोह कम करना होगा, पेट्रोलियम उत्पादों का मितव्ययतापूर्ण इस्तेमाल करना होगा और अपने निर्यातों को बढ़ाने के उपाय करने होंगे।हमने चालू खाता घाटे को कम करने के उपाय किये हैं। हाल की तिमाही में विकास दर घटी है। मैं आशा करता हूं कि वर्ष 2013-14 की पहली तिमाही में विकास दर अपेक्षाकृत सामान्य रहेगी। लेकिन, मेरा यकीन है कि जैसे-जैसे अच्छे मानसून के नतीजे सामने आएंग, वैसे-वैसे विकास दर भी बढ़ेगी|
पी एम् ने तरलता की समस्यापर बोलते हुए कहा कि कई परियोजनाएं अव्यवहार्य नहीं हैं, बल्कि वे केवल विलंबित हैं। जबकि इसके विपरीत, दूसरे देशों में काफी संख्या में परियोजनाएं बनाए जाने के कारण बैंकिंग क्षेत्र में समस्याएं उत्पन्न हुई हैं। जैसे-जैसे ये परियोजनाएं सुचारु होंगी, वैसे-वैसे वे राजस्व सृजित करेंगी तथा ऋणों का भुगतान करेंगी। हमारे बैंकों के पास आधारभूत मानदंडों से अधिक पूंजी है और गैर-निष्पादनकारी परिसंपत्तियों के निष्पादनकारी होने तक उन्हें वित्तपोषित करने की क्षमता है। विगत में आसान सुधार किए जा चुके हैं। अब हमें सुधार के लिए कड़े कदम उठाने होंगे। इन सुधारों में सब्सिडी में कमी, बीमा और पेंशन संबंधी सुधार, अफसरशाही लाल फीताशाही को दूर करना और माल एवं सेवा कर लागू करना शामिल हैं। ये आसान सुधार नहीं हैं, इनके लिए राजनैतिक सहमति की आवश्यकता है।मैं, यहां सभी राजनैतिक दलों के सदस्यों से अनुरोध करुंगा कि वे समय की मांग पर ध्यान दें। कई आवश्यक कानून राजनैतिक सहमति न होने के कारण लंबित हैं। माल तथा सेवा कर जैसे सुधार, जिसे सभी लोग विकास दर फिर से हासिल करने हेतु आवश्यक मानते हैं, के लिये राज्यों की सहमति की आवश्यकता है। हमें ऐसे मुद्दों पर सहमति बनाने की आवश्यकता है। मैं राजनैतिक दलों से आग्रह करता हूं कि वे इस दिशा में कार्य करने और अर्थव्यवस्था को स्थायी विकास की राह पर वापस लाने के सरकार के प्रयासों में मदद करें।

प्रधानमंत्री ने आर्थिक स्थिति के लिए घरेलू कारकों के साथ ही अमेरिका के रुख में आये परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराया

प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने आर्थिक समस्या के लिए अमेरिका के मौद्रिक रुख में बदलाव के साथ ही घरेलू कारकों को भी जिम्मेदार ठहराया है|
उन्होंने कहा कि ‘इससे इंकार नहीं किया जा सकता कि देश को मुश्किल आर्थिक स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। इसके कई कारण हैं। मैं इससे इंकार नहीं करता कि कुछ घरेलू कारक इसके लिए जिम्‍मेदार हैं लेकिन अमरीका के मौद्रिक रुख में परिवर्तन के कारण अंतरराष्‍ट्रीय कारक भी इसके लिए जिम्‍मेदार हैं। सीरिया में नए तनावों के कारण उत्‍पन्‍न हुई कुछ समस्‍याएं भी है जो इस समय काफी गंभीर हैं तथा जिसका तेल की कीमतों पर निश्चित रूप से असर पड़ा है। वित्तमंत्री ने कहा बैंक सभी उद्योगों को ऋण प्रदान करें और वास्तविक चूककर्ताओं के प्रति सहानुभूति रखें

पी एम् ने कहा ,बॉटम लाइन और हेड लाइन की खींचतान में फंस कर मीडिया का लक्ष्य को नहीं भुलाना: राष्ट्रीय मीडिया केंद्र का शुभारंभ

प्रधानमंत्री डॉ मन मोहन सिंह और यूपीए अध्यक्षा श्री मति सोनिया गाँधी ने , मीडिया के छेत्र में भी एकल खिड़की यौजना के अंतर्गत, आज राजधानी में राष्ट्रीय मीडिया केंद्र का शुभारंभ किया|बॉटम लाइन और हेड लाइन के बीच खींचतान की सच्चाई में फंस कर प्राथमिक लक्ष्य को नहींभुलाने का सन्देश भी दिया|
इस अवसर पर प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा, ”राष्ट्रीय मीडिया केंद्र का उद्घाटन हमारी उस क्षमता का परिचायक है कि हम विश्वभर में ऐसी अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ बराबरी कर रहे हैं। यह केंद्र हमारे देश में मौजूदा मीडिया भू. परिदृश्य के सशक्त स्वरूप का प्रतीक है। मुझे पूरा विश्वास है कि एक ‘संचार केंद्र’ और ‘एकल खिड़की’ सुविधा के रूप में यह केंद्र हमारे मीडियाकर्मियों, जिनमें से अनेक यहां मौजूद हैं, की जरूरतों को भलीभांति पूरा करेगा।”
प्रधानमंत्री ने कहा, ”परिवर्तन अपने साथ चुनौतियां भी लेकर आता है। पिछले दो दशकों के सामाजिक-आर्थिक परिवर्तनों से उत्पन्न चुनौतियों को समझना, उनसे निपटना और उन पर काबू पाना मीडिया उद्योग के विशेषज्ञों के नाते आपका परम दायित्व है। हमारे जैसे सशक्त लोकतंत्र मेंए जो मुक्त जांच और सवालों के जवाब के लिए अन्वेषण में विश्वास रखता है, यह दायित्व अत्यंत महत्वपूर्ण है। किंतु इस दायित्व का निर्वाह करते समय सावधानी की आवश्यकता है। जांच की भावना मिथ्या आरोप के अभियान में तब्दील नहीं होनी चाहिए। संदिग्ध व्यक्तियों की तलाश खोजी पत्रकारिता का विकल्प नहीं हो सकती। व्यक्तिगत पूर्वाग्रह जनहित पर हावी नहीं होने चाहिए। ”
डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा, ”यह वास्तविकता है कि पत्रकारिता को उसके काम से अलग नहीं किया जा सकता। किसी भी मीडिया संगठन का दायित्व सिर्फ उसके पाठकों और दर्शकों तक सीमित नहीं है। कंपनियों का दायित्व अपने निवेशकों और शेयरधारकों के प्रति भी होता है। बॉटम लाइन और हेड लाइन के बीच खींचतान उनके लिए जीवन की सच्चाई है। किंतु, इसकी परिणति ऐसी स्थिति में नहीं होनी चाहिए कि मीडिया संगठन अपने प्राथमिक लक्ष्य को भूल जाएं, जो समाज को दर्पण दिखाने का है तथा सुधार लाने में मदद करने का है।”

The Chairperson, National Advisory Council, Smt. Sonia Gandhi addressing at the inauguration of the National Media Centre, in New Delhi on August 24, 2013.

The Chairperson, National Advisory Council, Smt. Sonia Gandhi addressing at the inauguration of the National Media Centre, in New Delhi on August 24, 2013.

यूपीए अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी

ने कहा कि, ”नाटकी और तीव्र बदलाव के दौर से गुजर रहे किसी भी समाज में नवीकरण और पुनर्निर्माण की स्थिर रूप से जरूरत होती है। यह फैसिलिटी उस क्रांति का प्रतिनिधित्व करती है। मुझे पूरी उम्मीद है कि यह सरकार, मीडिया और जनता के बीच प्रभावशाली केंद्र, अड्डा और सूचना पुल बनेगा।”
श्रीमती गांधी ने कहा, ”कार्यक्रमों, नीतियों, निर्णयों और जानकारी के प्रचार-प्रसार में सरकार और मीडिया के साझा हित हैं। यही वह बिंदु है जहां राष्ट्रीय प्रेस केंद्र जैसी संस्था का महत्व समझा गया। मुझे उम्मीद है कि यह ऐसी भागीदारी का प्रतिनिधित्व करेगा जिसमें दोनों पक्षों अपनी जिम्मेदारियां निभा सकेंगे।”
श्रीमती गांधी ने कहा कि, ”यह बिलकुल स्पष्ट है कि हम सिर्फ सरकार के पाइंट बनाने के लिए प्रचार या प्रचार अभियानों के पक्ष में नहीं हैं। लेकिन लोगों यह जानने का हक है कि उनके कानूनी और अन्य हक क्या हैं। उन्हें जानकारी हासिल करने का अधिकार है तथा उन्हें लिए जा रहे निर्णयों की जानकारी हासिल करने में समर्थ होने का अधिकार है। सिर्फ जागरूक और चेतन नागरिक ही आशा कर सकते हैं कि सिस्टम अच्छी तरह काम करे और सरकार एवं राजनीतिक दलों को जवाबदेह ठहरा सकते हैं।”
इस अवसर पर

सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री मनीष तिवारी

ने कहा, ”हम सूचना के ऐसे युग में रह रहे हैं जो सूचना से अटा पड़ा है। मीडिया के परिदृश्य में पिछले दो दशकों में अत्यधिक बदलाव आया है। इस रूपांतकरण ने मीडिया उद्योग के समक्ष चुनौतियां भी पेश की हैं। आज भारत वैश्विक क्रास मीडिया उपभोग पैटर्न में दुनिया का आइना है।”

The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh being received by the Minister of State (Independent Charge) for Information & Broadcasting, Shri Manish Tewari, at the inauguration of the National Media Centre, in New Delhi on August 24, 2013.

The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh being received by the Minister of State (Independent Charge) for Information & Broadcasting, Shri Manish Tewari, at the inauguration of the National Media Centre, in New Delhi on August 24, 2013.


श्री तिवारी ने कहा, ”यूपीए सरकार की मीडिया विचारधारा समझाने-बुझाने की रही है नियमन की नहीं। इस बात की सराहना करते हुए कि मीडिया के विभिन्न माध्यमों ने सालों से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, हमने इस क्षेत्र में वृद्धि के प्रयास किए हैं और उनके लिए प्रेरक बने है
फोटो कैप्शन
[१]The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh unveiling the plaque to inaugurate the National Media Centre, in New Delhi on August 24, 2013. The Chairperson, National Advisory Council, Smt. Sonia Gandhi, the Minister of State (Independent Charge) for Information & Broadcasting, Shri Manish Tewari, the Secretary, Ministry of Information and Broadcasting, Shri Bimal Julka and the Principal Director General (M&C), Press Information Bureau, Smt. Neelam Kapur are also seen.

तीन महीने के सत्ता सन्यास को समाप्त करके अश्विनी कुमार को सात दिनों के लिए कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया

अश्विनी कुमार को करीब तीन महीने के सत्ता सन्यास के पश्चात अब प्रधानमंत्री का विशेष दूत न्युक्त कर दिया गया है| अश्विनी कुमार को प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह का नजदीकी समझा जाता है|
प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने जापान की यात्रा के लिए अश्विनी कुमार को अपना विशेष दूत नियुक्त किया है |यह कैबिनेट मंत्री का दर्जा है। प्रधानमंत्री ने अश्विनी कुमार को विशेष दूत के रूप में सात दिनों की यात्रा के लिए नामजद किया है | जापान के सम्राट और प्रधान मंत्री की आगामी भारत यात्रा की तैयारी के लिए यह नियुक्ति की गई है| इससे उच्च स्तरीय आदान प्रदान की गति बनी रहेगी|
गौरतलब है कि मई महीने में , हफ्तेभर की किन्तु परन्तु के पश्चात , अश्विनी कुमार ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को उनके आवास 7 आरसीआर पर इस्तीफा सौंपा था| लाखों-करोड़ के कोयला घोटाले में सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट में बदलाव करने के आरोप झेल रहे कानून मंत्री अश्विनी कुमार को तब बेहद महंगा पड़ा था|

President.vice president and prime minister of India Greets the nation on Raksha Bandhan

President Pranab Mukherjee

President Pranab Mukherjee

President.vice president and prime minister of India has greeted the nation on Raksha Bandhan
The President of India, Shri Pranab Mukherjee in his message on the occasion of Raksha Bandhan has said:-
On the auspicious occasion of Raksha Bandhan, I extend my warm greetings and felicitations to all fellow citizens.
The festival of Raksha Bandhan symbolizes the sacred bond of love, trust and commitment between sisters and brothers. It is an occasion for us to dedicate ourselves to the well-being of women and in particular, the girl child. Women should be provided a safe, secure and congenial environment in which their talents can flower and they can contribute their full share in the building of our nation. Traditional cultural values of respect for women need to be fully entrenched in our minds.
May this unique festival inculcate in every member of our society the highest respect for women, as we strive collectively for the prosperity of our people”
prime minister dr man mohan singh

prime minister dr man mohan singh

Prime Minister, Dr Manmohan Singh said that the festival of Raksha Bandhan is an occasion to strengthen the bonds of love and affection within our family and in society. It is also an occasion to re-commit ourselves to ensuring the safety and security of women.
He wished the people a very joyous Raksha Bandhan and all happiness and prosperity.
उप-राष्ट्रपति श्री एम हामिद अंसारी

उप-राष्ट्रपति श्री एम हामिद अंसारी


. Vice President of India Shri M. Hamid Ansari has said that this festival not only celebrates the immaculate love between brothers and sisters but also transcends the confines of family to cover the entire society by underscoring the need for harmonious social life and peaceful co-existence. He has called upon people to imbibe the valuable message of Rakshabandhan to promote the spirit of amity, fraternity and harmony in our lives.