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Tag: प्रगति विज्ञानं संस्था

बाल वैज्ञानिकों ने पहली बार ४ फ़ीट लम्बे हाइड्रो राकेट का सफल प्रेक्ष्हण किया

[मेरठ]बाल वैज्ञानिकों ने आज ४ फ़ीट लम्बे हाइड्रो राकेट का सफल प्रेक्ष्हण किया।
प्रगति विज्ञानं संस्था लगातार विज्ञानं के प्रचार प्रसार के लिए शोध कार्य करती रहती है |
आज एन ए एस इंटर कॉलेज में संस्था की टीम ने ४ फ़ीट लम्बे हाइड्रो राकेट का सफल प्रेक्ष्हण किया।
इस टीम में गीता दक्षः ,मोनिका ,नेहा ,अर्पित ,दीपक सिंह शामिल रहे|
दीपक शर्मा के साथ मतीन अंसारी,रोहिणी ,मनोज कुमार ,गीता सचदेवा,माला और सुशील भरद्वाज के साथ एन सी सी की टीम भी साथ रही .
इस प्रकार की यह पहली सफल उड़ान बताई गई है|

प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए मौसम का फल,और दही का प्रयोग जरूरी है

प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए मौसम का फल,और दही का प्रयोग जरूरी है | फ़्रांस के बुरग्नि विश्विद्यालय में फिसिलोजी विभाग में २५ वर्षो से मोटापा और मधुमेह पर काम कर रहे नईम खान ने यह विचार व्यक्त किये|
जाग्रति विहार में प्रगति विज्ञानं संस्था के कार्यालय पर पत्रकारो से बात करते हुए उन्होंने बताया कि मौसम का फल,और दही हमारी प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करती है,और इसी विषय पर वे भारत में सफदरजंग असपताल में अतिथि व्यख्यान के लिए भी आये है|
उन्होंने बताया कि अगर इंसान १० साल तक मोटा बना रहे तो उसे मधुमेह का रोग जरुर होता है। उन्होंने बताया कि भारतीय भोजन संसार का सबसे संतुलित भोजन है जिसमे दाल चावल एक दूसरे के पूरक है साथ ही शारीर में ऍफ़ ए एस और सी डी ३६ नामक जीन अतिरिक्त वसा को जलाती हैऔर मोटापे को नियंत्रित रखती है जबकि इनकी कमी वसा को शरीर में इकट्ठा कर लेती है। इससे बचने के लिए चिकनाई और चीनी ना खाये पर 20 मिनट की कसरत जरूर की जानी है |
फ़ोटो कैप्शन
जाग्रति विहार में प्रगति विज्ञानं संस्था के कार्यालय पर पत्रकारो से बात करते हुए फ्रांस से आये वैज्ञानिक नईम खान[लेफ्ट] और साथ में प्रगति विज्ञानं संस्था के दीपक शर्मा

पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरने के बावजूद छोटे तारे को देखने की अभिलाषा को बारिश ने धोया

[मेरठ]2 0 1 2 डी ए 1 4 नहीं दिखा मेरठ में बारिश ने किया मायूस
दक्षिण से उत्तर की और आ रहे 2 0 1 2 डी ए 1 ४[ छोटा तारा]] को देखने की अभिलाषा आज बारिश के कारण पूरी नहीं हो सकी जबकि यह धरती के करीब से गुजर रहा है |
मेरठ में इसे देखने के लिए ट्रांसलाम में प्रगति विज्ञानं संस्था द्वारा व्यवस्था कि गई थी जिसके लिए लगभग ५०० बाल वैज्ञानिको ने तैय्यारी की थी पर बारिश ने सारी आशाओ पर पानी फेर दिया इसी दौरान रूस में गिरे उल्का पिंड ने कन्फ्यूजन पैदा कर दिया की वो यही है पर ऐसा नहीं है नासा ने भी इसे स्पष्ट करते हुए दोनों को अलग अलग बताया है|
बीस फरवरी तक सेटेलाईट को खतरा बना हुआ है
गौरतलब है कि पिछले वर्ष २३ फरवरी १ २ को ही खोजा गया २ ० १ २ डी ए १ ४ आज पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरने की भविष्यवाणी की गई थी
मेरठ के आसमान में भी सूरज छिपते ही २ घंटे तक टेलिस्कोप से यह दिखाईदेना था और रात के १ २ बजकर ५ ९ मिनट पर धरती के सबसे करीब आना था
पचास मीटर व्यास का यह पहला ऐसा पिंड है जो हमारी धरती के इतने नजदीक से निकलने की भविष्य वाणी थी वैज्ञानिको का मानना है की यह अकूत प्राकृतिक संसाधन है जिनको धरती पर लेने की कवायत की जा सकती है.

प्रगति विज्ञानं संस्था के सचिव दीपक शर्मा ने बताया कि रूस में गिरा उल्का पिंड इस छोटे तारे से अलग था रूस में गिरे उल्का पिंड से पैदा हुई कन्फ्यूजन को नासा ने भी दूर कर दिया है|

प्रगति विज्ञानं संस्था की गणित गीत माला का विमोचन किया

[जगाधरी] गणित के सूत्रों की सीडी देश के नाम कर दी !
जगाधरी हरियाणा में आयोजित हुए एक कार्यक्रम में विज्ञानं एवं प्रोधोगिकी में वैज्ञानिक डॉ-डी के पाण्डेय ने प्रगति विज्ञानं संस्था द्वारा तैयार गणित गीत माला का विमोचन किया
उन्होंने कहा की यह बालको को गणित के सूत्रों को सीखने में इसके गाने काफी हद तक सहयोग करेंगे |.इस अवसर पर संस्था के सचिव दीपक शर्मा भी उपस्थित थे गौरतलब है कि गणित की विषय नीरसता को कम करने के लिए .अब इसके सूत्रों को काव्यात्मक शैली में जोड़ा गया है| प्रगति विज्ञानं संस्था द्वारा इसे काव्यात्मक शैली में रिकॉर्ड किया है. ३५ पेजों की गणित काव्यांजली को सुरों में बांधा गया
|बानगी देखिये .
नाव चले बहाव की और नाव चल में बहाव को जोड़
नाव चले विपरीत बहाव नाव चाल से नदी घटाव
गाडी की जितनी लम्बाई ,उतनी दुरी जब चली जाय, तब खम्बे का पार कर पाई!
ब्याज छमाई जब जुड़े समय दो गुना होए , वार्षिक दर आधा करो सूत्र में रखो सोए !
ब्याज तिमाही जब जुड़े जान लहू सब कोए ,दर को चौथाई करो वर्ष अंक चौगना होए!
कोष्ठक के पहले ऋण हो तो पदों के चिह्न बदल जाते !
कोष्ठक के पहले धन हो तो वैसे ही पद उतर आते !!

दीवाली पर प्रदुषण के कारण आसमान में कोई तारा नज़र नहीं आया

आसमान में लाखो तारे एक मगर ढूंडे ना मिला देख के दुनिया की दिवाली दिल मेरा चुपचाप जला !
जी हा नज़ारा कुछ ऐसा ही था जब देश वासी दीवाली मना रहे थे पटाखे छुड़ा रहे थे तो मैरठ के वातावरण का प्रकाश भी पड़ोसी दिल्ली की तरह प्रदूषण के कारण दूषित रहा| लाख ढूढ़ने पर भी आसमान में कोई तारा[ स्टार] नजर नहीं आया दिखा तो तो मात्र सोर परिवार का सबसे बड़ा गृह ब्रहस्पति| . रात 12 बजे कुल 5 तारे दिख रहे थे जबकि सुबह 3 बजे तक 18 दिखने लगे थे|

दीवाली पर प्रदुषण के कारण आसमान में कोई तारा नज़र नहीं आया


अगर परिणाम की बात करे तो रात का प्रकाश प्रदूषण बहुत जायदा था सुबह 3 बजे तक आते आते 1.8 हो गया था पटाखों से निकले वाला धुआ अस्थमा के लोगो को सास लेने में तकलीफ बढ़ाने वाला रहा
यह जानकारी प्रगति विज्ञानं संस्था सचिव दीपक शर्मा ने दी