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Category: Politics

मोदी के कुपोषण के जवाब पर उठ रहे हैं सवाल

: गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर से भारत और इंडिया के बीच खाई खोद कर राजनितिक हलचल मचा दी है|महिलाओं में कुपोषण के मुद्दे पर पूछे गए एक सवाल परउन्होंने कहा कि मध्य वर्ग (मिडिल क्लास) सुंदरता के प्रति स्वास्थ्य से कहीं अधिक सचेत है और यह एक चुनौती है। अमेरिका की एक पत्रिका वाल स्ट्रीट जर्नल से बातचीत में मोदी के इस तरह के जवाब से सवाल उठने शुरू हो गए हैं|
गुजरात में कुपोषण संबंधी जब एक सवाल उनसे किया गया तो उन्होंने कहा कि मिडिल क्लास की लड़कियों और को सेहत से ज्यादा सुंदरता की फिक्र है। उन्होंने कहा कि यदि कोई मां अपनी बेटी से दूध पीने को कहती है, तो उनमें कहा सुनी हो जाती है। बेटी अपनी मां से कहती है कि मैं दूध पीने से मोटी हो जाऊंगी।
इस पर कांग्रेस के राजीव शुक्ला+अम्बिका सोनी आदि ने आलोचना करते हुए गुजरात में होने वाले चुनावों में मोदी का बहिष्कार करने की बात कही है|
२००२ के दंगों पर माफ़ी
एक अन्यं सवाल पर राज्य में 2002 में हुए दंगों के लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया है। मोदी ने कहा कि किसी से माफी मांगने के लिए तब कहना चाहिए जब वह किसी अपराध के लिए दोषी हो। यदि आपको लगता है कि यह कोई बड़ा अपराध है तो दोषी को क्यों छोड़ दिया जाए?
मुख्यमंत्री से पूछा गया कि क्या उन्हें २००२ के साम्प्रदाईक दंगों के लिए माफी मांगनी चाहिए, जैसा कि उनके आलोचक मांग कर रहे हैंतब उन्होंने प्रश्न कर्ता से अपने पुराने उतर को दोहराते हुए कहा कि केवल इसलिए कि मोदी मुख्यमंत्री हैं। उन्हें क्यों छोड़ा जाना चाहिए। मुझे लगता है कि यदि मैं दोषी हूं तो मुझे अधिकतम सजा मिलनी चाहिए। दुनिया को जानना चाहिए कि इस तरह के नेता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह खुद को भविष्य के प्रधानमंत्री के तौर पर देखते हैं, उन्होंने टालते हुए कहा कि वह गुजरात पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। मैं इससे आगे की नहीं सोच रहा।

सहयोगी सपा भी संसद में कल धरना देगी

कोयले की लड़ाई में अभी तक तटस्थ रहे सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव भी कूद पड़े हैं|३१ अगस्त को प्रात दस बजे संसद पर धरना देने का एलान कर दिया है|सपा के साथ सी पी आई +सी पी एम् और तेलगू देशम भी होंगें|
गौरतलब है कि केंद्र सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे मुलायम सिंह यादव अभी तक कोयले के हंगामे से तटस्थ ही रहे हैं मगर पिछले दिनों यूं पी ऐ अध्यक्षा श्रीमति सोनिया गाँधी ने संसद में मुलायम सिंह से संक्षिप्त मुलाक़ात की जिसके बाद से सपा के स्टेंड में यह परिवर्तन देखा जा रहा है|
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि सपा और कांग्रेस में कोई समजौता हुआ है जिसके फलस्वरूप सपा ने भाजपा द्वारा संसद में लाए गए गतिरोध का जवाब देने या फिर देश की एट्रेक्शन [ध्यान]भाजपा से हटाने के लिए यह धरना दिया जाना है|
सपा मुखिया श्री यादव ने मांग की है कि कोयला घोटाला और संसद में गतिरोध कि जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज को नियुक्त किया जाए|

संसद के गतिरोध से साड़े सत्रह करोड़ बर्बाद

बारह बजे प्रारम्भ हुए सेशन के चलने के १० मिनट पश्चात राज्य सभा और १३ मिनट के बाद लोक सभा स्थगित कर दी गईसंसद कल ३१ अगस्त तक के लिए स्थगित की गई है|जबकि राज्यसभा का निर्णय २ बजे होगा |
संसद की कार्यवाही आज दसवें दिन भी नहीं चली दोनों सदनों को १२ बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है|
कोल आवंटन पर कैग रिपोर्ट आने के बाद उग्र हुए विपक्ष ने आज भी संसद की कार्यवाही नहीं चलने दी और आज भी लोकसभा और राज्यसभा को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
सरकार अब मुलायम सिंह पर भी डोरे डाल रही है। इसके अलावा यह खबर भी छन कर बाहर आ रही है कि कांग्रेस लोकसभा में बीजेपी के खिलाफ जल्द ही धरना प्रदर्शन कर सकती है|
संसद की कार्यवाही पे एक दिन में पौने दो करोड़ का खर्च आता है दस दिन के साडे सतरह करोड़ का नुकसान हो चुका है

कांग्रेस ने कैग पर भी किया कडा रुख

कोयला खंड आवंटन मामले में घिरी सरकार अब भाजपा के साथ साथ संवैधानिक संस्था कैग पर भी आक्रामक हो गई है।कपिल सिब्बल ने कैग की कोयला रिपोर्ट पर प्रहार करते हुए कैग रिपोर्ट में भाजपा का हाथ होने का संदेह व्यक्त किया है|
श्री सिब्बल ने कहा कि पहले भी भाजपा एक आडिटर को पुरुस्कृत कर चुकी है|इसीलिए आडिटर कि रिपोर्ट को दूध का धुला नहीं कहा जा सकता |कैग को पवित्र गाय [होली काऊ] मानने से भी इनकार कर दिया |उन्होंने कहा कि जब प्रधान मंत्री जैसे संवैधानिक पद पर बैठे एक इमानदार कि आलोचना हो सकती है तब कैग कि आलोचना क्यूं नहीं हो सकती
पी एम् के संकट मौचक के रूप में प्रकट हुए टेलीकाम मंत्री कपिल सिब्बल ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि इन दिनों भाजपा संवैधानिक संस्थाओं पर प्रहार को लेकर हमारे ऊपर आरोप लगा रही है। जबकि, 2004 में राजग सरकार के समय सेंटूर होटल घोटाले की सीबीआइ जांच की मांग पर भाजपा ने नुकसान के आकलन की कैग की प्रक्रिया पर खुद सवाल उठाए थे। तब अरुण शौरी विनिवेश मंत्री थे।
2001 में ताबूत खरीद पर कैग की रिपोर्ट आई थी तो अरुण जेटली ने कहा था, ‘कैग ने अफवाहों के आधार पर आकलन किया है।
तत्कालीन रक्षा मंत्री जार्ज फर्नाडिस ने तो कैग पर अनैतिक तरीके से काम करने तक की बात कह डाली थी। सिब्बल ने कहा कि भाजपा को अपना इतिहास नहीं भूलना चाहिए।
मानव संसाधन विकास मंत्री श्री सिब्बल ने विपक्ष के नेता अरुण जेटली से पूछा कि जब वे[भाजपा] सत्ता में (1998 से 2004 तक) थे तो किस पारदर्शी प्रक्रिया से कोयला आवंटन हुआ? उस समय तो स्क्रीनिंग कमेटी और जांच के बिना ही कोयला लाइसेंस दे दिए गए और अब हम कहते हैं कैग रिपोर्ट पर संसद में चर्चा करो तो नहीं करते।
सिब्बल ने कहा, ‘भाजपा का यही चरित्र है। देश तोड़ो-सत्ता पाओ। वे देश के बारे में नहीं सोचते। निराशा में सारी कोशिशें 2014 में किसी तरह केंद्र की सत्ता में आने की हैं। फिर भी हम उनसे अपील करते हैं| संसद में आओ+सवाल पूछो+जवाब मिलेगा। लोकतंत्र में इसके सिवा कोई और रास्ता नहीं होता।

माननीय सांसदों और सोश्लाईट्स ने आपस में पाले बदले


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक सामान्य नागरिक

ओये झल्लेया ये क्या हो रहा है?इन माननीय सांसदों ने और सोश्लाईट्स ने आपस में पाले बदल लिए हैं क्या ?
सोश्लाईट्स के सडकों पर हो रहे आन्दोलनों से बौखला कर ये माननीय सांसद कहते थे कि संसद लोक तंत्र का मंदिर है
संसद सर्वोपर्री है | जो भी फैसला होगा संसद में ही होगा |इसीलिए संसद के फैसले सडकों पर नहीं लिए जा सकते |
अब यही सांसद स्वयम संसद के गेट पर अलिगढ़िया ताला लगा कर सडकों पर कोयले कि लड़ाई लड़ने के लिए ताल ठोंक
रहे हैं|ओये जिन लोगों को ये संसद में आने को उकसा रहे थे वोह सोश्लाईट्स अब सड़क की लड़ाई संसद में लड़ने कि तैय्यारी
करने लग गए है|कांग्रेस और भाजपा दो प्रमुख पार्टियाँ हैं|इन दोनों ने पहले संसद को स्थगित करवा कर मीडिया में लड़ाई लड़ी
अब मीडिया से सडकों पर जाने कि घोषणा कर दी है|

झल्ला

भापा जी मेरे भोले भाले भाप जी फूटबाल के मैच में हाफ टाईम के बाद जिस तरह से दोनों टीमे अपना अपना छेत्र रक्षण [गोल]
की अदला बदली कर लेती हैं ठीक उसी तरह सोश्लाईट्स और सांसदों ने भी अपने अपने गोल आपस में बदल लिए हैं|एक्सचेंज कर लिए हैं|
हाँ आप जी ने जो संसद पर अलिगढ़िये ताले की बात कही है तो माननीय सांसद अगर संसद छोड़ कर सड़क पर उतरेंगे तो ये सोश्लईट्स
संसद में घुस कर नहीं बैठ जायेंगे

निवर्तमान होने पर रीता ने मंत्रियों पर खीज उतारी

निवर्तमान होने पर रीता ने मंत्रियों पर खीज उतारी
कांग्रेस नेत्री रीता बहुगुणा जोशी ने विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के लिए मंत्रियों पर खीज उतारी उन्होंने हार के लिए आपसी मतभेद और प्रदेश के केंद्र में मंत्रियों के असहयोग को दोषी ठहराया|
यह ब्यान उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से निवर्तमान होने पर दिया गया है|इस पद पर अब निर्मल खत्री को बैठाया गया है|
जोशी ने कहा है कि विधानसभा चुनाव में सपा के हाथों इतनी बड़ी हार का प्रमुख कारण पार्टी नेताओं में आपसी खींचतान रहा। बगैर किसी का नाम लिए कई वरिष्ठ नेताओं की तरफ इशारा किया। उनका कहना था कि उत्तर प्रदेश से केन्द्र सरकार के कुछ मंत्रियों ने भी आपसी कलह को हवा दी।
प्रदेश से केंद्र में कुछ मंत्री जैसे बेनी प्रसाद +श्रीप्रकाश जायसवाल+सलमान खुर्शीद के अलावा रालोद के अजित सिंह भी हमेशा चर्चा में रहे हैं|
निर्मल खत्री को प्रदेश में अपना उतराधिकारी बनने [अध्यक्ष] पर बधाई देते हुए जोशी ने कहा कि वह सुलझे हुए और निर्विवाद रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि खत्री के समय में कांग्रेस और मजबूत होकर उभरेगी। निवर्तमान अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस को मजबूत करने के लिए हरसंभव प्रयास किए।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को धन्यवाद देते हुए जोशी ने कहा कि उनके नेता ने उन्हें पांच साल तक इस ऐतिहासिक पार्टी की राज्य में कमान सौंपी। यदि उत्तर प्रदेश से केन्द्र में मंत्रीगण और वरिष्ठ नेता सहयोग देते तो विधानसभा में बेहतर आंकड़े होते

की वर्ड कांग्रेस

राजनीतिक पार्टियाँ अपनी मान्यताएं बदल रही है|

कोयले की लड़ाई अब कांग्रेस और भाजपा के बीच सड़कों पर लड़ी जायेगी |
संसद में मानसून सत्र हंगामे की भेंट चड़ता जा रहा है|इसीलिए अब संसद की लड़ाई सडकों पर लड़ने के लिए पक्ष और विपक्ष दोनों की फोजों को हुकुम नामे जारी हो गए हैं|साठ साल पूरे करने पर लोक तंत्र को साठा सो पाठा कहा जा रहा था वोह अब सठियाता जा रहा है|
अन्ना हजारे और बाबा रामदेव के अनशन के वक्त माननीय सांसद कह रहे थे की संसद की लड़ाई सड़कों पर नहीं लड़ी जा सकती |क्योंकि संसद सर्वोपर्री है|लोक तंत्र का पवित्र मन्दिर है|इसीलिए जो भी फैसले लिए जाने हैं वोह संसद में ही लिए जाने चाहिए |
अब यकायक भ्रष्टाचार के मुद्दों पर संसद से सबका विश्वास उठ गया है|इस मानसून सत्र में ९ दिन [६ वर्किंग +३ अवकाश]+ बिजनेस नहीं हुआ है| १.७५ X ९ =१५.७५ करोड़ रुपये फूंके जा चुके हैं|
अब कहा जा रहा है की संसद की लड़ाई को सडकों पर लड़ा जाएगा \यूं पी ऐ की अध्यक्षा श्रीमति सोनिया गांधी ने अपनी पार्टी को आदेश जारी करके विपक्ष पर हमले करने की छूट दे दी है| भाजपा पहले ही जनता के बीच मामला लेजाने की बात कह चुकी है|
कांग्रेस प्रवक्ता लुधिआना से सांसद मनीष तिवारी ने मीडिया में कहा है की अब बीजेपी को जवाब देने के लिए और जनता तक अपनी बात पहुंचाने के लिए उनके लाखों कार्यकर्ता सड़कों पर उतरेंगे।
आश्चर्यजनक रूप से कल तक जो अन्ना टीम सड़को पर आन्दोलन करके सरकार को घेरने का प्रयास कर रही थी उसने अब राष्ट्र की मुख्य धारा में आकार संसदीय प्रणाली के अनुसार कार्य करने की घोषणा कर दी है मगर इसके ठीक उलट जो लोग संसदीय प्रणाली की दुहाई दे रहे थे उन्होंने संसद को छोड़ कर सडकों पर उतरने की घोषणा कर दी है|
फूटबाल के मैच में हाफ टीम के बाद टीमे जिस तरह अपने गोल को बदल लेती हैं उसी प्रकार अब राजनीतिक पार्टियाँ भी अपने गोल अपने विचारधारा अपनी मान्यताएं बदल रही है|

कांग्रेस ने सी ऐ जी [कैग]को भाजपा का एजेंट बताया

श्री तिवारी ने इशारों इशारों में बीजेपी पर हमला करते हुए मौजूदा सीएजी विनोद राय को भी लपेट लिया।
उन्होंने कहा कि बीजेपी ने पहले भी एक पूर्व सीएजी टीएन चतुर्वेदी को टिकट दिया था। मालूम हो कि चतुर्वेदी ने ही बोफोर्स मसले पर सीएजी रिपोर्ट पेश की थी जिसके चलते राजीव गांधी की सरकार चली गई थी
तिवारी ने बीजेपी से प्रश्न करते हुए कहा कि संवैधानिक संस्थाओं की मर्यादा के बारे घड़ियाली आंसू बहाना बीजेपी की आदत में है।
क्या संसद संवैधानिक संस्था नहीं है और इसे ठप्प करने से क्या लोकतंत्र कमजोर नहीं होगा? उन्होंने कहा कि पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के लाखों कार्यकर्ता सड़कों पर बीजेपी को उजागर करेंगे।

रिपब्लिकन भारतीय समिति ने रोमानी का समर्थन किया

अमेरिका में जैसे जैसे नवम्बर नज़दीक आता जा रहा है वैसे वैसे ही डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन्स अपने अपने प्रत्याशियों की जीत की भविष्य वाणी कर रहे हैं|
बीते दिनों डेमोक्रेट बराक ओबामा की जीत की भविष्य वाणी के जवाब में अब डेमोक्रेट मिट रोमनी की जीत की बात मीडिया में उछाली जा रही है|
आउट सोर्सिंग से सस्ता काम करने का वायदा +पार्टी के वार्षिक सम्मलेन में सिख द्वारा शबद कीर्तन कराने की घोषणा करके रोमनी भारतीय समुदाय को भी खुश करते जा रहे हैं|
भारतीय अमेरिकी समुदाय के नजरिए को पर्याप्त महत्व दिए जाने से खुश समुदाय की एक राजनैतिक कार्यकारी समिति ने उन्हें अपना समर्थन दिया है।
रिपब्लिकन भारतीय समिति (आरआईसी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिलीप पलीथ और सेम मल्होत्रा ने गर्वनर रोमनी को सहयोग का आश्वासन दिया||
आरआईसी ने कहा कि आज भारतीय अमेरिकी छोटे बिजनेस मालिकों, कारपोरेट प्रबंधक, तकनीकी मुख्य कार्यकारी अधिकारियों, बैंकरों, निवेशकों, डॉक्टरों, वैज्ञनिकों, इंजीनियरों और प्रोफेसरों के रूप में काम करते हैं।
हम जानते हैं कि हमारे समुदाय को अगली पीढ़ी के लिए अमेरिकी सपने की रक्षा करनी है। हम अपने बच्चों पर अरबों-खरबों डॉलरों के कर्ज का बोझ नहीं छोड़ना चाहते।

निर्गुट देशों के सम्मलेन को अमेरिकी जवाब

निर्गुट १२० देशों के तेहरान में चल रहे सम्मलेन के समय अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन भी कल[३० अगस्त] से छह देशों की यात्रा शुरू करेंगी। अमेरिकी विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक,हिलेरी 31 अगस्त को दक्षिण प्रशांत द्वीप स्थित कुक द्वीप में आयोजित 43 वें प्रशांत द्वीपीय देशों के नेताओं की बैठक के बाद होने वाली वार्ता में हिस्सा लेंगी। बयान में जोर देते हुए कहा गया है कि यह अमेरिका व प्रशांत द्वीपीय देशों के बीच संपर्क मजबूत बनाने और सहयोग बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।जिससे अमेरिका व इन देशों के बीच आर्थिक,रणनीति,पर्यावरण व सुरक्षा मुद्दों पर गहरा संपर्क कायम हो सकेगा।कुक द्वीप,के अलावा इंडोनेशिया,चीन,पूर्वी तिमोर,ब्रुनेई व रूस आदि का दौरा भी घोषित है|
गौरतलब है की तेहरान में नाम [नान एलाईन मोवमेंट]का सम्मलेन का आयोजन है चूंकि आज कल ईरान और अमेरिका में एक तरह से शीत युद्ध चल रहा है इसीलिए सम्मलेन में ईरान द्वारा अमेरिका के विरुद्ध जनमत जुटाने का पूरा प्रयास किया जाएगा|शीत युद्ध के दौरान गठित इस नाम की संस्था का उपयोग अमेरिका के खिलाफ हो पायेगा इसमें कुछ संदेह है मगर क्योंकि अमेरिका में नवम्बर में चुनाव होने हैं और इस सम्मलेन से अगर कोई अमेरिका विरोधी सन्देश जाता है तो उसका असर सत्तारूड डेमोक्रेट्स पर पड़ सकता है|संभवत इसीलिए विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन का छह देशों का यह दौरा अमेरिका की स्थिति को मजबूती प्रदान कर सकेगा
हिलेरी 4 से 5 सितंबर तक चीन का दौरा करेंगी,इस दौरान वे चीन के साथ चीन-अमेरिका संबंधों में कई महत्वपूर्ण मुद्दों की चर्चा करेंगी,जिसमें अपेक बैठक की तैयारी कार्य, आगामी बहुपक्षीय बैठक व अन्य द्विपक्षीय,क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दे शामिल हैं। यह दोनों देशों के बीच साझेदारी संबंधों के लिये बहुत अहम है।
इस दौरे के अंतिम पड़ाव में वे रूस में 8 से 9 तिसंबर तक आयोजित अपेक बैठक में भाग लेंगी, और कई नेताओं के साथ व्यापार उदारीकरण,खाद्य सुरक्षा व हरित अर्थव्यवस्था आदि मुद्दों पर चर्चा करेंगी।

इमरजेंसी में राजनीतिक बंदिओं को पेंशन

लोक तंत्र सेनानियों को बहुप्रतीक्षित पेंशन की घोषणा कर दी गई है|
सपा सरकार के युवा चीफ मिनिस्टर अखिलेश यादव ने अपने बुजुर्गों के वायदे को निभाते हुए ३०००/=प्रति माह सम्मान प्रतीक पेंशन देने की घोषणा कर दी है|२५ जून १९७५ से २१ मार्च १९७७ तक आपातकाल के दौरान मीसा के अंतर्गत राजनितिक बंदिओं को यह सम्मान एक अप्रैल २०१२ से मिलगा
गौरतलब है कि श्रीमति इंदिरा गांधी की इमरजेंसी के खिलाफ लड़ाई में जेल जाने वालों को लोक तंत्र सेनानी कि संज्ञा देकर उन्हें सम्मान के रूप में पेंशन देने कि घोषणा स्वयम सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने की थी
अब उनके पुत्र चीफ मिनिस्टर हैं सो अपने पिता के वायदे को उन्होंने निभा दिया है|
पेशन के अतिरिक्त सरकारी अस्पतालों में मुफ्त ईलाज और निगम की बसों में सहयोगी के साथ मुफ्त यात्रा सुविधा भी मिलेगी|
२२ अगस्त को सरकार से लोक तंत्र सेनानियों को बहु प्रतीक्षित सम्मान के रूप में पेंशन दिए जाने की मांग की गई थी
वयोवृद्ध धर्मवीर आनंद ने लोक तंत्र रक्षक सेनानी +मेरठ रत्न + शौर्य पदक +यूं पी पंजाबी बिरादरी सभा+के अध्यक्ष और खुखरान वर्ल्ड ब्रदर हुड के उप प्रधान है|और श्रीराम मंदिर एवं श्रीराम पब्लिक स्कूल के ट्रस्ट प्रधान भी हैं|इन्होने एक पत्र के माध्यम से बहुप्र्तक्षित सम्मान का स्मरण सरकार को कराया था

लोक तन्त्र सेनानिओं को अब पेंशन की घोषणा से सपा ने एक तीर से दो लक्ष्य साधने का प्रयास किया है|
इमरजेंसी में मीसा में अधिकाँश निरुद्ध राजनीतिक बंदी एक पार्टी विशेष से सम्बंधित थे अब इस पेंशन से उस बड़े वोट बैंक को अपने साथ किया जा सकता है

दूसरे कांग्रेस कि सरकार ने यह इमरजेंसी लगाई थी अब उसके पीड़ितों को सम्मानित करने से यह मेसेज भी दे दिया गया है कि कांग्रेस को वर्तमान में सहयोग को गारंटी नहीं समझा जाना चाहिए |
२२ अगस्त मेरठ लोक तंत्र रक्षक सेनानियों को पेंशन की मांग उठी
उत्तर प्रदेश सरकार से लोक तंत्र सेनानियों को बहु प्रतीक्षित सम्मान के रूप में पेंशन दिए जाने की मांग की गई है|
वयोवृद्ध धर्मवीर आनंद ने लोक तंत्र रक्षक सेनानी +मेरठ रत्न + शौर्य पदक +यूं पी पंजाबी बिरादरी सभा+के अध्यक्ष और खुखरान वर्ल्ड ब्रदर हुड के उप प्रधान है|और श्रीराम मंदिर एवं श्रीराम पब्लिक स्कूल के ट्रस्ट प्रधान भी हैं|
श्री आनंद ने सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव को एक पत्र लिखा है जिसमे यह स्मरण कराया गया है कि उनकी तत्कालीन सरकार [मुलायम सिंह]द्वारा इमरजेंसी के बाद स्वतंत्रता सेनानी कल्याण परिषद् उत्तर प्रदेश के माध्यम से लोक तंत्र रक्षकों को सम्मान पत्र दिए गए थे और आपात काल में जेल में कठिन यातनाएं सहते हुए लोक तंत्र कि रक्षा करने वालों को पेंशन भी देने कि घोषणा की गई थी
इस घोषणा के कुछ समय पश्चात ही बसपा की सरकार आने से यह घोषणा खटाई में पड़ गई|
अब पुनः सपा कि सरकार सत्ता में है और अखिलेश यादव के युवा हाथों में कमान है इसीलिए अब मानवता को सम्मानित करने के लिए युवा न्रेतत्व अपने बुजुर्गों के वचनों को निभाएगा और लोक तंत्र सेनानियों को मुख्य मंत्री द्वारा पेंशन के रूप में सम्मानित किया जाएगा|
गौरतलब है कि आपात काल में जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को जेल में डाल दिया गया था तब जेल जाने वाले कार्यकर्ताओं को लोक तंत्र के रक्षक सेनानी की संज्ञा दी गई थी और सम्मान पत्र के साथ पेंशन भी देने की घोषणा की गई थी उसी संदर्भ में अब यह मांग उठाई गई है|Permalink: http://jamosnews.com