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Tag: पाकिस्तान

हसाडा सोणा ते मन मोहणा प्रधान मंत्री, पाकिस्तान दे खिलाफ, अमेरिका दे सामणे क्या वाकई रंडी रौणा ले के बैठ जाता है?

हसाडा सोणा ते मन मोहणा प्रधान मंत्री, पाकिस्तान दे खिलाफ, अमेरिका दे सामणे क्या वाकई रंडी रौणा ले के बैठ जाता है? भाजपाई नरेंदर मोदी कहंदा है कि हसाडा सोणा ते मन मोहणा प्रधान मंत्री, पाकिस्तान दे खिलाफ, अमेरिका दे सामणे रंडी रौणा ले के बैठ जांदा है|इस एक जुमले को लेकर लाखों की भीड़ के सामने मोदी ने पी एम् की पगड़ी उछाली+मीडिया को आईना दिखाने का प्रयास किया |
मालूम हो कि फर्स्ट पोस्ट ने जिओ टी वी के हामिद मीर के हवाले से यह खबर लीक की जिसे लेकर[बिना नाम लिए] एन डी टी वी की बरखा दत्त की बर्फी में भी मोदी ने नमक डालते हुए उलाहना दे डाला कि ऐसे भारतीय टी वी के रिपोर्टर को बर्फी वही फैंक कर लौटा आना चाहिए था| ।दिल्ली में अपनी एतिहासिक चुनावी सभा में उठाये गए इस रंडी रौणे से मीर और बरखा दोनों ने अपना पिंड छुडाते हुए रंडी रौणा होने से ही इनकार कर दिया है |मीर के अनुसार ऐसा कुछ कहा ही नहीं गया और बरखा का कहना है कि इस तरह से नहीं कहा गया |इसके अलावा यह भी मालूम हुआ है कि सोणे मन मोहणे ने अपने समकक्ष नवाज के साथ अपनी मुलाक़ात में कोई शराफत नहीं दिखाई और ना ही रंडी रौणा ही रोया |सरदारों की भाषा में कह दिया कि सीमा पर शांति बहाली के बगैर बात चीत की गाडी आगे नहीं बढेगी| अब आप ही बताओ कि इनमे से किसका रौना सही है?
[१] भाजपा के नरेंदर मोदी
[२ ]एन डी टी वी के बरखा दत्त या फिर
[३ ]पाकिस्तानी जिओ टी वी के हामिद मीर

संसद ने पाकिस्तान के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव पास किया और कहा ,पी ओ के सहित सम्पूर्ण जे & के भारत का अभिन्न अंग है

 संसद ने पाकिस्तान के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव पास किया और कहा ,पी ओ के सहित सम्पूर्ण जे & के भारत का अभिन्न अंग है:

संसद ने पाकिस्तान के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव पास किया और कहा ,पी ओ के सहित सम्पूर्ण जे & के भारत का अभिन्न अंग है:

पकिस्तान के निचले सदन में कल पास किये गए भारत के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव के जवाब में भारतीय संसद ने भी कडा रुख अख्तियार करते हुए पाकिस्तान के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव पारित किया | स्पीकर मीरा कुमार ने निंदा प्रस्ताव पडा और सभी ने मेजें थपथपा कर इसका समर्थन किया|इस प्रस्ताव में पाकिस्तान को चेतावनी दी गई है कि भारत के विरुद्ध आतंकवादी गतिविधियों से अलग रह कर आतंकवाद के विरुद्ध जंग की अपनी वचनबद्धता का पालन करे |इसके अलावा पूरे विस्श्व को भी यह सन्देश दिया गया कि पाक के कब्जे वाले काश्मीर सहित जे &के भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा|
इससे पूर्व राज्यसभा में नेता विपक्ष अरुण जेटली ने सरकार से पाकिस्तान के इस प्रस्ताव के खिलाफ संसद में बहस की मांग की |श्री जेटली ने राज्यसभा में कहा कि आधिकारिक तौर पर ये पुष्ट हो गया है कि पाकिस्तान क्या चाहता है| अब समय आ गया है| भारत सरकार को कड़ा फैसला लेना चाहिए। पाकिस्तान से बातचीत का कोई फायदा नहीं है। इस तरह के प्रस्ताव पास करने से दोनों देशों के बीच शांति नहीं बहाल हो सकती है। इसलिए इस मुद्दे पर चर्चा के लिए किसी एक तारीख का चयन कर चर्चा करा लेनी चाहिए। वहीं नेता विपक्ष के चर्चा की मांग पर कांग्रेस के राजीव शुक्ला ने कहा कि सरकार विदेश मुद्दे को लेकर बहस को तैयार है।उन्होंने कहा कि विपक्ष द्वारा तय तारीख पर सरकार बहस के लिए तैयार है। उधर समाजवादी पार्टी के नेता कमाल फारूकी का कहना है कि पाकिस्तान को भारत के अंदरूनी मसले पर दखल देने का कोई हक नहीं है।
वहीं लोकसभा की प्रारम्भिक कार्यवाही को हंगामे के बाद स्थगित करना पड़ा।सपा +बसपा+शिव सेना+भाजपा आदि ने भी मीरा कुमा के प्रस्ताव का समर्थन किया
बीजेपी ने मांग की कि संसद में पाकिस्तान के प्रस्ताव का विरोध होना चाहिए और इस मुद्दे पर बहस कराई जानी चाहिए। यशवंत सिन्हा के अलावा प्रकाश जावडेकर ने भी दोनों सदनों में प्रश्नकाल स्थगित करने का नोटिस दिया।
गौरतलब है कि पाकिस्तान ने अपनी संसद में अफजल को फांसी दिये जाने की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पास किया है |पाकिस्तान की इस हरकत को बीजेपी ने भारत के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप बताया है और और संसद से पाकिस्तान को जवाब देने की मांग की है|

शाहरुख़ को कोई समस्या नहीं है रहमान मलिक चाहें तो कमल हासन की विश्वरूपम को पाकिस्तान में रिलीज करवा लेवें


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक सिने प्रेमी

ओये झल्लेया ये क्या नया शाहरुख़ खान का पंगा पड़ गया? जमात उद दावा के आतंकवादी नेता हाफ़िज़ सईद और पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक एक ही भाषा बोलने लग गए हैं|अभी महाराष्ट्र सरकार शाहरुख़ की सुरक्षा व्यवस्था को रिव्यू कर ही रहे है कि पाकिस्तान और वहां के आतंकवादी भी हमारे इस प्यारे डॉन को अपना कहने लग गए हैं| भारत में भी सारी मुसीबतों को ठन्डे बसते में डाल कर पक्ष +विपक्ष सभी शाहरुख़ खान की माला जपने लग गए और पाकिस्तान को कोसने लग गए हैं| पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ हो रही दुर्गति को सब भूल गए ये नई शाहरुखी घरेड शुरू हो गई| बेचारे शाहरुख़ ने बेवजह राजनीतिक नेताओं के निशाने पर वाला साक्षात्कार आउटलुक टर्निंग प्वाइंट्स को क्या दिया कि अब सारे शाहरुख़ को लुक करने के लिए आउट हुए जा रहे हैं

Sharukh Khan,s Security

झल्ला

बाऊ जी पाकिस्तान की पुरानी आदत है जब ही हमारा पानी शांत होता है तभी वोह उसमे कंकर फैंकता है और कंकर से पैदा होने वाली लहरों को देख देख कर मजे लेता है|अब चूंकी शाहरुख़ खान की दिल्ली से नजदीकियां हैं+पाकिस्तान क्रिकेटरों से दोस्ती है और पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ के शहरी हैं सो लहरें कुछ ज्यादा दूर तक ही उठ रही हैं|माफ़ करना झल्लेविचारानुसार शाहरुख़ को अमेरिका के हवाई अड्डों पर दो बार खान होने के लिए अपमानित होना अपने यहाँ तो उसकी कोई फिल्म भी पब्लिसिटी के लिए नहीं रुकी हुई है |हाँ इस्लाम के नाम पर हमारे कमाल हासन की फिल्म ९५ करोड़ की विश्वरूपम कोरिलीज करवाने में समस्या हो रही है इसीलिए पाकिस्तान चाहे तो कमाल हासन की फिल्म को पाकिस्तान में रिलीज करवा कर उसका भला करा देवे |

पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन के लिए इस्लामी विद्वान डॉ. ताहिरुल कादरी ने राजनीतिक अलख जगाई

कनाडा प्रवास के पश्चात पाकिस्तान लौटे इस्लामी विद्वान डॉ. ताहिरुल कादरी ने अब पाकिस्तान ने संसद भंगकरने के लिए सरकार को आज ग्यारह बजे तक का अल्टीमेटम दे दिया है|आश्चर्यजनक रूप से कादरी के साथ लाखों की तादाद में लोग जुड़ने लगे हैं| कादरी के समर्थक संसद, विधानसभाओं को भंग करने और सरकार के इस्तीफे समेत कई मांगों को लेकर संसद के बाहर डी चौक जिन्नाह एवेन्यु पर जमा होने शुरू हो गए हैं। कादरी ने कल इस्लामाबाद से लाहौर के लिए रैली निकाली और लोगों से ‘देश बचाइए, सरकार नहीं’ नारे के साथ इससे जुड़ने का आह्वान किया था। कादरी का कहना है कि वह अब यहां से तभी हटेंगे, जब मुल्क की हुकूमत बदल जाएगी।कादरी के इस आंदोलन की दो वजहें बताई गई हैं- [१], ‘भ्रष्ट’ सरकार से छुटकारा [२]’ईमानदार’ लोगों की अंतरिम सरकार के तहत चुनाव सुधारों का मार्ग प्रशस्त करना
पाकिस्तान में यह सारा घटनाक्रम देश में चुनावों से महज़ चार महीने पूर्व ही हो रहा है| संसद के बाहर जमा अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कादरी ने सोमवार की रात कहा, ‘ऑफिसों में बैठे ये लोग (प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति आवास की ओर इशारा करते हुए) अब भूतपूर्व हो चुके हैं अब संसद और विधानसभा को भंग किया जाए नहीं तो लोग खुद ही फैसला लेने लगेंगे और पीपल्स असेंबली कमान संभाल लेगी। कुछ दिनों पहले कनाडा से पाकिस्तान लौटे कादरी ने कहा कि मैं चाहता हूं कि जुडिशरी भ्रष्ट राजनेताओं को कोई भी पद ग्रहण करने से रोके। उन्होंने यह भी कहा कि इस साल प्रस्तावित चुनाव को तब तक के लिए टाल दिया जाए जब तक कि देश से भ्रष्टाचार की महामारी का खात्मा न हो जाए।
प्रभावशाली धार्मिक नेता ताहिरुल कादरी ने पाकिस्तान में इसी साल होने वाले चुनाव से पहले सुधारों को लागू करने की मांग को लेकर लाहौर से इस्लामाबाद तक की रैली निकाली है। वह इसके माध्यम से सरकार पर दबाव बनाना चाहते हैं। धार्मिक नेता की रैली को भारी जनसमर्थन मिला है। पहले उन्होंने दावा किया था कि उनकी रैली में करीब 10 लाख लोग शामिल होंगे।तहरीक मिनहाज-उल-कुरान नामक संगठन चलाने वाले कादरी पिछले महीने ही कनाडा से पाकिस्तान लौटे हैं। उन्होंने कनाडा में करीब सात साल का वक्त बिताया। । वह वर्तमान चुनाव आयोग को भी भंग करने की मांग कर रहे हैं। लोगों से मार्च में शामिल होने का आह्वान करते हुए कादरी ने कहा है, ‘यदि आप बाहर नहीं निकले, यदि आपने मेरे हाथ मज़बूत नहीं किए तो अगली पीढ़ी इस दिन पर अफसोस करेगी।

डा. कादरी

पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन के लिए इस्लामी विद्वान डॉ. ताहिरुल कादरी ने राजनीतिक अलख जगाई


पाकिस्तान जैसे कंट्टर देश में भी प्रगतिशील मुस्लिम विद्वान के तौर पर जाने जाते हैं। ‘फिरका परस्ती का खात्मा’ किताब लिखने वाले इस विद्वान ने 11 सितंबर, 2001 के आतंकी हमले की सबसे पहले निंदा की थी। आतंकवाद के खिलाफ फतवा देने वाले एक विद्वान हैं। सूफी विचारधारा को मानने वाले कादरी ने सऊदी अरब में शिक्षा ग्रहण की और पंजाब [पाकिस्तान] की यूनिवर्सिटी में ‘अंतरराष्ट्रीय संविधान कानून’ विषय के प्रोफेसर रहे हैं और मिनहाजुल कुरआन इंटरनेशन के संस्थापक हैं।क्यू टी वी से भी जुड़े हैं

इस्लाम से खारिज

बीते साल[मार्च] डा. ताहिरुल कादरी को इस्लाम से खारिज किया जा चुका है यह फतवा बरेली मरकज ने दिया है। मुफ्ती-ए-आजम अख्तर रजा खां उर्फ अजहरी मियां ने उन्हें यहूदियों का एजेंट करार दिया है। पिछले दिनों मुंबई में डा. ताहिर की तकरीर के बाद बरेलवी उलेमा ने यह कदम उठाया।
पाकिस्तान के नामवर इस्लामिक विद्वान डा. कादरी ने पिछले दिनों मुंबई में कई जगह तकरीर की थी। उन्होंने यहूदी औैर नसारा [ईसाई] को अहले ईमान बताया था। यह भी कहा था कि मस्जिद उनके लिए भी इबादत को खुली हैं।
उन्होंने देवबंदी, वहाबी, सुन्नी फिरकों में विरोध को शाब्दिक करार दिया और कहा था कि एक-दूसरे के पीछे नमाज पढ़ी जा सकती है, वह खुद भी ऐसा करते हैं। इस्लाम में चार इमाम हैं, लिहाजा पांचवा मसलक [धार्मिक विचार] नहीं हो सकता।
बदलाव की आवाज़ बुलंद करने वाले कादरी अपने बयानों में पाकिस्तान की आर्मी का गुणगान करने में पीछे नहीं दिख रहे उन्होंने तालिबान के विरुद्ध सेना के अभियान को खुले आम सराहा है| इए में सेना से उनकी नजदीकी क सहक की नज़र से देखना लाजमी हो जाता है इसके अलावा सीमा[एल.ओ.सी] पर युद्ध विराम का उल्लघन और जनरल कयानी की सेवानिवृति से भी कई सवाल उठ रहे हैं [१]क्या पाकिस्तान में जम्हूरियत का दौर समाप्त होने जा रहा है [२]क्या जनरल कयानी किसी नई भूमिका के लिए कमर कस रहे हैं[३]क्या पाकिस्तान में कट्टरपंथी फिर से सत्ता में आने वाले हैंया फिर पश्चिमी ताकतों ने वर्तमान सरकार का विकल्प चुना हैआदि आदि इन सवालों का उत्तर तलाश कर ही भारत को पाकिस्तान के साथ एल ओ सी विवाद को सुलझाने के लिए कदम बढाना होगा

जनरल बिक्रम सिंह भी आज गरजे : पाकिस्तान को चेताया:भारत को ‘जब और जहां चाहे’ जवाब देने का अधिकार है

वायु सेना के बाद आज थल सेना के अध्यक्ष जनरल बिक्रम सिंह ने भी कड़े शब्दों का प्रयोग करते हुए पाकिस्तान को चेताया है कि भारत को ‘जब और जहां चाहे’ जवाब देने का अधिकार है।सिर काटने को ‘अस्वीकार्य’ और ‘अक्षम्य’ करार देते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय सेना को आक्रामक तरीके से सटीक जवाब देने को कहा गया है।
सेना प्रमुख ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के मंढेर इलाके में नियंत्रण रेखा[एल ओ सी] पर छह जनवरी को दो भारतीय सैनिकों की हत्या पाकिस्तान सेना की सोची समझी और पहले से इरादा करके की गई कार्रवाई थी|इसके लिए प्लान बना कर पहले रेकी की गई फिर मीडिया में दुष्प्रचार किया गया उसके बाद हमारे सैनिको कि हत्या कि गई और सर काटा गया| अब भारत को पूरा अधिकार है कि वह ‘जब चाहे जहां चाहे’ इसका जवाब दे।उन्होंने शहीद हेमराज के परिवार से मिलने के लिए सैनिक दिवस के बाद मथुरा जाने की भी बात कही |
सेना दिवस की पूर्व संध्या पर एक संवाददाता सम्मेलन में जनरल सिंह ने कहा कि संघर्ष विराम नवंबर 2003 से प्रभावी है और ‘कुछ अपवाद’ को छोड़कर, जिनके लिए पूरी तरह

जनरल बिक्रम सिंह

पाकिस्तान जिम्मेदार है, अपनी जगह पर कायम है।
उन्होंने कहा कि बेशक यह हमला पाकिस्तानी सेना के जवानों ने किया, लेकिन इसमें लश्करे तैयबा के आतंकवादियों के उनके साथ होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।जनरल सिंह ने कहा कि सरकार और सेना के स्तर पर पाकिस्तान के साथ इस मामले को उठाया जा रहा है, सेना के कमांडरों को निर्देश दिया गया है कि उकसाए जाने पर खामोश नहीं रह सकते। उन्होंने अपने कमांडरों को आक्रामक होने केआदेश दिए| पाकिस्तानी सेना की आलोचना करते हुए जनरल सिंह ने कहा कि सिर काटना हर तरह के नियमों के खिलाफ है।इसके साथ ही उन्होंने कहा कि स्थानीय इकाई की तरफ से कुछ ‘सामरिक भूलें’ हुई’, जिन पर बाद में विचार किया जाएगा क्योंकि इस मौके पर जांच से बलों के मनोबल पर असर पड़ेगा।सेना प्रमुख ने कहा कि हमारी टीमें दुश्मन के हमले का जवाब देने के लिए संतुलित होनी चाहिएं।जनरल सिंह ने मामूली झड़प के जंग में बदलने की संभावना से इनकार किया और पाकिस्तान के परमाणु ब्लैकमेल को भी खारिज करते हुए कहा कि स्थानीय टकराव का इससे कोई वास्ता नहीं है। पाकिस्तान कार्रवाई का किसी तरह का जवाब दिए जाने के बारे में, उन्होंने कहा कि यह सरकार का फैसला होना चाहिए। सेना प्रमुख ने कहा कि वह पाकिस्तानी सैनिकों के हाथों मारे गए सैनिक हेमराज सिंह की विधवा के दुख में भागीदार हैं।उन्होंने कहा कि मुझे दुख है उसके तमाम दुख और तकलीफ के लिए, वह सेना परिवार का हिस्सा हैं। उन्हें तमाम सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। सैनिक का सिर काटने की घटना पर सेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय सेना कभी इस तरह का काम नहीं करेगी।उन्होंने कहा कि हम दुश्मन के शव को भी सम्मान देते हैं। यह हमारे मूल्य हैं |

पाकिस्तान ने फिर युद्धविराम का उल्लंघन किया और दो सैनिको को अमानवीय यातनाएं दी

युद्धविराम का उल्लंघन कर पाकिस्तानी सैनिक मंगलवार को भारत की सीमा में घुस आए और संयुक्त राष्ट्र के तमाम नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए दो भारतीय सैनिकों की नृशंस हत्या कर दी|

पाकिस्तान ने फिर युद्धविराम का उल्लंघन किया और दो सैनिको को अमानवीय यातनाएं दी

के निकट नियंत्रण रेखा से सटकर हुये इस हमले में पाकिस्तानी सैनिक करीब 100 मीटर तक भारतीय सीमा में घुस आए और गश्ती दल पर हमला कर दिया। उन्होंने दो लांस नायकों हेमराज और सुधाकर सिंह की हत्या करने के अलावा दो अन्य सैनिकों को घायल कर दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस जघन्‍य कारनामे के बाद एक जवान का सिर पाकिस्‍तानी सैनिक अपने साथ ले गए।
अमेरिका की विदेश विभाग की प्रवक्ता विक्टोरिया नूलैंड ने कहा कि हम कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर हिंसा की रिपोर्टों से चिंतित हैं। हम दोनों पक्षों से गोलीबारी रोकने के लिए कदम उठाने का आग्रह करते हैं।भारत सरकार ने पाकिस्तान की और से किए गए युद्धविराम उल्लंघन की कड़ी निंदा की है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, सरकार इस घटना को उकसावे की कार्रवाई मानते हुए इसकी निंदा करती है।, जवानों की मौत को लेकर करगिल युद्ध के शहीद सौरव कालिया के पिता नरेंद्र कालिया ने कहा है कि अगर उनके बेटे के साथ हुए अमानवीय व्यवहार को लेकर कोई कार्रवाई होती, तो आज यह नौबत न आती।
सीमा पर युद्ध विराम के उल्लंघन की घटनाएँ लगातार बड़ती जा रही है|और सभी मानवीय मूल्यों की अनदेखी करके सैनिको की हत्याएं की जा रही है यह चिंता का विषय है| दोनों देशों में संबंधों को सामान्य बनाने में पाकिस्तान के गृह मंत्री का भारत में स्वागत, वीजा नियमों में ढील ,क्रिकेट डिप्लोमेसी,मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा देने के बावजूद भी पाकिस्तान की सेना के एल ओ सी पर हमले जारी हैं| अमेरिका के इंटरफियरेंस[दखल] के बावजूद पाकिस्तान की सेना पर वहां की सरकार नियंत्रण रखने में असफल साबित हो रही है|इसके पीछे भारत को साफ्ट स्टेट के रूप में देखा जाना एक कारण हो सकता है |बेशक युद्ध किसी भी समस्या का हल नही हो सकता मगर अपनी रक्षा के लिए कड़े कदंम और सन्देश जरूरी हैं

विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी को भड़काऊ भाषण के आरोप में गिरफ्तार किया: M L A Of M I M Arrested

विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी M L A Of M I M

एम् आई एम्] के विधायक और सांसद असदउद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी को ८ जनवरी की शाम को हैदराबाद में गांधी अस्पताल से गिरफ्तार कर लिया गया है.| ओवैसी पर भड़काऊ साम्प्रदाईक भाषण देने के आरोप में तीन मुकद्दमे दर्ज़ हैं|ओवैसी की गिरफ्तारी उस वक्त हुई जब वह अस्पताल से बाहर आए. गिरफ्तारी के वक्त अस्पताल के आसपास उनके समर्थक भारी संख्या में मौजूद थे|
ओवैसी पर आरोप है कि उन्होंने आंध्र प्रदेश के निज़ामाबाद और आदिलाबाद में भड़काऊ भाषण दिए. ओवैसी के खिलाफ़ केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने सोमवार को उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन ओवैसी पुलिस थाने नहीं पहुंचे. उनके वकील ने ओवैसी की ख़राब सेहत का हवाला देकर 4 दिन की मोहलत मांगी थी. बीमारी की दलील पर ही पुलिस ने ओवैसी का मेडिकल टेस्ट कराने का फ़ैसला किया था.मेडिकल रिपोर्ट में पता चला था कि ओवैसी को हार्निया और पेट दर्द की शिकायत है|ओवैसी को आज सुबह दस बजे सरकारी अस्पताल में
चेक अप के लिए लाया गया जबकि सानी पञ्च बजे के बाद गिरफ्तारी दिखाई गई|इस दौरान अस्पताल के बाहर ओवैसी के समर्थक हंगामा करते रहे |उधर दिल्ली स्थित उनके निवास पर कुछ तोड़ फोड़ भी हुई|ओवैसी के समर्थको का कहना है कि प्रवीन तोगडिया के ब्यान के प्रतिक्रया के स्वरुप ओवैसी ने ब्यान दिए|ओवैसी के वकील का आरोप है कि उनके मुवक्किल को सुबह से शाम तक भूखा रखा गया है|
गौरतलब है कि 8 से 21 दिसंबर में तीन अलग अलग जगह पर ओवैसी ने भाषण दिए थे जिसके फलस्वरूप भाजपा ने विरोध दर्ज़ करते हुए विधायक की गिरफ्तारी के लिए दबाब बनाया था| एम् आई एम् प्रदेश और केंद्र में कांग्रेस की समर्थक है| इसके परिपेक्ष्य में ओवैसी को तीन हफ्ते कि मोहलत दे कर अपने सम्प्रदाय में हीरो बनाने का आरोप भी लग रहा है|
, एमआईएम को 1936 में नवाब नवाज़ किलेदार ने शुरू किया था उस समय हैदराबाद एक स्वतंत्र राज्य था और वहां नवाबों का शासन था.उस समय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन केवल एक सांकृतिक अंग था, लेकिन बाद में यह मुस्लिम लीग के साथ जुड़ने के बाद पूरी तरह से एक राजनितिक संगठन में बदल गया और बाद में राजनीतिक पार्टी बना , मुस्लिम लीग के साथ रहा और आज भी अक्सर अकबरुद्दीन जैसे नेताओं के भाषण में पाकिस्तान का नाम ज़रूर होता है और आदिलाबाद में दिए गए उनके भाषण में उन्होंने कसाब को बच्चा कहा है.बताया जा रहा है कि इस पार्टी हैदराबाद के रजाकारों (स्वयंसेवकों) से गहरा रिश्ता रहा है और रजाकार हमेशा हैदराबाद रियासत को भारत में शामिल करने के खिलाफ थे और यही वजह है 1948 से 1957 तक एमआईएम को बैन किया गया था|.

सियाचिन में बर्फीले तूफ़ान में असम रेजिमेंट के छह जवान शहीद और एक लापता

सियाचिन में बर्फीले तूफ़ान

सियाचिन ग्लेशियर में आए भयंकर बर्फीले तूफान में 6 भारतीय सैनिकों के मारे जाने की खबर है जबकि एक सैनिक लापता बताया जा रहा है। सेना के सूत्रों के मुताबिक सियाचिन ग्लेशियर के हनीफ सब सेक्टर में सुबह सात बजे हिमस्खलन आया, जिसमें असम रेजिमेंट के छह जवान मारे गए व एक लापता हो गया। चौकियों के बीच सैनिकों की आवाजाही के दौरान यह घटना घटी।यह चौकी 15-16 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित है।
कई सालों में पहली बार इस ग्लेशियर क्षेत्र में भारतीय चौकी हिमस्खलन की चपेट में आई है ।
ऐसा नहीं की केवल भारतीय ही बर्फीले तूफ़ान की चपेट में आते हैं बल्कि पिछले साल इसी क्षेत्र में हिमस्खलन में पाकिस्तानी शिविर चपेट में आया था और 100 से अधिक पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे।
भारत ने पिछले करीब 30 साल से सियाचिन में अपने सैनिक तैनात कर रखे हैं। यहाँ भारत ने दुश्मन की गोलियों से कहीं अधिक जवान मौसम और प्रतिकूल भौगोलिक स्थितियों की वजह से गंवाए हैं।सम्भवत इसीलिए यहाँ से जवान हटाने के लिए पकिस्तान और भारत में बात हो रही है| कई दौर की बातचीत के बाद भारत और पाकिस्तान कुछ साल पहले इस क्षेत्र के सैनिक हटाने के करीब पहुंच गए थे, लेकिन समझौता नहीं हो सका
भारतीय जनरल बिक्रम सिंह ने साफ कर दिया है कि भारतीय सेना रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस बर्फीली चोटी से हटना नहीं चाहती है जिसके लिए उनसे अपना काफी खून बहाया है। उन्होंने कहा कि सेना ने अपने विचार से सरकार को अवगत करा दिया है और अंतिम फैसला उसे करना है।

रहमान मलिक ने केवल अपने पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के शब्दों को ही अपनी आवाज़ दी है


झल्ले दी झाल्लियाँ गल्लां

एक भारतीय नागरिक

ओये झल्लेया ये पकिस्तान कब सुधरेगा? पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मालिक भारत आये लेकिन अथिति धर्म भुला कर हसाड़े मुल्क को ही आतंकवाद का दोषी करार देने लग गए | अबू जिंदाल को भारतीय बता दिया |समझौता एक्सप्रेस में बम और अयोध्या काण्ड के मुकाबिले मुम्बई के एटैक की बात करने लग गए |ये कैसा पाकिस्तानी भाई चारा है?

रहमान मलिक ने केवल अपने पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के शब्दों को ही अपनी आवाज़ दी है

झल्ला

ओ बाऊ जी इसमें कुछ भी नया नहीं है| उन्हें पता है कि गुजरात में चुनावों के मध्य नज़र रहमान मालिक को कोई करार जवाब नहीं देगा|इसीलिए जनाब रहमान मालिक साहेब ने अपने पुराने राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ की बात को ही दोहरा दिया है|आप शायद भूल गए कि जनाब परवेज ने भी एक बार भारत पर जवाबी तोहमत लगाई थी |जब मीडिया ने उनसे पूछा कि पाकिस्तान से आकर आतंकवादी भारत में गडबडी क्यूं फैलाते हैं?इस पर जनरल परवेज ने कहा था कि भारत भी कोई दूध का धुला नहीं है|अब वोही तोहमत को नए शब्दों में प्रस्तुत किया गया है|

पेशावर बाचाखान एयर बेस पर आतंकवादियों ने राकेट दागे: दस मरे

भारत और पाकिस्तान जब भी शांति के पथ पर कदम रखते हैं तभी कभी सीमा और कभी मुल्क के अन्दर तनाव पैदा करने के प्रयास शुरू हो जाते हैं|पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मालिक के भारत दौरे के समय पकिस्तान के पेशावर और करांची में तनाव हो गया| पाकिस्तान के उत्तर पश्चिमी शहर पेशावर में बाचा खान हवाई अड्डे[एयर बेस] पर १५ दिसंबर की रात तालिबानी आतंकवादियों ने पांच राकेट दागे जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई और 40 से अधिक लोग घायल हो गए। मरने वालों में पांच हमलावर भी बताये गए हैं|
तालिबान आतंकवादी विस्फोटकों से भरा वाहन लेकर जबरन हवाई अड्डा परिसर में घुस गए और गाड़ी परिसर की दीवार से टकरा दी। पाक मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, आतंकवादियों ने हवाई अड्डे पर पांच रॉकेट भी दागे। उनमें से दो ने रनवे पर हमला किया।
हमले के बाद हवाई अड्डे से सभी अंतर्राष्ट्रीय व राष्ट्रीय उड़ानें रद्द कर दी गईं।। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ ने हमले की निंदा की है। माना जा रहा है कि इसके पीछे अल-कायदा और तालिबान का हाथ हो सकता है सेना के अनुसार यह हमला हाल ही में आतंकवादियों के खिलाफ किए गए सैन्य अभियान की प्रतिक्रिया हो सकती है रॉकेट हमले में रिहाइशी इलाके के कई मकानों में आग लग गई। हमले में करीब 40 लोगों के जख्मी होने की खबर है। इस हमले की जिम्मेदारी तहरीके तालिबान पाकिस्तान ने ली है।
पेशावर के जिस इलाके में ये हमला हुआ, वो सुरक्षा के लिहाज से काफी चाक-चौबंद माना जाता है। मगर इसके बावजूद आतंकी पेशावर के बाचा खान अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे तक पहुंचने में कामयाब रहे। इसके बाद एयरपोर्ट को निशाना बनाकर आतंकियों ने रॉकेट भी दागे। आतंकियों के दो रॉकेट एयरपोर्ट के पास रिहाइशी इलाकों में जा गिरे।एयरपोर्ट में ज्यादा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन पड़ोस में मौजूद रिहाइशी इलाकों के कई घरों में आग लग गई। एयरपोर्ट पर उस वक्त मौजूद यात्री जेद्दाह की उड़ान का इंतजार कर रहे थे। जिन्हें तुरंत सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया और सभी उड़ानें स्थगित कर दी गईं। पेशावर एयरपोर्ट की तरफ जाने वाले सभी रास्ते बंद कर दिए गए ताकि आतंकी भाग न सके।
हमले में शामिल आतंकियों की तादाद 5 बताई गई है। इनके पास से मिले रॉकेट लॉन्चरों, असॉल्ट राइफलों और गोला बारूद मिले। एयरपोर्ट के पास दो सुसाइड जैकेट भी मिलीं, जिन्हें सुरक्षा एजेंसियों ने नाकाम कर दिया।
इस बीच पाकिस्तानी मीडिया के सामने पाकिस्तान की जमीन पर पनपे और प्रतिबंधित तहरीके तालिबान पाकिस्तान ने हमले की जिम्मेदारी कबूल की है।
प्रवक्ता अहसानुल्लाह ने जिम्मेदारी ली है| उनका निशान पेशावर एयरपोर्ट पर मौजूद एयरफोर्स बेस था। हमले के लिए दो जगहों पर विस्फोटकों से भरे वाहनों का भी इस्तेमाल करने का भी दावा किया गया |
इसके अलावा कराची में हुई हवाई फायरिंग के बारे में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार उन्हें सूचना मिली थी कि कुछ लोग गलियों में हथियार लेकर घूम रहे हैं। उन्होंने कुछ दुकानों को भी बंद करने की धमकी दी। इससे शहर में तनाव बन गया और कराची बार एसोसिएशन के चुनाव भी टाल दिए गए।
इससे पूर्व भी पेशावर में आतंकी हमले हो चुके हैं यहाँ तक की यू एन कार्यालय में हुए एक हमले में तीन लोग मारे गए थे| गृह मंत्री रहमान मालिक ने भारत दौरे में यह स्वीकार किया है की उनका मुल्क भी आतंकवाद से जूझ रहा है ऐसे में पकिस्तान और भारत में शांति बहाली के लिए दोनों मुल्कों को पुराना द्वेष्य भुला कर सहयोगात्मक कदम उठाने होंगे |इसके लिए भारत ने समझौता एक्सप्रेस में हुए बम विस्फोट के आरोपी

पेशावर बाचाखान एयर बेस पर राकेट दागे:

को गिरफ्तार करके पहल कर दी है अब पाकिस्तान को भी वहां पनप रहे आतंकवादियों को गिरफ्तार करके बिना किसी इफ एंड बट्स के कानूनी प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिए