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Tag: Defence Accounts Department

IAF Received Shot in Arm by Launch of e-audit Initiative at PCDA[AF] in Dehradun

ARVIND KAUSHAL RANA [IDAS]CGDA

ARVIND KAUSHAL RANA [IDAS]CGDA

IAF Received Shot in Arm by Launch of e-audit Initiative at PCDA[AF] in Dehradun
The Integrated Material Management Online System (IMMOLS) of the Indian Air Force (IAF) received a shot in the arm by the launch of the e-audit initiative at the PCDA[AF]in Dehradun,
The audit function of IMMOLS, which had hitherto not been digitised, was launched formally by Shri Arvind Kaushal,[IDAS] Controller General of Defence Accounts (CGDA) along with Shri AN Saxena, Addl CGDA (IT).
Air Marshal Sukhchain Singh , Air Officer-in-charge Maintenance (AOM) with Air Vice Marshal RP George, Asst Chief of Air Staff (ACAS) (Logistics) and the team of officers from Directorate of IMMOLS, Air Headquarters. The software partner M/s Tata Consultancy Services was represented by Shri KV Narayanan.
The digitisation of the audit function is a huge step in the direction of enhancing transparency and probity in various functions related to stores, financing and accounting of the logistics chain management system of the IAF. The digitised system has now replaced the manual system of originating vouchers and sending them through mail to PCDA [AF]Dehradun. Now the entire information and data required by these offices for audit would be made available on the digital medium at all times.
The two key offices of Defences audit i.e the Principal Controller of Defence Accounts, Air Force (PCDA, AF) Dehradun and the Joint Controller of Defence Accounts (JCDA), Nagpur have now been provided online connectivity with the IMMOLS system of IAF.
The Defence Accounts Department (DAD) which has lived through more than two and half centuries is one of the oldest departments under the Government of India. The Defence Accounts Department (DAD) which is headed by Controller General of Defence Accounts(CGDA) is at present responsible for the Financial Advice, Payments, Accounting and Internal Audit of the Expenditure and Receipts of the Defence Services and other Defence-related Organizations

President Advised IDAS Probationers To Contribute Faster+Efficient Decisions on Rules

President Of India Advised IDAS Probationers To Contribute Faster+Efficient Decisions , Without Compromising on rules
A group of probationers of Indian Defence Accounts Service 2013 batch called on the President of India, Shri Pranab Mukherjee today (November 3, 2014) at Rashtrapati Bhavan.
Speaking on the occasion, the President said that Defence Finances have increased manifold since the time of India’s Independence. This sharp rise in defence expenditure is commensurate with the requirements of maintaining a modern defence force in our country. The onus of managing the finances has thus increased in proportion+complexity+ dimension. He stated that the probationers would do well to make a vital contribution through faster and efficient decision-making, without compromising on rules and procedures, and yet enabling the defence forces to meet their requirements on time.
Photo Caption
The President, Shri Pranab Mukherjee with the Probationers of Indian Defence Accounts Service (IDAS) 2013 Batch, at Rashtrapati Bhavan in New Delhi on November 03, 2014.

रक्षा लेखा विभाग में अनुकम्पा के आधार पर सैंकड़ों नियुक्तियां बरसों से लंबित हैं

C D A [ARMY]MEERUTकेंद्र सरकार के तमाम दावों के बावजूद उसके अपने विभागों में बढ़ी संख्या में अनुकम्पा मूलक आधार पर नियुक्तियां लंबित हैं|इनमे से ढाई सौ साल पुराना एक रक्षा लेखा विभाग[DAD]भी हैं|इस ऐतिहासिक महत्पूर्ण विभाग में अनुकम्पा मूलक आधार के कोटे की १०५ रिक्तियां हैं जबकि कनिष्ठ स्तर के पदों पर लगभग ५००० रिक्तियां हैं |
सरकारी नौकरियों में अनुकम्पा के आधार पर नियुक्तियां कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा जारी निर्देशों के आधार पर की जाती हैं।इसी विभाग के आदेशानुसार अनुकम्पा के आधार पर की जाने वाली नियुक्तियों में पूर्व की तीन वर्षीय समय सीमा को समाप्त कर दिया गया है| अब एक वर्ष में समूह ‘सी’ के पदों पर अनुकम्पा के आधार पर रिक्तियों पर ५ % सीधी भर्ती की जा सकती है।
इसके विषय में समय-समय पर संशोधित 09 अक्टूबर 1998 के आधिकारिक पत्रक संख्या 14014/6/94-कार्य.(डी) का पालन किया जाता है। इन सभी निर्देशों को 16 जनवरी, 2013 के आधिकारिक पत्रक संख्या 14014/02/2012-कार्य.(डी) में संलग्न कर दिया गया है। इन निर्देशों के आधार पर कार्मिक+लोकशिकायत + पेंशन राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह का राज्यसभा में यह दावा रक्षा लेखा विभाग में खरा नही उतरता|यहाँ बरसों से इस कोटे की रिक्तियां फाइलों का वजन बढ़ा रही हैं| नई दिल्ली स्थित रक्षा लेखा महानियंत्रक के दिनाक १८ जुलाई के पत्रांक AN/VII/8201/2/Rectt/02/2012-13 में स्पष्ट तौर पर अधीनस्थ २८ नियंत्रक कार्यालयों को २४७५ ऑडिटर्स और १० हिंदी अनुवादकों की भर्ती के लिए स्टाफ सलेक्शन बोर्ड से संपर्क करने को कहा गया है |
इन घोषित रिक्तियों का ५% जो कि १०५ है और इनकी भर्ती अधीनस्थ कार्यालयों दवारा की जानी है |
इसके अनुसार मेरठ स्थित सी डी ऐ [आर्मी] पेंशन+फंड्स कार्यालयों में १० रिक्तियां हैं |रोचक बात यह है कि विभाग के मुख्यालय में भी इसी मद में २ रिक्तियांभरी नहीं जा सकी हैं |
इस विभाग का महत्व बताना भी जरूरी है रक्षा लेखा विभाग का रक्षा मंत्रालय में वोही महत्व है जो सिविल में कैग [ CAG ]का है|रक्षा लेखा विभाग के लगभग २५० स्टेशनों पर १००० कार्यालय हैं जहाँ लगभग १७००० कनिष्ठ कर्मी कार्यरत हैं|
सेना के तीनों अंगों के साथ सेना की सहायक सेवाओं के एकाउंट्स का ऑडिट और उन्हें वित्तीेय सलाह देने का दायित्व रक्षा लेखा विभाग पर है लेकिन दुर्भाग्य से जिस विभाग में ५००० पद खाली हों वहां चौकीदार से लेकर आडिटर और अधिकारीके पदों पर आउट सोर्सिंग के भरोसे चलते हुए ऑडिट में गुणवत्ता की आशा करना हास्यास्पद लगता है| अब बरसों के पश्चात जा कर २४८५ रिक्तियां घोषित की गई हैंयदि ये पूरी हो भी जाएंतो भी इससे कही अधिक वेकेंसीज पेंडिंग रहेंगी |इस विषय मेंअखिल भारतीय रक्षा लेखा कर्मचारी संघ [कलकत्ता]के राष्ट्रीय अध्यक्ष यतिंदर चौधरी ने इन रिक्तियों को यथा शीघ्र भरे जाने की मांग करते हुए विभाग में ट्रांसफर पालिसी की भी आलोचना की है| उन्होंने विभाग के गौरव को बनाये रखने के लिए एसोसिएशन को मजबूत बनाने का आह्वाहन किया है|

केंद्र सरकार रक्षा लेखा कर्मचारियों के हितों को दबाने के लिए निरंतर न्यायालयों के चक्कर लगा रही हैं

AIDAEA PRESIDENT Yatinder Choudhry Addressing P C In C D A Meerut

AIDAEA PRESIDENT Yatinder Choudhry Addressing P C In C D A Meerut

केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों के हितों को दबाये रखने के लिए निरंतर न्यायालयों के चक्कर लगा रही हैं जिसमे सरकार स्वयं ही फंसती जा रही हैंजिसके फलस्वरूप कर्मचारियों में अपनी ही सरकार के प्रति रोष बढ़ता जा रहा है इसका खामियाजा सत्ता रुड दलों को चुनावों में भी उठाना पड़ सकता है|कमोबेशयही आरोप आज रक्षा लेखा विभाग के शीर्ष नेताओं ने लगाए |नेताओं के अनुसार विभाग द्वारा कर्मचारियों के उत्पीड़न के लिए माननीय कोर्ट की भी घोर अवमानना की जा रही है |
आयुध पथ स्थित आर टी सी हॉस्टल में अखिल भारतीय रक्षा लेखा कर्मचारी संघ[कलकत्ता] की आहत एक बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष यतीन्द्र चौधरी और महा सचिव जी पी दत्ता ने अपने सदस्यों को एक मेनिफेस्टो के रूप में अपनी एसोसिएशन की उपलब्धि+प्रतिबद्धता+समस्याओं की जानकारी दी और सदस्यता अभियान को गति देने को प्रेरित किया|यतीन्द्र चौधरी ने बताया कि पिछले वेतन आयोग की सिफारिशों पर वेतन मान नहीं देने के लिए रक्षा लेखा विभाग ने फ़ाइल डी ओ पी टी की तरफ सरका दी जहाँ से अदालत का रास्ता दिखाया गया |अदालत में हारने के बावजूद रिव्यू जैसे गड्डों में डाला जा रहा है| इससे केवल रक्षा लेखा विभाग के ही ६००० कर्मचारी प्रभावित हैं इनमे से कई तो रिटायर भी हो चुके हैं|
विभाग ने चतुर्थ श्रेणी कर्मियों के साथ भी सहानुभूति नहीं दिखाई है इनके प्रोमोशन के लिए ट्रेनिंग और परीक्षा पर लगभग डेड करोड़ रूपये खर्च किये जा चुके हैं उसके बावजूद इनका रिजल्ट नहीं डिक्लेअर किया जा रहा|
अनुकम्पा मूलक आधार पर न्युक्ति के सैकड़ों मामलों पर कोई सुनवाई नहीं हो रही |
सेवानिवृति के पश्चात सी एस डी कैंटीन की सुविधा समाप्त कर दी गई हैयदपि यह मामला रक्षा मंत्रालय से जुड़ा है लेकिन कर्मचारियों के हितों की पैरवी नहीं की जा रही यह मामला भी अब जबल पुर की अदालत में चल रहा है
अधीनस्थ कार्यालयों में तैनात कर्मचारियों के स्थाई पहचान पत्र नहीं बनाये जा रहे
लेखा नगर आदि आवासीय कालोनियों में रखरखाव में कोई रूचि नहीं ली जा रही यतीन्द्र चौधरी ने इन समस्यायों को जॉइंट कौंसिल आफ मेंबर्स[ JCM ] की आगामी बैठक में उठाने और सातवें वेतन आयोग के समक्ष उठाने का का आश्वासन दिया
उपाध्यक्ष करण प्रदीप ने सेवानिवृति के लिए निर्धारित तिथि में परिवर्तन की मांग की उन्होंने बताया कि वर्तमान में सभी को एक जुलाई से वेतन वृद्दि[ AnnualIncrement ] का प्रावधान हैयदि किसी कर्मचारी ने ३० जून को एक वर्ष पूरा कर लिया है और उसकी सेवा निवृति एक जुलाई से पूर्व होती है तो उसे एनुअल इन्क्रीमेंट नहीं मिलता है
बैठक में राकेश मालिक +महेंद्र सिंह+महक सिंह+सतीश ग्रोवर आदि ने भाग लिया

रोजगार देने में असमर्थ केंद्र सरकार अनुकम्पामूलक आधार पर भी अपने विभागों में नौकरियां नही दे रही

प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में बेरोजगारी की समस्या को मात्र अपनी स्वीकारोक्ति प्रदान करके बेशक पल्ला झाड़ लिया हो ग्रोथ के तमाम दावे प्रस्तुत करके अपनी सरकार की खामियों को छुपाने का प्रयास किया हो मगर उनके विकास के दावों में युवाओं को रोजगार प्रदान करने वाली ग्रोथ दिखाई नहीं दे रही यहाँ तक कि सरकारी विभागों में अनुकम्पामूलक आधार पर भी जरुरत मंदों को पिछले डेड सालों से नौकरियां नहीं दी जा रही |जाहिर है सरकार के ग्रोथ से सबंधित तमाम दावे जॉबलेस ग्रोथ ही दिखला रहे हैं|
क्रिसिल नामक रेटिंग संस्था के अध्यक्ष शोध कर्ता मुकेश अग्रवाल के अनुसार जी डी पी का ४९% शेयर एम्प्लॉयमेंट से जुड़ा होता है |क्रिसिल के शोध के अनुसार वर्ष 2019 तक गैर-कृषि क्षेत्र में एक चौथाई नौकरियां घट जाएंगी।१ करोड़ २० लाख लोगों कोआने वाले ७ वर्षों में मजबूरन कृषि छेत्र में लौटना होगा देश की इस प्रमुख रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की मंगलवार को जारी रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि मौजूदा 5.2 करोड़ के मुकाबले 3.8 करोड़ लोगों के पास ही रोजगार रह जाएंगे|
इस रिसर्च रिपोर्ट में यह चेतावनी भी दी गई है कि अगर पर्याप्त संख्या में नौकरियां पैदा नहीं की गई तो युवा आबादी देश की अर्थ व्यवस्था बढ़ाने के बजाय बोझ बन सकती है।क्रिसिल की इस रिपोर्ट के आधार पर देश के प्रमुख मीडिया ने अपने अपने तरीकों से चिंता भी व्यक्त की है|
अब चूंकि सरकार के सामने जॉब क्रिएशन के अलावा कोई विकल्प नहीं है फिर भी इस दिशा में कोई काम होता नहीं दिख रहा यहाँ तक कि सरकारी विभागों में बरसों से खाली पड़े अनुकम्पा मूलक आधार वाले कोटे भी भरे नहीं जा रहे|उदहारण के लिए रक्षा लेखा विभाग के आंकड़े भी चौंकाने वाले है |
रक्षा लेखा विभाग केंद्र सरकार का महत्वपूर्ण विभाग है यहाँ भारतीय रक्षा सेवाओं के साथ ही उनकी सहायक संस्थाओ का आडिट किया जाता है ऐसे महत्व पूर्ण विभाग में वर्षों से रिक्तियों को भरने के लिए कोई प्रयास नहीं हो रहा यहाँ तक कि अनुकम्पामूलक आधार पर भी नौकरियां नहीं दी जा रही|इस लिए यह कहना तर्क संगत ही होगा कि रक्षा सेवाओं के आडिट को भी हतोत्साहित किया जा रहा है|
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष २००९ में ४६०० रिक्तियां थी जिनमे से एस एस सी[SSC] के माध्यम से 1700 जॉब क्रिएट हुई उनमे से भी ८०० लोग नौकरी छोड़ गए|२०१३ में केवल २६०० रिक्तियां ही घोषित की गई|
स्टाफ को हतोत्साहित करने के लिए[१] स्ट्राइक राइट्स का हनन हो रहा है|[२]नई रिक्तियां पैदा नहीं की जा रही यहाँ तक कि वर्त्तमान रिक्तियों को भी भरा नही जा रहा[३]प्रोमोशन के अवसर नहीं दिए जा रहे[४] आर्बिट्रेशन अवार्ड्स[ ArbitrationAwardsलागू नहीं किये गए][५]अलाउंस रिवाइस नहीं किये जा रहे[6]पी एल बोनस तक नहीं दिया जा रहा ]यहाँ तक कि रिटायर्ड स्टाफ के लिए उपलब्ध सी एस डी[ CSD ]कैंटीन सुविधा भी समाप्त कर दी गई है |जिस कारण नया स्टाफ आने आप को यहाँ एडजस्ट करने में कठिनाई महसूस कर रहा है|
सरकारी नियमों के अनुसार टोटल रिक्तियों का ५% अनुकम्पा मूलक [compassionate Grounds] आधार पर मृत स्टाफ के आश्रितों को दी जानी चाहियें लेकिन दुर्भाग्वश इस दिशा में भी करुणा नहीं दिखाई जा रही |
स्टाफ की कमी से केंद्र सरकार के अनेकों विभाग त्रस्त हैं यहाँ तक कि ७वे वेतन आयोग के लिए माँगी गई सिफारिशों के उत्तर में डी ओ पी टी [ DOPT ] स्तर पर चर्चा प्रारम्भ हो गई है |अखिल भारतीय रक्षा लेखा संघ के एक घटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष यतेन्दर चौधरी ने चैप्टर आफ डिमांड्स भेजा हैजिसके तीसरे क्रम पर compassionate Appointments की मांग रखी गई है| इस १२ सूत्री मांग पत्र में सेवा सम्बन्धी सुधारों की भी बात उठाई गई है |

रक्षा लेखा विभाग की छावनी स्थित आवासीय कालोनी में शनि देव के विग्रहों को खंडित किया गया

[मेरठ]रक्षा लेखा विभाग की छावनी में स्थित आवासीय कालोनी में शिव मंदिर के ताले तोड़ कर शनि देव के विग्रहों को खंडित किया गया |इससे छेत्रिय लोगों में जबरदस्त नाराजगी है| आज प्रात जब मंदिर क्र पंडित ॐ प्रकाश शर्मा जी ने प्रवेश किया तो यह देख कर वाक् रह गए कि शनि देव को खंडित किया गया है और मंदिर के ताले भी टूटे पड़े हैं| उन्होंने इसकी जानकारी एसोशियेशन के अध्यक्ष राकेश मलिक को दी मलिक ने रेजिडेंट वेलफेयर सोसाइटी के पदाधिकारियों को बताया |
इसके पश्चात आस पास के लोग बड़ी संख्या में पहुँचने शुरू हो गए|छेत्र वासियों ने बताया कि मेरठ में सरकारी कालोनियों में यह सबसे बड़ी कालोनी है मगर यहाँ देखभाल और रख रखाव के नाम पर केवल खानापूरी ही की जा रही है जगह जगह दीवार टूटी है और असामाजिक तत्वों का भी आवागमन जारी रहता है| गौर तलब है कि यह कालोनी सी डी ऐ विभाग कि है और इसका रख रखाव के लिए एम् ई एस विभाग को पैसा दिया जाता है| कालोनी में प्रवेश करते ही कूड़े के ढेर और भवनों पर निकलते पेड़ व्यवस्था कि पोल खोलते नजर आते हैं

अखिल भारतीय रक्षा लेखा संघ[कोलकत्ता ]की थर्ड लेवल जे सी एम् के लिए यतीन्द्र चौधरी का चयन

अखिल भारतीय रक्षा लेखा संघ[कोलकत्ता ]की थर्ड लेवल जे सी एम् मेम्बर्स की लिस्ट जारी हो गई है इसमें संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष यतीन्द्र चौधरी के साथ महा सचिव जी पी गुप्ता और निर्मल श्रीवास्तव का चयन किया गया है| श्री यतीन्द्र दिल्ली से श्री दत्त कोलकत्ता से और श्री निर्मल इलाहाबाद से हैं| इसके अलावा एसोसिएशन की वेब साईट पर प्रकाशित राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पदा धिकारियों के नाम इस प्रकार हैं :
[१]Com. Yetendra Choudhary
President
O/o The CDA (AF), New Delhi
[२] Com. Tushar Roy Choudhury
Vice President-I
O/o The AAO, Camac Street Kolkata
[३] Com. K.K. Verma
Vice President-II
O/o The PCDA (CC) Lucknow
[४] Com. YS Sonkusare
Vice President-III
A.O., Ord. Fy.,Ambajhari
[५] Com. Karan Pradeep
Vice President-IV
O/o The CDA (PD) Meerut
[६] Com. P.S. Mann
Vice President-व्
A.O., Ord. Parachute Fy., Kanpur

[७]Com. G.P. Dutta
Secretary General
PCA (Fys), Main Office, Kolkata.
[८]Com. S.K. Deb Roy
Addl. Secretary जनरल
PCA (Fys), Main Office, Kolkata.
[९]Com. S.K. Ghosh
Asst. Secretary General-I
A.O., Metal & Steel Fy., Ishapore.
[१०]Com. S.P. Singh
Asst. Secretary General-II
A.O., Rifle Fy., Ishapore.

[११] Com. S. Diwakar
Asst. Secretary General-III
O/o The CDA (R&D) Hyderabad.
[१२] Com. Basir Ahmed
Asst. Secretary General-IV
O/o The PCDA (Pension), Allahabad.
[१३] Com. Satish Grover
Asst. Secretary General-V
AAO (WC), Delhi Cantt.
[१४] Com. Sondeep Mukherjee
Office Secretary
O/o The CIA, Kolkata
[१५]Com. B.N. Malakar
Finance Secretary
PCA (Fys), Main Office, Kolkata.
[१६] Com. D. Nagarajan
Zonal Secretary (South)
A.O., H.V. Fy., Avadi,
[१७] Com. P.K. Bhatnagar
Zonal Secretary ( North)
O/o The PCDA (AF) Dehradun.
[१८]Com. R. K. Beohar
Zonal Secretary (Central)
A.O., Ord. Fy., Khamaria
[१९]Com. R. C. Meena
Zonal Secretary (West)
O/o The PCDA (SWC) Jaipur.
[२०] Com. Ramesh Kumar
Zonal Secretary (East)
O/o The CDA (Patna)
[२१] Com. Sudhir Singh
मेम्बर
O/o The PCDA (NC) Jammu
[२२] Com. Biplob Mitra
Member
PCA (Fys), Main Office, Kolkata.
[२३] Com. G.N. Singh
Member
AAO, Siliguri.
[ २४] Com. Madhu V.
Member
PAO (ORs) DSC, Kannoor.
[२५] Com. P.K. Sood
मेम्बर
O/o The PCDA (WC), Chandigarh.
[२६] Com. Sachin Takke
Member
O/o The PCDA (Navy), Mumbai.
[२७] Com. Indra Mohan Singh
Member
LAO (AF) Kanpur
[28]Com. KGSSDV Ramakrishna
मेम्बर
AAO (Navy), Vizag.
[२९] Com. N. Bharataraja Perumal
मेम्बर
O/o The CDA Chennai
[३०]Com. Balram
Member
O/o The PCDA, Allahabad.
[३१] Com. Rakesh Malik
Member
O/o The CDA (Army), Meerut.
[३२] Com. K.K. Choudhary
मेम्बर
O/o The PCDA (Pension) Allahabad.

[३३] Com. P.K. Chakraborty
Member
PCA (Fys), Main Office, Kolkata.

अगस्ता वेस्टलैंड चापर डील की जांच में देश का सबसे पुरानी सरकारी संस्था रक्षा लेखा विभाग सहयोग करेगा

 अगस्ता वेस्टलैंड चापर डील की जांच में देश का सबसे पुरानी सरकारी संस्था रक्षा लेखा विभाग सहयोग करेगा

अगस्ता वेस्टलैंड चापर डील की जांच में देश का सबसे पुरानी सरकारी संस्था रक्षा लेखा विभाग सहयोग करेगा

२५० वर्ष पुराना रक्षा लेखा विभाग संभवत देश का सबसे पुराना सरकारी विभाग है यह विभागअपनी जिम्मेदारी को निभाने के लिए अब वी वी आई पी हेलीकाप्टर खरीद में लगाये गए दलाली के आरोपों की जांच में सहयोग करने को आगे आ गया है|एयर फाॅर्स के अधिकारीयों के साथ जांच में इस विभाग के भा,र ,ले,से,[I D A S]के अनुभवी अधिकारी भाग लेंगे| यदपि इस विभाग की वेबसाईट पर इस विषय में कोई जानकारी पर हाथ नहीं रखा जा सका है लेकिन मीडिया में छन्न कर आ रही ख़बरों के अनुसार रक्षा लेखा विभाग के अधिकारी जांच में सहयोग करेंगे| इस विभाग के अधिनस्त कार्यालय पूरे देश में हैं|
गौरतलब है कि बोफोर्स के बाद रक्षा सौदों में सबसे बड़ी दलाली के रूप में ३६०० करोड़ के अगस्ता हेलीकाप्टर की खरीद में ३६० करोड़ की दलाली खाए जाने के आरोप लगाये जा रहे हैं| रक्षा लेखा विभाग जैसा कि नाम से ही ज्ञात होता है रक्षा मंत्रालय का ही एक अहम हिस्सा है | इसका मुख्यालय उलन बटार दिल्ली छावनी में है|वर्तमान में इस विभाग को रक्षा सेवाओं और उनकी सहायक इकाईयों को वित्तीय सलाह देना+ रक्षा सौदों का भुगतान करना+ और रक्षा सेवाओं के खातों का आंतरिक आडिट का दाईत्व दिया गया है|इन दाईतवों को निभाने में कड़ा परिश्रम किया जा रहा है|वित्तीय सलाहकार श्रीमती प्रीति मोहंती और अतिरिक्त रक्षा लेखा महानियंत्रक अरविन्द राणा कौशल अनुभवी होने के साथ ही कार्य कुशलता और इमानदारी के लिए जाने जाते हैं|इस विभाग ने स्वयम जाँच में सहयोग का आश्वासन दिया है तो इसे विभाग के अपने सीनियर होने के अहसास के साथ जोड़ कर देखा जाना चाहिए |यह कहना उचित ही होगा कि आंतरिक आडिट और वित्तीय सलाह देने का दाईत्व रक्षा लेखा विभाग का है लेकिन आये दिन बाह्य आडिट एजेंसी कैग द्वारा ही मुद्दे उछाले जाते रहे हैं|यहाँ यह कहना भी अन्यथा नहीं होगा कि इससे पूर्व बोफोर्स तोप काण्ड में इस विभाग के दिल्ली स्थित एक कार्यालय का का नाम उछाला गया था |एक पत्रिका ने तो रक्षा लेखा नियंत्रक द्वारा बोफोर्स के नाम जारी चेक को भी छापा था |अब इस चापर डील में एक सेवान्रिवत वायुसेना अध्यक्ष का नाम आरहा है सो हाई प्रोफाईल इस केस में संभवत इन्ही आरोप प्रत्यारोपों से बचने के लिए रक्षा लेखा विभाग ने अगस्ता वेस्टलैंड चापर डील की जांच का जिम्मा उठाया है सो इस दिशा में नए सकारात्मक परिणाम आने की संभावना दिखने लगी है|