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Tag: New Satire

अफगान शरणार्थियों की सम्पत्ति का मुआवजा भी तालिबानी सरकार से वसूलो

                                                     झल्लीगल्ला

भारतीय गुरसिख

ओए झल्लेया!हिन्दू और सिखों को और कितने ज़ुल्म सहने होंगे!1947 में शुरू हुई पीड़ा का दर्द अभी भी हमे रुलाता है ।ऐसे में अब अफगानिस्तान से हसाडे लोगों का विस्थापन शुरू हो गया।ये तो भला हो भारत मे मोदी सरकार का जो ना केवल बचाव अभियान चलाए है बल्कि पीढ़ियों को शरण दे रही है और भारतीय नागरिकता भी देने के रास्ते साफ करती जा रही है।

झल्ला

अब समय आ गया है ।अब और विस्थापन रोकने को कमर कसनी ही होगी।इसके लिए

(1)पंजाब में होने जा रहे चुनांवों में सिख वोट बैंक और अंतराष्ट्रीय छवि मोह छोड़ कर शरणार्थी और घुंसपैठियो की  पहचान बारीकी से करनी होगी

(2)सीएए को तुरन्त लागू करना होगा

(3) पड़ोसी मुल्कों से भारत आ रहे शरणार्थियों की वहां छूट रही सम्पत्तियों का मुआवजा भीवसूलना होगा

(4)विस्थापितों को नागरिकता देने के साथ ही उन्हें बसाने के लिए तत्काल पर्याप्त ,सुरक्षित  यौजना बनानी होगी।

अक्सर ठप्प संसद भवन भी किराए पर उठा दें तो अच्छी खासी कमाई हो जाएगी

                                                       झल्लीगल्ला

भाजपाइचिंतक

ओए झल्लेया!मुबारकां!! ओए अब हसाडा मुल्क फिर से कहलायेगा “सोने की चिड़िया”

हसाडी होनहार वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन जी ने  उपयोग में नही आ रही सम्पत्तियों को किराए पर उठाने का निर्णय ले लिया है।पहले चरण में रेलवे+ स्टेडियम+ऊर्जा+सड़कों को किराए पर दिया जाएगा।ओए हसाडी जनसेवा को  समर्पित सरकार ने जनसेवा के लिए छह लाख करोड़ ₹जुटाने को कमर कस ली है।अब तो भारत का बुनियादी ढांचा मजबूत होवे हीहोवे

झल्ला

हाँ जी

अब सरकारी सम्पत्तियों पर कब्जे के डर से निजात मिल जाएगी।किरायेदार जाने और जाने आंदोलनकारी

वैसे झल्लानुसार अगर अक्सर ठप्प रहने वाले संसद (पुराना)भवन को भी किराए पर उठा दिया जाए तो यहां शादी ब्याह+पार्टी+मीटिंग्स से अच्छी खासी कमाई हो सकती है।

पँजांब के गन्ना किसान राज्य सरकार के असली दांत देख कर ही आंदोलन जारी रखें

अफगान शरणार्थी और घुसपैठियों की जांच परख में काईयाँपन दिखाना होगा

झल्लीगल्लां

चिंतित हिंदूवादी

ओएJhalla Cartoon झल्लेया! ये मोदी सरकार की मति मारी गई है जो अफगानिस्तान से शरणार्थियों को भारत के लिए e visa देने को  उदारता दिखा रहा है।देख तो  एनशिएन्ट Ancient राजा पोरस ने सिकन्दर के विरोधियों को  शरण दी और झेलम चिनाब की जंग हार बैठे। आधुनिक भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने दलाईलामा को शरण दी तो चीन का ड्रैगन आज तक फुंकार रहा है।अब अफगानिस्तान के तालिबान को भी उंगली करनी शुरू हो गई है।ये तो वोही बात हुई कि पैर पर कुल्हाड़ी नही लगी तो कुल्हाड़ी पर ही पैर दे मारो।

झल्ला

झल्लाओ भापा जी! खातिर जमीत रखो! शरणागत को शरण देने की परिपाटी का तो  आपने स्वयम बखूबी  बखान कर ही दिया ।वैसे एआप जी की चिंतावामिब है जिसके निराकरण के लिए भारत सरकार को शरणार्थी और  उनके भेष में घुसपैठियों की जांच परख में उदारता के बजायकाईयाँपन दिखाना होगा।

उन्हें एक स्थल पर ही पर्याप्त सुरक्षाघेरे में रख कर मूवमेंट पर सक्षम लगाम लगानी होगी।वरना तो समझो गई भैंस पानी में

अफगान शरणार्थी और घुसपैठियों की जांच परख में काईयाँपन दिखाना होगा
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रजिस्ट्रेशन प्लेट आई नही,फ्री की सर्विस से फ्री करो (व्यंग)

(#व्यंग) महान मुल्क भारत में बेशक 80 करोड़ लोग मुफ्त के सरकारी राशन को मोहताज़ है लेकिन अच्छी कंडीशन की महज महीने में 20 किलोमीटर चलने वाली पेंशनर की स्कूटी महज 15 वर्ष पुरानी होने पर वाहनकमेले में भिजवा कर हुकूमतें विकासविकास का गान कर गौरान्वित होती है।

व्यंग

व्यंग

अब हमारी स्कूटी किसी आंदोलनरत किसान  के ट्रेक्टर सरीखा तो है नही सो अभयदान का पात्र नही है।इसी अपमानजनक तमगे से निजात दिलाने को श्रीमती जी ने 83 हजार ₹ की नई स्कूटी का वरदान दे दिया।अब चुनांचे नोटबन्दी के पश्चात सब कुछ चल रहा है सो डेबिट कार्ड से भुगतान करने पर 1 %अतिरिक्त का भुगतान लाजमी है।

नए का पूरा सम्मान है।सो कुर्सी और दीवान के मध्य स्थान है।पेट्रोल 100 के पार है सो हौंसले की दरकार है

ईमानदार शासन और प्रशासन को भी सलाम है इसीलिए एक माह से रजिस्ट्रेशन नंबर और प्लेट का धैर्य से इन्तेजार है।वाहन कंपनी की पिल रही है इसीलिए या तो रजिस्ट्रेशन के बगैर वाहन चलाओ और चलान कटवाओ ।और  तो और 15 दिन में गाड़ी चलाओ या ना चलाओ शुरू की फ्री सर्विस से फ्री होना लाजमी है

Vikas

Vikas

जहां तक विकास की बात है तो वाकई में विकास के दावों कोझुटलाया नही जा सकता।मैंने जब सरकारी नॉकरी शुरू की टाओ दूसरी तनख्वाह पर ही एक  साईकल (बिना घण्टी+लाइट) ले पाया था, सुपरनुअशन तक महज साईकल से लूना,स्कूटर,स्कूटी तक ही पहुंच पाया। ।पिछले  दिनों उसी (जो कभी अपना था)विभाग की रिहायशी कॉलोनी में जाने का अवसर मिला तो देखा कि जितने फ्लैट्स हैं उनके सामने उससे ज्यादा चौपहिया खड़े हैं।

माननीय रमण जी!कानून के हाथ बेशक लम्बे है लेकिन पीड़ितों को न्याय देने में छोटे हैं

                                                 झल्लीगल्लां

पुलिसपीड़ितनागरिक

ओये झल्लेया!अब तो माननीय मुख्य न्यायाधीश एन वी रमण जी ने भी स्वीकार कर लिया है कि पुलिस थानों में अघोषित unrecorded थर्ड डिग्री के हर किसी पर इस्तेमाल से मानवाधिकारों का हनन होता है। ओए इससे संविधान की धज्जियां उड़ा कर निर्दोषों को भी आसानी से  मौत की नींद सुला दिया जाता है।

झल्ला

भापा जी! आपजी का दुखड़ा जायज है।कानून के हाथ बेशक लम्बे कहे जाते है लेकिन आम जनता को न्याय नही दे पा रहे।वास्तव में पॉलिटिक्स में वोटबैंक की राजनीति के कलंक से ही अधिकांश नागरिक अधिकारों से वंचित है।अब देखो 1947 के रिफ्यूजी आज भी अपने हक/मानावाधिकार के लिए संघर्ष कर रहे हैं लेकिन हुक्मरानों के कानों में जूं नही रेंग रही।कानून का रास्ता बेहद महंगा है सो पिसने को मजबूर है।ऐसे ही भृष्ट नेता पुलिस थानों का भी दुरुपयोग करने से बाज नही आते ।

हमलावर सांसद सदन में रहें या जाएं कोई फरक नही पैंदा जी,बिल तो पास हो ही रहे हैं

झल्लीगल्लां

काँग्रेसीचीयरलीडर

ओए झल्लेया!

संसद में ये कैसी तानाशाही का दौर शुरू हो गया???

मोदी सरकार बिना विपक्ष के ही सारा बिजनेस चलाने पर तुली हुई है।

राज्यसभा में हसाडे नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जी ने वरिष्ठता का परिचय देते हुए उच्च सदन में तृणमूल कांग्रेस के छह सदस्यों के निलंबन पर केंद्र सरकार को चेतावनी दे दी है कि मोदी सरकार विपक्षी सांसदों को  बाहर निकालकर सदन चलाना चाहती है, लेकिन कांग्रेस और उसके सहयोगी झुकने वाले नहीं हैं
झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाणा !विपक्ष ने संसद की कार्यवाही के दौरान ही जनहित के मुद्दों पर क्या चर्चा कर ली???

शोर शराबे से जी नही भरा तो पुर्जे फाड़ कर स्पीकरों की तरफ उछाल दिए।अब हुक्मरानों को बिजनेस तो चलाना ही है ,अब चर्चा हो या ना हो।विपक्ष के चुनिंदा सांसद सदन में रहें या जाएं कोई फरक नई पैंदा जी।

 

 

तोड़ूफोड़ू गैंग को सकारात्मक राजनीति में लाने के लिए इच्छाशक्ति से कानून चाहिए

                                              झल्लीगल्लां

कश्मीरीपंडित

ओए झल्लेया!

हसाडे धाकड़ नरेंद्रभाईदामोदरदास मोदी जी ने कमाल कर दिया।ओए भटक हुए पत्थरबाज कश्मीरी युवकों को राह पर लाने के लिए कितना बढ़िया फरमान जारी करवा दिया।ओए कश्मीर में अब पत्थरबाजों को ना तो सरकारी नॉकरी मिलेगी और ना ही विदेश जाने के लिए वीसा दिया जाएगा।ओए अब सब ठीक हो जासी।हमे यहां बसने में आसानी हो जासी।

झल्ला

पंडित जी!गल तो आप दुरुस्त फर्मा रहे हो ।लेकिन आपजी के मोदी जी इसी कानून को पूरे देश मे सख्ती से अमल में क्यूँ नही ला रहे? इस एक कानून से तोड़ूफोड़ू गैंग सकारात्मक राजनीति करने लगेंगे

टीएमसी ने पर्चा फाड़ने के लिए क्या नोटिस दिया था???व्यंग

23/7/2021

झल्ली गल्लां

टीएमसी ने पर्चा फाड़ने के लिए क्या नोटिस दिया था???व्यंग

टीएमसी का छुटभैय्या ;

ओये झल्लेया! देख संसद में  लोकतंत्र का कैसा मजाक उड़ाया जा रहा है। ओये बिना  सदन की कार्यसूची में शामिल किए बगैर हमारे  माननीय सांसद शांतनु सेन जी को निलंबित कर दिया।ओये हमने भी कच्ची गोलियां नही खेली हैं।अगर हमारे सेन दादा को तुरन्त बहाल नही किया गया तो हमने संसद के दोनों सदनो की कार्यवाही ठप्प कर  देनी है 

झल्ला

दादा! बात तो आप खूब भालो बोला।आपको तो  बीच दरिया से मछियां पकडने का हुनर भी मालूम है लेकिन इक गल दस्सो?

जासूसी मामले को भुनाने के चक्कर मे सेन दादा ने वरिष्ठ सदन(राज्यसभा )में जो मंत्री के हाथों से छीन कर वक्तव्य के पुर्जे पुर्जे करके चेयर की तरफ उछाल कर सीना चौड़ा किया,क्या यह टीएमसी के नोटिस में शामिल था?

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वजीफे,मुंहदिखाई,इस्तीफे वाले एपिसोड से पीएमओ की असफलताएं ढंक गई

झल्लीगल्लां
भजपाईचेयरलीडर
ओए झल्लेया!देखा हसाडे धाकड़ मोदी साहब का कमाल।

केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार

केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार

ओए नए ऊर्जावान 36 मंत्री बना कर मंत्रिमंडल को ब्राह्मण+पिछड़े+ओबीसी+महिलाआदि आदिसे सुसज्जित कर लिया है ।
अब यूपी और पंजाब में हसाडा डंका बजे ही बजे
झल्ला
झल्लाचतुर सेठ जी!बेशक आप इस एपिसोड “स्पेशल 36 ” में नयों को मुंह दिखाई पर दिए वज़ीफों पर फूल के कुप्पा हो जाओ मगर डॉ हर्षवर्धन+रविशंकरप्रसाद सहित 12 मंत्रियों से जो इस्तीफे लेकर पीएमओ की असफलताओं का ठीकरा फोड़ा गया है उस पर मौन क्यूँ???