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चौ अजित सिंह ने “यूं पी” की ८ सीटों के अलावा उत्तराखंड में भी अपने प्रत्याशियों को उतारना शुरू किया

रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. अजित सिंह ने अपने राजनीतिक दायरे को प उ प्र से बढ़ाते हुए टिहरी और आंध्र प्रदेश में भी अपने प्रत्याशी उतारने जा रहे हैं इस कड़ी में कुंवर जपेन्दर सिंह को टिहरी लोकसभा से रालोद का प्रत्याशी बनाया गया है|
गौरतलब है कि रालोद का यूं पी में कांग्रेस से चुनावी करार है जिसके अंतर्गत यूं पी से आठ सीटों पर रालोद के प्रत्याशियों की घोषणा की जा चुकी है यूं पी से बाहर चुनाव लड़ाने में कोई प्रतिबन्ध नहीं हैं इसी का लाभ उठाते हुए आज टिहरी से कुंवर जपेन्दर सिंह को उतारा गया है |
राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. अजित सिंह जी ने अपने आवास पर बैठक कर कुंवर जपेन्दर सिंह को टिहरी लोकसभा से रालोद का प्रत्याशी घोषित किया है। इस अवसर पर सेंट्रल सिविल एविएशन मिनिस्टर ने कहा कि रालोद उत्तराखंड की राजनीति को नई दिशा प्रदान करेगा तथा सम्पूर्ण उत्तराखंड के मुद्दों के साथ-साथ देश के विकास के मुद्दे के लिए भी संघर्ष करेगा।
पार्टी के राष्ट्रीय सचिव गिरीश चौधरी ने बताया कि कुंवर जपेन्दर सिंह उत्तरांचल संयुक्त सर्व समाज संगठन के अध्यक्ष तथा वल्र्ड ह्यूमैन राईट्स प्रोटेक्शन काउंसिल के महासचिव हैं। वह 2012 में टिहरी लोकसभा का उपचुनाव भी लड़ चुके हैं।

चौ. अजित सिंह ने सैनी और कश्यप समाज के दो दलों को रालोद में शामिल किया

चौधरी अजित सिंह ने अपने राष्ट्रीय लोकदल का कुनबा बढ़ाना शुरू कर दिया है | वंचित जमात पार्टी और जनसत्ता पार्टी के रालोद में विलय की घोषणा की गई है इसे पूर्व ठाकुर अमर सिंह और सिनेतारिका ज्याप्रदा को भी रालोद में शामिल किया जा चुका है|
राष्ट्रीय लोकदल में वंचित जमात पार्टी और जनसत्ता पार्टी का विलय हो गया है। आज रालोद अध्यक्ष व केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री चौ. अजित सिंह के आवास पर उनकी उपस्थिति में दोनों पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्ष अपने-अपने दलों के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ रालोद में शामिल हो गए।
इस मौके पर रालोद महासचिव व मथुरा से लोकसभा सांसद जयन्त चौधरी भी मौजूद थे।
रालोद अध्यक्ष ने दोनों दलों के रालोद में विलय पर हर्ष जताया तथा दोनों अध्यक्षों का स्वागत किया। रालोद महासचिव जयन्त चौधरी ने खुशी जताते हुए कहा कि इन दोनों दलों ने समाज के लिए काम किया है और अब ये रालोद परिवार का हिस्सा बनेंगे।
वंचित जमात पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चतर सिंह कश्यप ने कहा है ” चौ. अजित सिंह ने पिछड़ों, किसानों और मजदूरों के हकों की लड़ाई लड़ी है। इसलिए हम उनके नेतृत्व में अति पिछड़ों और अति दलितों को सामाजिक, राजनीतिक एवं आर्थिक लाभ दिलाने के लिए संघर्ष करेंगे।”
जनसत्ता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष करण सिंह सैनी ने कहा है ” हम रालोद को मजबूत करेंगे और पिछड़ों की लड़ाई में अपना सहयोग प्रदान करेंगे। चौ. अजित सिंह जी ने सभी के सम्मान की लड़ाई लड़ी है इसलिए हम उनके साथ हैं।”

रालोद के कार्यकर्ताओं का उत्पीडन बंद नहीं किया गया तो उत्तर प्रदेश में संघर्ष छेड़ा जाएगा: जयंत चौधरी

[नर्इ दिल्ली,]राष्ट्रीय लोकदल[रालोद] के राष्ट्रीय महासचिव युवा जयंत चौधरी ने आज उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार के विरुद्ध हुंकार भरते हुए चेतावनी दी कि प्रदेश में यदि रालोद के कार्यकर्ताओं का उत्पीडन बंद नहीं किया गया तो प्रदेश में सरकार के विरुद्ध संघर्ष छेड़ा जाएगा| श्री जयंत जी ने कहा कि समाजवादी सरकार में रालोद कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न हो रहा है, जिसे राष्ट्रीय लोकदल बिल्कुल बर्दाशत नहीं करेगा। यदि राज्य सरकार नहीं चेती तो राष्ट्रीय लोकदल इसके विरूद्ध संघर्ष करेगा। 18 अगस्त को शामली-मुजफ्फरनगर चलो के तहत जयन्त चौधरी की पद यात्रा को ऐतिहासिक कामयाब बनाने के लिए रण नीति पर भी चर्चा हुई|
रालोद की पशिचमी उत्तर प्रदेश की नव-गठित कार्यकारणी की पहली बैठक में आज छोटे[वर्तमान] चौधरी जयंत ने प्रदेश में अपने वोट बैंक को जोड़े रखने के लिए तीन सूत्री फार्मूला भी पेश किया | पार्टी कार्यालय 13ए, फिरोजशाह रोड़, नर्इ दिल्ली में बैठक आयोजित हुर्इ, जिसमें तीन मुख्य बिन्दुओं पर चर्चा के बाद आम सहमति बनी।
बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव एवं सांसद जयंत चौधरी ने कहा कि
[१]पशिचमी उत्तर प्रदेश में अलग हार्इकोर्ट बैंच,
[२] जाट आरक्षण तथा
[३] हरित प्रदेश के मुददे राष्ट्रीय लोकदल के मुख्य एजेंडे पर हैं।
इसके आलावा गन्ना तथा आलू किसानों के बकाये के लिये जिला कार्यालयों पर धरना प्रदर्शन करने का भी ऐलान किया गया
राष्ट्रीय महा सचिव ने कहा कि हार्इकोर्ट बैंच को लेकर रालोद हमेशा संघर्षशील रहा है। रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह इस मुद्दे पर केन्द्रीय कानून मंत्री से मिल चुके हैं तथा उनसे सकारात्मक आशवासन भी मिला है।
रालोद पशिचमी उत्तर प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष सत्यवीर त्यागी ने कहा कि रालोद वकीलों के आन्दोलन को समर्थन प्रदान करता रहा है और आगे भी संघर्षशील रहेगा।
जाट आरक्षण को लेकर भी चौधरी अजित सिंह व श्री जयंत चौधरी केन्द्र सरकार के सम्मुख जाट आरक्षण की मांग उठा चुके हैं
हरित प्रदेश के विषय में श्री जयंत चौधरी ने कहा कि छोटे राज्य हमेशा विकास करते हैं तथा उनमें प्रशासनिक समीक्षा समुचित ढंग से हो सकती है।
18 अगस्त को शामली-मुजफ्फरनगर चलो के तहत श्री जयन्त चौधरी जी की पद यात्रा को ऐतिहासिक बनाने के लिए तन मन से कामयाब बनाने के लिए रालोद पशिचमी उत्तर प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष श्री त्यागी ने अपील की।
तथा जिला अध्यक्षों की सहायता के लिए जिला प्रभारीयों की नियुकित की जाएगी।

चौ..अजित सिंह ने अपने सांसद देवेन्द्र नागपाल और सारिका सिंह को निलंबित किया

राष्ट्रीय लोक दल[रालोद] ने लोक सभा के चुनावों में उतरने के लिए संगठन को चुस्त दुरुस्त करने की कवायद तेज कर दी है|बीते दिन पार्टी की मीटिंग के पश्चात आज एक बड़ा कदम उठाते हुए अपने दो सांसद देवेन्द्र नागपाल और श्रीमति सारिका सिंह को रालोद से निलंबित कर दिया है|

Ralod

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रालोद के टिकट पर अमरोहा से लोकसभा सांसद देवेन्द्र नागपाल तथा हाथरस से लोकसभा सांसद श्रीमति सारिका सिंह बघेल हैं इन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण पार्टी से निलम्बित कर दिया गया है।
रालोद अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह ने इन दोनों बागी सांसदों को पत्र लिखकर इस मामले पर अपना प़क्ष प्रस्तुत करने को कहा है। यदि ये ऐसा करने में असफल रहते हैं तो संगठन से निष्कासन के साथ-साथ इन पर दल-बदल कानून के तहत लोकसभा की सदस्यता समाप्त करने की कार्रवाई भी की जाएगी।
गौरतलब है कि पिछले छह माह से समाचार पत्रों में विभिन्न सार्वजनिक स्थलों पर इनके द्वारा दिए गए पार्टी विरोधी वक्तव्य प्रकाशित हो रहे थे। सारिका सिंह बघेल समाजवादी पार्टी से आगामी लोकसभा चुनाव में आगरा से प्रत्याशी घोषित हो चुकी हैं। हाईकोर्ट के निर्देश पर अपर सिविल जज कनिष्ठ प्रभार ने एक अपराधिक केस में सांसद सारिका सिंह बघेल एवं उनके पति देवेंद्र सिंह बघेल के खिलाफ तलाशी वारंट जारी किए थे |
Parliamentarian Smt Sarika Baghail

Parliamentarian Smt Sarika Baghail

देवेन्द्र नागपाल ने भी सार्वजनिक मंच से रालोद छोड़ने का ऐलान किया है। दोनों ने अखबारों में प्रकाशित पार्टी विरोधी वक्तव्यों और गतिविधियों का खण्डन भी नहीं किया है।
पार्टी अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह ने दोनों सांसदों को पत्र लिखकर रालोद विरोधी गतिविधियों और बयानों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए एक सप्ताह के अन्दर जवाब मांगा है। यदि इन्होंने तय समय सीमा के अन्दर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।

जेट एतिहाद पर एक माह में छह शिकायतों पर अभी विचार किया जा रहा है ,पीछे हटने का सवाल नहीं उठता PMO

प्रधान मंत्री कार्यालय[पी एम् ओ]ने जेट -एतिहाद एयर लाइन्स को लेकर हुए भारत -और यूएई में हवाई सेवाएं समझौते पर देश की स्थिति स्पष्ट की है|इसे मीडिया में आ रही खबरों के जवाब के रूप में भी देखा जा रहा है|
पी एम् ओ कार्यालय द्वारा कहागया है कि इस समझौते के विरोध में मात्र एक माह में छह शिकायतें मिलने के फलस्वरूप इस पर केवल विचार किया जा रहा है| इसलिए इससे पीछे हटने या प्रस्‍ताव का सम्‍मान न करने का कोई सवाल ही नहीं उठता|
कहा गया है कि पिछले कुछ दिन से भारत – यूएई (आबू धाबी)द्विपक्षीय हवाई सेवाएं समझौते और जेट एयरवेज-एतिहाद इक्विटी स्‍टेक प्रस्‍ताव पर मीडिया में खबर आ रही है। इनमें से कुछ खबर में कहा गया है कि प्राधानमंत्री कार्यालय जेट एयरवेज-एतिहाद प्रस्‍ताव में भूमिका निभा रहा है।
[2] मीडिया के कुछ समाचारों में लगाए जा रहे आरोप तथ्‍यात्‍मक रूप से गलत तथा आधारहीन हैं। सरकार में या मंत्रालयों और प्रधानमंत्री के बीच इस बारे में कोई असहमति नहीं है। प्रधानमंत्री ने द्विपक्षीय हवाई सेवाएं समझौते हाथ नहीं खींचा है और न ही प्रधानमंत्री कार्यालय इस मुद्दे पर पीछे हटने की तैयारी कर रहा है।
[३]मीडिया में दो अलग-अलग मामले उठाए जा रहे हैं। पहला भारत और आबू धाबी के बीच द्विपक्षीय हवाई सेवाएं समझौते के तहत सीट बढ़ाने के हक के बारे में है। यह द्विपक्षीय हवाई यातायात सीटों के हक के बारे में दो सरकारों के बीच समझौता है और दोनों देशों की सरकारों से संबंधित है।
[अ] दूसरा जेट एयरवेज और एतिहाद के बीच इक्विटी की हिस्‍सेदारी के प्रस्‍ताव के बारे में है जो निजी क्षेत्र की दो कंपनियों के बीच समझौता है। ऐसे समझौते में विदेशी निवेश होता है तथा इसलिए ये इस संबंध में किसी सरकार की नीति एवं कानून के अनुसार होने चाहिए। अलग-अलग मुद्दे होने और विभिन्‍न श्रेणी के निकायों के बीच के मुद्दे होने के नाते इन दोनों मामलों को अलग-अलग देखा जाना चाहिए
[४]जहां तक द्विपक्षीय हवाई सेवाएं समझौते की बात है, तथ्‍य सरल हैं। द्विपक्षीय हवाई सेवाएं समझौतों के तहत सीटों के हक में बदलाव आमतौर पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय और दूसरे देश के संबंधित मंत्रालय करते हैं। यह परिवर्तन सहमति ज्ञापन के तहत किए जाते हैं तथा इनके लिए उच्‍च स्‍तर पर अनुमोदन की जरूरत नहीं होती।

यह केस प्रधान मंत्री तक क्यूं आया

[५] 22-04-2013 को नागरिक उड्डयन मंत्री ने सीट के हक के बारे में आबू धाबी के साथ सहमति ज्ञापन सम्‍पन्‍न करने के लिए प्रधानमंत्री की अनुमति मांगी थी जो अंतर-मंत्रालय समूह की सिफारिश से भिन्‍न थी। इसलिए यह मामला प्रधानमंत्री के स्‍तर तक आया। प्रधानमंत्री ने वित्‍त मंत्री को निर्देश दिया कि मामले पर विस्‍तार से विचार करने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्री, विदेश मंत्री और वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री की बैठक बुलाए। मंत्री मिले और द्विपक्षीय विचार विमर्श के लिए प्रस्‍ताव पर सहमत हुए। इस बैठक का कार्यवृत्‍त वित्‍त मंत्रालय ने जारी कर दिया है।
[६] उसी दिन मंत्री मामले पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री से मिले। इस बैठक में राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव भी शामिल हुए। बैठक में पिछली बैठक के कार्यवृत्‍त में उल्‍लेखित फार्मूले के अनुसार वार्ता में आगे बढ़ने पर सैद्धांतिक सहमति बनी।
[७] इसके बाद 26-04-2013 को प्रधानमंत्री ने यह मामला मंत्रिमंडल के समक्ष लाने को कहा। इस संबंध में उन्‍होंने नागरिक उड्डयन मंत्री से भी बात की। प्रधानमंत्री कार्यालय ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय को औपचारिक रूप से यह मामला मंत्रिमंडल के समक्ष लाने को कहा। इस सम्बन्ध में नोट जारी कर दिया गया |
[८] इसके बाद हमारे विमानन क्षेत्र पर मध्‍य पूर्व की विमानन कंपनी के असर के बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय में एक नोट प्राप्‍त हुआ। इसे विचार के लिए 22-05-2013 को नागरिक उड्डयन मंत्रालय को भेज दिया गया।
[९]मंत्रिमंडल ने जब इस नोट की समीक्षा की तो महसूस किया गया कि इसे सिलसिलेवार ढंग से पुन- तैयार करना चाहिए। इस संदर्भ में प्रधानमंत्री कार्यालय ने 13-6-13 को नागरिक उड्डयन मंत्रालय को कैबिनेट नोट को फिर से तैयार करने के लिए नोट भेजा। प्रधानमंत्री कार्यालय से भेजा गया यह नोट जारी कर दिया गया है।
[१०]यह निजी कंपनियों के बीच का मामला है जिसके लिए वर्तमान नीतियों और कानून के अनुसार संबंधित एजेंट के अनुमोदन की जरूरत है। यह सरकारों के बीच समझौता नहीं है तथा इस मामले में पीछे हटने या प्रस्‍ताव का सम्‍मान न करने का सवाल ही नहीं उठता।
समझौते के बारे में शिकायत
इस मामले में प्रधानमंत्री को निम्‍नलिखित शिकायतें मिलीं –
1- प्रधानमंत्री ने 1-5-2013 को श्री गुरूदास दासगुप्‍ता का पत्र प्राप्‍त हुआ ।
2- 2-5-2013 को श्री प्रबोध पांडा का पत्र प्राप्‍त हुआ ।
3- 3-5-2013 को श्री सुचारू रंजन हलदर, सांसद का पत्र प्राप्‍त हुआ ।
4- 29-5-2013 को डॉ सुब्रह्मण्‍यम स्‍वामी का पत्र प्राप्‍त हुआ ।
5- 13-6-2013 को श्री अजय संचेती का पत्र प्राप्‍त हुआ ।
6- 21-6-2013 को श्री अजय संचेती का पत्र प्राप्‍त हुआ ।
इस मामले पर अभी विचार किया जा रहा है तथा इसलिए पीछे हटने या प्रस्‍ताव का सम्‍मान न करने का कोई सवाल ही नहीं उठता।

चौ. अजित सिंह की चौधराहट पर चहुँ और से हमला :पोलिटिकल बारगैनिंग पावर प्रभावित हो सकती है

हवाई जहाज़ों के मंत्रालय का सुख भोग रहे चौधरी अजित सिंह को अपने गढ़ वेस्टर्न यूं पी में पूरी तरह से घेरने की तैय्यारी शुरू हो गई है| चौधरी चरण सिंह के वारिस अजित सिंह के पारंपरिक राजनीतिक हितों पर एटैक किये जाने लग गए हैं जाहिर है इनकी चौधराहट और सत्ता के लिए बारगैनिंग [मोल भाव] पावर भी प्रभावित हो सकती है|मेरठ में एयर पोर्ट+गन्ना के बकाये का भुगतान + बकाये पर ब्याज+हाई कोर्ट की बेंच +जाट आरक्षणजैसे मुद्दे इनके हाथ से निकलते जा रहे हैं|यहाँ तक के पांच सांसदों के बल पर सिविल एविएशन मंत्रालय में बैठने वाले चौधरी अजित सिंह के सांसद देवेन्द्र नागपाल और सांसद श्रीमती सारिका की बगावत उजागर हो चुकी है |[५-२=३]
सिविल एविएशन मंत्री बनने के बाद से ही संसद में इनके पुराने मित्रों ने भी कहा था के चौ. अजित सिंह ने गलत मंत्रालय चुन लिया है गलती के अब परिणाम भी आने लग गए हैं|अभी तक ऍफ़ डी आई की नीति के उत्साह जनक परिणाम नहीं है|एयर लाइन्स की दुर्घटनाएं और स्टाफ की नाराज़गी कंट्रोल नही हुई है|इसके अलावा प्रदेश में भी स्थिति कोई उत्साह वर्धक नहीं है|प्रदेश में इनके ९ विधायक हैं जिनकी उपस्थिति से पार्टी को कोई लाभ होता नहीं दिख रहाशायद इसी लिए प्रदेश सरकार में रालोद का कोई प्रभावी दखल दिखाई नहीं दे रहा |

चौ. अजित सिंह की चौधराहट पर चहुँ और से हमला :पोलिटिकल बारगैनिंग पावर प्रभावित हो सकती है

चौ. अजित सिंह की चौधराहट पर चहुँ और से हमला :पोलिटिकल बारगैनिंग पावर प्रभावित हो सकती है


[१]इस केन्द्रीय मंत्रालय के जरिये केन्द्रीय मंत्री ने . उत्तर प्रदेश में [११]एयर पोर्ट्स और वर्कशाप्स के माध्यम से पैर ज़माने का प्रयास किया|प्रदेश में सत्ता रुड समाजवादी पार्टी बेशक केंद्र में सरकार को बाहर से सहयोग दे रही है मगर प्रदेश में कांग्रेस के साथ ही अजित सिंह के दल रालोद को भी बाहर ही रखने को हर संभव प्रयास कर रही है|इसी कड़ी में प्रदेश में प्रस्तावित नए एयर पोर्ट्स के लिए फ्री में जमीन देने में आये दिन आनाकानी की जा रही है|
[२]हाई कोर्ट की बेंच मेरठ में लाने के लिए किये जा रहे सारे प्रयासों पर प्रदेश सरकार ने पानी फेर दिया|
चौ. अजित सिंह की चौधराहट पर चहुँ और से हमला :पोलिटिकल बारगैनिंग पावर प्रभावित हो सकती है

चौ. अजित सिंह की चौधराहट पर चहुँ और से हमला :पोलिटिकल बारगैनिंग पावर प्रभावित हो सकती है


[३]गन्ना किसानो की लड़ाई के लिए सरदार वीरेंदर मोहन[वी एम्] सिंह पीली भीत से मेरठ आ गए हैं और कमिश्नरी पार्क में किसान धरने के नित नए रिकार्ड बना रहे हैं | गौरतलब है के गन्ना छेत्र जिसे शुगर बाऊल भी कहा जाता है यह चौ. अजित सिंह की राजनीति की रीड मानीजाती है| इसी रीड को बचाने के लिए रालोद छोटे मोटे ज्ञापन जारी करता रहता है |प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से चर्चा में आता रहता है लेकिन सरदार वी एम् सिंह के धरने के साथ बेशक रालोद ने दूरी बना रखी है लेकिन इस धरने से अब खाप भी जुड़ने लग गई हैं|लम्बे खींचे जा रहे इस धरने का शायद उद्देश्य भी यही लग रहा है|
[४]जाट आरक्षण के लिए दिल्ली में किसान और जाट चौ. अजित सिंह के बगैर इकट्ठे हो रहे हैं |यहाँ तक [शायद पहली बार] चौ. अजित सिंह के पुतले सवयम जाटों द्वारा जलाये गए हैं| नाराज जाटों को पुचकारने केलिए चौ. अजित सिंह के युवा और उत्साही पुत्र और मथुरा से रालोद के सांसद जयंत चौधरी आगे आ गए हैं और उन्होंने मोदी नगर में जाट आरक्षण के लिए पार्टी का समर्थन देने का आश्वासन दे दिया है|
[५] लास्ट बट नोट दी लीस्ट रालोद के पांच सांसदों की संख्या में कमी आनी शुरू हो गई है|इसमें शायद न्रेतत्व की कमी भी कही जा सकती है|रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान का कहना है के पार्टी न्रेतत्व ने अमरोहा से सांसद देवेन्द्र नागपाल का टिकट काट दिया है इसीलिए अब नागपाल अपने लिए दूसरी पार्टी तलाश रहे हैं| इसके अलावा हाथरस से एस सी कोटे से श्रीमती सारिका का भी दूसरी पार्टी से राजनीतिक प्रेम उजागर हो चुका है|अब स्वयम चौ, अजित सिंह उनके पुत्र जयंत सिंह [मथुरा]के अलावा ले देकर बिजनौर से संजय सिंह चौहान[पूर्व उपमुख्य मंत्री के पुत्र] ही बचते हैं| यहाँ यह कहना अनुचित नहीं होगा की केंद्र में सत्ता रुड यूं पी ऐ एक एक सांसद के समर्थन के लिए जोर लगाया जा रहा है इस संकट की घड़ी में उसके एक घटक के दो सांसद एक झटके में अलग होने से सत्ता में बारगेनिंग की पावर तो प्रभावित हो सकती है

राष्ट्रीय लोक दल ने भी कांग्रेस की तर्ज़ पर उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला

राष्ट्रीय लोक दल ने भी कांग्रेस की तर्ज़ पर उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला

राष्ट्रीय लोक दल ने भी कांग्रेस की तर्ज़ पर उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला

राष्ट्रीय लोक दल [रालोद]ने भी कांग्रेस की तर्ज़ पर उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है|प्रदेश भर में अब पार्टी के कार्यकर्ता धरना और प्रदर्शन करके सरकार की नाकामियों से जनता को जागरूक करेंगे |
रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया के प्रदेश में सरकार नाम की कोई संस्था नहीं है| गुंडा राज+पोलिस की वर्दी में वसूली +गेंहूं के बोनस और मथुरा में मारे गए किसानो के लिए न्याय के साथ गन्ने के बकाये के मय ब्याज भुगतान और बिजली की किल्लत को लेकर प्रदेश भर में प्रदर्शन किया जाएगा|३० मार्च को सिवाल ख़ास में किसान पंचायत होगी|यहाँ जिलाधिकारी का घेराव किया जायेगा|जिसमे रालोद मुखिया और सिविल एविएशन मंत्री चौ.अजित सिंह आयेंगे और देवेरिया में जयंत चौधरी पंचायत करेंगे|मुरादाबाद में कमिश्नर का घेराव किया जाएगा|यहाँ मुख्य मुद्दा गन्ना किसानो के बकाये का भुगतान होगा|गौर तलब है के कांग्रेस ने आज अखिलेश सरकार के खिलाफ प्रदेश भर में सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया है|रालोद कांग्रेस की केंद्र में सहयोगी पार्टी है|