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जे डी यू सांसद अनिल साहनी ने एलटीसी घोटाले में स्व्यम को निर्दोष बताया,सभी सांसदों के बिलों की जाँच की मांग भी की

[नई दिल्ली ]जे डी यू सांसद अनिल साहनी ने एलटीसी घोटाले में स्व्यम को निर्दोष बताया,सभी सांसदों के बिलों की जाँच की मांग भी की एलटीसी घोटाले के आरोपी जे डी [यू ]सांसद अनिल साहनी ने अपने आप को निर्दोष बताते हुए किसी बड़ी साजिश की तरफ इशारा किया और राज्य सभा तथा लोक सभा के सांसदों के पोर्ट ब्लेयर के हवाई यात्राओं की जाँच की मांग उठाई है| : सांसद ने अपने ऊपर लगाये सी बी आई के सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए बताया कि२०+१४ एयर टिकेट्स के घोटाले का पैसा उनके खाते में नहीं आया है|यह लगभग २५ लाख रुपये है|अनिल साहनी ने इसके पीछे कोयला घोटाले के भांति किसी बड़े घोटाले की आशंका भी व्यक्त की है
बिहार से सांसद अनिल साहनी ने मोबाइल पर हुई बातचीत के दौरान यह दावा किया कि वह खुद अपने पी ऐ अविनाश की ओर से की गई धोखाधड़ी का शिकार थे। राज्यसभा सभा सांसद साहनी ने कहा कि उन्हें जब पता चला कि उनके कोटे के टिकटों को लेकर दावे किए गए हैं, तब उन्होंने इसी वर्ष सी बी आई अधिकारियों को सूचित कर दिया था। उन्होंने कहा कि ये दावे उनके नाम पर किए गए, लेकिन राज्यसभा से संबंधित लेनेदेन के लिए उनके बैंक खाते में एक भी पैसा स्थानांतरित नहीं हुआ।
उन्होंने बताया 2012 में उनके नाम पर 20 फर्जी एयर टिकटें ली गईंउसके अलावा १४ टिकेट्स भी उनके नाम पर ली गई हैं| यह धोखाधड़ी करने वाले व्यक्ति ने फोन किया और कहा कि आपकी 20 एयर टिकेट्स बेकार हो जाएंगी इसीलिए ये टिकटें किसी और को बेच दी गई हैं।पैसे का बंटवारा करने का भी आश्वासन दिया गया|
बिहार के पिछड़ा वर्ग से सम्बंधित साहनी ने अपने निजी सहायक (पीए) अविनाश पर यह षड़यंत्र रचने का आरोप लगाते हुए बताया कि सीता राम यादव के यहाँ काम करने वाले अविनाश को कप्तान निषाद का ड्राइवर उनके पास लाया था|अविनाश यात्रा टिकटों के कथित दावे किए जाने के बाद से लापता है।
गौर तलब है कि सेंट्रल ब्यूरो आफ इन्वेस्टिगेशन [ सीबीआई] ने जनता दल [यूं]: के राज्यसभा सांसद डॉ अनिल कुमार साहनी के खिलाफ एल टी सी घोटाला करने का केस दर्ज किया है। इस सिलसिले में राज्यसभा सचिवालय और अन्य स्थानों पर तलाशी भी ली गई है ।
सांसद पर दिसंबर 2012 में फर्जी टिकटों के आधार पर राज्यसभा सचिवालय से साढ़े नौ लाख रुपये लेने के आरोप लगाया गया है एयर इंडिया की अधिकारी रूबीना अख्तर और टिकट बुक करने वाले ट्रेवल एजेंसी एयर क्रूज ट्रेवल्स प्राइवेट लिमिटेड भी जाँच के घेरे में आ गए हैं|
गौरतलब है कि सांसदों को साल में 34 हवाई यात्रा मुफ्त करने की सुविधा मिलती है। यात्रा के बाद सांसद इसका टिकट और बोर्डिग पास सबूत के साथ राज्यसभा या लोकसभा सचिवालय में जमा करते हैं, जहां से ये उन्हें पूरा पैसा [ reimburse ]वापिस मिल जाता है। आरोप है कि उन्होंने अपने साथ-साथ छह लोगों के लिए एयर इंडिया से पोर्ट ब्लेयर जाने के लिए ई-टिकट खरीदा। दिल्ली के लाजपतनगर स्थित एयर क्रूज ट्रेवल्स के माध्यम से खरीदे गए ई-टिकट के लिए ई-बोर्डिंग पास भी ले लिये गए, जिसे अंतिम समय में रद्द करवा लिया गया। इसके बाद एयर इंडिया ने ट्रेवल एजेंसी को टिकट बुकिंग के सारे पैसे वापस कर दिये।
अनिल साहनी बिहार से जे डी यूं राज्य सभा सदस्य हैं और स्थानीय छेत्र विकास योजना निधि के सदस्य भी हैं|

Premier Jet Airways Is Eclipsed with a default notice by one of its U S Based lessors

Private Premier Air Line Jet Airways has been Eclipsed with a default notice by one of its U S Based lessors International Lease Finance Corp [ ILFC] for non-payment of rentals. Naresh Goyal Is a promoter of Jet Airways.
The Details of default amount could not be ascertained.
As Per P T I Jet has been served a notice by ILFC for non-payment of rentals of its about six Boeing 737s.It May also be added that Jet Airways is also listed by Ministry of Civil Aviation ,for the similar cause .
In March K C Venugopal, Minister of State in the Ministry of Civil Aviation informed Lok Sabha that .Jet Airways has a due of Rs 82.17 crore while its subsidiary Jet Lite has Rs. 27.62 crores.
It Was admitted by the minister that Private airlines, including those who have closed down, have a due of Rs. 526 crore towards the state-owned Airports Authority of India (AAI) till December last year.

कोयला सम्बंधित कागजात अगर वास्तव में गुम हुए होंगे तो दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी : डॉ मन मोहन सिंह

कोयला सम्बंधित कागजात अगर वास्तव में गुम हुए होंगे तो दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी : डॉ मन मोहन सिंहप्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने कहा कि इस समय यह कहना जल्दबाजी होगी कि कोयला सम्बंधित कुछ कागजात वास्तव में गायब हो गए हैं उन्हें ढूँढने का प्रयास किया जा रहा है फिर भी अगर कोई दोषी पाया गया तो दोषी लोगों को सजा जरूर मिलेगी| पी एम् ने सदस्यों से अनुरोध किया कि वह जल्दबाजी में कोई निष्कर्ष न निकालें और सदन की कार्यवाही को सामान्य रूप से चलने दें
प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने आज कोयला फाइलों/कागजातों के गुम होने के पर लोक सभा में वक्तव्य देते हुए यह आश्वासन दिया कि सरकार उन सभी कागजातों को ढूंढ़ने का पूरा प्रयास कर रही है जो सीबीआई द्वारा मांगे गए हैं।उन्होंने फाईलों के गुम होने की अवधारणा को निर्मूल बताते हुए कहा कि इस समय यह कहना जल्दबाजी होगी कि कुछ कागजात वास्तव में गायब हो गए हैं। सीबीआई द्वारा मांगे गए ज्यादातर कागजात उनको पहले ही सौंप दिये गए हैं। फिर भी इस वास्तविक स्थिति को नजरअंदाज करते हुए कुछ सदस्यों ने अपने आप ही यह निष्कर्ष निकाल लिया है कि मामले में कुछ गड़बड़ है और सरकार कुछ छिपा रही है।
सरकार के पास छिपाने को कुछ भी नहीं है। मामले में चल रही जांच के साथ सहयोग करने की हमारी मंशा पर प्रश्न चिह्न नहीं लगाया जा सकता क्योंकि 1,50,000 से ज्यादा पन्नों के दस्तावेज सीबीआई को पहले ही दे दिए गए हैं। उन्हीं दिनों से जब सीएजी ने अपनी परफार्मेंस ऑडिट प्रक्रिया शुरू की थी, सरकार ने हमेशा सीएजी के साथ और बाद में सीबीआई के साथ पूर्ण सहयोग किया है। हम ऐसा भविष्य में भी करते रहेंगे । और अगर मांगे जा रहे दस्तावेज वास्तव में गायब पाये जाते हैं तो सरकार गहराई से जांच करके यह सुनिश्चित करेगी कि दोषी लोगों को सजा मिले।
कोल ब्लॉक आवंटन का मामला न्यायालय के विचाराधीन है, देश का उच्चतम न्यायालय इन आवंटनों के सभी पहलुओं को देख रहा है। इसके अलावा, सीबीआई द्वारा की जा रही जांच की भी उच्चतम न्यायालय द्वारा नजदीकी से निगरानी की जा रही है। 29 अगस्त, 2013 के आदेश में न्यायालय ने कहा है कि सीबीआई 5 दिनों के अंदर उन सभी कागजातों और दस्तावेजों की पूरी लिस्ट सरकार को देगी, जो अभी भी बकाया हैं और उसके बाद दो सप्ताह के अंदर सरकार सभी उपलब्ध कागजात सीबीआई को सौंप देगी। सरकार इन निर्देशों का अक्षरशः पालन करेगी और यह पूरा प्रयास करेगी कि मांगे हुए कागजात सीबीआई को उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित समय-सीमा के अंदर ढूंढ़कर दे दिए जाएं। यदि सरकार इन कागजातों में कुछ को निर्धारित समय-सीमा के अंदर नहीं ढूंढ़ पाती है, तो जैसा कि न्यायालय का निर्देश है, सीबीआई को एक प्रतिवेदन भेज दिया जाएगा ताकि वह उचित जाँच कर सके।
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रालोद के जयन्त चौधरी ने बौद्ध सर्किट की तर्ज़ पर ही बृज सर्किट की योजना की मांग लोक सभा में उठाई

राष्ट्रीयलोक दल[रालोद]के मथुरा से युवा सांसद जयन्त चौधरी ने बौद्ध सर्किट की तर्ज़ पर ही बृज क्षेत्र में बृज सर्किट की योजना की मांग की| धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इससे पूर्व रालोद द्वारा पश्चिमी उ प्र में महाभारत सर्किट पर भी काम किया जा चुका है|
राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव एवं लोकसभा सांसद जयन्त चौधरी ने आज लोकसभा में नियम 377 के अंतर्गत बृज क्षेत्र में बृज सर्किट की योजना बनाने की मांग की है।
उन्होंने कहा है कि बृज में प्रतिवर्ष धार्मिक दृष्टि से देश-विदेश से कृष्ण भक्तों एवं पर्यटकों का आवागमन लगा रहता है। बृज के प्रमुख स्थान जैसे वृन्दावन, गोवर्धन, बरसाना, नंदगांव, गोकुल तथा दाऊजी आदि लाखों लोगों का आस्था व विश्वास का केंद्र हैं लेकिन इसके बावजूद उन्हें सुविधाएं नहीं मिलने के कारण भावनाओं को ठेस पहुंचती है। बांके बिहारी मंदिर में प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन को आते हैं किन्तु अव्यवस्थाओं के चलते उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। यहां रासलीला, बृज चौरासी कोस की परिक्रमा का आयोजन होता ही रहता है किन्तु यदि लोगों को बेहतर सुविधाएं दी जाएं तो और भी पर्यटकों का खिंचाव बृज की ओर होगा।
श्री जयन्त ने कहा है कि पर्यटन मंत्रालय ने धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना के तहत सूफी, सिख और जैन सर्किटों की तर्ज पर 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान बौद्ध देशों से विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बौद्ध सर्किट के विकास की योजना बनाई है। उसी प्रकार से बृज क्षेत्र में भी बृज सर्किट को विकसित करने की योजना बनाई जाए।
उन्होंने बताया कि देश में बड़े पर्यटन स्थलों और सर्किटों के विकास के लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने 27 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 40 बड़ी पर्यटन योजनाओं की पहचान की है और इनमें से 26 को मंजूरी प्रदान की गई है। 12वीं पंचवर्षीय योजना की अवधि के दौरान ऐसे 35 पर्यटन सर्किटों/स्थानों की पहचान की गई है, जहां पर ढांचागत विकास के लिए मिशन मोड पर काम किया जाएगा।

कंपनियों द्वारा धोखाधड़ी की गतिविधियां के साथ तुलन-पत्र और वार्षिक रिटर्न जमा नहीं कराये जाने की घटनाएँ वृद्धि पर हैं ,रोक थाम के लिए सरकारी कागजों के घोड़े ही दोडाये जा रहे हैं

कंपनियों द्वारा धोखाधड़ी की गतिविधियां के साथ तुलन-पत्र और वार्षिक रिटर्न जमा नहीं कराये जाने की घटनाएँ वृद्धि पर हैं जिसकी रोक थाम के लिए महज सरकारी कागजों के घोड़े दोडाये जा रहे हैं| यह स्वीकार किया जा चुका है कि दर्जनों मामले गंभीर धोखाधड़ी से जुड़े हैं और उनमें से ज्यादातर मार्केटिंग’ योजनाओं से जुड़े हैं | यह भी सीकारा जा चुका है कि धोखाधडी के मामलों कि जाँच के लिए आवश्यक कर्मियों लगभग ५०% कमी है ऐसे में लाखों निवेशकों की गाढ़ी कमाई डूबने का अंदेशा है|
कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराये गए आंकड़ों के अनुसार २००९-१० में १९४३६२ मामलों में कंपनियों ने तुलन पत्र जमा नहीं कराया तो २०११-१२ में यह संख्या २२९८९२ हो गई है | अर्थार्त कुल ३५५३० डिफाल्टर बड़े
वार्षिक रिटर्न नहीं जमा करने वाली कंपनियों की संख्या में ३५५१९ कंपनियों की वृद्धि बताई गई है|[२२९२८७-१९३७६८]
अब इसके अलग संसद में बताया गया कि तुलन पत्र और वार्षिक रिटर्न न भरने वाली कंपनियों के विरुद्ध की गई कार्रवाई में ११०२ की कमी आई है|बेशक यह २०१०-११ के मुकाबिले २०११-१२ में ५७७ अधिक मामलों मेंकार्यवाही हुई है लेकिनतीन वर्षों के आंकड़ों की तुलना में यह बेहद कम है|
जिन कंपनियों ने पिछले तीन वर्ष के दौरान अपने तुलन-पत्र और वार्षिक रिटर्न जमा नहीं की हैं उनका ब्योरा इस प्रकार है :
अवधि=======कंपनियों की सं.तुलन-पत्र ==============वार्षिक रिटर्न====================================३५५३०====३५५१९
2009-१०=====१९४३६२================================================193768
2010-११======२०८०८७==================================================207438
2011-१२======२२९८९२==================================================229287
हाल ही में लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री श्री सचिन पायलट ने बताया कि पिछले तीन वर्ष के अंदर तुलन पत्र और वार्षिक रिटर्न न भरने वाली कंपनियों के विरुद्ध की कार्रवाई का विवरण इस प्रकार है
अवधि=====================कार्रवाई का विवर तुलन-पत्र===वार्षिक रिटर्न
2010-11===================1981==================१४७२====================११०२=====================
2011-12====================3097==================३००४
2012-13=====================879==================२०५९======-५७७============
कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने संसद में यह स्वीकार किया है कि उच्च रिटर्न ऑफर करने के जरिए निवेशकों के साथ कथित धोखाधड़ी के लिए कुछ कंपिनियों की शिकायतें मिली हैं। मंत्री सचिन पायलट ने लिखित प्रश्न के उत्तर में बताया कि पिछले तीन वर्ष के दौरान और वर्तमान वर्ष में मंत्रालय ने 125 ऐसी शिकायतों के मामले में कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 235/237 के तहत जांच के आदेश दिए हैं। इनमें से ज्यादातर शिकायतें गंभीर धोखाधड़ी की हैं।
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि मंत्रालय ने ऐसी धोखाधड़ी से निपटने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। राज्यों को प्राइज चिट और मनी सर्कुलेशन स्कीम (बैनिंग)एक्ट, 1978 के तहत कड़ी कार्रवाई करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। अनाधिकृत कंपनियों की निगरानी के लिए वित्त मंत्रालय को भी लिखा गया है। निवेशकों को चेतावनी देने के लिए बल्क एसएमस की व्यवस्था शुरू की गई है।

M C I Inspected 31 And Rejected 6 Colleges, 5 Of Which Are From The States Not Ruled By U P A

M C I Inspected 31 And Rejected 6 Colleges 5 Of Which Are From The States Not Ruled By U P A
Medical Council Of India [M C I] carried out inspection of 31 medical colleges during 2013-14 and proposed rejection for opening of 6 medical colleges ,which is much less then the previous years.
Interestingly five out of six have been rejected from the states which are not ruled by UP A.and Fifty Percentage colleges are rejected from U P Only.During 2011-12 Inspectors inspected 6 Colleges out of which they rejected 2 colleges.During 2012-13 i out of 3 colleges were rejected. Apart from this 1 each from Chattisgarh and Tamil Nadu are rejected.
This Inspection was also carried out in Bihar[2colleges],Delhi[1college]Haryana[1],HimachalPradesh[1]Karnataka[3]Kerala[2]Maharaashtra[1]But these all were granted positive nod .
[1] During 2011-12== 43 colleges were inspected and 22 were rejected
[2] during 2012-13==33 colleges were inspected and 13 were rejected
[3]During 2013-14 ===6 out of 31 colleges have only been rejected for opening
The MCI has recommended to the Ministry of Health & Family Welfare for withdrawal of recognition for reported irregularities in respect of Santosh Medical College,[with 100 seats] Ghaziabad and Subharti Medical College, Meerut.[100 seats] The matter has been referred back to Board of Governors for re-examination.The Fate of students, specially quota students, have not been Unveiled.Both Colleges have 100 U G seats each.
Reservation Quota is prescribed for admission to undergraduate
Union Minister of Health & Family Welfare Shri Ghulam Nabi Azad in written reply to a question in the Lok Sabha has informed that Medical colleges are established/recognized as per the provisions of Indian Medical Council (IMC) Act, 1956 and the Regulations made thereunder. For this purpose, the Medical Council of India (MCI) inspects the medical colleges to assess the standards of examination and facilities available at the college as per the minimum standard requirement as prescribed in Medical Council of India Regulation, 1999.

भाजपा जानती है समय से पहले चुनाव नहीं होंगे फिर भी दबाब के लिए राष्ट्रपति से सिफारिश का अनुरोध किया

L K Advani Addressing Media After Meeting President

L K Advani Addressing Media After Meeting President

भाजपा को मालूम है के समय से पहले चुनाव नहीं होंगे फिर भी केंद्र सरकार पर दबाब बनाने के लिए आज चुनाव के लिए राष्ट्रपति से सिफारिश का अनुरोध किया| भाजपा के एक शीर्ष न्रेतत्व मंडल ने आज राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात कर अनुरोध किया कि वह सरकार को जल्दी आम चुनाव कराने का सुझाव दें क्योंकि मौजूदा आर्थिक संकट की स्थिति में देश में चुनाव ही एकमात्र विकल्प है। राष्ट्रपति को सौंपे गए ज्ञापन पर एल के अडवाणी+ राजनाथ सिंह+ श्री मति सुषमा स्वराज+अरुण जेटली ने हस्ताक्षर किये हैं|
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर उपप्रधान मंत्री लालकृष्ण आडवाणी+पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह + नेता प्रतिपक्ष[लोक सभा ] श्री मति सुषमा स्वराज और अरुण जेटली[राज्य सभा]+पूर्व केन्द्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा +पूर्व रक्षा मंत्री जसवंत सिंह+पूर्व अध्यक्ष वेंकैया नायडू+अनंत कुमार और रविशंकर प्रसाद ने आज राष्ट्रपति से इस संबंध में मुलाकात की।शुक्रवार को प्रणब मुखर्जी से मिलकर भाजपा के इन शीर्ष नेताओं ने देश की आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए शीघ्र चुनाव करने की मांग की| राष्ट्रपति को दिए ज्ञापन में भाजपा ने आग्रह किया है कि नवंबर में होने वाले तीन राज्यों के साथ ही लोकसभा चुनाव भी करा लिए जाएं। राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद श्री आडवाणी ने मीडिया को बताया के ‘मुझे पता है कि सरकार जल्द चुनाव नहीं कराएगी, लेकिन अगर राष्ट्रपति कोई प्रतिक्रिया देते हैं तो दबाव जरूर बनेगा।प्रधानमंत्री डॉ मन मोहन सिंह आर्थिक स्थिति सुधारने के स्थान पर विपक्ष की आलोचना मात्र करने लगते हैं| उन्होंने राज्यसभा में जिस तरह का भाषण दिया वह दुखद है। रविशंकर ने व्यंगात्मक शैली में कहा कि केंद्र सरकार खुद को बीमार मानेगी तभी तो उसके इलाज के लिए कार्यवाही की जा सकेगी| प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन के वक्तव्य को निराशा, नकारात्मकता और कड़वाहट भरा बताते हुए कहा है कि इसमें ईमानदारी की कमी है।
भाजपा प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति को यह याद दिलाने से भी नहीं चूका कि वित्त मंत्री बदहाली का ठीकरा बतौर पूर्व वित्त मंत्री उन्हीं (प्रणब) पर फोड़ रहे हैं, तो पीएम चुप रहकर इसका परोक्ष समर्थन कर रहे हैं। रविशंकर ने पत्रकारों से बातचीत में प्रणब का बचाव करते हुए कहा कि किसानों को कर्ज माफी का फैसला वर्तमान वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के ही समय में किया गया था|

सांसद जयन्त चौधरी ने भूमि अधिग्रहण में प्राधिकरणों की भूमिका को सीमित करने और सर्किल रेट में समयनुसार बदलाव की मांग की

सांसद जयन्त चौधरी ने भूमि अधिग्रहण में सरकार की भूमिका को सीमित करने के साथ सर्किल रेट में समयनुसार बदलाव की मांग लोक सभा में उठाई
राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव एवं लोकसभा सांसद जयन्त चौधरी ने लोकसभा में भूमि अधिग्रहण बिल पर चर्चा के दौरान इस विधेयक की सराहना की लेकिन इसके साथ ही उन्होंने भूमि अधिग्रहण के नाम पर प्राधिकरणों का कच्चा चिट्ठा खोलते हुए कहा कि समय के साथ हमें इस बिल में बदलाव के लिए तैयार रहना पड़ेगा। उन्होंने सरकार की भूमिका को भूमि अधिग्रहण में सीमित करने के लिए बल दिया तथा कहा कि सरकार की भूमिका लैंड यूज [दूरगामी] प्लानिंग तक ही सीमित रहनी चाहिए जिससे लांग टर्म एफिसिएंट लैंड मार्किट तैयार हो।
श्री चौधरी ने कहा कि सरकारी अधिकारियों का दायरा सीमित होना चाहिए तथा विकास प्राधिकरणों को जमीन बेचकर लाभ नहीं कमाना चाहिए। श्री जयन्त ने कहा कि सर्किल रेट को समय-समय पर बदलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जो सर्किल रेट हमने निर्धारित किया तो लम्बे समय तक यह प्रदेश सरकारों के लिए यह इंसेटिव बन जाएगा कि सर्किल रेट न बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि बहुत समय से लोगों की इच्छा रही है कि इस कानून में परिवर्तन होने चाहिए और आज एक महत्वपूर्ण कदम यह सदन लेने जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजनगर एक्सटेंशन तथा ग्रेटर नोएडा में भूमि अधिग्रहण के नाम पर प्राधिकरणों ने बहुत लाभ कमाया।

Recruitment of Orderlies ,to officers in Air Force and Navy, has Again been Red Signaled

The proposal for recruitment of orderlies ,to officers in Air Force and Navy, has again been Red Signaled but authorization of Sahayaks to officers and JCOs in the Army is still enjoying green signal .
Defence Minister Shri AK Antony in a written reply to Shri RudraMadhab Ray in Lok Sabha ,today. stated that there is no practice of appointment of orderlies to officers in Air Force and Navy.
However, Sahayaks are authorised to officers and JCOs in the Army as per their entitlement, while serving with formations functioning on war establishments.
Shri Antony informed that These Sahayaks are actually combatant soldiers who are entitled to regular pay, allowances and other benefits befitting to their rank in their hierarchy. As per recommendations of the Standing Committee on Defence, the system of Sahayaks in the Army has been taken up for review.

Government is Still planning to close down Military Farms

Government is still planning to close down Military Farms Government of India is examining the Proposal to close down Military Farms
Defence Minister Shri AK Antony in a written reply to Shri Dilip kumar Mansukhlal Gandhi in Lok Sabha today. informed
that Only 30 acres of land under Military Farm Meerut (Uttar Pradesh) has been made available to Indian Council of Agricultural Research (ICAR) for development of national milk breed for cow.
Military Farms at Meerut+Pimpari+ Bangdubi+ Ambala+ Lucknow +Jammu having a total of 27 bulls are rearing bulls for transfer to Bull Rearing Unit of ICAR. Data is also provided to ICAR, for analysis by Jhansi, Secunderabad, Guwahati, Pathankot, Jalandhar, Bareily and Jabalpur Military farms
Army HQ has already consented for the closure of this system of distribution of milk etc to the uniformed force .Audit has also declared it a uneconomical arrangement .
This decision will close down 39 military farms in Two Phases. there are n.a.23 thousands cattle