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Tag: DR MAN MOHAN SINGH

प्रधान मंत्री ने रुपये की गिरावट के लिए देश और विदेशों में घटी अप्रत्याशित घटनाओं के साथ ही विपक्ष को भी जिम्मेदार ठहराया

प्रधान मंत्री ने रुपये की गिरावट को अस्थाई बताते हुए इसके लिए देश और विदेशों में घटी अप्रत्याशित घटनाओं के साथ ही विपक्ष को भी जिम्मेदार ठहराया प्रधानमंत्री डॉ .मनमोहन सिंह ने आज रुपये में तेज गिरावट पर चुप्पी तोड़ते हुए पहले लोक सभा और बाद में राज्य सभा में बयान दिया| “वर्तमान में रुपये की विनिमय दर में उतार-चढ़ाव पर सरकार की चिंता व्यक्त की| उन्होंने इसके लिए स्पष्टीकरण देते हुए देश और विदेशों में घटी अप्रत्याशित घटनाओं का विवरण भी सुनाया|इसके साथ ही उन्होंने लाबित पड़े अनेकों आवश्यक कानून का हवाला देते हुए विपक्ष और राज्य सरकारों पर भी भड़ास निकाली|
उन्होंने कहा कि देश के बाहर घटी कुछ अप्रत्याशित घटनाओं से बाजार पर विपरीत प्रतिक्रिया हुई है जिसके कारण रुपये की कीमत में तेजी से और अप्रत्याशित गिरावट आई। 22 मई, 2013 को यू.एस. सेन्ट्रल बैंक ने यह संकेत दिया था कि वह जल्द ही मात्रात्मक मूल्य में धीरे-धीरे कमी लाएगा क्योंकि अमेरिका की अर्थव्यवस्था में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। इससे उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में पूंजी के प्रवाह पर विपरीत प्रभाव पड़ा जिसके फलस्वरूप न केवल रुपये में, बल्कि ब्राजील की रियाल, तुर्की की लीरा, इंडोनेशिया के रुपिया, दक्षिण अफ्रीका के रैंड और अन्य मुद्राओं में भी तेजी से गिरावट आ रही है।
जहां वैश्विक कारणों जैसे कि सीरिया में तनाव और यू.एस. फेडरल रिजर्व द्वारा मात्रात्मक मूल्य में धीरे-धीरे कमी लाने की नीति अपनाए जाने से उभरती बाजार मुद्राओं में सामान्य गिरावट आई है, वहीं हमारे चालू खाते में भारी घाटे और कुछ अन्य घरेलू कारणों से विशेष रुप से रुपया प्रभावित हुआ है। हम चालू खाता घाटे को कम करना चाहते हैं तथा अर्थव्यवस्था में सुधार लाना चाहते हैं।
वर्ष 2010-11 और इससे पूर्व के वर्षों में हमारा चालू खाता घाटा काफी सामान्य था और 2008-09 के संकट वाले वर्ष में भी इसका वित्त पोषण करना मुश्किल नहीं था। तभी से इसमें गिरावट आने लगी है, जिसके मुख्य कारण भारी मात्रा में सोने का आयात, कच्चे तेल के आयात और हाल ही में कोयले की ऊंची कीमतें रही हैं। निर्यात के क्षेत्र में, हमारे प्रमुख बाजारों में कमजोर मांग के कारण हमारा निर्यात का बढ़ना रुक गया है। लौह अयस्क के निर्यात में आई गिरावट के कारण भी निर्यात और अधिक प्रभावित हुआ है। इन सभी कारणों से हमारा चालू खाता घाटा निरंतर बढ़ा है।
स्पष्ट है कि हमें सोने के प्रति अपना मोह कम करना होगा, पेट्रोलियम उत्पादों का मितव्ययतापूर्ण इस्तेमाल करना होगा और अपने निर्यातों को बढ़ाने के उपाय करने होंगे।हमने चालू खाता घाटे को कम करने के उपाय किये हैं। हाल की तिमाही में विकास दर घटी है। मैं आशा करता हूं कि वर्ष 2013-14 की पहली तिमाही में विकास दर अपेक्षाकृत सामान्य रहेगी। लेकिन, मेरा यकीन है कि जैसे-जैसे अच्छे मानसून के नतीजे सामने आएंग, वैसे-वैसे विकास दर भी बढ़ेगी|
पी एम् ने तरलता की समस्यापर बोलते हुए कहा कि कई परियोजनाएं अव्यवहार्य नहीं हैं, बल्कि वे केवल विलंबित हैं। जबकि इसके विपरीत, दूसरे देशों में काफी संख्या में परियोजनाएं बनाए जाने के कारण बैंकिंग क्षेत्र में समस्याएं उत्पन्न हुई हैं। जैसे-जैसे ये परियोजनाएं सुचारु होंगी, वैसे-वैसे वे राजस्व सृजित करेंगी तथा ऋणों का भुगतान करेंगी। हमारे बैंकों के पास आधारभूत मानदंडों से अधिक पूंजी है और गैर-निष्पादनकारी परिसंपत्तियों के निष्पादनकारी होने तक उन्हें वित्तपोषित करने की क्षमता है। विगत में आसान सुधार किए जा चुके हैं। अब हमें सुधार के लिए कड़े कदम उठाने होंगे। इन सुधारों में सब्सिडी में कमी, बीमा और पेंशन संबंधी सुधार, अफसरशाही लाल फीताशाही को दूर करना और माल एवं सेवा कर लागू करना शामिल हैं। ये आसान सुधार नहीं हैं, इनके लिए राजनैतिक सहमति की आवश्यकता है।मैं, यहां सभी राजनैतिक दलों के सदस्यों से अनुरोध करुंगा कि वे समय की मांग पर ध्यान दें। कई आवश्यक कानून राजनैतिक सहमति न होने के कारण लंबित हैं। माल तथा सेवा कर जैसे सुधार, जिसे सभी लोग विकास दर फिर से हासिल करने हेतु आवश्यक मानते हैं, के लिये राज्यों की सहमति की आवश्यकता है। हमें ऐसे मुद्दों पर सहमति बनाने की आवश्यकता है। मैं राजनैतिक दलों से आग्रह करता हूं कि वे इस दिशा में कार्य करने और अर्थव्यवस्था को स्थायी विकास की राह पर वापस लाने के सरकार के प्रयासों में मदद करें।

राष्ट्रीय न्रेतत्व ने भगवान कृष्ण की जन्‍माष्‍टमी पर शुभकामनाएं देते हुए राष्ट्र को निष्‍काम कर्म का सन्देश दिया

राष्ट्रीय न्रेतत्व ने राष्ट्र को भगवान कृष्ण की जन्‍माष्‍टमी पर शुभकामनाएं दी और भगवान कृष्ण के उपदेशों का अनुसरण करते हुए निष्‍काम कर्म करने का सन्देश दिया|
राष्‍ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ,प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह और उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कृष्ण जन्‍माष्‍टमी पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं।

President of India extends greetings on the Occasion of the Janmashtmi

President of India extends greetings on the Occasion of the Janmashtmi

[१]राष्‍ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने अपने संदेश में कहा है कि इस पवित्र दिन पर हमें भगवान कृष्‍ण के उपदेशों को याद करना चाहिए, जो शताब्दियों से हमारे लिए प्रेरणा रहे हैं ताकि, हम मन, वचन और कर्म से सही रास्‍ते पर चलते रहें।
श्री मुखर्जी ने कहा है कि भगवान कृ‍ष्‍ण का बिना किसी फल की इच्‍छा किये ‘निष्‍काम कर्म’ का संदेश हमें देश में शांति, खुशहाली और प्रगति के लिए नि:स्‍वार्थ भाव से मिलकर काम करने की प्रेरणा दे।
[2]उपराष्‍ट्रपति श्री एम. हामिद अंसारी ने अपने सन्देश में कहा कि यह त्‍यौहार देशभर में उत्‍साह और धर्मनिष्‍ठता के साथ मनाया जाता है। उन्‍होंने कहा कि यह भगवान कृष्‍ण के इस महत्‍वपूर्ण संदेश को याद करने का उचित अवसर है कि जो व्‍यक्ति किसी से जुडे बिना या किसी घटना से प्रभावित हुए बिना अपने कर्तव्‍य को कारगर ढंग से पूरा करता है वह जीवन में प्रसन्‍नता और बंधन से मुक्ति प्राप्‍त करता है।
उप-राष्ट्रपति श्री एम हामिद अंसारी

उप-राष्ट्रपति श्री एम हामिद अंसारी


prime minister dr man mohan singh

prime minister dr man mohan singh

प्रधानमंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने जन्माष्टमी के मौके पर देशवासियों को बधाई देते हुए अपने बधाई संदेश में कहा कि जन्माष्टमी बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्सव है। उन्होंने कहा कि इस मौके पर हमें भगवान श्रीकृष्ण का वह सनातन संदेश स्मरण करना चाहिए जिसमें फल की चिंता किए बगैर अपना कर्तव्य निभाने की बात कही गई है। प्रधानमंत्री ने लोगों को जीवन में खुशहाली, शांति और विकास की शुभकामनाएं दी।

बिहार रेल दुर्घटना में ३५ श्र्धालू मरे : प्रधानमंत्री ने शोक व्यक्त किया

बिहार रेल दुर्घटना में ३५ श्र्धालू मरे : प्रधानमंत्री ने शोक व्यक्त किया
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने बिहार में मानसी रेल खंड पर ख‍गडि़या जिले के बदला घाट रेलवे स्‍टेशन के निकट हुई रेल दुर्घटना में श्रद्धालुओं की मृत्‍यु पर गहरा दु:ख व्‍यक्‍त किया है। प्रधानमंत्री ने रेल मंत्रालय को बचाव और राहत कार्य चलाने के लिए सभी उपलब्‍ध संसाधनों को भेजने का निर्देश दिया है। प्रधानमंत्री ने लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की है ताकि बचाव और राहत कार्य बिना किसी बाधा के सुचारू रूप से चलाया जा सके।
आज सुबह सहरसा-पटना राज्यरानी इंटर सिटी एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आकर 35 लोगों की मौत हो गई जिनमें से अधिकतर कांवड़िया थे।पी टी आई ने अपर पुलिस महानिदेशक :विधि व्यवस्था: एस के भारद्वाज के हवाले से बताया है कि इस दुर्घटना में 35 लोगों के मरने की सूचना है।

डॉ मन मोहन सिंह ने ,संसद के मानसून सत्र में विपक्ष का सामना करने से पूर्व, आज मीडिया को संबोधित किया

प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने संसद के मानसून सत्र में विपक्ष का सामना करने से पूर्व आज मीडिया को संबोधित किया और सत्र के सदुपयोग पर अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की|इस प्रेस वार्ता के माध्यम से उन्होंने विपक्ष को भी सकारात्मक रूख अख्तियार करने का सन्देश दिया | प्रधानमंत्री ने कहा कि ”संसद का मानसून सत्र आज[सोमवार] शुरू हो रहा है। मुझे पूरी उम्‍मीद है कि‍ सदन यह सुनि‍श्‍चि‍त करेगा कि‍उसके ठोस और सचमुच सार्थक परि‍णाम सामने आएं।” प्रधानमंत्री ने आज यह बात संसद भवन में मीडि‍या से बातचीत करते हुए कही। उन्‍होंने कहा कि‍ हमने पि‍छले दो-तीन सत्रों के दौरान पहले ही काफी समय बर्बाद कि‍या है। मुझे उम्‍मीद है कि‍वही बात इस सत्र में भी नहीं दोहराई जाएगी। सरकार अपनी तरफ से हर मुद्दे पर सदन में चर्चा के लि‍ए तैयार है और इसीलि‍ए मैं वि‍पक्ष से अपील करता हॅूं कि‍वह सरकार के साथ संसद का यह सत्र चलाने में सहयोग करे तथा सुनि‍श्‍चि‍त करे कि‍यह सत्र रचनात्‍मक और सार्थक रहे।
इस अवसर पर पत्रकारों ने प्रश्न भी किये उतरा प्रदेश में दुर्गा शक्ति नागपाल के उत्पीडन से सम्बंधित एक प्रश्‍न पर पी एम् ने कहा कि
-सरकार ने इसके लि‍ए नि‍यम नि‍र्धारि‍त कर रखे हैं, जि‍नका पालन कि‍या जाएगा।केंद्र लगातार राज्‍य सरकार के सम्‍पर्क में हैं और मामले के पूरे वि‍वरण मालूम किया जा रहा है|
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Dr. Manmohan Singh interacting with the media before the Monsoon Session of Fifteenth Lok Sabha, in New Delhi on August 05, 2013.
The Minister of State for Personnel, Public Grievances & Pensions and Prime Minister’s Office, Shri V. Narayanasamy and the Minister of State for Parliamentary Affairs & Planning, Shri Rajiv Shukla are also seen.

डॉ.मनमोहन सिंह ने एसोचेम की बैठक में, चालू खाता घाटे को नियंत्रित करने के लिए, प्रतिबद्धता जताई

प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने एसोचेम की 92वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित किया। उन्होंने समस्‍या के मांग पक्ष और आपूर्ति पक्ष दोनों का समाधान करके चालू खाता घाटे को नियंत्रित करने के लिए प्रतिबद्धता जताई | विश्व के प्रसिद्द अर्थ शास्त्री डॉ सिंह ने ऐसे मुद्दों को छुआ जिन्हें लेकर औद्योगिक घराने चिंतित है और ऐसे छेत्रों कि चर्चा की जहां कार्रवाई किए जाने की आवश्‍यकता है|उन्होंने ईमान दारी से समस्याओं को स्वीकार किया लेकिन इसके साथ ही उज्जवल अर्थ व्यवस्था का भरोसा भी दिलाया |
उन्होंने कहा कि वर्तमान में चिंता का सर्वाधिक तात्‍कालिक कारण विदेशी मुद्रा बाजार में हाल का उतार-चढाव है। इसमें से अधिकांश अमरीका द्वारा फेडरल रिजर्व बैंक द्वारा क्‍वांटिटेटिव ईजिंग थर्ड (Quantitative Easing III) को वापस लेने की संभावना को देखते हुए विश्‍व के बाजारों की प्रतिक्रिया के रूप में है। विकासशील बाजारों से बड़ी मात्रा में राशि हटा ली गई और तुर्की, ब्राजील तथा दक्षिण अफ्रीका सहित अनेक विकासशील देशों की मुद्राओं की कीमतों में गिरावट आई । हमने भी रूपये के विनिमय मूल्‍य में उल्‍लेखनीय गिरावट देखी है। हमारे मामले में संभवत: यह स्थिति इस कारण बिगड़ गई कि अदायगी संतुलन में हमारा चालू खाता घाटा 2012-13 में सकल घरेलू उत्‍पाद के 4.7 प्रतिशत के कारण बढ़ा ।
उन्होंने उपाय के रूप में सोने और पैट्रोलियम उत्‍पादों की मांग को कम करने की आवश्‍यकता पर बल दिया |
उन्होंने बताया कि सोने की मांग को नियंत्रित करने के उपाय किए गए हैं जिनके सकर्ताअमक नतीजे प्राप्त हुए हैं लेकिन पैट्रोलियम उत्‍पादों के छेत्रों में किये प्रयास अभी आशाजनक परिणाम नही दे पाए हैं क्योंकि अमेरिकी डॉलर के मुकाबिले भारतीय रुपये की कीमत गिरी है|हमने पिछले साल पैट्रोलियम उत्‍पादों की कीमतों को सही करने की प्रक्रिया शुरू की थी। डीजल की कीमतों में धीरे-धीरे हो रहे सुधार ने कम वसूलियों के अंतर को लगभग 13 रूपया प्रति लीटर से घटाकर 2 रूपये प्रति लीटर ला दिया है। दुर्भाग्‍य से इस उपलब्धि के कुछ अंश को रूपये के मूल्‍य में गिरावट ने निरस्‍त कर दिया है। तथापि, कम वसूलियों को धीरे-धीरे समाप्‍त करने के लिए मूल्‍यों को समायोजित करने की हमारी नीति जारी है। जहां तक आपूर्ति का संबंध है हमें, अपने निर्यात को बढावा देने की आवश्यकता है। रूपये के मूल्‍य में गिरावट इसमें सहायक होगी। निस्‍संदेह निर्यात के आकार के रूप में इसका लाभ मिलने में समय लगेगा, लेकिन जो अनुबंध अब से किए जाएंगे, उनका निश्चित रूप से लाभ होगा। हम भी लौह-अयस्‍क और अन्‍य अयस्‍कों के निर्यात में बाधाओं को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। इनके निर्यात में पिछले एक साल के दौरान विशेष गिरावट आई है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने रूपये के मूल्‍य में गिरावट को रोकने के कई उपाय किये हैं। शुरू में उसने डॉलरों को बाजार में फैंका। इससे किसी हद तक सहायता मिली। अभी हाल में उसने अल्‍पकालिक ब्याज दरें बढ़ाने के अन्‍य उपाए किए हैं। ये उपाय दीर्घकालिक ब्याज दरों में वृद्धि के संकेतक नहीं हैं। इनका उद्देश्‍य मुद्रा में वायदे के दबाव को रोकना है। मुझे आशा है कि एक बार इन अल्‍पकालिक दबावों के नियंत्रण में आने पर रिजर्व बैंक इन उपायों को वापस लेने पर भी विचार कर सकता है।
।उन्होंने नकारात्‍मक भावनाओं को हावी न होने देने का अनुरोध भी किया ।

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Dr. Man mohan Singh lighting the lamp to inaugurate the 92nd Annual General Meeting of ASSOCHAM, in New Delhi on July 19, 2013.

प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने भूटान के पीडीपी नेताओं को चुनाव में जीत पर बधाई के साथ सहयोग का आश्वासन भी भेजा

प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने भूटान के पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी [पीडीपी] नेताओं को चुनाव में जीत पर बधाई के साथ सहयोग का आश्वासन भी भेजा | भूटान के पीडीपी नेताओं के लिए प्रधानमंत्री के संदेश का अनूदित पाठ इस प्रकार है:
” पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की सफलता के साथ-साथ भूटान में ऐतिहासिक दूसरे लोकतांत्रिक चुनाव में नेशनल असेम्बली में आपके चुने जाने पर मुझे महामहिम को बधाई देते हुए बहुत खुशी हो रही है।
मैं इस अवसर पर आपको उन कदमों के लिए भारत एवं इसकी जनता के अटल और पक्के समर्थन का आश्वासन देता हूं जो भूटान लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और संस्थाओं को मजबूत करने के लिए उठा रहा है। भारत सामाजिक-आर्थिक प्रगति एवं विकास में भूटान और वहां की जनता का विशिष्ट सहयोगी है। हमारे द्विपक्षीय संबंध विश्वास , आपसी भरोसे और समझ की बुनियाद पर टिके हैं। मैं इन अनोखे और विशेष पारंपरिक रिश्तों के संरक्षण के लिए भूटान को भारत की कभी कम न होने वाली प्रतिबद्धता फिर दुहराता हूं। भारत भूटान और उसके हितों के प्रति संवेदनशील है और रहेगा।
मैं इस बात पर भी बल देता हूं कि भारत-भूटान संबंध अनुकरणीय हैं तथा ये भूटान के महामहिम ड्रुक ग्यालपोस के मार्गदर्शन और दूरदर्शिता तथा दोनों देशों की सरकारों के रचनात्मक सहयोग से कई दशकों से सावधानीपूर्वक फल-फूल रहे हैं। हमारा प्रयास रहेगा कि ये रिश्ते और मजबूत हों। मुझे दोनों देशों की जनता के फायदे के लिए अपने सहयोग को और बढ़ाने के लिए आपके और आपके सहयोगियों के साथ काम करने की उम्मीद है। इसलिए मैं अपनी सरकार के अधिकारियों को पहले ही निर्देश दे चुका हूं कि भूटान की सहायता के लिए हमारी योजना पर चर्चा की तैयारी करें।
मैं उम्मीद करता हूं कि आप जल्दी ही भारत आकर अपने स्वागत का अवसर देंगे।
महामहिम कृपया मेरी हार्दिक शुभकामनाएं और तहे दिल से सहयोग का आश्वासन स्वीकार करें। ”

विनिर्माण पर उच्च स्तरीय समिति की बैठक में 100 सीट वाले विमान बनाने का फैसला लिया गया

प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने आज ,नई दिल्ली में ,विनिर्माण पर उच्च स्तरीय समिति की बैठक की । विज्ञान और टेक्नोलॉजी, भारी उद्योग, नागर विमानन, इस्पात, कपड़ा तथा मझोले और लघु उद्योग मंत्रालय के अधिकारी बैठक में शामिल हुए । बैठक में योजना आयोग के उपाध्यक्ष मौजूद थे । इसमें मुख्य रूप से राष्ट्रीय विनिर्माण स्पर्धा परिषद के प्रस्तावों पर विचार विमर्श हुआ ।
बैठक कपड़ा और इस्पात क्षेत्र में तेजी लाने तथा तीन क्षेत्रों- नागर विमान उत्पादन, इलेक्ट्रिक हाईब्रिड वाहन तथा एडवांस मेटेरियल के लिए दूरगामी दृष्टिकोण अपनाने के लिए बुलाई गई थी ।
बैठक में नागर विमान विकसित करने के लिए रणनीतिक निर्णय लिया गया । 70 से 100 सीट वाले विमान बनाने का फैसला हुआ । बैठक में कहा गया कि एनएएल, एचएएल तथा अन्य संस्थानों की मदद डिजाइन क्षमता विकसित करने में ली जाएगी । देश के निजी क्षेत्र के संस्थानों तथा विदेशी संस्थानों की मदद विकास और उत्पादन में साझेदारी के लिए ली जाएगी । उच्च स्तरीय समिति ने इलेक्ट्रिक/हाईब्रिड वाहन, तिपहिया वाहन, मिनी बस और बसों की पायलट परियोजनाएं दिल्ली में शुरू करने को मंजूरी दी । आवश्यक मंजूरी के बाद अन्य शहरों में ऐसा करने का फैसला किया गया । बैठक में माना गया कि भारत की क्षमता इलेक्ट्रिक तथा हाईब्रिड वाहन निर्माण का गढ़ बनने की है । पहला पायलट प्रोजेक्ट दिल्ली में अगस्त में लॉन्च किया जाएगा ।
एडवांस मैटेरियल के बारे में विनिर्माण पर उच्च स्तरीय समिति ने महसूस किया कि एडवांस मैटेरियल के लिए टेक्नोलॉजी हासिल करने तथा समन्वित रूप से अनुसंधान और विकास प्रयासों पर जोर दिया जाएगा ।
श्रम प्रोत्साहन वाले कपड़ा क्षेत्र के बारे में समिति ने नई स्पर्धा नीति की मंजूरी दी । इस क्षेत्र में रोजगार सृजन के साथ-साथ विश्व बाजार में खासकर परिधान क्षेत्र में अपनी पहुंच बढ़ाने पर जोर दिया गया ।
इस्पात उद्योग के बारे में उच्च स्तरीय समिति ने अगले दशक के मध्य तक 300 मिलियन टन इस्पात उत्पादन का लक्ष्य तय किया । इसके लिए एक मास्टर प्लान बनाया जाएगा ।

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शांति दूत महात्मा बुद्ध की तपस्थली महा बोधि मंदिर में हुए बम धमाकों की सर्वत्र निंदा

शांति दूत महात्मा गौतम बुद्ध की तपस्थली महा बोधि मंदिर में लगातार ९ बम धमाकों की सर्वत्र निंदा की गई है |
भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी+,प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह+उपराष्‍ट्रपति हामिद अंसारी +केंद्रीय संस्‍क‍ृति मंत्री, श्रीमती चंद्रेश कुमारी कटोच आदि ने बिहार स्थित दुनिया भर के बौद्धों के परम पूजनीय महा बोधि मंदिर में 7 जुलाई २०१३ की प्रात हुए सीरियल विस्फोटों पर दुःख और गहरी चिंता व्यक्त की है।
[१] राष्ट्रपति ने विस्फोटों में घायल होने वालों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने जनता से शांति बनाए रखने और संयम बरतने तथा दोषियों को दंड दिलाने में प्रशासन के साथ सहयोग करने का भी आह्वान किया।
[२]प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी मिली-जुली संस्कृति और परंपराएं हमें सभी धर्मों का सम्मान करना सिखाती हैं। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों पर ऐसे हमले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। उन्होंने बोध गया की हिंसा में घायल होने वालों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की ।
[३]उपराष्‍ट्रपति ने अपने बयान में कहा कि यह नृंशस और कायराना कृत्‍य इसलिए और भी ज्यादा निंदनीय है, क्‍योंकि इसमें पूजा स्‍थल और वहां मौजूद श्रद्धालुओं को निशाना बनाया गया है।उन्होंने इन विस्फोटों को शांति के महान दूत गौतम बुद्ध को समर्पित मंदिर में पूजा अर्चना के लिए एकत्र हुए श्रद्धालुओं और भिक्षुओं को निशाना बनाकर किया गया नृशंस कृत्य करार देते हुए इनकी निंदा की।
[४]केंद्रीय संस्‍क‍ृति मंत्री, श्रीमती चंद्रेश कुमारी कटोच ने पवित्र स्‍थल पर हुए हमले की कड़े शब्‍दों में निं‍दा की है और घायलों के शीघ्र स्‍वस्‍थ होने की कामना की है। उन्‍होंने कहा कि भले ही बोध गया मंदिर केंद्रीय संरक्षित स्‍मारक नहीं है, यह एक विश्व धरोहर स्‍थल है। उन्‍होंने भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण (एएसआई) को फौरन इस बात का आकलन करने को कहा है कि कहीं स्‍थल को किसी तरह का नुकसान तो नहीं पहुंचा है। उन्‍होंने एएसआई को जरूरत पड़ने पर सुधार के कदम उठाने का निर्देश दिया है।
[५] बिहार के मुख्य मंत्री नितीश कुमार ने घटना स्थल का दौरा किया
[६] गुजरात के मुख्य मंत्री नरेन्द्र भाई मोदी ने ट्विटर पर ट्विट करते हुए इस आतंक वादी घटना को कायरता पूर्ण हमला बताया है| उन्होंने इसे विश्व के बोद्ध समाज और भारत के लिए दुखद बताया है
बिहार के बोध गया में आज 7 जुलाई, 2013 को प्रात सवा पांच बजे से लेकर छह बजे तक मंदिर+और टूरिस्ट बस में सिलसिलेवार बम धमाके हुए। इस घटना में लोग घायल हुए हैं, लेकिन बोध गया मंदिर, बोधि वृक्ष और मंदिर के समीप स्थित ढांचों को सुरक्षित बताया जा रहा है| इसकी सुरक्षा का दाईत्व वहां की एक सुरक्षा एजेंसी के जिम्मे है| अब जांच एन आई ऐ को सौंप दी गई है|

श्रीमती सुजाता सिंह को विदेश सचिव के पद के लिए सलेक्ट किया गया :MEA

५९ वर्षीय श्रीमती सुजाता सिंह[१९७६] को विदेश मंत्रालय में [ M E A ]देश की अगली विदेश सचिव सलेक्ट किया गया है| उनकी नियुक्ति को प्रधानमंत्री डॉ .मनमोहन सिंह ने मंजूरी दे दी है। श्रीमती सुजाता वर्तमान में जर्मनी में भारत की राजदूत हैं|
भारतीय विदेश सेवा अधिकारी [ IFS] श्रीमति सुजाता वर्तमान विदेश सचिव रंजन मथाई की जगह लेंगी। मथाई 31 जुलाई को अपने पद से सेवानिवृत [ Superannuate ] होंगे पूर्व आईबी प्रमुख टीवी राजेश्वर की बेटी सुजाता के पति संजय सिंह इसी साल अप्रैल में सचिव (पूर्व) के पद से रिटायर हुए हैं।

डॉ मन मोहन सिंह ने टिएर २ और ३ के शहरों में भी नए हवाई अड्डों के निर्माण को हरी झंडी दी

प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के नए कम लागत वाले हवाई अड्डों के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी है|
इसके अलावा[१] भुवनेश्वर और इंफाल में दो नए अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे भी बनाये जाने हैं|
[२]सरकारी-निजी भागीदारी के जरिए नवी मुम्बई+जुहू+गोवा+कन्नूर+पुणे+श्री पेरेम्ब्दूर+बेल्लारी और रायगढ़ में 8 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों का काम सौंपा जाना है:
[३]चेन्नई+ कोलकाता+ लखनऊ+ गुवाहाटी+जयपुर+अहमदाबाद में में सरकारी-निजी भागीदारी के जरिए हवाई अड्डा परिचालन और रखरखाव शुरू किया जाएगा।
[४]आन्ध्र प्रदेश+मध्य प्रदेश+उत्तर प्रदेश+अरुणाचल प्रदेश+असम+झाड़खंड+बिहार+पंजाब+ओड़िसा+राजस्थान+महाराष्ट्र में कम लागत वाले ५० नए हवाई अड्डे बनेंगे|इनमे से अधिकाँश टिएर२ &३ वाले शहर हैं|