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Category: Social Cause

ठाकरे परिवार के विरुद्ध सिवान में गदर्भ प्रदर्शन

लगता है कि अब राजनीति राष्ट्रनीति नहीं रह गई क्योंकि अब

File Photo

सिवान [बिहार] में सोमवार को युवा कांग्रेस अध्यक्ष रिजवान अहमद के नेतृत्व में सैकड़ों युवा काग्रेसी कार्यकर्ताओं ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे समेत बाल ठाकरे, उद्धव ठाकरे के विरुद्ध गदर्भ [ गधा] लेकर शहर के जेपी चौक पर विरोध प्रदर्शन किया।
युवा कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने शहर के मुख्य मार्ग होते हुए जेपी चौक पर गदर्भों के साथ प्रदर्शन किया तथा राज ठाकरे के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग की।
इसके बाद अध्यक्ष रिजवान अहमद ने राज ठाकरे के मनसे पर प्रतिबंध लगाते हुए मनसे को अलगाववादी घोषित करने की मांग की।
राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के ये प्रदर्शनकारी मुंबई का चूहा राज ठाकरे, उद्धव ठाकरे बाहर आओ के नारे लगा रहे थे।
गौरतलब है कि महाराष्ट्रा में हुए अपराध पर अपराधिक ब्यान महाराष्ट्रा में जारी किये गए हैं|कांग्रेस वहां सत्ता में है राष्ट्रीय पार्टी है मगर महाराष्ट्रा में कोई प्रतिक्रिया व्यक्त करने के बजाये बिहार में छोटा मौटा नौटंकी करके इतिश्री कर ली गई है| असली आतंकवाद और आतंकवादियों कि शरण स्थली का मुद्दा पार्श्व में डाल दिया गया है|यह देश के लिए दुर्भाग्य पूर्ण साबित हो सकता है|

संत के चरण कमलों में मुक्ति मार्ग है

चारि पदारथ जे को मांगै, साध जना की सेवा लागै
जे को आपुना दुखु मिटावै, हरि-हरि नामु रिदै सद गावै
जे को अपुनी सोभा लोरै, साध संगी इह हउमै छोरै
जे को जनम मरण ते डरे , साध जना की सरनी परै .

भाव:

चारों पदार्थों ( धर्म, अर्थ,काम,मोक्ष) में से कोई कुछ चाहे तो उसे सद्गुरु की सेवा करनी चाहिए. अगर किसी को
दुःख और कष्टों से छुटकारा पाने की इच्छा हो तो उसे अपने आन्तरिक ह्रदय आकाश की गहराई में जाकर शब्द (नाम)
के साथ संपर्क स्थापित करना चाहिए. अगर किसी को अपनी प्रसिद्धि और नाम की इच्छा हो तो किसी संत की संगत
में जाकर अपने अहंकार का त्याग करना चाहिए. अगर किसी को जीने- मरने के कष्ट से डर लगता है तो किसी संत
के चरण कमलों का सहारा ढूँढना चाहिए.
गुरु वाणी गुरु अर्जुन देव जीl

संसद में आज भी कोयले की स्याही उडी शोर में ध्वनिमत से तीन विधेयक पारित

संसद के मौजूदा मानसून सत्र के आखरी सप्ताह के पहले दिन भी कैग के कोयले की स्याही ही उडी आज कुल मिला कर १४ दिन बर्बाद हुए| और संसदीय कार्यवाही और मर्यादा तार तार हो गई|
|केंद्र सरकार में अगर अनाधिकृत अनुपस्थितियों के मध्य सरकारी अवकाश आता है तो उसे भी अनाधिकृत अनुपस्थिति ही माना जाता है| इसीलिए प्रति दिन पौने दो करोड़ के हिसाब से कैग की भाषा में साडे चौबीस करोड़ रुपयों की हानि हो चुकी है |
संसद के मॉनसून सत्र के आखिरी हफ्ते की शुरुआत भी आज सोमवार को कोलगेट पर हंगामे से हुई, जिसके कारण लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गयी।
एक बार स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही दोपहर बारह बजे जैसे ही शुरू हुई बीजेपी एवं उसके सहयोगी दलों के सदस्य अध्यक्ष के आसन के पास आकर रोजाना की तरह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग को लेकर नारे लगाते रहे। ये सदस्य प्रधानमंत्री गद्दी छोड़ों, प्रधानमंत्री इस्तीफा दो और कोयले की दलाली में पूरी कांग्रेस काली है, जैसे नारे लगा रहे थे।
इस हंगामे के दौरान संसदीय मर्यादाओं का मखौल उड़ाते हुए ध्वनि मत से तीन विधेयक पारित किए गए, जबकि एक विधेयक चर्चा के लिए पेश किया गया।जब शोर के चलते सदन चलाना संभव नहीं तो ध्वनि मत से तें विधेयक पास करना अपने आप में हास्यास्पद ही कहा जाएगा|
[१] पूर्वोत्तर क्षेत्र पुनर्गठन संशोधन विधेयक २०११[२] महिलाओं को कार्यस्थल पर लैंगिंग उत्पीड़न से संरक्षण विधेयक 2010 तथा [३]भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण संशोधन विधेयक 2011।
सदन में हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के नियोजन का प्रतिवैध और उनका पुनर्वास विधेयक 2012 को चर्चा के लिए पेश किया गया।
कोयले पर गतिरोध समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है|कोयला मंत्री श्री प्रकाश जायसवाल ने न्यायिक जांच कराये जाने की सम्भावनाओं से इनकार कर दिया है और अंतर मंत्रालयों की रिपोर्ट आने पर दोषिओं के लायसेंस केंसिल करने की बात कही है|

बिहार में कुख्यातों की संपत्ति जब्त होगी

बिहार प्रदेश को अपराधियों की शरणस्थलि प्रूव करने में बेशक मुम्बईकर ठाकरे परिवार दिन रात एक कर रहा है मगर बिहार सरकार ने यह लेबल हटाने को एक कदम आगे बड़ा दिया है|
बिहार प्रदेश में अपराधियों की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान में जेल में बंद कुख्यात अपराधियों की संपत्ति जल्द ही जब्त कर ली जाएगी।
बीते हफ्ते बिहार पोलिस प्रमुख श्री अभयानंद ने कहा था कि अपराधियों से सख्ती से निपटने और अपराधों को रोकने के लिए कुख्यात अपराधियों की संपत्ति जब्त की जाएगी। संपत्ति जब्त करने के लिए प्रदेश के कुख्यात अपराधियों की लिस्ट बना ली गई है|
अभी तक राज्य सरकार केवल अधिकारियों और मध्यस्थों द्वारा बेईमानी से बनाई गई संपत्ति को जब्त करती थी।यह पहली बार है, जब बिहार में अपराधियों की संपत्ति जब्त की जा रही है। बेशक महाराष्ट्र सरकार द्वारा विदेशी या स्वदेशी आतंकवाद से निबटने के बजाय बिहार सरकार के खिलाफ राज ठाकरे जैसे नेताओं को शह दे जा रही है मगर बिहार में अपराधियों पर लगाम कसने को कवायद जारी है|

अरविंद केजरीवाल को एरेस्ट करके ओब्लाईज़ नहीं किया

अरविंद केजरीवाल इंडिया अगेंस्ट करप्शन[आई ऐ सी] के अन्य प्रमुख नेताओं के साथ आज सोमवार को दिल्ली के संसद मार्ग पोलिस थाने पर गिरफ्तारी देने पहुंचे लेकिन पोलिस ने उन्हें एरेस्ट करके ओब्लाईज़ नहीं किया | ठाणे के बाहर सेकड़ों समर्थक काफी देर तक नारे लगाते रहे भजन गाते रहे और अपना विरोध दर्ज़ कराते रहे| केजरीवाल ने आरोप लगाया कि 26 अगस्त को हुए प्रदर्शन के बाद पुलिस बड़ी संख्या में उनके कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर बेवजह परेशान कर रही है।
इस आरोप पर पुलिस ने आश्वासन दिया है कि आगे से इंडिया अगेंस्ट करप्शन के कार्यकर्ताओं को तंग नहीं किया जाएगा। इस आश्वासन के बाद आई ऐ सी के सभी लोग थाने के बाहर आ गए।
थाने के बाहर उन्होंने प्रधानमंत्री, सरकार और पुलिस पर कई आरोप भी लगाए।
आई ऐ सी के सुप्रीमो ने कहा कि घोटेलेबाजों के खिलाफ निहत्थे प्रदर्शन करने वालों पर पुलिस लाठियां चलाती है। एक घंटे के भीतर 5 एफआईआर दर्ज कर लेती है लेकिन देश का लाखों करोड़ रुपया लूटने वालों के खिलाफ एक जांच तक नहीं की जाती। थाने में उन्होंने कार्यकर्ताओं पर लगे सारे आरोपों को अपने ऊपर लेने की बात भी कही और अपनी गिरफ्तारी की पेशकश की |पुलिस ने श्री केजरीवाल को गिरफ्तार नहीं किया। इसके पहले केजरीवाल ने ऐलान किया था कि अगर पुलिस उन्हें गिरफ्तार करती है तो वह जमानत नहीं लेंगे।
गौरतलब है कि 26 अगस्त को हुए आदोलन के बाद दिल्ली पुलिस ने अरविंद केजरीवाल और उनके साथियों के खिलाफ दंगा फैलाने,सरकारी कामकाज में बाधा डालने समेत 5 मामले दर्ज किए थे। उनके सैकड़ों कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया गया। अरविंद और उनके साथी इसी का विरोध कर रहे हैं। संसद मार्ग थाना पहुंचने वालों में अरविंद के अलावा मनीष सिसोदिया+कुमार विश्वास+संजय सिंह+गोपाल राय के अलावा सैकड़ों अन्य कार्यकर्ता भी थे।
इसीबीच आई ऐ सी की महत्वपूर्ण सदस्या किरण बेदी ने आज भी इस गिरफ्तारी आन्दोलन से दूरी बनाए रखी|उन्होंने अपनी बात दोहराते हुए कहा है की वः किसी भी राजनीतिक आन्दोलन का हिसा नहीं बनेंगी|जबकि केजरीवाल ने किरण बेदी को इस आन्दोलन में शामिल हो जाने का आग्रह किया है|इसके अलावा अन्ना हजारे ने किरण और केजरीवाल में दिनोदिन बड़ती जा रही दूरी पर चिंता व्यक्त की है और शीघ्र इन्हें नज़दी लाने का प्रयास करने की बात भी कही है|[फाइल फोटो]

राज ठाकरे भस्मासुर हैं या कांग्रेस के संकट मौचक

मनसे प्रमुख ने राज ठाकरे द्वारा मुम्बई में ११ अगस्त को हुए दंगों को महाराष्ट्र बनाम बिहार बनाने का प्रयास किया जा रहा है इससे इन्हें कुछ लोग अपनी सुविधानुसार भस्मासुर तो कोई जरनैल सिंह भिंडरवाले की संज्ञा दे रहे हैं तो एक बड़ा तबका ठाकरे को कांग्रेस के लिए संकट मौचक के रूप में देख रहा है|
बिहार के लोगों को मुंबई से खदेड़ने के बयान पर अपनी राजनितिक छिचालेदर करवा चुके महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे अब अपना गुस्सा हिंदी मीडिया पर निकाल रहे हैं।
मीडिया पर हमला

मुम्बई में उन्होंने हिंदी मीडिया पर आरोप लगते हुए कहा कि हिंदी मीडिया उन्हें गलत तरीके से पेश कर रही है और उनके बयानों को तोड़ मरोड़कर पेश कर रही है। उन्होंने हिंदी मीडिया को धमकी दी है कि यदि उन्होंने अपना खेल नहीं सुधारा तो वह मुंबई में उनका खेल बंद कर देंगे। इस बीच, राज की धमकी के मद्देनजर मीडिया चैनलों ने मुंबई में अपने पत्रकारों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार से गुहार लगाई है। वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने राज के बयान पर उन्हें सिरफिरा कहा है।

श्री ठाकरे ने रविवार को हिंदी चैनलों पर खुद को बदनाम करने का आरोप जड़ दिया। उन्होंने ऐसे

चैनलों को सीधी-सीधी धमकी दी की यदि उन्होंने अपना यह खेल बंद नहीं किया तो उन्हें उन चैनलों का खेल बंद करना पड़ेगा

मनसे कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे प्रमुख ने अंग्रेजी चैनलों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें देश से कोई मतलब नहीं है।
ठाकरे पहले भी न्यूज चैनलों पर उनकी बात को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाते रहे हैं।
उनका यह नया बयान उन पर इन दिनों हो रहे चौतरफा हमलों से उपजी खीझ माना जा रहा है। देश के सभी प्रमुख नेताओं ने राज के उस हालिया बयान की निंदा की थी
, जिसमें उन्होंने बिहारियों को घुसपैठिया बताकर महाराष्ट्र से खदेड़ने की धमकी दी थी। रियलिटी म्यूजिक शो ‘सुरक्षेत्र’ को लेकर दिग्गज गायिका आशा भोसले पर अपने बयान को भी राज ने सही ठहराया है। शो में पाकिस्तानी गायकों की मौजूदगी का विरोध कर रहे राज ने कहा, आशा भोसले को पता ही नहीं कि देश में क्या हो रहा है? राज के अनुसार पाकिस्तानियों का विरोध दो देशों के बीच का मुद्दा है। विरोध करने पर ही पाकिस्तान के रवैये में सुधार आएगा। राज ने
आशा भोंसले पर
इससे पहले कहा था कि

सिर्फ पैसों के लिए आशा भोसले ऐसे कार्यक्रमों में हिस्सा ले रही हैं।

बिहार की प्रतिक्रिया
राज के बयान पर भड़के बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे को लेकर महाराष्ट्र और केंद्र सरकार पर खूब बरसे।

राज ठाकरे को सिरफिरा करार देते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र और महाराष्ट्र अगर ऐसे तत्वों से नहीं निपट सकते, तो आतंकवाद से क्या मुकाबला करेंगे? लोकतांत्रिक समाज में क्या कोई इस तरह की बातें करता है? कांग्रेस पर हमें अचरज है। कांग्रेस सरकार ने महाराष्ट्र में शासन को आउटसोर्स कर

दिया है। नीतीश संवाददाताओं से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बंदरघुड़की से कोई डरने वाला नहीं है। चार टैक्सी या टेंपो वालों को पीटकर खुद उसका वीडियो बनाते हैं और टीवी चैनलों को प्रसारण के लिए देते हैं, ताकि लोगों में उनका डर बने। मैं ऐसे लोगों को मुंह नहीं लगाना चाहता। बिहार और उत्तर प्रदेश का ही नहीं, बल्कि कोई भी भारतवासी देश में कहीं जाना चाहे, उसे कोई नहीं रोक सकता। प्रधानमंत्री अभी खुद कई समस्याओं से घिरे हैं। जरूरत पड़ी तो इस मामले में उनसे भी मिलेंगे। बिहार में इस मामले पर सभी पार्टियां एकजुट हैं।
केंद्र सरकार दिल्ली के मुख्य सचिव
इस मुद्दे पर बिहार के लोगों का हौंसला बढाने के लिए स्वयम आर के सिंह को कैमरा के सामने आकर बिहारियों की सुरक्षा का आश्वासन देने पडा है|
पोलिस कार्यवाही
मुख्यमंत्री के मुताबिक पुलिस को गिरफ्तारी का अधिकार है। लेकिन दूसरे राज्य में गिरफ्तारी करने से पहले स्थानीय पुलिस को सूचना देनी चाहिए। बिहार में बाहर की पुलिस द्वारा बिना सूचना दिए की गई कुछ गिरफ्तारियों की हमने गृह मंत्रालय से शिकायत की थी। गृह मंत्रालय ने स्थानीय पुलिस को सूचना देने संबंधी सर्कुलर जारी किया। इसके बावजूद महाराष्ट्र पुलिस ने बिहार से गलत तरीके से गिरफ्तारी की। यह कौन सा तरीका है, लोगों को ‘लिफ्ट’ कर लिया जाता है? इससे कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है। ऐसा लगता है, उन्हें किडनैप किया जा रहा है। राज्य के डीजीपी ने मुंबई पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर कड़ी आपत्ति जतायी है। साफ कहा गया है कि आगे से बिना सूचना के गिरफ्तारी न हो। कांग्रेस सरकार इसका ख्याल रखे। विदित हो कि मुंबई के आजाद मैदान में शहीद स्मारक पर तोड़फोड़ करने वाले शख्स को पिछले दिनों महाराष्ट्र पुलिस ने बिहार से स्थानीय पुलिस को सूचना दिए बगैर गिरफ्तार किया था।
शरद यादव ने भी राज ठाकरे के बयान पर आपत्ति जाहिर की है। उन्होंने कहा कि

राज ठाकरे कांग्रेस के हाथ की कठपुतली हैं

कांग्रेस महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा गठबंधन के खिलाफ मनसे प्रमुख राज ठाकरे का इस्तेमाल कर रही है।
इसके अलावा वर्तमान में घोटालों में घिरी केंद्र सरकार के तरफ से ध्यान बटाने के लिए राज ठाकरे का इस्तेमाल किये जाने के भी आरोप लग रहे हैं|
टीवी चैनलों ने की सुरक्षा के लिए गुहार
मनसे प्रमुख राज ठाकरे की धमकी को लोकतंत्र की जड़ों पर प्रहार करार देते हुए समाचार चैनलों ने महाराष्ट्र सरकार से सुरक्षा की गुहार लगाई है। ब्राडकास्ट एडीटर्स एसोसिएशन ने रविवार को एक बयान में कहा कि मुंबई में असामाजिकतत्वों से मीडियाकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
बयान में कहा गया है, हमने राज ठाकरे की हिंदी समाचार चैनलों को दी गई धमकी को गंभीरता से लिया है। लोकतांत्रिक समाज में ऐसे बयान स्वीकार्य नहीं हैं। ऐसी टिप्पणियां संविधान, कानून के शासन और समाज के प्रति उनके असम्मान को दर्शाती हैं।
व्यापक जनहित को देखते हुए केंद्र व महाराष्ट्र सरकार को इस संबंध में तत्काल कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए|
अब राज भस्मासुर हैं+कठपुतली हैं+सरफिरा हैं या फिर कांग्रेस के संकट मौचक यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा मगर फ़िलहाल ठाकरे के जो मुद्दे हैं लगभग बरसों पहले इन्ही के डी एन ऐ वाली शिव सेना भी उठाती रही है उनका आज तक कोई समाधान नहीं हुआ है|जिस व्यापक तरीके से वहां लोगों का आना जारी है उससे स्थानीय नागरिक सुविधाओं का अभाव लाजमी है कमोबेश यही स्थिति दिल्ली में भी है|अब इन मूल भूत समस्यायों से आँखें मूँद कर कब तक इस बारूद के ढेर पर बैठा रहा जा सकता है|नेपाल के रास्ते बिहार या यूं पी और फिर महाराष्ट्र+ दिल्ली में प्रवेश बेहद आसान होगया है|असाम में तो हालात हाथ से निकलते दिखाई दे रहे हैं| म्यांमार में हिंसा को लेकर भारत के कई हिस्सों में हिंसा का होना और इस हिंसा के प्रति राजनीतिक संकीर्णता का भौंडा प्रदर्शन किसी भी द्रष्टि से देश हित में नहीं कहा जा सकता |
अगर देश से बाहर विदेशों पर नज़र डाली जाये तो अमेरिका+आस्ट्रेलिया+ब्रिटेन आदि में बाहर के नागरिकों के कारण असंतोष बढ़ता ही जा रहा है| यह असंतोष नस्ली हिंसा को बढावा दे रही है| मेरा मानना है की अगर कहीं कोई महामारी दिखाई दे रही है तब उससे बचाव के लिए उपाय किये जाने में कोई बुराई नहीं है |एक राज्य से दूसरे राज्य में रोज़गार की तलाश में जाने का हमारा पौराणिक चलन है और विका में असमानता के मध्य्नज़र आज इसकी बेहद जरुरत भी है|और जहां तक बात है जरनैल सिंह भिंडर वाले की तो ये भी कभी कांग्रेस के संकट मौचक हुआ करते थे मगर बहुत जल्द कांग्रेस के लिए ही भस्मासुर बन गए |इसीलिए अगर राज ठाकरे मौजूदा केंद्र सरकार की नज़र में संकट मौचक हैं तो एक संकट मौचक के भस्मासुर तक के सफ़र में पाजिटिव पालिटिक्स+समान विकास+ आंतरिक सुरक्षा के उचित और पर्याप्त उपाय के ब्रेकर्स लगाए जाने बेहद जरुरी हैं|

हर घडी प्रभु की रहमत+ बरकत का शुक्र अदा करो

नफस नफस मुझे लाज़िम है शुक्र का सजदा
कि मेरे दोस्त का अहसान है जिन्दगी मेरी

भावार्थ: मेरे लिए ज़रूरी है कि मैं हर लम्हा अपने प्रभु का शुक्राना अदा करूँ क्योंकि
मेरी यह जिंदगी उसी की देन है . यह मेरे गुरु का करिश्मा है कि इस नाशवान
दुनिया में उसने मुझे अबदी जिंदगी अता कर दी , एक अमर जीवन दे दिया .
इसलिए मैं हर घड़ी उसकी बरकत का , उसकी रहमत का जिक्र करता हूँ
रूहानी .शायरी : संत दर्शन सिंह जी महाराज

नरेन्द्र मोदी ने गूगल + हेंगआउट से नेट चेट की

केंद्र सरकार बेशक सोशल मीडिया पर नियंत्रण करने में अभी तक असफल हुआ है मगर गुजरात के मुख्य मंत्री नरेन्द्र मोदी ने गूगल + हेंगआउट का उपयोग करके भारतीय राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ दिया है|
स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती के मौके पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों से सीधे रूबरू होने के लिए गूगल पर ३१ अगस्त को कार्यक्रम रखा|
ओबामा तथा जूलिया गिलार्ड के बाद मोदी दुनिया के तीसरे नेता बन गए हैं जिन्होंने गूगल प्लस हेंगआउट पर जनता से सीधा संवाद किया ।
दुनिया भर से मिले हजारों सवालों में से चुने हुए दस सवाल का ही श्री मोदी ने जवाब दिया ।अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा तथा ऑस्ट्रेलियन प्रधानमंत्री जूलिया गिलार्ड के बाद मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी गूगल प्लस हेंगआउट पर जनता से संवाद करने वाले तीसरे राजनेता हैं| अभिनेता अजय देवगन ने इसकी एंकरिंग की है|,
सोशल मीडिया के विषय में भारतीय राजनेताओं को जानकारी शून्य है तभी इसके उपयोग से अनजान हैं |इसके ठीक उलट कुछ गलत लोग इसका फायदा उठा रहे हैं|असाम+मुम्बई+बेंगलूर+ अहमदाबाद+यूं पी आदि में सम्प्रदाईक दंगे तक हुए| इस पर पार न पा सकी सरकार अब पूरे वर्चुअल मीडिया पर ही प्रतिबंध या सेंसरशिप की बात करने लगी हैजबकि जनता के पास अपनी बात कहने के लिए इससे अच्छा और सस्ता माद्यम दूसरा नहीं है|यह बात चीन +मिस्र+इंग्लेंड+में भी साबित हो चुकी है| यह जनता से सीधे संवाद का यह एक बेहतरीन माध्यम भी है|देश की आबादी का लगभग १०% इससे जुडा बताया जा रहा है और इस १०% में सोशल मीडिया के उपयोग में नरेन्द्र मोदी ने सभी नेताओ को पछाड़ दिया है|यू ट्यूब+ट्विट्टर+ फेसबुक आदि पर श्री मोदी के ३०००००० से ज्यादा फालोवर्स+मित्र हैं |ट्विट्टर पर शशी थरूर भी अच्छा स्कोर रखते हैं|युवा राहुल गांधी और देश के प्रधान मंत्री के खाते में भी कुछ लाख एकाउंट्स ही आये हैं|
वैसे कहा जता है कि सोशल मीडिया के संपर्कों को [मित्रों+फ़ोलोवर्स] को वोटों में तब्दील नहीं किया जा सकता लेकिन इसके साथ यह भी सच है कि जनता से सीधे संवाद स्थापित करके अनेको समस्यायों को घर बैठे सस्ते में निबटाया जा सकता है|
ऐसे में इस वर्चुअल मीडिया पर लगाम या सेंसर लगाने के बजाये इसका उपयोग राष्ट्रहित में किया जाना चाहिए|

पंजाबी बादल ने अमेरिकी अदालत से ९० दिन मांगे

पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने अपने खिलाफ दायर मानवाधिकार उल्लंघन के मामले का बचाव करने के लिए यु एस की अदालत से 90 दिनों की अतिरिक्त मोहलत मांगी है। अमेरिका की एक अदालत द्वारा श्री बादल के खिलाफ ८ अगस्त को समन जारी किये गया था| समन का जवाब देते हुए श्री बादल ने कहा कि यह समन उचित तरीके से नहीं सर्व किया गया इसीलिए या तो इसे रद्द किया जाये या फिर अपना पक्ष रखने के लिए ९० दिनों की मोह्लत दी जाए|
गौरतलब है कि इस माह के पहले सप्ताह में श्री बादल विस्कोंसिन में अपने मंत्रीमंडल के सहयोगी की भतीजी की शादी में गए थे|
उस समय सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने कानूनी याचिका दायर की जिसमे में बादल पर उन पुलिस अफसरों का बचाव करने का आरोप लगाया है, जो पंजाब में सिख समुदाय के खिलाफ प्रताड़ना, हत्याएं और मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए जिम्मेदार रहे हैं।
एसएफजे की इस शिकायत पर विस्कॉन्सिन पूर्वी जिले की जिला अदालत ने बादल के खिलाफ आठ अगस्त को समन जारी किया था।
एसएफजे के अनुसार, बादल की वकील मिशेल एल. जैकब ने अमेरिकी अदालत में यह कहते हुए एक आवेदन दायर किया कि उचित तरीके से समन न दिए जाने के कारण या तो इसे रद्द कर दिया जाए या जवाब दायर करने के लिए 90 दिनों की अतिरिक्त मोहलत दी जाए।
एसएफजे के अनुसार बादल के खिलाफ समन जारी होने के बाद कई सिख, मानवाधिकार उल्लंघन के अन्य आरोपों सामने आए हैं और अमेरिकी अदालत में बादल के खिलाफ मामले में हिस्सा बनना चाहते हैं|

हमारे ४०० बैंक खाते नहीं है =बाबा राम देव

योग गुरु बाबा राम देव ने आज केंद्र सरकार पर आरोप लगाये कि उनके आश्रम और ट्रस्ट के खिलाफ साजिश रची जा रही है| उन्होंने बताया की उनके ट्रस्ट और आश्रम के केवल १०-१५ बैंक खाते हैं और सरकार झूठा प्रचार कर रही है कि
हमारे ४०० कहते हैं| उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में कहा” सरकार मेरे आश्रम और ट्रस्ट के खिलाफ साजिश कर रही है। मेरे ट्रस्ट के लोगों प्रलोभन दिया जा रहा है। मुझ पर झूठे आरोप लगाए जा रहे है”
योग गुरु ने अपने ट्रस्ट और आश्रम का बचाव करते हुए कांग्रेस के महासचिवों पर नकेल कसने का आग्रह भी श्रीमति सोनिया गांधी से किया|
उन्होंने कहा कि[१] उनके ट्रस्ट और आश्रम के कुल १०-१५ बैंक खाते हैं और सरकार बता रही है कि उनके ४०० खाते हैं|
[२]सरकार ने ही योग को इलाज का दर्जा दिया, अब सेवा को व्यापार बताने की कोशिश की जा रही है|
।[३]दान में मिले धन को आय बताया जा रहा है|
दिल्ली में आहत इस प्रेस कांफ्रेंस में कोल ब्लॉक आवंटन पर योग गुरु बाबा रामदेव ने आज फिर कांग्रेस पर हमला बोला|
उन्होंने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, कांग्रेस पार्टी ने घोटालों का नया रिकॉर्ड बनाया है। कोयले की दलाली में कांग्रेस का मुंह काला हो गया है, इस दलाली में लाखों रुपए लिए गए। उन्होंने साफ शब्दों में कहा, इस घोटाले में कांग्रेस के नेता शामिल हैं, प्रधानमंत्री ईमानदार है तो बेईमान कौन है? गौर तलब हे कि बी जे पे की नेत्री श्रीमति सुषमा स्वराज ने कोयला मामले में मोटा माल खाय जाने के आरोप लगाए है और बाबा ने आज इस मोटे माल को २०लाख करोड़ बताया |
रामदेव ने अपने बचाव में कहा, सरकार मेरे आश्रम और ट्रस्ट के खिलाफ साजिश कर रही है। मेरे ट्रस्ट के लोगों प्रलोभन दिया जा रहा है। मुझ पर झूठे आरोप लगाए जा रहे है। सरकार ने ही योग को इलाज का दर्जा दिया, अब सेवा को व्यापार बताने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी झूठे केस में उन्हें फंसा कर आश्रम को बदनाम किये जाने कि साजिश रची जा रही है|इसके लिए पोलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज़ करवा दी गई है|