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Tag: Political Jokes

गुजरात में अमेरिकी आये नरेन्द्र मोदी की मेहमाननवाजी की तारीफ़ की फिर खाए पीये और खिसक लिए


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक भाजपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया मुबारकां| ओये अमेरिका भी आ ही गया अपने नरेन्द्र मोदी के नीचे |भारत भ्रमण पर आये अमेरिकियों ने अपना झुकाव गुजरात के मुख्‍यमंत्री मोदी की तरफ दर्शा दिया|इस अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल में आये यूएस कांग्रेस के सदस्‍य ऐरन शॉक ने हसाड़े स्टार नेता मोदी को अमेरिका आने के लिये न्‍योता भी दे दिया है |ऐरन इलि‍नोइस के प्रतिनिधि ऐरन शॉक ने मीडिया से बातचीत में भी कहा कि मोदी ने गुजरात के शैक्षिक एवं सामाजिक स्‍तर को काफी ऊपर उठाया है, इसकी उन्होंने सराहना भी की है| ओये अब तो हो जायेगी बल्ले बल्ले और बाकि सारे थल्ले थल्ले

 गुजरात में अमेरिकी आये नरेन्द्र मोदी की मेहमाननवाजी की तारीफ़ की फिर खाए पीये और खिसक लिए

गुजरात में अमेरिकी आये नरेन्द्र मोदी की मेहमाननवाजी की तारीफ़ की फिर खाए पीये और खिसक लिए

झल्ला

हाँ सेठ जी कहा गया है कि घर का जोगी जोगना ही रहता है जबकि बाहर का सिद्ध कहलाता है|अब बाहर देश बोले तो अमेरिका ने भी मोदी के लेस गवर्नमेंट मैक्सिमम गवर्नेंस के सिद्धांत को मान लिया है नेशनल इंडियन अमेरिकन पब्लिक पॉलिसी संस्‍थान द्वारा आयोजित टूर में आये इन अमेरिकियों ने आप जी के नरेन्द्र मोदी को न्यौता देकर मोदी का मान बेशक बढाया है लेकिन अमेरिका से न्यौता के साथ वीजा मिलने पर ही मोदी को सिद्ध कहा जा सकेगा| वरना तो यही कहा जाएगा कि

अमेरिकी आये खाए पीये और खिसक लिए

तमिल नाडू में श्रीलंकन क्रिकेटर्स नही खेलेंगे:पिक्चर अभी बाकी है


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक क्रिकेट प्रेमी

ओये झल्लेया हसाडी राजनीती किस दिशा में हमें ले जा रही है ? अब तमिल नाडू में फरमान जारी हो गया है कि तमिल नाडू में होने वाले इंडियन प्रीमियर लीग [आई पी एल ]के मई में दो मैचों में श्रीलंकन प्लेयर्स को खेलने नही दिया जाएगा| ओये यार कल कहा जाएगा कि पूरे देश में श्रीलंकन प्लेयर्स को खेलने नहीं दिया जाएगा|भाई ऐसा कैसा चलने दिया जा रहा है|

झल्ला

अरे मेरे भोले बालक ये लड़ाई राजनितिक वर्चस्व के लिए है|वहां की विपक्षीऔर केंद्र में यूं पी ऐ की सहयोगी रही पार्टी डी एम् के ने श्रीलंका में तमिल के उत्पीडन को मुद्दा बना कर एक बड़ी लकीन खींच दी है|अब २०१४ के चुनाव आने वाले हैं इन चुनावों में कहीं डी एम् के के हाथ तीर न लग जाये इसीलिए मुख्य मंत्री जय ललिता ने यह तुक्का चला दिया है|अब आई पी एल वाले भी ठहरे शुद्ध व्यापारी सो उन्होंने इस तुक्के को भी सर आँखों पर धारण करके मान लिया कि तमिल नाडू में खेले जाने वाले दोनों मैचों में श्रीलंकन प्लेयर्स को नही खिलाया जाएगा|मैच अगले माह पूरे देश में

तमिल नाडू में श्रीलंकन क्रिकेटर्स नही खेलेंगे:पिक्चर अभी बाकी है

तमिल नाडू में श्रीलंकन क्रिकेटर्स नही खेलेंगे:पिक्चर अभी बाकी है

खेले जाने हैं सो पिक्चर अभी बाकी है|

चश्मा चडा है हर तरफ कोई नज़र नही पिलाती: रिंद बने नहीं जन्नत भी हाथ से गई

नज़रें मिलते ही दीखता था कभी रंग गुलाबी ।
दिल से लेकर आत्मा भी हो जाती थी शराबी ।।
इस उम्र में ये क्या सितम है मेरे पालन हार।
न ही वोह नज़र है और ना ही वोह खुमार।।
चश्मा चडा है हर तरफ कोई नज़र नही पिलाती
लाल,गुलाबी रंग शबाबी सारे हो गए अब किताबी
शराब के भी पैग अब तो बस मिलते हैं हिसाबी|
रिंद तो बन नहीं सके जन्नत भी हाथ से गई

दिग्विजय सिंह सत्ता के दूसरे वैकल्पिक केंद्र के साथ भाग्य आजमा रहे हैं तो इसमें एतराज क्या है


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक दुखी कांग्रेसी

ओये झल्लेया ये हसाड़े राजा दिग्विजय सिंह को कौन सा कीड़ा काट गया ?ओये अच्छे खासे भाजपाइयों को निशाना बनाते बनाते अब अपनी कांग्रेस को ही ले बैठे |राजा जी कह रहे हैं कि सरकार में एक नहीं सत्ता के दो केन्द्र हैं |[१] यूं पी ऐ अध्यक्षा[२]पी एम्
और यहीं नही रुक रहे |कह रहे हैं कि यह व्यवस्था ठीक नहीं है सत्ता का एक मात्र केंद्र प्रधान मंत्री ही होना चाहिए|अब राजा जी के इस फरमान को भाजपाई चुनावी मुद्दा बनाने के धमकी देने लगे हैं| भई एक बात बताओ हसाडी अध्यक्षा श्रीमती सोनिया जी ने ही तो डाक्टर मन मोहन सिंह को पी एम् बनाया है ऐसे में कैसे पी एम् से कम रह सकती हैं|पी एम् से ऊपर नहीं तो बराबर रहना तो बनता ही है|

दिग्विजय सिंह सत्ता के दूसरे वैकल्पिक केंद्र के साथ भाग्य आजमा रहे हैं तो इसमें एतराज क्या है

दिग्विजय सिंह सत्ता के दूसरे वैकल्पिक केंद्र के साथ भाग्य आजमा रहे हैं तो इसमें एतराज क्या है

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाण जी ये तो आप भी मानोगे कि आपके राजा जी ने अपने बयानों से आपकी सत्ता के कन्द्रों को संभाले रखा है |लेकिन दुर्भाग्य से इन्हें संभालने के लिए कोई आगे नहीं आया|वैसे तो इतिहास गवाह है जब किसी को भी बेरोकटोक काटने की आदत पड़ जाती हैऔर काटने के लिए उसे कोई नहीं मिलता तब वोह अपने को ही काटने लगता है|
इन्होने एक केंद्र को संभालने के लिए उस केंद्र के महत्वपूर्ण केंद्र राहुल गाँधी को पी एम् बनाने के लिए पार्टी में बज रहे बैंड में अपने ट्रम्पेट को शामिल किया तो आपलोग भड़क गए|ऐसे में झल्लेविचरानुसार सत्ता के दूसरे वैकल्पिक केंद्र के साथ भाग्य आजमाने में क्या हर्ज़ है?