रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. अजित सिंह ने अपने राजनीतिक दायरे को प उ प्र से बढ़ाते हुए टिहरी और आंध्र प्रदेश में भी अपने प्रत्याशी उतारने जा रहे हैं इस कड़ी में कुंवर जपेन्दर सिंह को टिहरी लोकसभा से रालोद का प्रत्याशी बनाया गया है|
गौरतलब है कि रालोद का यूं पी में कांग्रेस से चुनावी करार है जिसके अंतर्गत यूं पी से आठ सीटों पर रालोद के प्रत्याशियों की घोषणा की जा चुकी है यूं पी से बाहर चुनाव लड़ाने में कोई प्रतिबन्ध नहीं हैं इसी का लाभ उठाते हुए आज टिहरी से कुंवर जपेन्दर सिंह को उतारा गया है |
राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. अजित सिंह जी ने अपने आवास पर बैठक कर कुंवर जपेन्दर सिंह को टिहरी लोकसभा से रालोद का प्रत्याशी घोषित किया है। इस अवसर पर सेंट्रल सिविल एविएशन मिनिस्टर ने कहा कि रालोद उत्तराखंड की राजनीति को नई दिशा प्रदान करेगा तथा सम्पूर्ण उत्तराखंड के मुद्दों के साथ-साथ देश के विकास के मुद्दे के लिए भी संघर्ष करेगा।
पार्टी के राष्ट्रीय सचिव गिरीश चौधरी ने बताया कि कुंवर जपेन्दर सिंह उत्तरांचल संयुक्त सर्व समाज संगठन के अध्यक्ष तथा वल्र्ड ह्यूमैन राईट्स प्रोटेक्शन काउंसिल के महासचिव हैं। वह 2012 में टिहरी लोकसभा का उपचुनाव भी लड़ चुके हैं।
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चौ अजित सिंह ने “यूं पी” की ८ सीटों के अलावा उत्तराखंड में भी अपने प्रत्याशियों को उतारना शुरू किया
चौ. अजित सिंह ने सैनी और कश्यप समाज के दो दलों को रालोद में शामिल किया
चौधरी अजित सिंह ने अपने राष्ट्रीय लोकदल का कुनबा बढ़ाना शुरू कर दिया है | वंचित जमात पार्टी और जनसत्ता पार्टी के रालोद में विलय की घोषणा की गई है इसे पूर्व ठाकुर अमर सिंह और सिनेतारिका ज्याप्रदा को भी रालोद में शामिल किया जा चुका है|
राष्ट्रीय लोकदल में वंचित जमात पार्टी और जनसत्ता पार्टी का विलय हो गया है। आज रालोद अध्यक्ष व केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री चौ. अजित सिंह के आवास पर उनकी उपस्थिति में दोनों पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्ष अपने-अपने दलों के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ रालोद में शामिल हो गए।
इस मौके पर रालोद महासचिव व मथुरा से लोकसभा सांसद जयन्त चौधरी भी मौजूद थे।
रालोद अध्यक्ष ने दोनों दलों के रालोद में विलय पर हर्ष जताया तथा दोनों अध्यक्षों का स्वागत किया। रालोद महासचिव जयन्त चौधरी ने खुशी जताते हुए कहा कि इन दोनों दलों ने समाज के लिए काम किया है और अब ये रालोद परिवार का हिस्सा बनेंगे।
वंचित जमात पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चतर सिंह कश्यप ने कहा है ” चौ. अजित सिंह ने पिछड़ों, किसानों और मजदूरों के हकों की लड़ाई लड़ी है। इसलिए हम उनके नेतृत्व में अति पिछड़ों और अति दलितों को सामाजिक, राजनीतिक एवं आर्थिक लाभ दिलाने के लिए संघर्ष करेंगे।”
जनसत्ता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष करण सिंह सैनी ने कहा है ” हम रालोद को मजबूत करेंगे और पिछड़ों की लड़ाई में अपना सहयोग प्रदान करेंगे। चौ. अजित सिंह जी ने सभी के सम्मान की लड़ाई लड़ी है इसलिए हम उनके साथ हैं।”
रालोद के कार्यकर्ताओं का उत्पीडन बंद नहीं किया गया तो उत्तर प्रदेश में संघर्ष छेड़ा जाएगा: जयंत चौधरी
[नर्इ दिल्ली,]राष्ट्रीय लोकदल[रालोद] के राष्ट्रीय महासचिव युवा जयंत चौधरी ने आज उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार के विरुद्ध हुंकार भरते हुए चेतावनी दी कि प्रदेश में यदि रालोद के कार्यकर्ताओं का उत्पीडन बंद नहीं किया गया तो प्रदेश में सरकार के विरुद्ध संघर्ष छेड़ा जाएगा| श्री जयंत जी ने कहा कि समाजवादी सरकार में रालोद कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न हो रहा है, जिसे राष्ट्रीय लोकदल बिल्कुल बर्दाशत नहीं करेगा। यदि राज्य सरकार नहीं चेती तो राष्ट्रीय लोकदल इसके विरूद्ध संघर्ष करेगा। 18 अगस्त को शामली-मुजफ्फरनगर चलो के तहत जयन्त चौधरी की पद यात्रा को ऐतिहासिक कामयाब बनाने के लिए रण नीति पर भी चर्चा हुई|
रालोद की पशिचमी उत्तर प्रदेश की नव-गठित कार्यकारणी की पहली बैठक में आज छोटे[वर्तमान] चौधरी जयंत ने प्रदेश में अपने वोट बैंक को जोड़े रखने के लिए तीन सूत्री फार्मूला भी पेश किया | पार्टी कार्यालय 13ए, फिरोजशाह रोड़, नर्इ दिल्ली में बैठक आयोजित हुर्इ, जिसमें तीन मुख्य बिन्दुओं पर चर्चा के बाद आम सहमति बनी।
बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव एवं सांसद जयंत चौधरी ने कहा कि
[१]पशिचमी उत्तर प्रदेश में अलग हार्इकोर्ट बैंच,
[२] जाट आरक्षण तथा
[३] हरित प्रदेश के मुददे राष्ट्रीय लोकदल के मुख्य एजेंडे पर हैं।
इसके आलावा गन्ना तथा आलू किसानों के बकाये के लिये जिला कार्यालयों पर धरना प्रदर्शन करने का भी ऐलान किया गया
राष्ट्रीय महा सचिव ने कहा कि हार्इकोर्ट बैंच को लेकर रालोद हमेशा संघर्षशील रहा है। रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह इस मुद्दे पर केन्द्रीय कानून मंत्री से मिल चुके हैं तथा उनसे सकारात्मक आशवासन भी मिला है।
रालोद पशिचमी उत्तर प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष सत्यवीर त्यागी ने कहा कि रालोद वकीलों के आन्दोलन को समर्थन प्रदान करता रहा है और आगे भी संघर्षशील रहेगा।
जाट आरक्षण को लेकर भी चौधरी अजित सिंह व श्री जयंत चौधरी केन्द्र सरकार के सम्मुख जाट आरक्षण की मांग उठा चुके हैं
हरित प्रदेश के विषय में श्री जयंत चौधरी ने कहा कि छोटे राज्य हमेशा विकास करते हैं तथा उनमें प्रशासनिक समीक्षा समुचित ढंग से हो सकती है।
18 अगस्त को शामली-मुजफ्फरनगर चलो के तहत श्री जयन्त चौधरी जी की पद यात्रा को ऐतिहासिक बनाने के लिए तन मन से कामयाब बनाने के लिए रालोद पशिचमी उत्तर प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष श्री त्यागी ने अपील की।
तथा जिला अध्यक्षों की सहायता के लिए जिला प्रभारीयों की नियुकित की जाएगी।
चौ..अजित सिंह ने अपने सांसद देवेन्द्र नागपाल और सारिका सिंह को निलंबित किया
राष्ट्रीय लोक दल[रालोद] ने लोक सभा के चुनावों में उतरने के लिए संगठन को चुस्त दुरुस्त करने की कवायद तेज कर दी है|बीते दिन पार्टी की मीटिंग के पश्चात आज एक बड़ा कदम उठाते हुए अपने दो सांसद देवेन्द्र नागपाल और श्रीमति सारिका सिंह को रालोद से निलंबित कर दिया है|
रालोद अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह ने इन दोनों बागी सांसदों को पत्र लिखकर इस मामले पर अपना प़क्ष प्रस्तुत करने को कहा है। यदि ये ऐसा करने में असफल रहते हैं तो संगठन से निष्कासन के साथ-साथ इन पर दल-बदल कानून के तहत लोकसभा की सदस्यता समाप्त करने की कार्रवाई भी की जाएगी।
गौरतलब है कि पिछले छह माह से समाचार पत्रों में विभिन्न सार्वजनिक स्थलों पर इनके द्वारा दिए गए पार्टी विरोधी वक्तव्य प्रकाशित हो रहे थे। सारिका सिंह बघेल समाजवादी पार्टी से आगामी लोकसभा चुनाव में आगरा से प्रत्याशी घोषित हो चुकी हैं। हाईकोर्ट के निर्देश पर अपर सिविल जज कनिष्ठ प्रभार ने एक अपराधिक केस में सांसद सारिका सिंह बघेल एवं उनके पति देवेंद्र सिंह बघेल के खिलाफ तलाशी वारंट जारी किए थे |
देवेन्द्र नागपाल ने भी सार्वजनिक मंच से रालोद छोड़ने का ऐलान किया है। दोनों ने अखबारों में प्रकाशित पार्टी विरोधी वक्तव्यों और गतिविधियों का खण्डन भी नहीं किया है।
पार्टी अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह ने दोनों सांसदों को पत्र लिखकर रालोद विरोधी गतिविधियों और बयानों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए एक सप्ताह के अन्दर जवाब मांगा है। यदि इन्होंने तय समय सीमा के अन्दर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।
जेट एतिहाद पर एक माह में छह शिकायतों पर अभी विचार किया जा रहा है ,पीछे हटने का सवाल नहीं उठता PMO
प्रधान मंत्री कार्यालय[पी एम् ओ]ने जेट -एतिहाद एयर लाइन्स को लेकर हुए भारत -और यूएई में हवाई सेवाएं समझौते पर देश की स्थिति स्पष्ट की है|इसे मीडिया में आ रही खबरों के जवाब के रूप में भी देखा जा रहा है|
पी एम् ओ कार्यालय द्वारा कहागया है कि इस समझौते के विरोध में मात्र एक माह में छह शिकायतें मिलने के फलस्वरूप इस पर केवल विचार किया जा रहा है| इसलिए इससे पीछे हटने या प्रस्ताव का सम्मान न करने का कोई सवाल ही नहीं उठता|
कहा गया है कि पिछले कुछ दिन से भारत – यूएई (आबू धाबी)द्विपक्षीय हवाई सेवाएं समझौते और जेट एयरवेज-एतिहाद इक्विटी स्टेक प्रस्ताव पर मीडिया में खबर आ रही है। इनमें से कुछ खबर में कहा गया है कि प्राधानमंत्री कार्यालय जेट एयरवेज-एतिहाद प्रस्ताव में भूमिका निभा रहा है।
[2] मीडिया के कुछ समाचारों में लगाए जा रहे आरोप तथ्यात्मक रूप से गलत तथा आधारहीन हैं। सरकार में या मंत्रालयों और प्रधानमंत्री के बीच इस बारे में कोई असहमति नहीं है। प्रधानमंत्री ने द्विपक्षीय हवाई सेवाएं समझौते हाथ नहीं खींचा है और न ही प्रधानमंत्री कार्यालय इस मुद्दे पर पीछे हटने की तैयारी कर रहा है।
[३]मीडिया में दो अलग-अलग मामले उठाए जा रहे हैं। पहला भारत और आबू धाबी के बीच द्विपक्षीय हवाई सेवाएं समझौते के तहत सीट बढ़ाने के हक के बारे में है। यह द्विपक्षीय हवाई यातायात सीटों के हक के बारे में दो सरकारों के बीच समझौता है और दोनों देशों की सरकारों से संबंधित है।
[अ] दूसरा जेट एयरवेज और एतिहाद के बीच इक्विटी की हिस्सेदारी के प्रस्ताव के बारे में है जो निजी क्षेत्र की दो कंपनियों के बीच समझौता है। ऐसे समझौते में विदेशी निवेश होता है तथा इसलिए ये इस संबंध में किसी सरकार की नीति एवं कानून के अनुसार होने चाहिए। अलग-अलग मुद्दे होने और विभिन्न श्रेणी के निकायों के बीच के मुद्दे होने के नाते इन दोनों मामलों को अलग-अलग देखा जाना चाहिए
[४]जहां तक द्विपक्षीय हवाई सेवाएं समझौते की बात है, तथ्य सरल हैं। द्विपक्षीय हवाई सेवाएं समझौतों के तहत सीटों के हक में बदलाव आमतौर पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय और दूसरे देश के संबंधित मंत्रालय करते हैं। यह परिवर्तन सहमति ज्ञापन के तहत किए जाते हैं तथा इनके लिए उच्च स्तर पर अनुमोदन की जरूरत नहीं होती।
यह केस प्रधान मंत्री तक क्यूं आया
[५] 22-04-2013 को नागरिक उड्डयन मंत्री ने सीट के हक के बारे में आबू धाबी के साथ सहमति ज्ञापन सम्पन्न करने के लिए प्रधानमंत्री की अनुमति मांगी थी जो अंतर-मंत्रालय समूह की सिफारिश से भिन्न थी। इसलिए यह मामला प्रधानमंत्री के स्तर तक आया। प्रधानमंत्री ने वित्त मंत्री को निर्देश दिया कि मामले पर विस्तार से विचार करने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्री, विदेश मंत्री और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री की बैठक बुलाए। मंत्री मिले और द्विपक्षीय विचार विमर्श के लिए प्रस्ताव पर सहमत हुए। इस बैठक का कार्यवृत्त वित्त मंत्रालय ने जारी कर दिया है।
[६] उसी दिन मंत्री मामले पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री से मिले। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव भी शामिल हुए। बैठक में पिछली बैठक के कार्यवृत्त में उल्लेखित फार्मूले के अनुसार वार्ता में आगे बढ़ने पर सैद्धांतिक सहमति बनी।
[७] इसके बाद 26-04-2013 को प्रधानमंत्री ने यह मामला मंत्रिमंडल के समक्ष लाने को कहा। इस संबंध में उन्होंने नागरिक उड्डयन मंत्री से भी बात की। प्रधानमंत्री कार्यालय ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय को औपचारिक रूप से यह मामला मंत्रिमंडल के समक्ष लाने को कहा। इस सम्बन्ध में नोट जारी कर दिया गया |
[८] इसके बाद हमारे विमानन क्षेत्र पर मध्य पूर्व की विमानन कंपनी के असर के बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय में एक नोट प्राप्त हुआ। इसे विचार के लिए 22-05-2013 को नागरिक उड्डयन मंत्रालय को भेज दिया गया।
[९]मंत्रिमंडल ने जब इस नोट की समीक्षा की तो महसूस किया गया कि इसे सिलसिलेवार ढंग से पुन- तैयार करना चाहिए। इस संदर्भ में प्रधानमंत्री कार्यालय ने 13-6-13 को नागरिक उड्डयन मंत्रालय को कैबिनेट नोट को फिर से तैयार करने के लिए नोट भेजा। प्रधानमंत्री कार्यालय से भेजा गया यह नोट जारी कर दिया गया है।
[१०]यह निजी कंपनियों के बीच का मामला है जिसके लिए वर्तमान नीतियों और कानून के अनुसार संबंधित एजेंट के अनुमोदन की जरूरत है। यह सरकारों के बीच समझौता नहीं है तथा इस मामले में पीछे हटने या प्रस्ताव का सम्मान न करने का सवाल ही नहीं उठता।
समझौते के बारे में शिकायत
इस मामले में प्रधानमंत्री को निम्नलिखित शिकायतें मिलीं –
1- प्रधानमंत्री ने 1-5-2013 को श्री गुरूदास दासगुप्ता का पत्र प्राप्त हुआ ।
2- 2-5-2013 को श्री प्रबोध पांडा का पत्र प्राप्त हुआ ।
3- 3-5-2013 को श्री सुचारू रंजन हलदर, सांसद का पत्र प्राप्त हुआ ।
4- 29-5-2013 को डॉ सुब्रह्मण्यम स्वामी का पत्र प्राप्त हुआ ।
5- 13-6-2013 को श्री अजय संचेती का पत्र प्राप्त हुआ ।
6- 21-6-2013 को श्री अजय संचेती का पत्र प्राप्त हुआ ।
इस मामले पर अभी विचार किया जा रहा है तथा इसलिए पीछे हटने या प्रस्ताव का सम्मान न करने का कोई सवाल ही नहीं उठता।
राष्ट्रीय लोक दल ने भी कांग्रेस की तर्ज़ पर उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला
रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया के प्रदेश में सरकार नाम की कोई संस्था नहीं है| गुंडा राज+पोलिस की वर्दी में वसूली +गेंहूं के बोनस और मथुरा में मारे गए किसानो के लिए न्याय के साथ गन्ने के बकाये के मय ब्याज भुगतान और बिजली की किल्लत को लेकर प्रदेश भर में प्रदर्शन किया जाएगा|३० मार्च को सिवाल ख़ास में किसान पंचायत होगी|यहाँ जिलाधिकारी का घेराव किया जायेगा|जिसमे रालोद मुखिया और सिविल एविएशन मंत्री चौ.अजित सिंह आयेंगे और देवेरिया में जयंत चौधरी पंचायत करेंगे|मुरादाबाद में कमिश्नर का घेराव किया जाएगा|यहाँ मुख्य मुद्दा गन्ना किसानो के बकाये का भुगतान होगा|गौर तलब है के कांग्रेस ने आज अखिलेश सरकार के खिलाफ प्रदेश भर में सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया है|रालोद कांग्रेस की केंद्र में सहयोगी पार्टी है|
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